क्रेजी वाइल्ड सेक्स विद सिस्टर का मजा मेरे मामा की बेटी ने दिया. मैं उस सेक्सी माल को चोदना चाहता था.एक दिन मैं अकेला था, वह आ गयी. हम दोअर्थी बातें कर रहे थे.
दोस्तो, मेरा नाम विशाल है. मेरी उम्र 22 साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.
मैं फ्री सेक्स कहानियों का नियमित पाठक हूँ.
यह मेरी पहली घटना है.
दोस्तो, Crazy Wild Sex With Sister Kahani लिखते वक्त मुझसे कोई गलती हो जाए तो साफ दिल से मुझे माफ करना.
मेरे घर में मैं और मेरी माँ, हम दोनों ही रहते हैं.
मेरे मामा हमारे घर से दस मिनट की दूरी पर रहते हैं.
मेरे मामा के परिवार में उनके दो ब/च्चे हैं. एक लड़का और एक लड़की है.
लड़की का नाम दिव्या है. उसकी उम्र 19 साल है.
दिव्या का फिगर 36-32-38 की है. वह थोड़ी मोटी है, लेकिन बेहद सेक्सी है.
जब वह चलती है, तो उसकी गांड का हिलना देखकर मैं पागल हो जाता हूँ. ऐसा लगता है कि बस अभी उसे पटक कर चोद दूँ.
मैं हर रोज दिव्या को देखकर उसे चोदने के सपने देखता था.
सपनों में तो मैं उसे बार-बार चोद देता था.
मुझे लगता था कि दिव्या भी मुझसे यही चाहती है लेकिन पड़ोसियों के डर की वजह से वह खुलकर कुछ कहती नहीं थी.
एक दिन, मौका ऐसा आया कि दिव्या हमारे घर रहने आई.
उस दिन मेरी माँ को रिश्तेदार के यहां जाना था तो घर में सिर्फ हम दोनों थे.
शाम को हम दोनों बैठकर बातें करने लगे.
मैंने मजाक में कहा- दिव्या, तू इतनी हॉट क्यों है? तेरे चलने का स्टाइल देखकर तो कोई भी पागल हो जाए.
वह हंसती हुई बोली- विशाल, तू भी तो कम नहीं है. तुझे देखकर लड़कियां लाइन मारती होंगी!
मैंने मौका देखकर कहा- लाइन तो मैं तुझ पर मार रहा हूँ. तू तो मेरे दिल में बसी हुई है.
वह शर्माती हुई बोली- अच्छा? फिर तूने अब तक कुछ किया क्यों नहीं?
मैंने हंसकर कहा- करने की सोच रहा हूँ, बस तू हां तो कर!
वह हंस दी और बोली- यदि मैं हां कर दूँगी तो क्या तू अभी के अभी मेरे साथ कुछ कर देगा?
मैंने कहा- हां अभी और कभी में क्या फर्क है. जब आम चूसने मिलें तभी चूस लेना चाहिए.
वह बोली- अच्छा बेटा, आम चूसना चाहता है!
मैंने उसके दूध देखते हुए कहा- तुम क्या समझती हो कि मैं आम नहीं चूस सकता हूँ!
वह हंसी और अपने दूध हिलाने लगी.
मैंने कहा- ब्यूटीफुल!
वह बोली- क्या है ब्यूटीफुल?
मैंने कहा- आम!
वह बोली- आम भी कई तरह के होते हैं.
मैंने कहा- हां कुछ आम तो पपीते के आकार के भी होते हैं!
वह हंसी और बोली- आज देखते हूँ, तू कितना हिम्मत वाला है!
हमारी बातें अब थोड़ी फ्लर्टी हो चुकी थीं.
रात को खाना खाने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे.
मेरा डबल बेड था, तो मैंने कहा- दिव्या, तू मेरे रूम में ही सो जा. बेड बड़ा है, कोई दिक्कत नहीं होगी!
वह थोड़ा हिचकिचाई, फिर बोली- ठीक है, लेकिन तू कोई शरारत मत करना.
मैंने हंसकर कहा- अरे, मैं तो सज्जन पुरुष हूँ. तू टेंशन मत ले.
वह हंसी और मेरे रूम में आ गई.
हम दोनों बेड पर लेट गए और बातें करने लगे.
मैंने मजाक में कहा- दिव्या, तू रात को सोते वक्त इतनी क्यूट क्यों लगती है?
वह बोली- विशाल, तू तो बस तारीफ ही करता रहता है. कुछ और भी कर ले!
