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वियाग्रा की तड़प में टयूशन वाली दीदी की चुदाई
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हेलो दोस्तों मेरा नाम अंकित है और मैं पंजाब में रहता हूं. यह स्टोरी उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था और मुझे अच्छे मार्कस लाने लिए लिए मुझे ट्यूशन लेनी पड़ती थी.

मेरी ट्यूशन वाली दीदी का नाम विभा था और वह तब 25 साल की थी. विभा दीदी बहुत होशियार थी और वह बहोत ही सुंदर भी थी. क्योंकि वह पढ़ाई ज्यादा करती थी तो उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और वह 25 साल की उम्र में भी वर्जिन ही थी. विभा दीदी काफी सेक्सी और हॉट भी थी और फिर भी मुझे उन्हें दीदी बोलके बुलाना पड़ता था. विभा दीदी के फादर नहीं थे और वह अपनी मम्मी के साथ रहती थी.

बात उस टाइम की है जब मैं बारहवीं में था और ठंडी की छुटी के दिन चल रहे थे. तब ठंड बहुत ज्यादा पड़ रही थी और मेरी ट्यूशन का टाइम शाम को 6:00 से रात के 8:00 बजे का था. मुझे नई नई जवानी आई थी और मेरा इंटरेस्ट लड़कियों के बॉडी पार्ट्स पर ज्यादा जाने लगा था.

में रोज ट्यूशन में अपनी बुक्स से ज्यादा दीदी की फिगर और बूब्स को  देखता था. कई बार तो उन्होंने मुझे देख भी लिया था, पर उसने हर बार मेरी भूल को स्माइल कर के इग्नोर कर दिया. गर्मी की छुट्टियो में दीदी की एक कजिन की  दिल्ली में शादी थी. मेरी ट्यूशन की वजह से उन्होंने जाना कैंसल कर दिया, क्योंकि शादी में 3-4 दिन लगने वाले थे.

तो आंटी अकेली चली गई और मेरी मम्मी को दीदी का ख्याल रखने को कह दिया. तो मेरी मम्मी ने भी मुझे बोल दिया कि रात को तुम टूशन खत्म होने के बाद विभा दीदी के घर ही रुक जाया करना, और सुबह अपने घर पर वापस आ जाना. मैंने मां से कहा ठीक है और यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ की अब तो में दीदी के इतने नजदीक रहूँगा तो में कुछ कोशिश तो कर ही सकता हु और काम बन गया तो अपनी तो गाडी चल पड़ेगी.

अगले दिन में दीदी के घर पर ट्यूशन के लिए पहुंचा तो मेरे मन में अजीब वासना थी. विभा दीदी के घर पर पहुंचने के बाद मैंने देखा की आज दीदी ने लाइट टी शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. उसने पहनी हुई टी शर्ट थोड़ी टाईट थी और उसकी स्कर्ट बहुत ही शोर्ट थी. उन्हें इतनी सेक्सी ड्रेस में देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और में मन में ही मन सोचने लगा की हे भगवान आज मेंरी लाइन क्लियर कर देना.

फिर मैने जल्दी से अपना खड़ा लंड सेट कर दीया, दीदी की नजर शायद मेरे इस हरकत को देख चुकी थी. उन्होंने फिर से स्माइल कर दी, मुझे कुछ अटपटा लगा.

जब दीदी मुझे पढ़ाने लगी तो वह जब भी थोड़ा जुक कर लिखती तब उनके बूब्स की  क्लीवेज मुझे दिख जाती. मेरे मन में उसके लिए वासना और भूख बढ़ने लगी और मेरा लंड फडफडाने लगा. मैं सोचने लगा की दीदी को कैसे चोदु.

