भाई ने ही दिया चुदाई का असली मजा

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बहन चोद भाई से चूत चुदाई का मजा मैंने अपनी शादी के बाद लिया. मेरे भाई का जिस्म जिम के कारण बहुत सुडौल है. मैं उससे हमेशा चुदना चाहती थी.

मेरा नाम राशि है और मेरे भाई का नाम अभिषेक है. घर में सब उसे अभि ही बोलते हैं.

Bahanchod Bhai se Chut Chudai Kahani में आगे:

मेरी उम्र अभी 23 साल है और भाई की 21 लगभग.

दिखने में भाई काफी ज्यादा सुंदर है, गोरा रंग, लंबा चौड़ा शरीर है उसका.
वो अभी अपने कॉलेज के फाइनल ईयर में है.

मेरी शादी एक साल पहले हुई थी.

मेरा फिगर एकदम मस्त है. ये 34-28-36 का है, जिस कारण से मेरे पति मुझे खूब पसंद करते हैं और रोज जमकर चोदते हैं.
उनके इतने चोदने के बावजूद भी मेरी फिगर पर झांट फर्क नहीं पड़ा था.

कुछ समय पहले ये घटना शुरू हुई थी. तब हमारा घर शहर से थोड़ा दूर था. हमारा गांव बड़ा नहीं है.
ये बहुत ही छोटा और कम आबादी वाला है. इधर गिनती के 20-21 परिवार ही हैं.

बात तब की है, जब हम दोनों भाई बहन कुंवारे थे और नए नए जवान हुए थे.
आस-पास हमारी उम्र के बहुत कम लड़के या लड़कियां थीं तो गांव में हमारा मन नहीं लगता था.

गांव में हमारी उम्र के बस 3-4 लोग ही थे. कुछ या तो बहुत बड़े थे तो कुछ बहुत छोटे, इसीलिए हम दोनों भाई बहन आपस में ही खेलते रहते थे.

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ये सिलसिला बचपन से चलता आ रहा था लेकिन अब हम जवान होने लगे थे तो हमारी इच्छाएं भी बदलने लगी थीं.
मैं अब जवानी की तरफ जा रही थी इसलिए मुझे सेक्स के बारे में ही ज्यादा जानने की इच्छा होती थी.

कभी कभी तो मन करता था कि काश आज शादी हो गयी होती तो रोज चुदाई करती.
उस समय मुझे ये ही जानकारी थी कि शादी के बाद ही सेक्स का मजा मिलता है.

उधर धीरे धीरे मेरा भाई भी जवान हो रहा था, उसे भी अपनी जवानी का अहसास हो रहा था.
इसी कारण कभी कभी वो नहाते हुए मुझे देखता था.

उसकी नजरों से मुझे पता चल जाता था मगर मैं कुछ ऐसे बरताव करती थी, जैसे मुझे कुछ पता ही न हो.
वो मुझसे कुछ कहना चाहता था मगर शर्म के कारण कुछ नहीं कहता था.

मुझे भी वह बहुत पसंद था. मैं बहन चोद भाई से चूत चुदाई करवाना चाहती थी.

वो रोज सुबह उठकर दौड़ने जाता था, वापस घर आकर थोड़ा जिम करता था.
उस वक्त वो अपनी शर्ट खोलकर सिर्फ अंडरवियर में पूरा पसीना हो जाता था; इस कारण उसका शरीर चमकता रहता था.

मैं भी उसे ऐसा करते देखती थी और देख देख कर अपने हाथ की उंगली के नाखून को दांत से चबाती रहती थी.

फिर वह तैयार होकर कॉलेज जाता तो मैं भी उसके साथ जाती.
रात को वैसे तो हम दोनों अलग सोते थे मगर सोने से पहले कुछ देर हम लोग साथ में लेटकर बातें करते थे.

तब मैं उससे पूरी चिपक जाती और बातें करती हुई मजा लेती.
ऐसे ही दिन बीत रहे थे.

