प्यासे प्रेमी का पहला चरम सुख

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फर्स्ट लव हिंदी सेक्स कहानी में मेरी आसक्ति अपनी पड़ोसन लड़की पर हो गयी. मेरे प्रयासों से वह भी मुझे पसंद करने लगी. हम दोनों ने कोई प्रणय निवेदन नहीं किया पर हल्के फुल्के सेक्स का मजा लिया.

नमस्कार दोस्तो, यह मेरे जीवन की सत्य प्रेम की घटना है जो मेरी जवानी के पहले कदम की चाहत और मन की भावना है.

इस First Love Hindi Sex Kahani में आपको सेक्स से ज्यादा प्रेम और प्यार तथा समर्पण की कथा मिलेगी.
अगर आप इस कहानी में सिर्फ उत्तेजक अश्लील शब्द और बनावटी यौन क्रिया की आहट के लिए बैठे हों तो शायद यह कहानी आप के लायक ना हो.
क्योंकि यह कहानी नहीं है, यह मेरे जीवन का सत्य है मेरे जीवन मेरे प्यार मेरे पहले प्यार की कहानी है, फर्स्ट लव हिंदी सेक्स कहानी है.

जी, मेरा नाम राजवीर है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 32 साल है. मैं बहुत सुडौल और कसरत ही शरीर वाला इंसान हूं.

मैं एक बहुत ही अच्छे संस्थान में कार्य करता हूं.

मुझे सबसे ज्यादा प्रेम ज्यादा पसंद है। मुझे प्यार, प्रेम, मोहब्बत और भावनात्मक लगाव ज्यादा है ना कि प्रेम प्यार और सेक्स में सीधा ठोका निकाला और भाग गए.
मेरी कहानी में आपको ऐसा कुछ नहीं मिलेगा.

प्रेम और प्यार, समर्पण और धीरे धीरे आग लगाकर आग बुझाना मुझे बहुत पसंद है.
औरत को संभाल कर उसे पाना चाहता हूं और मैंने ऐसा किया भी है.
इसीलिए मैं अपने पहले प्यार की कहानी सुनाने जा रहा हूं।

यह मेरी कहानी शुरू होती है जब मेरी उम्र करीबन 19 साल की थी. उस समय में 12वीं में पढ़ रहा था.
मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में थे तो उनके तबादले जगह-जगह हुआ करते थे.
उस समय हम किसी शहर में थे जहां पर हम किराए पर रहते थे.

कहानी की नायिका, जिसका नाम कविता है. हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे तो हम साथ-साथ स्कूल जाने लगे.
मैं वो, मेरी बहन और उसका भाई हम साथ में स्कूल जाते हैं और साथ ही आते थे.
और शाम को साथ में ही खेला करते थे।

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यह बात गर्मियों के दिनों की है जब हम दिन में हमारे रूम में बैठकर कविता और कभी पत्ते तो कभी कैरम तो कभी लूडो खेला करते थे।

खेल खेल में न जाने कब हमारी रोज आंखें मिलने लगी और वह मुझे देख कर मुस्कुराने लगी.
मैं भी उसे देखकर मुस्कुराता.

तो मैं छोटी-छोटी चीजें से उसका ख्याल रखने लग गया,
जैसे कि उसको क्या अच्छा लगता है.
उसको फील आये, इसके लिए मैं उसके पास बैठता.
मैं हमेशा उसकी टीम में होता, वह मेरी टीम में होती.
तो हमारी जोड़ी की तरह बनने लग गई. कविता मुझे बहुत ही प्रिय होने लगी.

उसका छोटा भाई और मेरी बड़ी बहन वह एक टीम में होते थे।

मैंने जवानी में कदम रखा ही था तो मुझे उसको याद करके अपने अंगों पर रात को हाथ फिराना, सहलाना, उसे याद करके मीठा अनुभव लेना अच्क्सह्हा लगता था.
यह मेरे लिए नया अनुभव था.
अब जब भी वह घर पर हमारे रूम में आती तो मैं उससे बात करने के लिए बेचैन रहता था।

मैं उसके साथ अधिकतम समय उसके साथ बिताने की कोशिश करने लगा.
जिस सब्जेक्ट में उसको परेशानी होती थी, वह मैं धीरे-धीरे उसे समझाने भी लगा.

अब मुझे ऐसा लग रहा था कि मन में कविता मुझे भी चाहती है, जैसे मैं चाहता हूं.
क्योंकि वह भी मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताना चाहती थी।

जब भी देखो, वह मेरी तारीफ करती रहती थी और मेरे पास भटकती रहती थी.
मैं थोड़ा कसरती टाइप का लगता था. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच, कविता की हाइट 5 फीट 2 इंच थी.

उसका बहुत ही प्यारा क्यूट सा गोल चेहरा, करीब 19 साल के नौजवान लड़की के छोटे-छोटे मम्मे जो कि अब बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे … अनछुए, जिनको किसी ने कभी छुआ नहीं!

उसकी बहुत ही मादक मुस्कान और प्यासे लाल लाल होंठ जिन्हें देखकर मन करे कि चूमता ही रहूं.
उसके लब इतने प्यारे थे कि उन्हें देखकर हमेशा मन करता था कि बस चूम लूं।

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उस समय ऑनलाइन का चलन नहीं था, स्मार्टफोन का जमाना नहीं था तो हम मस्तराम की किताबें पढ़ा करते थे.
मस्तराम की किताबें मैं अपने दोस्तों से लिया करता था.