अब में तो ट्यूशन के बाद में वह रुकने वाला था, और कुछ टाइम घूमने चला गया ७:४५ के करीब. मैंने नेट पर सर्च किया की  लड़कियों को कैसे सिड्यूस करते हैं. मुझे पता चला की वियाग्रा से ऐसा हो सकता है. सो मै स्टोर पर गया और वियाग्रा की टेबलेट ले ली. फिर मैने एक जूस की एक बोतल ली और वियाग्रा की गोली उसमें मिला दी. फिर मैं वापस विभा दीदी के घर आ गया और मैंने जूस उनको पीने को दिया. फिर दीदी ने बड़ी ख़ुशी से जूस पी लिया.

फिर मैं किचन में पानी पीने गया १० मिनट के बाद तो वापिस आने पर देखा दीदी वहां नहीं थी. मैं उनके घर की तरफ गया तो दिदी का रूम का दरवाजा बंद था पर वह लोक नहीं था. मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा की दीदी  बेड पर लेटी हुई थी, और वह अजीब अजीब  सी आवाज निकाल रही थी, और अपनी स्कर्ट के अंदर बार बार अपना हाथ डालते हुए उसे मसल रही थी. उनकी आंखें बंद थी और वह औउ अह्ह्ह अह्ह्ह औऊ अह्ह्ह अम्म्म ओह्ह आह्ह औज्ज ईई अह्झ्ह्ह जज्ज मम्म अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्म ओह्ह ओंम्म्म्म कर रही थी. मैं समझ गया की वियाग्रा ने दीदी को तड़पा दिया है सेक्स के लिए.

मैं यह मौका गवाना नहीं चाहता था. तो मैं भी बहोत जल्दी से उनके पास गया और बोला क्या हुआ दीदी आपको? तो वह डर गई और अपना हाथ स्कर्ट से निकाल दिया और कहने लगी कुछ नहीं. मैंने बोला कुछ तो हुआ है प्लीज बताओ.

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तो वह कुछ भी नहीं बता रही थी और वियाग्रा का फुल असर होते ही उनसे रहा नहीं गया, और उन्होंने फिर स्कर्ट में हाथ डाल दिया और चूत को सहलाना शुरू कर दिया और वह भी मेरे सामने. इधर मेरा लंड यह सब देख कर मेरी निकर को फाड़ कर बहार निकलने की कोशिश करने लगा.

मैने ज्यादा कुछ सोचा नहीं और दीदी की स्कर्ट जबरदसती उतार दी. मदहोश होने के कारण दीदी मेरा विरोध नहीं कर सकी.  मैंने जल्दी से दीदी की पैंटी  में मेरा हाथ डाल दिया और मसलने लगा. मेरा हाथ पडते ही विभा दीदी ने अपना हाथ निकाल लिया और औऔ हहह उऔउ अम्म्म अह्ह्ह उऔ जज्ज एऊ ईई अह्ह्ह अओअऊ ओह्ह्ह ओः अहः अह्हह ओह्ह औम्म्म आयी उझ्ह्ह इम्म्म्म   आवाजे करते हुए बेड पर लेट गई.

यह देख कर मैं खुश हो गया क्योंकि मेरा काम बन गया था. दीदी की चूत एकदम से शेव की हुई और पिंक थी. मैंने एक उंगली डालनी चाहि तो मेरी उंगली उसकी चूत में  नहीं जा पाई, क्योंकि उसकी वर्जिन चूत अभी भी काफी टाइट थी. मुझे समझ में आ गया की दीदी अभी भी  वर्जिन है. अब तो में भी एकदम गरम हो गया था. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।

मैंने जल्दी से अपने  एक एक कर के सारे कपड़े उतारे और फिर दीदी की चूत को सहलाने लगा. दीदी मदहोशी में आह्ह अह्ह्ह अम्म ऊऊ ऊऊओ ह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फक मी आह्ह्ह्ह ईई फक मी बेबी आऊऊ कह रही थी. इससे मेरा जोश और भी बढ़ गया. मैंने चूत के साथ साथ दीदी के एक बूब को भी दबाने लगा.

फिर विभा दीदी और भी मचलने लगी. मैंने दीदी की टी शर्ट उतार दी और ब्रा भी खोल दी जल्दी से. ब्रा उतरते हैं उनके ज्यूस टाइट और गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे. मैं उनपे झपट पड़ा और उन्हें चूसने लगा. दीदी के बूब्स बहुत रसीले थे, तो मैं उन्हें २० मिनट तक चूसता रहा और चूत भी सहलाता रहा.