फिर पिछले साल मेरी शादी हो गयी.
मेरे पति का आईटी में जॉब है. मेरे पति का शहर में घर था.

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मैं कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रही थी.
मेरा भाई भी वहीं पढ़ने आता.

हमारी शादी को बहुत टाइम बीत चुका था, लगभग 10 महीने हो चुके थे.
तभी मेरे पति का कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर ट्रांसफर हो गया, उनको जाना पड़ा.

मुझे अकेला रहना सही नहीं लगा तो मेरे पति ने बोला- अपने भाई को यहां बुला लो. उसको भी कॉलेज जाना होता है. वो साथ में यहां रहेगा, तो तुम्हारा ख्याल भी रखेगा और उसको कॉलेज जाने में आसानी भी हो जाएगी.

मुझे भी सही लगा.
मैंने उसे बुला लिया.

अब तक मेरे पति को गए एक महीना हो चुका था.
रोज चुदाई करवाने वाली मैं अब चुदाई के लिए तरस रही थी.

अब भी मेरा भाई वैसे ही सुबह में जिम करता.
मुझे भी उसे देखकर पहले जैसा लगने लगा था.

वो भी मुझे देखता और रोज मेरी तारीफ करता.
मुझे भी पता लग गया कि अब भी वह मुझे पसंद करता है, वह मुझे पटाने की कोशिश कर रहा है.

ये मुझे काफी अच्छा लगा.
अब मैं उसके सामने अपनी ज्यादा से ज्यादा बॉडी एक्सपोज़ करने लगी.
जैसे उसके सामने गांड उठाकर चलना, बिना ब्रा के घूमना, उसकी गोद में बैठ जाना, उसके सामने झुककर झाड़ू लगाना, जिससे वो मुझे देखकर गर्म हो जाए और चोदने को बोले.

अब तक मैं इस बात को भांप चुकी थी कि वह कई बार मुझे देखकर बाथरूम में जाकर मुठ मारता है.
कई बार वह मुझे अपने पीठ पर बैठाकर पुशअप करता था. उस वक्त मुझे उसके बदन की कठोरता और गर्मी बहुत उत्तेजित करती थी.

मेरे पति को बाहर गए बहुत दिन हो गए थे, अब मेरी चूत में आग लगी हुई थी, बस मेरी चूत को किसी का भी लंड चाहिए था.

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रात को मैं खाना बनाकर नहाती हूँ, फिर खाना खाकर हम सो जाते हैं.

एक दिन की बात है, मैं बाथरूम में नहा रही थी.
तभी मुझे अहसास हुआ कि अभि दीवार के एक छेद से मुझे देख रहा है.

मैं मन ही मन खुश हुई मगर उसको पता नहीं लगने दिया कि मुझे उसके बारे में पता है.
मैं साबुन लगा रही थी, तभी मैंने फिसलकर गिरने का ड्रामा किया और एक चीख निकाल दी.

अभि ने बोला- क्या हुआ राशि?
मैंने बोला- कुछ नहीं.

फिर वो बोला- तो चीखी क्यों?
मैंने कहा- मैं गिर गयी थी.

वो बोला- अरे … चोट तो नहीं लगी?
मैंने कहा- नहीं.

फिर मैंने सोचा कि यही टाइम है उसे सिड्यूस करने का.
तो मैंने उससे कहा- अभि, मुझे थोड़ी सी चोट लगी है, मेरी मदद करो.

वो तुरंत अन्दर आ गया.
मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
वो देखकर शर्माने का नाटक करने लगा.

उसका खड़ा लंड साफ दिख रहा था.
मैंने कहा- शर्मा मत, भाई ही तो है, कोई दूसरा थोड़ी देख रहा है. मेरे कंधे में थोड़ी चोट आई है, मेरी मदद कर!
असल में मुझे कोई चोट नहीं थी.

वो तुरंत आगे आया और बोला- साबुन लगाना है क्या?
मैंने हां में सर हिलाया.

