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कॉलेज गर्ल बनी एक रात के लिये रंडी- 2
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यंग गर्ल थ्रीसम सेक्स स्टोरी में एक कॉलेज गर्ल ने पैसों के लिए एक चुदाई क्लब में जाकर अपने सेक्सी बदन की नीलामी करवा दी. उसे सेक्स का कोई ख़ास अनुभव भी नहीं था.

कहानी के पहले भाग
सेक्सी कॉलेज गर्ल की मजबूरी
में आपने पढ़ा कि एक लड़की ने अपनी कॉलेज फीस मौज मस्ती में उड़ा दी. कॉलेज फीस के लिए वह एक अमीर लड़की के पास मदद मांगने गई तो उसने उसे जिस्म बेचने का रास्ता दिखा दिया.

अब आगे Young Girl Threesome Sex Story:

तन्वी भी मेरे साथ ही थी जिससे मैं अपने मन को घबराहट से बचाने के लिए इधर उधर की बातें कर रही थी।

वह जगह शहर से काफी दूर एक आलीशान फार्म हाउस पे थी।

हमें मैडम का आदमी यानि सतेन्द्र बाहर मुख्य द्वार पे ही मिल गया।
उसने मेरे पास आते ही कहा- हैलो सुहानी जी, मेरा नाम सतेन्द्र है. मैं ही ऐसी हाइ सोसाइटी पार्टी अरेंज करवाता हूँ। मुझे मैडम ने बताया आपको पैसों की बहुत जरूरत है. आप जानती है न क्या करना है?
मैंने चिढ़ के कहा- मुझे कुछ नहीं पता! जो बात है साफ साफ बताओ।

उसने बोला- ठीक है मैडम! अभी 1 घंटे बाद यहाँ सब रईस आदमी बोली लगाएंगे लड़कियों के साथ एक रात बिताने को। जिसकी ज्यादा बोली, लड़की उसके साथ ही रात बिताएगी. और रात बिताने का मतलब है दबा के सेक्स करना, जो कस्टमर बोलेगा वही करना पड़ेगा. कस्टमर कुछ भी करने को बोल सकता है। पहले ही सोच लो, बाद में नाटक मत करना। यहाँ शर्म को आने की इजाजत नहीं है।

मैं हैरान थी कि ऐसी भी पार्टी होती है क्या!

मैंने तन्वी को साइड में ले जाकर कहा- यार चलते हैं, ये अच्छी जगह नहीं है. मुझे बहुत ड़र लग रहा है।
तन्वी ने बोला- रुक न … एक बार फिर सोच ले! आंटी का कर्जा कैसे चुकाएगी, कैसे करेगी इतने पैसो का इंतजाम?

मैं अपने आप पे घिन भी महसूस कर रही थी और शर्म भी।

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मैंने मरे मन से कहा- ठीक है!
फिर मैंने सतेन्द्र से पूछा- कितने रूपये मिलेंगे?
सतेन्द्र बोला- मैडम, जितना भी मिलेगा, 20% हमारा कमीशन होगा।

मैंने तन्वी की तरफ देखा तो उसने हाँ करने को सिर हिला दिया।
तो मैंने हाँ कर दी और अपने आप को वक़्त के हाथ में सौंप दिया।

सतेन्द्र बोला तो- आप दोनों मेरे साथ आइये, मैंने आपके नाम लिखवा देता हूँ।
तन्वी बोली- मुझे नहीं जाना, सिर्फ सुहानी ही जाएगी।

मैंने तन्वी की तरफ नम आंखों से देखा और कुछ नहीं कहा।
तन्वी ने कहा- अपना ख्याल रखना, मैं सुबह यहीं मिलूँगी।

सतेन्द्र ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा- चलिये सुहानी जी।

मैं जाते जाते तन्वी को मुड़ के देख रही थी.
और फिर हम एक बड़े से कमरे में आ गये।

कमरे में मेरे और निशा के साथ लगभग 20-25 लड़कियां और भी थी।

सतेन्द्र जी ने मुझे एक औरत के हवाले कर दिया और कहा- सुहानी जी का पहली बार है, इनको तैयार कर दो और अच्छे से समझा देना।

उस औरत ने मुझे समझाया- डरने की जरूरत नहीं है. एक एक कर के उन आदमियों के बीच लड़कियां जाएंगी और अपने कपड़े उतारेंगी। काफी हल्ला गुल्ला होगा और बोली लगेगी। माशाल्ला … तुम इतनी खूबसूरत हो, आज तो बहुत कमाओगी। जाओ लाइन में लग जाओ!