मैंने कहा- क्या करूँ? तू इतनी हॉट है कि मेरा दिल बस तुझ पर अटक जाता है.
वह हंसकर बोली- अच्छा, तो तेरा दिल कहां-कहां अटकता है? बता तो जरा.
मैंने मौका देखकर कहा- तेरे फिगर पर, तेरी कमर पर, तेरी उस हिलती हुई गांड पर!
वह शर्माती हुई बोली- विशाल, तू तो बहुत बेशर्म हो गया है!
मैंने कहा- बेशर्मी तो अभी बाकी है, तू चाहे तो दिखा दूँ.
वह हंसी और बोली- दिखा ना, मैं तो देखूँ तू कितना बड़ा मर्द है!
बातें करते-करते उसे नींद आ गई.
वह मेरे बगल में गहरी नींद में सो रही थी लेकिन मैं बेचैन था.
मेरे दिमाग में बस एक ही ख्याल था कि आज का मौका नहीं छोड़ना.
मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे से उससे चिपककर लेट गया.
वह गहरी नींद में थी, उसे कुछ पता नहीं था.
मैंने धीरे से उसकी कमर पर हाथ रखा.
उसने कोई हलचल नहीं की.
मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया.
उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में नहीं समा रहे थे.
मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स सहलाने शुरू किए.
वह अभी भी सो रही थी.
मैंने हिम्मत करके उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाला और उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.
उसने कोई विरोध नहीं किया.
तो मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर की और उसकी ब्रा को नीचे करके उसके बूब्स को नंगा कर दिया.
मैं उसके बूब्स को चूसने लगा.
तभी उसकी हल्की सी हलचल हुई.
मैं रुक गया.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके बूब्स चूसने शुरू किए और उसकी पैंट में हाथ डाल दिया.
उसकी चूत को छूते ही मैंने महसूस किया कि वह गीली हो चुकी थी.
मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत सहलानी शुरू की.
तभी वह जाग गई.
वह मुझे गुस्से से देखने लगी और बोली- विशाल, ये क्या कर रहा है तू?
मैंने डरते हुए कहा- दिव्या, मैं बस … तू इतनी हॉट है, मैं खुद को रोक नहीं पाया.
वह चुप रही, फिर बोली- तुझे शर्म नहीं आती? मैं सो रही थी और तू ये सब कर रहा था?
मैंने कहा- दिव्या, मैं जानता हूँ तू भी यही चाहती है. तूने तो खुद कहा था कि मैं कितना मर्द हूँ, दिखाऊँ.
वह हल्के से मुस्कुराई और बोली- अच्छा, तो तू इतना बड़ा मर्द है? ठीक है, दिखा अपनी मर्दानगी.
मैं समझ गया कि उसे कोई दिक्कत नहीं है.
मैंने उसकी पैंट उतार दी.
उसकी डिज़ाइनर पैंटी पूरी तरह गीली थी.
मैंने कहा- दिव्या, देख तू कितनी गीली हो चुकी है. तुझे भी तो मजा आ रहा है न!
वह शर्माती हुई बोली- विशाल, तू बहुत बदमाश है. अब जो शुरू किया है, उसे पूरा तो कर!
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसे भी पूरी तरह से नंगी कर दिया.
मैंने उसे किस करना शुरू किया.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने कहा- दिव्या, तेरा ये बदन तो आग लगा रहा है.
वह बोली- तो बुझा ना इस आग को बहन के लौड़े! तू साला कितना तड़पाता है!
उसने गाली दी तो मुझे मजा आ गया.
मैंने कहा- सच में आज मैं बहन का लौड़ा बन जाऊंगा!
वह बोली- बन जा साले कुत्ते कमीने … अपनी बहन को चोद दे आज आह आह मेरी चुत में चींटियां रेंग रही हैं आज जल्दी से इसे फाड़ दे!
मैंने कहा- हां आज तो तेरी बुर का भोसड़ा बना दूंगा.
हम दोनों इस तरह की गंदी बातें करते हुए दस मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे.
फिर मैंने उसके बूब्स चूसने शुरू किए.
वह सिसकारियां भरने लगी और बोली- विशाल और जोर से चूस. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- दिव्या, तेरे बूब्स तो इतने रसीले हैं, मैं तो इन्हें खा जाऊँगा.
वह हंसी और बोली- खा ले, ये सब तेरे लिए ही हैं.
मैंने कहा- आम चुसवा रही है या पपीते!
वह हंसी और बोली बड़े वाले आम हैं … मालदा वाले!
मैं उसके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचते हुए चूस रहा था और दूसरे दूध को आटे की तरह गूँथ रहा था.