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वो तुरंत आगे को आया और साबुन उठाकर मेरी पीठ पर लगाने लगा.
मुझे उसके हाथों से मज़ा आने लगा.

मैं बोली- हाथ और पैर में भी लगा दे.
उसके तो मुँह में पानी आ गया, वो तुरंत लगाने लगा.

मेरे जांघों को तो वो ऐसे छू रहा था, जैसे मुठ मार रहा हो. उसने मेरी गांड पर भी लगाया.

मैंने उसे मना कर दिया कि जल्दी से पीठ पर ठीक से लगा दे.

ये सुनकर वो थोड़ा उदास हो गया और मेरी पीठ पर हाथ से मालिश करने लगा.
तभी उसके हाथों से ब्रा का हुक टूट गया, मेरी ब्रा खुल गई.

वो बोला- सॉरी राशि.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.

वो धीरे धीरे मेरी कमर से होते हुए पेट तक आ गया, मेरी नाभि में उंगली करने लगा.
मुझे गुदगुदी होने लगी.

मैंने हाथ फैलाया तो मेरी ब्रा भी उतरने को हुई.
वो बोला- राशि इसे हटा दूँ?
मैंने सोचा कि मज़ा लेना चाहता है … ले लेने दो तो मैंने कहा- हां हटा दो.

उसने ये सुनते ही ब्रा हटा दी और मेरे दोनों बूब्स हाथ में लेकर मसलने लगा.

मेरे निप्पलों को अपनी उंगलियों में लेकर मज़े लेने लगा.

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मैं गर्म हो रही थी. मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा.

मेरी आग भाई के गर्म जिस्म से भड़कती, उससे पहले मैंने कहा- बस कर … अब पानी डाल और चल. अभी खाना भी खाना है.
उसने मन मसोस कर ऐसा ही किया.

वो बोला- राशि कपड़े कैसे पहनेगी? मैं पहना देता हूँ.
मैंने हां में सर हिला दिया.

तब उसने मुझे कपड़े पहनाने के बहाने पूरे मजे लिए.

अब तक वो भी नीचे से पानी पानी हो गया था.
मुझे उसके वीर्य की महक आ रही थी.

मैंने बोली- अभि, मुझे खाना खिला दे.
हम दोनों ने खाना खाया और मैं अपने कमरे में सोने चली गयी.

मैं सोचने लगी कि आज तो बहुत मज़ा आया.
तभी अभि मेरे कमरे में आया और बोला- राशि तुझे चोट लगी है, मैं बाम लगा देता हूँ.

मैंने कुछ नहीं कहा.
वो मेरे बेड पर आ गया और कंधे पर मालिश करने लगा.

वो बोला कि ऐसे ठीक से नहीं हो पा रहा है. मैं तेरी साड़ी हटा देता हूँ.
मैं भी वासना में फुंकी जा रही थी.

साड़ी के बाद वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा.
मैं समझ गयी कि आज बहुत मज़ा आने वाला है.

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कुछ ही देर में मैं उसके सामने ब्रा में रह गई थी.
लेटी होने के कारण मेरे बूब्स ऊपर तने हुए थे.

वो मेरे कंधे पर मालिश करते करते मुझे बातों में उलझा कर मेरे मम्मों तक कब पहुंच गया, पता ही नहीं चला.

मैंने कहा- ये क्या कर रहा है, वो कंधा नहीं है.
वो बोला- सॉरी राशि, मुझे तुझसे एक बात कहनी है, बुरा तो नहीं मानेगी?

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मैंने कहा- मैं क्यों तेरी बात का बुरा मानूंगी, बोल ना!
वो बोला- मैं तुझसे प्यार करता हूँ.

मैं नासमझ बनती हुई बोली- वो तो मैं भी तुझसे करती हूँ.
वो बोला- और ये प्यार भाई बहन वाला नहीं, गर्लफ्रेंड वाला.