और मैं सब लड़कियो के साथ खड़ी हो गयी।

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शायद उन सब में मैं ही सबसे ज्यादा खूबसूरत थी।

अंदर एक बहुत बड़ा हाल था।
हाल में दोनों साइड में आलीशान सोफ़े रखे थे और बीच में खाली था।

सतेन्द्र वहीं पर खड़ा था और बोली लगवाने को तैयार था।

सभी अमीर लोग अपनी अपनी जगह पे बैठ चुके थे और एक-एक कर के लड़कियां जाने लगी थी।

हर लड़की को लोगों के बीच जाना होता था और एक एक कर के अपने कपड़े उतारने होते थे, सिर्फ ब्रा और पैंटी को छोड़कर!

लड़कियां अपनी सेक्सी अदायें और जिस्म दिखा दिखा के आदमियों को रिझा रही थी।

फिर वहाँ बैठे रईसजादे हम नंगी लड़कियों के जिस्म की बोली लगाते थे।
हाल में अश्लीलता का नंगा नाच खुले आम चल रहा था।

मैं ये सब हाल के कोने से देख रही थी और मुझे अपनी आँखों पे यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा भी होता है दुनिया में।
किसी लड़की के जिस्म की कीमत एक लाख, किसी की दो किसी की तीन लाख लगाई जा रही थी।

और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले के बगल में वह लड़की बैठ जाती थी।

मेरे पास वही औरत आई और बोली- तुम्हारा नंबर आने वाला है, पता है न क्या करना है?
मैंने डरते हुए हाँ में सिर हिला दिया।

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वह औरत बोली- ऐसे डरोगी तो कभी पैसा नहीं कमा पाओगी. तुम आज की सबसे खूबसूरत लड़की हो, जाओ अपनी कातिल अदाओ से जीत लो सब का दिल और कमा लो जी भर के पैसा! यह दुनिया पैसे से ही चलती है, सब कुछ गलत हो सकता है पर पैसा गलत नहीं हो सकता।

अब मैं पीछे नहीं हट सकती थी, वरना पता नहीं ये लोग मेरा क्या हाल करते!
यह जुर्म की दुनिया थी, यहाँ किसी की जान लेना बहुत ही मामूली बात है।

मैंने एक गहरी सांस ली और अंदर जाने लगी।

सतेन्द्र ने मेरा नाम लिया और मैं मर्दों से भरी महफिल में अपने जिस्म को बेचने के लिए खड़ी थी.

मैं शुरू में थोड़ा झिझक रही थी।
मैंने सबके पीछे देखा तो तन्वी खड़ी थी.
उसने मुझे होंठ हिला के ऑल थे बेस्ट बोला।

मैंने नीचे देखा और सोचा कि अब जो होगा देखा जाएगा.
और मैं अपनी सेक्सी अदाए दिखने लगी.

वहां उपस्थित लोग उत्साह में शोर मचाने लगे।

मैंने एक एक कर के अपने कपड़े उस मर्दों से भरी महफिल में उतारने शुरू किए।
लोगों का उत्साह बढ़ने लगा, लोग गंदी गंदी टिप्पणी करने लगे.
कोई कहने लगा- क्या माल है!
दूसरा कोई कह रहा था- यार सतेन्द्र … तू तो आसमान से परी उतार के ले आया.
फिर कोई बोला- यार, ये तो एकदम बॉलीवुड की हीरोइन लग रही है।

मेरी बोली लगनी शुरू हुयी.
शुरुआत ही तीन लाख से हुई.

सतेन्द्र ने लोगों को बोली लगाने के लिए उकसाने लगा और मेरे जिस्म की कीमत तीन लाख से चार, पाँच, छह, सात करके बढ़ती चली गयी.

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और तभी एक आदमी चिल्लाया- दस लाख!

इससे ऊपर कोई नहीं बोला और बोली पूरी हो गयी।

मैंने अपनी इज्ज़त और जिस्म को दस लाख में बेच दिया था आज रात के लिए!

सतेन्द्र खुशी से मेरी तरफ देख रहा था.
उसने इशारा किया कि मैं बोली लगाने वाले के पास जा के बैठ जाऊं।
मैंने वैसे ही किया।

उस आदमी ने बोला- मेरी गोद में आ के बैठो जानेमन!
अब मेरे हाथ में कुछ नहीं था तो मैं बैठ गयी।

वह मेरी ब्रा के ऊपर हाथ फेरने लगा और बूब्स को ऊपर से मसलने लगा.

