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गांड मारो और मजे लो
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HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम सोहान है में एक कपड़ा व्यापारी हूं मैं काफी समय बाद अपने दोस्त से मिलता हूं मेरे दोस्त का नाम मनोज है। जब मैं मनोज से मिलता हूं तो मनोज मुझे कहता है यार कुछ समय बाद मेरी सगाई होने वाली है इसलिए मैं तुम्हें मिलने के लिए आया था मैंने मनोज से कहा तो फिर तुम सगाई कहां कर रहे हो? मनोज मुझे कहने लगा मैं तो यही सगाई कर रहा हूं मैंने मनोज से कहा यार तुम्हारी सगाई भी होने वाली है और ना जाने अब सब लोग कहां रहते हैं तुम भी इतने समय बाद मुझे मिले हो। मनोज कहने लगा कोई बात नहीं मैं सब लोगों को बुला लेता हूं इससे एक गेट टू गेदर पार्टी भी हो जाएगी। मैंने उसे कहा लेकिन हमारे कॉलेज के सब लोगों का नंबर तुम्हारे पास है।

 वह मुझसे कहने लगा हां मेरे पास सब लोगों के नंबर हैं मैं सबको फोन कर दूंगा और मैं वैसे भी सब लोगों के साथ संपर्क में हूं। मनोज का व्यवहार बहुत अच्छा था इसलिए वह सब के साथ ही बनाकर रखता था और इसी वजह से मैंने मनोज से कहा कि सब लोग इतने सालों बाद मिलते तो अच्छा रहता। मनोज ने सब लोगों को बुला लिया और इतने वर्षों बाद जब सब लोग मिले तो कुछ लोगों की तो शादी हो चुकी थी वह सब अपनी पत्नियों के साथ आए हुए थे लेकिन मेरी शादी अभी तक नहीं हुई थी इसलिए मेरे कॉलेज के कुछ दोस्तो ने मुझसे पूछा तुम कब शादी कर रहे हो आप तो मनोज की भी शादी होने वाली है। मैंने उनसे कहा मैं भी कुछ समय बाद शादी करूंगा मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा लगता है तुमने अपने लिए कोई लड़की पसंद कर ली है इसीलिए तो तुम अभी शादी करना नहीं चाहते हो। मैंने उसे कहा नहीं दोस्त ऐसी कोई बात नहीं है यदि ऐसा कुछ होता तो मैं तुम लोगों को बताता नहीं मनोज की सगाई के दिन मेरी मुलाकात अक्षिता से हुई। अक्षिता  मनोज की कोई रिश्तेदार थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात हुई तो वह मुझे अच्छी लगने लगी सगाई के बाद वह चली गई लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं मनोज से इस बारे में पूछू परंतु मैंने फिर भी एक दिन मनोज से पूछ ही लिया। तुम्हारे घर पर एक लड़की आई थी वह कहां रहती है तो वह कहने लगा तुम कौन सी लड़की की बात कर रहे हो।

 मैंने उसे कहा मैं अक्षीता की बात कर रहा हूं मनोज कहने लगा अक्षिता तो मेरे मामा की लड़की है। मैंने मनोज से कहा मुझे अक्षिता अच्छी लगी इसलिए मैंने सोचा मैं तुम्हें बता दूं कहीं तुम मेरे बारे में कुछ गलत ना समझो लेकिन मैं चाहता हूं कि मैं अक्षीता से बात करू वह मुझे बहुत पसंद आई इसलिए मैं उससे शादी भी करना चाहता हूं। मनोज को मेरे बारे में सब कुछ मालूम है इसलिए वह मुझे कहने लगा कोई बात नहीं तुम अक्षिता से बात कर लो मैं तुम्हें उसका नंबर दे देता हूं। मनोज ने मुझे अक्षिता का नंबर दिया और उसके बाद में अक्षिता से बात करने लगा हम लोगों की घंटों तक फोन पर बात हुआ करती थी लेकिन अभी हमारे रिश्ते की कोई पहचान नहीं थी क्योंकि ना तो मैंने अक्षिता से कुछ कहा था और ना ही अक्षिता ने मुझे प्रपोज किया था। मुझे इस बात का मालूम था कि यदि मैं अक्षिता से अपने दिल की बात कहूंगा तो शायद वह भी मना नहीं कर पाएगी इसीलिए मैने अक्षिता को फोन किया और उससे अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने अक्षिता से अपने दिल की बात कही तो वह कहने लगी हम लोग मिले भी नहीं हैं हम लोगों की मुलाकात सिर्फ एक बार ही हुई है और तुमने देखते ही मुझे पसंद कर लिया। मैंने अक्षिता को कहा अक्षिता तुम मुझे बहुत अच्छी लगी और जबसे मैंने तुम्हें देखा है तुमसे मुझे प्यार हो गया था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि अब काफी देर हो चुकी थी अक्षिता के माता पिता ने उसके लिए कोई लड़का देख लिया था और वह डॉक्टर था। अक्षिता ने जब मुझे यह बात बताई तो मैंने अक्षिता से कहा अक्षिता तुम क्या चाहती हो तो अक्षिता कहने लगी देखो सोहन में अपने माता पिता के खिलाफ नहीं जा सकती वह जहां कहेंगे मै वही शादी करूंगी तुम मुझे भूल जाओ अक्षिता के यही आखिरी शब्द थे। उसके बाद उसने मुझे कभी पलट कर फोन नहीं किया और इसी दौरान अक्षिता की शादी हो गई मुझे यह बात मनोज से बताई।