मैं बोली- मतलब?
उसने कहा- मुझे तू बहुत खूबसूरत लगती है, मैं तुझे पसंद करता हूँ.

मैं बोली- वो तो मैं हूँ ही, आगे बोल!
अब उसने अचानक से कहा- तो मैं तुझे पेलना चाहता हूँ.

ये सुनकर मैं खुश हुई, लेकिन मैंने नाटक किया और बोली- मैं तेरी बहन हूँ, किसी को पता चलेगा तो बहुत बदनामी होगी!
जवाब में वो बोला- हमारे अलावा किसी को पता नहीं चलेगा, न तू बताएगी और न मैं. यार प्लीज मान जा ना, सिर्फ एक बार.

ऐसे ही बहुत देर तक मैं नाटक करती रही, फिर बोली- ठीक है, सिर्फ एक बार!
ये सुनते ही वो बोला- आई लव यू राशि.

वो मुझे किस करने लगा.
धीरे धीरे उसने मेरे और अपने सारे कपड़े निकाल दिए.

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मैंने उसका लंड पहली बार इतने पास से देखा, वो मेरे पति के लंड से दोगुना मोटा था.
उसका लंड बहुत ही रफ था, चारों तरफ नसें दिख रही थीं.

मैं बोली- इतना बड़ा लंड?
वो बोला- हां, तेरे भाई का है, आज तुझे मजा देगा.

ये बोल कर वो मुझे किस करने लगा, मेरे बूब्स दबाने लगा.

हम दोनों बिल्कुल नंगे होकर एक दूसरे से चिपके हुए थे.
बस किस किए जा रहे थे.

फिर अपने आप ही हम दोनों 69 में आ गए.
उसका लंड मोटा होने के कारण मेरे मुँह में ठीक से नहीं जा रहा था.

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मैं उसके ऊपर के लाल लाल टोपे को चाटने लगी.
उसका स्वाद मुझे थोड़ा नमकीन और मस्त सा लगा.

मैं अपने भाई का लंड चूसे जा रही थी; वो मेरी चूत चाटे जा रहा था.

लगभग दस मिनट बाद हम दोनों सीधे हुए.
उसने मेरी टांगें फैलाईं और लंड डालने लगा.

मोटा लंड होने के कारण मेरी चूत में ठीक से घुस नहीं रहा था.
मैं बोली- थोड़ा जोर लगा.

उसने बहुत कोशिश के बाद मेरी कमर को पकड़ा और मेरी चूत पर थूक कर लंड के टोपे को छेद के निशाने पर रख दिया.
चूत के छेद में लंड लगा कर उसने जोर से दबाव दिया और अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया.

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साथ में मेरी कमर अपनी तरफ खींच ली, जिससे लंड अचानक चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गया.
मैं दर्द से चीख उठी और छटपटाती हुई पीछे को सरकने लगी.

वो मुझे जकड़े हुए बोला- क्या हुआ?
मैं बोली- तेरा लंड बहुत मोटा है, मुझे दर्द हो रहा है.

वो बोला- क्यों, जीजाजी चोदते नहीं क्या तुझे?
मैं बोली- चोदते हैं, मगर इतना बड़ा लंड नहीं है उनका!

वो बोला- इसी लिए तू आज मेरे बड़े लंड का भी एक बार मज़ा ले ले.
ये कहते हुए मुझे अपनी तरफ को खींचा और मेरे ऊपर लेट कर मुझे किस करने लगा.

मेरा दर्द कम हो गया था. मैं भी उसका साथ देने लगी थी.
उसने लंड फिर से पेला तो फिर से वही दर्द हुआ.
उसने किस के साथ ही अपना लंड चूत में डाल दिया था.

अब उसने मुझे अपनी बांहों में पकड़ा हुआ था इसलिए मैं हट भी नहीं सकती थी.
मैं दर्द से कराह रही थी.

वो बोला- थोड़ा सा दर्द होगा, सह ले!
भाई मुझे दनादन चोदने लगा.