कुछ देर बाद मैं उसकी चूत की तरफ बढ़ा.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा, वह और गर्म हो गई.
वह बोली- विशाल, ये क्या कर रहा है? मुझे गुदगुदी हो रही है.
मैंने कहा- बस, तुझे जन्नत की सैर करवाने वाला हूँ.
मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया.
वह मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और बोली- विशाल, और चाट. मुझे बहुत मजा आ रहा है.
बीस मिनट तक मैं उसकी चूत चाटता रहा.
वह झड़ गई और बोली- विशाल, तूने तो मुझे पागल कर दिया.
मैंने उसका सारा पानी चाट लिया और कहा- दिव्या, अब तू मेरा लंड चूस.
वह मना करने लगी- नहीं, मुझे नहीं आता.
मैंने कहा- अरे, कुछ नहीं होगा. बस लॉलीपॉप की तरह चूस.
वह हंसी और बोली- तू भी ना, बहुत जिद्दी है. ठीक है, लेकिन ज्यादा जोर मत डालना.
उसने मेरा लंड मुँह में लिया.
मैं सातवें आसमान पर था.
मैंने कहा- दिव्या, तू तो कमाल है आह … और जोर से चूस.
वह लंड चूसती हुई बोली- विशाल, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है. मुझे डर लग रहा है.
मैंने कहा- डर मत, बस मजा ले.
वह मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मैं जोश में आकर उसके सिर को पकड़कर उसके मुँह को चोदने लगा.
दस मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
उसने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया.
मैंने कहा- दिव्या, अब असली खेल शुरू होगा.
वह बोली- विशाल, मुझे डर लग रहा है. तेरा लंड इतना बड़ा है, मुझे दर्द होगा.
मैंने कहा- टेंशन मत ले, मैं धीरे-धीरे करूँगा.
मैंने उसकी चूत में लंड डालने की कोशिश की.
लेकिन उसकी चूत टाइट थी.
मैंने एक जोरदार झटका मारा, मेरा लंड का टोपा अन्दर गया.
वह चिल्लाने लगी- विशाल, निकाल इसे. बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसे किस किया और कहा- बस थोड़ी देर, फिर मजा आएगा.
मैंने एक और धक्का मारा, मेरा आधा लंड अन्दर गया.
वह रोने लगी.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखकर धीरे-धीरे चोदना शुरू किया.
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ.
वह बोली- विशाल, अब मजा आ रहा है … और जोर से कर!
मैंने स्पीड बढ़ा दी.
वह सिसकारियां भरने लगी- आह … उह … विशाल आह … और जोर से!
मैंने कहा- दिव्या, तेरी चूत तो जन्नत है.
वह बोली- तो तू इसे और चोद. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
कुछ देर बाद मैं थक गया.
मैंने कहा- दिव्या, अब तू ऊपर आ.
वह मेरे ऊपर बैठ गई और उछल-उछलकर चुदवाने लगी.
वह बोली- विशाल, ये पोजीशन तो कमाल है.
मैंने कहा- हां, तू तो अब मुझसे भी तेज है.
हमने देर तक अलग-अलग पोजीशन में चुदाई की.
क्रेजी वाइल्ड सेक्स विद सिस्टर में वह दो बार झड़ चुकी थी.
मैंने कहा- दिव्या, मैं भी अब झड़ने वाला हूँ.
वह बोली- विशाल, मेरी चूत में ही छोड़ दे.
मैंने दो-चार धक्कों के बाद उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.
हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर लेट गए.
मैंने उसकी चूत चाटकर साफ की.
और उसने मेरा लंड चूसकर साफ किया.
मैंने उससे पूछा- एक बात बता?
वह बोली- क्या?
मैंने कहा- तेरी चुत से खू/न क्यों नहीं निकला?
वह इतरा कर बोली- झिल्ली पहले कभी फट गई होगी!
मैंने कहा- पहले कभी … मतलब क्या तू पहले चुदवा चुकी है?
वह बोली- साले गंदे आदमी … मैं एक्सरसाइज करती हूँ तो उसी में कभी झिल्ली फट गई होगी.
मैंने ओके कहा और उसे चूमने लगा.
वह बोली- विशाल, तूने तो मुझे आज जन्नत दिखा दी.
मैंने कहा- दिव्या, ये तो शुरुआत है. अभी तो हम हर रात ये करेंगे.
वह हंसी और बोली- ठीक है, लेकिन किसी को बताना मत.
हमने कपड़े पहने और एक-दूसरे की बांहों में लिपटकर सो गए.
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