मुझे ऐसे पैसे कमाना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था पर मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था।

मेरे बाद कुछ लड़कियों की बोली और लगी, और फिर खत्म हो गयी।

आज सबसे ज्यादा दाम में मेरा ही सौदा हुआ था।

नीलामी के बाद सतेन्द्र जी मेरे पास आए और बोला- सुहानी, ये गुप्ता जी हैं, हमारे ज़िले के बहुत बड़े नेता हैं और हमारे पुराने ग्राहक हैं. सर को कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

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मैंने गुप्ता जी के होंठ चूमते हुए कहा- कोई शिकायत नहीं होगी सर आपको!
गुप्ता जी बहुत खुश हो गए और उन्होंने अपने सेक्रेटरी को इशारा किया।

वह हमारे पास एक नोटों से भरा सूटकेस लाया और कहा- ये लीजिये सुहानी जी, आपकी कीमत!

मैंने खोल के देखा तो आश्चर्य और खुशी से हैरान थी। मैंने ज़िंदगी में कभी इतने पैसे एक साथ नहीं देखे थे।

गुप्ता जी बोले- जाओ पैसे रख आओ और जल्दी से कमरे में आ जाओ, मैं इंतज़ार कर रहा हूँ।

मैं सतेन्द्र जी के साथ गयी और उनका और उस औरत का कमीशन दे दिया।

अब मेरे सूटकेस में आठ लाख रुपए थे।

मैंने वह जाकर तन्वी को दे दिया और कहा- ले, ख्याल रखियो इन पैसों का, खुद को बेच के कमाए हैं।
तन्वी ने कहा- कोई बात नहीं … एक गुनाह तो सबको माफ होता है. तू अपना ख्याल रखना, मैं पास के ही रूम में हूँ।

मैंने कहा- चल सुबह मिलते हैं।
तन्वी बोली- अब तू जा … तेरा ग्राहक तेरा इंतज़ार कर रहा है साली रंडी!

मुझे उसकी बात पे और गाली पे हंसी आ गयी.
मैं मुस्कुराती हुई अपने ग्राहक के कमरे के लिए चल पड़ी।

अब तो मैं पूरे फार्म हाउस में सिर्फ बिकनी में घूम रही थी और बिल्कुल भी नहीं शर्मा रही थी.
शायद सच में मैंने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी थी.
बस भगवान करे कि यह बात किसी को पता न चले।

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कुछ देर बाद मैं गुप्ता जी के कमरे में गयी तो देख के हैरान रह गयी.
वहाँ गुप्ता जी और उनका एक दोस्त और था।

मैंने पूछा- आप दोनों एक साथ यहाँ क्यों हो?
गुप्ता जी बोले- ये मिश्रा जी हैं, मेरे बहुत अच्छे दोस्त! इन्हें भी तेरी जवानी का स्वाद चखना है. अब तू ज्यादा सवाल मत कर और इधर आ।

मैंने कहा- सर, ये गलत है कीमत तो एक ही आदमी की अदा करी है. ऐसा मत करो।

गुप्ता जी गुस्सा हो और सतेन्द्र को फोन मिलाया और चिल्ला के कहने लगे- तेरी ये रांड नखरे कर रही है, तू ऊपर आ साले अभी।

सतेन्द्र भागा भागा ऊपर आया और बोला- क्या हुआ सर?
गुप्ता जी बोले- साले दल्ले … ये तेरी रांड नखरे पाद रही है कि दो से नहीं चुदूंगी. समझा इसे वरना मरेगी साली।

सतेन्द्र ने मेरा हाथ पकड़ा और रूम के बाहर ले आया और कहा- पागल हो गयी है क्या? तुझे पता नहीं कि अंदर जो लोग हैं वे कहाँ गायब करेंगे तुझे! किसी को पता नहीं चलेगा. ज्यादा नाटक मत कर और जा! याद रखियो, ये शरीफ लोग नहीं हैं. आज रात सब भूल के बस उन्हें खुश कर!

और मेरा हाथ पकड़ के उसने रूम में धकेल दिया और दरवाजा बंद कर दिया।

अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, मैंने कहा- सॉरी सर … गलती हो गयी।

गुप्ता जी बोले- अब आई न भेन की लोडी लाइन पे! चल इधर आ!
और मैं चली गयी।

दोनों ने एक एक कर के अपने कपड़े उतार दिये थे और सिर्फ कच्छे में बैठे थे और दारू पी रहे थे.