मैं आन्ह आन्ह की चीख निकाल रही थी.

थोड़ी देर में मेरा दर्द भी बंद हो गया और मैं भी मजे लेने लगी.
मैं गांड उठाती हुई बोली- तेरा इतना बड़ा लंड है, किसी लड़की को पता चलेगा, तो कोई भी लड़की तुझे रात भर अपने साथ रखेगी.

इस पर वो बोला- तू रख ले, रात भर!
मैं बोली- आज रात तू मेरे साथ ही सो जाना.

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वो आराम आराम से पूरे मजे लेकर अपना लंड मेरी चूत में पेल रहा था, मेरे मम्मों को चूस चाट रहा था.
मैं भी साथ दे रही थी.

मेरी दोनों टांगों को ऊपर करके वो मेरे बीच में घुस गया था, अपने दोनों हाथ से मेरे दोनों मम्मों को दबा रहा था, मेरे होंठों को भी चूस रहा था.
मैंने भी उसको अपनी बांहों में भरा हुआ था.

अब तक सब बहुत अच्छा चल रहा था.
वो बोला- तू मुझे अपने साथ रोज सोने देगी न, मैं रोज तेरे साथ मेहनत करूंगा.

मैं बोली- सच में तू सिर्फ सोएगा मेरे साथ और मेहनत करेगा?
मैंने स्माइल दे दी.

वो भी समझ गया और बोला- हां मैं सोऊंगा और तुझे भी अपने लौड़े पर सुलाऊंगा.
ये कह कर उसने एक जोर की चोट कर दी.

मेरी एक और चीख निकली- आन्ह भाई मेरी चूत फट गई, लंड बाहर निकाल … आह क्या किया तूने?
इस पर वो बोला- तुझे रोज ऐसे मज़े मिलेंगे. मेरा पूरा लंड अब तेरी चूत में अन्दर घुस पाया है. बर्दाश्त कर ले. तेरे ही भाई का लंड है.

मैं हैरान थी कि मेरे भाई का लंड कितना बड़ा है. ऐसा लग रहा है मानो मेरे सीने तक चला जा रहा है.
मैं बोली- आराम से कर, पूरा मत डाल, मेरी चूत फट जाएगी.

वो बोला- बस बर्दाश्त कर ले बहना, अब पूरा घुस गया है. नहीं लेगी, तो तुझे मज़ा नहीं आएगा. मुझे भी तकलीफ हो रही है, तेरी चूत बहुत टाइट है, घुस ही नहीं रहा था. वो तो अच्छा है कि मैंने डिप्स लगाई हैं, जिससे मुझे ऐसे ऊपर नीचे होने की प्रेक्टिस भी है और मेरे अन्दर ताकत भी है.

मैंने कहा- हां, मजा तो आ रहा है … लेकिन तेरा लंड एकदम फंस कर जा रहा है.

वो बोला- क्यों जीजाजी तुझे इतना अन्दर नहीं डाल कर चोदते हैं क्या?
इस पर मैंने कहा- नहीं, वो इतना जोर नहीं लगाते और उनका लंड, मेरी चूत बड़े आराम से झेल लेती है.

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मेरा भाई बोला- मतलब तेरी जवानी बर्बाद हो रही है. अभी जवान है तू, तुझे मेरा बड़ा लंड लेना चाहिए.
मैंने हाथों से छुड़ाने की थोड़ी कोशिश की तो उसने मेरा हाथ पकड़कर साइड में कर दिया.

अभि मुझे अभी भी ताबड़तोड़ चोदने में लगा हुआ था.
एक मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा.

मैंने उसका मुँह अपनी चूची में लगा दिया और उसके लंड से चुदने का मजा लेने लगी.

अभि मेरी चूची का निप्पल खींचते हुए बोला- देखा, मैंने पहले ही बोल दिया था न कि तुझे मेरे लौड़े से चुदने में बहुत मजा आएगा.
सच में उसकी फूली नसों वाले लंड से चुदने में इतना ज्यादा मज़ा आ रहा था कि मैं जल्द ही झड़ गयी.

मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी, चारों तरफ चिपचिपा हो गया था, मेरी पूरी जांघ भीग गई थी.

अब जब अभि लंड अन्दर पेल रहा था, तो अब छप छप की आवाज आ रही थी.

मैं मना करने लगी कि अब नहीं, बस कर.
वो बोला- ज्यादा नहीं, बस एक मिनट और.

मैंने सोचा चलो बर्दाश्त कर लेती हूँ.
‘आन्ह आन्ह …’ करके मैंने ऐसे ही कुछ मिनट तक बर्दाश्त किया.

अब अभि की रफ्तार बहुत तेज हो गयी थी.
मैं समझ गयी कि ये झड़ने वाला है.

उसने मेरे हाथों को छोड़ कर मेरे कंधों को पकड़ा और किस करते हुए धकापेल पेलने लगा.
मैंने भी उसका साथ दिया.

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तभी उसने जोर का झटका दिया और पूरे लंड को अन्दर रोक दिया.
मैं चीख उठी.
उसका लंड मेरी बच्चेदानी में जाकर अड़ गया था.

तभी उसने अपना सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया.
उसने पिचकारी मारते हुए 8-10 झटके दिए और ऐसा लगता कि हर बार वो कुछ ज्यादा वीर्य मेरी चूत में छोड़ दे रहा था.

मेरी चूत वीर्य से भर गई.

तभी वो पलटा, उसने अभी भी मुझे अपनी बांहों में ही दबोचे रखा था.

मैं उसके ऊपर थी. वो मुझे चूमते हुए बोला- आह … तुझसे बहुत मजा आया राशि … मेरी रंडी बन जा … तुझे सब कुछ दूंगा … रानी बनाकर रखूंगा!
मैं हंस कर बोली- रानी को रंडी बनाएगा या रंडी को रानी?

इस पर वो एकदम जोर से हंसा और मैं भी हंस पड़ी.
मैं बोली- जो समझना है, समझ ले. लेकिन तुझे पता है तूने क्या किया?

वो बोला- तुझे खुश किया.
मैंने बताया कि साले तूने मुझे प्रेग्नेंट कर दिया है. मेरे अन्दर रस टपका दिया है तूने!

वो बोला- क्यों जीजाजी तुझे चोदते नहीं क्या?
मैंने बताया- चोदते तो हैं, लेकिन अपना माल मेरे मुँह में देते हैं. बच्चे का कोई प्लान नहीं है, चल जाने दे. मैं बोल दूंगी कि उनका ही बच्चा है, उनसे गलती से हो गया होगा.

ऐसे ही हम दोनों सो गए.
मैं सुबह जागी, तो वो मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ कर सोया हुआ था.

हम दोनों पूरे नंगे थे.
मेरी कमर में हल्का दर्द हो रहा था.

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मैं उठने लगी तो अभि भी जाग गया.
वो मुझे देखकर मुस्कराया और किस किया.
मैंने भी साथ दिया.

उसने फिर से पटक दिया और मुझे चोदने की तैयारी में लग गया.
मैंने कहा- अभी नहीं.

वो बोला- तुझे देखकर रहा नहीं जाता, आ जा मेरी रंडी.

उसने फिर से आधा घंटा तक चोदा और इस बार भी अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया.

बहन चोद भाई से चूत चुदाई करवाने के बाद मैं उससे अलग हुई और वो सो गया.
इस तरह मैंने अपने भाई से कई बार चुदाई करवाई.

मेरे पति से ज्यादा मेरे भाई अभि ने मुझे चोदा है.
वो आज भी जब चाहे, मुझे आकर चोद लेता है.

दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी, जिसमें मेरे भाई ने मेरे जिस्म की आग बुझाई.

आपको मेरी बहनचोद भाई से चूत चुदाई कैसी लगी, प्लीज़ बताएं.
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