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तो अब उसका पास आना और अच्छा लगने लगा.
ऐसा लगने लगा कि बस कविता पास में बैठे रहे, मैं उसे देखता रहूं, उसकी आंखों की गहराइयों में और उसके लाल लाल सुर्ख लबों को देखकर और मन में ख्याल आता कि कब इसका पहला चुम्बन कर पाऊंगा मैं!

एक दिन क्या हुआ कि मेरे पापा कहीं बाहर गए हुए थे.
तो रात को हम ऊपर सोने गए कविता के घर में!

जहां कविता की मम्मी और मेरी बड़ी बहन एक बिस्तर पर सो गए और मेरे, कविता और उसके छोटे भाई के लिए एक बिस्तर नीचे बिछा दिया.
हम लोग पास में सो रहे थे.

रात को लाइट बंद करने के बाद ऐसे बातें करते-करते काफी देर हो गई।

तो मेरी बहन और उसकी मम्मी को नींद आ गई थी.
उसके भाई को भी नींद आ गई थी लेकिन मेरी नींद तो आंखों में थी ही नहीं … मैं तो सिर्फ कविता को पाना चाहता था।

मैंने धीरे से उसके गाल पर हाथ रखा और मैंने महसूस किया कि उसकी साँसें थोड़ी तेज चल रही हैं, उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी.

तेजी से मैंने अपना हाथ चेहरे से नीचे धीरे-धीरे उसके चूचे पर रखा और मैंने धीरे से उसके मम्मे को दबाया.
मम्मा दबाते ही वह गर्म हो गई, एकदम सिसक गई.

मैंने फिर से उसकी चूची को धीरे-धीरे उंगली से मसला कपड़ों के ऊपर से ही … क्योंकि वह टीशर्ट पहनी हुई थी.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी।
उसकी दोनों चूचियां टाइट हो चुकी थी, उसके निप्पल से बाहर निकलने को दौड़ रहे थे.

तब मैंने धीरे से उसके टी-शर्ट के नीचे हाथ डालकर और चूची को पहली बार नंगी चूची को हाथ से छुआ.
तो मेरा तन बदन में आग सी लगी और मेरे लोड़े का हाल बुरा हो गया.

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वह भी अब गर्म होने लगी थी तो मेरे पास खिसक गई और मेरी छाती पर अपनी सांस छोड़ने लगी.
मैंने धीरे से उसे बालों के नीचे हाथ डालकर और उसके होंठों को मेरे होंठों के अंदर लेकर जोरदार चुम्मा लिया.

फिर मैं उसकी जीभ को चूसने लगा.

चूमने चाटने से थोड़ी देर में वह और ज्यादा उत्तेजित हो गई और मेरा साथ देने लगी, मेरी जीभ को चूसने लगी.
हम बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते रहे और मैं उसके बूब्स दबाता रहा.

अब मैंने अपना एक हाथ उसके पेट से सरकाते हुए उसकी पेन्टी में डाला तो नीचे उसकी चूत पानी से लबालब भरी हुई थी।

उसकी झांट के बाल काफी बढ़े हुए थे.
मैंने पूछा तो उसने बताया कि उसने आज तक कभी बाल साफ नहीं किये.
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं. मुझे वैसे भी बाल मुझे बहुत पसंद हैं।

फिर मैंने उसके निचले लिप्स के ऊपर उंगली फिराई और महसूस किया जैसे नदी बह रही है उसकी चूत में!
मैंने उसको बहुत देर अपने हाथ से रगड़ा और वह एकदम से अकड़ गई।

उसकी जवानी का पहला पानी निकल गया.
उसने फर्स्ट लव सेक्स का आधा अधूरा मजा ले लिया.

मैंने और थोड़ी देर तक उंगली को हिलाया और उसका पानी निकालता रहा जैसे आज उसकी चूत में पहली बार नदियां बह रही हो.
उस नदी का पानी मैंने अपने हाथ में लेकर अपने मुंह में चाटा.
मुझे वह बहुत अच्छा पानी लगा.

किसी लड़की की जवानी का पहला पानी … इतना खुशबूदार, इतना कामुक कि मेरा लौड़ा सलामी देने लग गया.
मैंने अपना लोड़ा बाहर निकाल दिया था। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लोड़े पर रख दिया तो उसने हटा लिया.

मैंने दोबारा से अपने लोड़े पर उसका हाथ रखवा दिया.
इस बार उसने हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन इतनी ज्यादा नहीं.

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अब मैंने धीरे से उसको बोला कान में- इसको ऊपर नीचे करो!

उसने थोड़ी देर और पर नीचे किया.
मैं उसके होठों का रस पी रहा था, उसकी चूचियों को मसल रहा था.

उसने लोड़े को हिलाना चालू रखा।
मैं इतना उत्तेजित हो गया कि मेरे जीवन का पहला चरमसुख मुझे मिलने वाला था कविता के हाथ से!

मेरा वीर्य निकलने वाला था.
मैंने उसके हाथ में अपना पूरा वीर्य निकाल दिया.

और फिर हम दोनों एक लंबा किस करके सो गए. हमें कब नींद आ गई पता ही नहीं चला.

यह मेरे प्यार की पहली चरम सुख था जिसे मैंने प्राप्त किया.

उसके बाद मैंने कविता की सील तोड़ी और उसकी गांड भी मारी.
यह कहानी सुनने के लिए मुझे मेल कीजिए.
अगर आपने मेरी फर्स्ट लव हिंदी सेक्स कहानी को सराहा तो मैं अपनी अगली कहानी लिखूँगा.

आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद.
मेरी मेल आईडी है
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