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उन्होंने एक पेग मुझे भी बना के दिया और कहा- ले पी, दर्द कम होगा।

मैंने सोचा ‘शायद यही सही होगा’ और नाक सिकोड़ते हुए एक बार में पी गयी।

मैंने पहली बार शराब पी थी जो बहुत कड़वी थी। मैंने सोचा अब जो होना है जल्दी से हो जाये।

मैं उन दोनों के बीच में बैठ गयी और वे दोनों मेरे जिस्म से खेलने लगे.
गुप्ता जी मेरी ब्रा पर ऊपर से हाथ फिरा रहे थे और दबा रहे थे और मिश्रा जी मेरी चिकनी और गोरी जांघों पर हाथ फिरा रहे थे।

मिश्रा जी मेरी खुली झुल्फ़ों में आहें भर रहे थे और चूम रहे थे मेरे चेहरे को!
मैं आँखें बंद करे हुए स्सी… स्सी… कामुक सिसकारियाँ ले रही थी।

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मिश्रा जी बोले- यार गुप्ता, मुझे पता ही नहीं था कि हमारे शहर में इतनी खूबसूरत परी रहती है!
और दोनों हंसने लगे।

मुझ पर शराब का सुरूर सा चढ़ने लगा था और मैं भी कामुकता की समुंदर में डूबती चली जा रही थी.
उनका इस तरह से मेरे जिस्म से खेलना मुझे और उत्तेजित कर रहा था और मैं उस दोनों अधेड़ उम्र के आदमियों का लंड ऊपर से ही सहला रही थी।

उनको भी बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी!
अब तक मेरी सारी शर्म और झिझक जा चुकी थी।

उन्होंने फिर अपने कच्छे भी उतार दिये थे और मेरे कोमल हाथों के स्पर्श से उन दोनों के लंड खड़े होते जा रहे थे.
वे दोनों आहह … स्श्ह … करते हुए मादक सिसकारियाँ ले रहे थे और मैं बड़े प्यार से उन दोनों लंड से खेल रही थी जो थोड़ी देर में मेरी चूत को फाड़ने वाले थे।

गुप्ता जी और मिश्रा जी ने मेरी ब्रा उतार के फर्श पर फेंक दी और मेरा एक एक स्तन को हाथ में पकड़ के दबाने लगे।
मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं उन दोनों आदमियों का पूरा साथ दे रही थी।

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कुछ ही देर में उनका लंड पूरे उफान पर था।
मैंने गौर किया तो उन दोनों के ही लंड सात इंच से ज्यादा बड़े थे और इतने मोटे थे कि मेरी मुट्ठी में भी नहीं आ रहे थे।

अब वे दोनों काले और मोटे लंड मेरी मासूम चूत को चोदने के लिए तैयार थे।

गुप्ता जी बोले- जानेमन, एक बार चूसो न मेरे लंड को … मेरी बीवी कभी नहीं लेती मुंह में!

मैं अपने होश से बाहर हो चुकी थी तो मैंने कहा- जो हुकुम मालिक!
और मैं घुटनों के बल आ के फर्श पर बैठ गयी और दोनों को लंड बारी बारी से मुंह में लेकर चूसने लगी।

यंग गर्ल थ्रीसम सेक्स के दोनों पूरे मजे ले रहे थे और मेरे बालों में हाथ फिरा रहे थे।

मिश्रा जी ने कहा- थोड़ा और चूसो जानेमन!
तो मैं उनके लंड पर आ गयी और चूसने लगी।

उन्होंने मेरे सर अपने दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगे।
मेरे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी, बस उम्म … अहम्म … उहम्म … उम्माँ … की आवाज आ रही थी।
और मिश्रा जी आह … आह … आहह … म्हह … म्हह … कर रहे थे।

उन्होंने कहा- यार गुप्ता, ऐसा मजा तो आज तक नहीं आया! लगता है तेरे साथ पाँच लाख की पार्टनरशिप कर के कोई नुकसान नहीं होगा।

तब मुझे पता चला कि मैं 50-50 की पार्टनरशिप पर बिकी हूँ।
ऐसे ही लगभग 5-7 मिनट तक मैंने लंड चूसा दोनों का … और हट गयी।

यह यंग गर्ल थ्रीसम सेक्स स्टोरी अगले भाग में समाप्त होगी.
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यंग गर्ल थ्रीसम सेक्स स्टोरी का अगला भाग: कॉलेज गर्ल बनी एक रात के लिये रंडी- 3

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