फिर मैंने दीदी के होंठों को चूसा और वह भी मेरा साथ देने लगी. दीदी अभी भी मदहोश करने वाली आवाज निकाल रही थी. अह्ह्ह हह्ह्ह हहह जानू चुसो मरे बूब्स को इनका रस पि लो मेरी जान ..आझ्ह्ह अक्क्क्क इह्ह्हह्ह आह्ह्ह उम्म्मम्म ओह्ह्ह्ह चुसो बेबी और जोर से चुसो मुझे. कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया और धीरे से झटका मारा. मेरा लंड अंदर नहीं गया क्योंकि दीदी की चूत टाइट थी और चूत की सील नहीं टूटी थी.

फिर मैंने एक जोर से झटका मारा तो लंड थोड़ा अंदर गया. दीदी चिल्ला उठी. मैंने जल्दी से उनके होठों को अपने होठों से बंद करके चूसना शुरू कर दिया और एक और जोर का झटका मारा, मेरा आधा लंड दीदी की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया. दीदी दर्द में तड़पने लगी और मुझे धक्का मारने लगी. आःह्ह अंकित निकाल बाहर इसे. पर मेरे दिमाग में सेक्स सवार था, मैं नहीं रुका और फिर धक्का मारा. इस बार लंड पूरा अंदर चला गया और दीदी और तड़पने लगी मुझे मज़ा आ रहा था दीदी को तड़पते देख कर.

मैंने जोर जोर से मेरा लंड दीदी की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, दीदी लगातार तड़प रही थी और चिल्ला रही थी साले निकाल बाहर लंड अपना दर्द हो रहा है मुझे. निकाल देना यार.  मैं इससे और जोश में आ गया और चोदने की स्पीड बढ़ा दी दीदी और तड़पने लगी. उनकी हर अह्ह्ह उह्ह्ह इह्ह्ह निकालो अब मजे में बदलकर अहहह जानू येस्स्स्स चोदो मुझे और चोदो अंकित  मैं बदल गई.

मैं भी सातवें आसमान पर था मैं चोदता रहा दीदी साथ देती रही. और अपनी गांड उछाल उछाल कर कहती रही चोदो इस प्यासी को चोदो आज तुमने मेरा सपना पूरा कर दिया… तुम मेरी जान हो… अपनी दीदी को और जोर से चोदो यार… आई लव यू बेबी… और जोर से चोदो जानू आह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह.

लगभग ४५ मिनट के हॉट सेक्स के बाद हम दोनों झड़ गए और मेने दीदी की चूत में अपना माल छोड़ दिया. दीदी बहुत खुश थी और हम गले लगकर नंगे लेटे रहे. मैं उनके बूब्स चूसता रहा. इस दौरान मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने फिर से दीदी को 30 मिनट तक घोड़ी बना कर जोर जोरसे चोदा.

फिर हम लोग नहाने चले गए जहां फिर दीदी को चोदा बात टब के अंदर पानी में. नहाने के बाद हमने खाना खाया फिर मैंने दूध पिया. रात के ११:३० बजे जब हम सोने लगे तो मैंने फिर एक बार दीदी को जमकर चोदा. दीदी पूरे मूड में मेरा साथ दे रही थी और इंजॉय कर रही थी.

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अगले दिन सुबह घर जाने से पहले मैंने एक बार फिर अपनी प्यारी सेक्सी दीदी को चोदा. अगले 3 दिन मैंने दीदी की खूब चुदाई की और गांड भी चोद दी. उनकी मम्मी के आने के बाद भी हम लोग दीदी के कमरे को लॉक कर के चुदाई करते थे. अब विभा दीदी की शादी हो गई है लेकिन जब मेरा मन करता है मैं उनको बुला लेता हूं उनके मायके. आज भी विभा दीदी मेरे लंड के लिए तड़पती है.

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