 जब उसने मुझे यह बात बताई तो मुझे थोड़ा बुरा जरूर लगा लेकिन फिर भी मैंने अपने आपको संभाल लिया और उसके बाद तो अक्षिता और मेरी बातें कभी नहीं हुई लेकिन मैं भी कब तक अक्षिता के गम में बैठा रहता इसलिए मैंने भी अपने जीवन को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा। उस वक्त मेरा साथ सविता भाभी ने दिया सविता भाभी हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई। वह मुझे हमेशा देखा करती थी शायद उसके पति उसकी चूत की खुजली नहीं मिटा पाते थे इसलिए वह मेरी तरफ देखा करती थी मुझे भी उस वक्त किसी के साथ की जरूरत थी। मैंने सविता भाभी से बात करनी शुरू कर दी और हम दोनों की बातें होने लगी थी उसी दौरान मैंने एक दिन सविता भाभी को कहा कि आप मेरे घर पर आ जाइए। वह मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ गई और जब वह घर पर आई तो मैं उनको चोदने की पूरी तैयारी में था मैंने बिस्तर को अच्छे से सजा दिया था ताकि मुझे चोदने में मजा आ जाए। मैंने सविता भाभी से कहा आपके स्तन तो बड़े लाजवाब है वह कहने लगी तो फिर तुम उनके मजे ले लो ना। मैंने जैसे ही उनके स्तनों को सूट से बाहर निकाला तो मुझे उन्हें देखकर मजा आने लगा मैं उनके स्तनों को चूसने लगा। मैंने काफी देर तक उनके स्तनों का रसपान किया और उसके बाद जब मैंने उनके पेट को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी तुम जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है।

मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी उन्होंने मेरा साथ भरपूर तरीके से दिया और उन्होंने मुझे कोई भी कमी नहीं होने दी। उसके बाद तो सविता भाभी का ही सहारा था और मेरा जब भी मन होता तो मैं सविता भाभी को बुला लिया करता। हम दोनों ने ना जाने कितने पोज में एक साथ सेक्स किया था। अक्षीता को मेरे जीवन से गए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन एक दिन उससे मेरी मुलाकात हो ही गई शायद यह कोई इत्तेफाक था कि मैं किसी काम के सिलसिले में बेंगलुरु गया हुआ था और अक्षिता की शादी भी बेंगलुरु में ही हुई थी। जब मुझे अक्षिता दिखा तो वह मुझे कहने लगी सोहन आज इतने समय बाद तुम्हें देख कर बहुत अच्छा लगा मैंने उसे कहा देखो अक्षिता अब तुम मुझे भूल जाओ हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ भी नहीं है। अक्षिता मुझसे कहने लगी मैं तो सिर्फ तुमसे बात कर रही थी क्या इसमें भी कोई आपत्ति है लेकिन मेरे अंदर से अंक्षीता को देखकर एक अलग ही भावना पैदा होने लगी थी और कुछ ही दिनों बाद अक्षिता ने मुझे अपने घर पर बुलाया। अक्षीता की तड़प उसके पति पूरा नहीं कर पा रहे थे तो अक्षीता मुझसे चाहती थी कि मैं उसकी तड़प को पूरा करू और उसकी इच्छा को मैंने पूरा किया। मैने अक्षिता से कहा मेरे लंड को अपने मुंह में लो ना तो वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेने लगी उसे बड़ा अच्छा लगने लगा वह काफी देर तक मेरे लंड को सकिंग करती रही। जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया तो मैंने अक्षिता से कहां तुम अपने पैरों को चौड़ा कर लो उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा किया तो मैंने उसकी योनि की तरफ नजर मारी उसकी योनि में एक भी बाल नहीं था और उसकी योनि से गीलापन बाहर की तरफ को निकाल रहा था।

 मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह उत्तेजित होने लगी जब मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया तो वह मुझे कहने लगी इतने समय बाद ऐसा लग रहा है जैसे कि किसी ने मेरी इच्छा पूरी कर दी हो। मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ा और कस कर उसे धक्के देने लगा। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा मजा आ रहा था और काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही धक्के मारता रहा। जब वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे ऊपर से आना है तो मैंने उसे कहा ठीक है तुम आ जाओ। जब उसने मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर लिया तो मैं उसे तेजी से धक्के देने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए कि उसका पूरा शरीर हिल जाता और वह मेरा पूरा साथ देती। जिससे कि मेरी और उसकी इच्छा पूरी होने लगी थी लेकिन कुछ क्षणों बाद मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने अक्षिता से कहा मेरा वीर्य पतन होने वाला है। वह कहने लगी कोई बात नहीं तुम अंदर ही गिरा दो मैंने जब उसके योनि के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो वह बहुत खुश हुई।

 जब उसने अपनी योनि से मेरे वीर्य को साफ किया तो उसकी गांड देखकर मैं अपने आपको ना रोक सका क्योंकि सविता भाभी की गांड लेने की मुझे आदत हो चुकी थी इसलिए मैंने भी अक्षिता की गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड के अंदर प्रवेश हुआ तो वह मचलने लगी और मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा। मैं काफी देर तक उसकी गांड के मजे लेते रहा और वह भी खुश हो गई वह अपनी चूतडो को मुझसे टकराती तो मुझे बहुत मजा आता मै काफी देर तक ऐसा ही करता रहा। मैंने काफी देर तक उसकी गांड मारी जब हम दोनों की इच्छा पूरी हो गई तो वह मुझसे कहने लगी आज तो मजा आ गया और उस दिन हम दोनों की इच्छा पूरी हो गई लेकिन अब भी मेरे दिल में तकलीफ है की अक्षिता की शादी मेरे साथ नहीं हो पाई लेकिन सविता भाभी अब भी मेरा ख्याल रखती हैं। मैने अब शादी करने का फैसला कर लिया है और जल्दी ही में शादी भी कर लूंगा।

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