पड़ोस वाली आंटी की चुदाई का मजा

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इंडियन आंटी पोर्न सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने घर के पास रहने वाली आंटी के पास जाकर उनसे बातें किया करता था. बातों बातों में कुछ सेक्स की बात हो गयी.

यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है और शत प्रतिशत सच है.

यह Indian Aunty Porn Sex Kahani आज से एक साल पहले की है. जब मैं 19 साल का था और आंटी की उम्र 28 साल थी.

आंटी हमारी पड़ोसन थीं.
हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था.

उनके पति अपने काम से अक्सर बाहर रहते थे.
आंटी की एक बेटी भी थी, वह छोटी थी.

मैं चाहे जब आंटी के घर चला जाता था.
हम लोग साथ में बैठ कर ऐसे बातें करते रहते थे.

एक दिन हम लोग छत पर बैठे थे.
आंटी बता रही थीं कि एक आदमी उन्हें घूरता रहता है.
वे उसके बारे में और भी बहुत कुछ कह रही थीं.

फिर उनके मुँह से गलती से बी सी निकल गया.
मैं उनके पीछे पड़ गया कि इसका मतलब बताओ कि ये बी सी क्या होता है?

उन्होंने मुझे टाल दिया.
मैं उनसे पूछता रहा और वे बात को टाल कर इधर उधर की बातें करने लगीं.

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मैंने भी ठान लिया था कि मुझे बी सी का मतलब समझना है.

एक हफ्ते तक उनके पीछे पड़े रहने के बाद उन्होंने कहा- किसी से बताएगा तो नहीं?
मैंने कहा- इतना सा भरोसा भी नहीं है?
आंटी बोलीं- भरोसा तो है, बस पूछ रही थी. इसके बाद उन्होंने बताया कि जो अपनी बहन को चोदता है, उसे बहनचोद या बी सी कहते हैं.

मैं चकित था कि आंटी मुझसे चोदने वाली भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं.
और मैं भी कम नहीं था. मैं पूछने लगा- आंटी, और ये ‘चोदना’ क्या होता है?

तो आंटी बोलीं- जो रात में पति पत्नी आपस में करते हैं न … उसे चोदना कहते हैं.

मैं नाटक करने लगा कि पति पत्नी कमरे में क्या करते हैं, मुझे क्या मालूम!
अब वे खुल कर बोलीं- लंड चूत में डालने को चुदाई कहते हैं. जो तेरे पास है वह लंड है … और जो लड़कियों के पास होता है, वह चूत होती है.

मैंने कहा- लड़कियों और आप में कुछ अलग होता है!
आंटी बोलीं- अरे मैं भी तो लड़की ही हूँ.

फिर अब हमारे बीच ऐसी बातें शुरू हो गई थीं.
अब मैं भी कभी कभी उनका हाथ पकड़ते पकड़ते उनकी गांड छू लेता था, बूब्स पर हाथ रख देता था.

मुझे समझ आ चुका था कि हर लड़की की तरह आंटी की भी जरूरत होगी.

मैं नए नए प्लान सोचने लगा.
पर दिमाग़ में कुछ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या करूँगा.

मैं काफ़ी पॉर्न वीडियो देखता था तो मुझे इस बात की जानकारी तो थी ही कि किसी लड़की को चोद कर संतुष्ट कैसे करते हैं.

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मेरी पसंदीदा वीडियोज वे होती हैं, जिनमें चूत में फिंगरिंग होती है.

उस तरह की ब्लूफिल्म मुझे बड़ी ही पसंद आती हैं जिनमें चूत में उंगली करते हुए ही उसे चाट लेते हैं और चूसते चाटते हुए ही स्क्वर्ट करवा देते हैं.
स्क्वर्ट मतलब चूत से मूत की धार निकाल दी जाती है.

यह सारी जानकारी थी लेकिन साला अभी तक अनुभव नहीं मिला था.
चूंकि मैं दिखने में किशोर लगता था, पर जवान हो गया हूँ.

अब मुझे बस किसी ऐसे मौके की तलाश थी जब लंड का प्रयोग चूत चुदाई में किया जा सके.

मेरी नजरों में आंटी की जवानी गड़ कर रह गई थी और मैं भी इस बात को महसूस कर रहा था कि आंटी को मेरा कुंवारापन भा गया था.
बस अब समय का इंतजार था जब मैं आंटी की कामुक जवानी का स्वाद चख लेता.

एक दिन आंटी के पति अपने काम से बाहर गए हुए थे.
आंटी को अंधेरे में डर लगता था.

मम्मी को ये बात पता थी तो मम्मी ने मुझे आवाज दी कि जाकर आंटी के घर सो जा.
मैं चला गया.

वहां मैं रात होने का इंतजार करने लगा.
जैसे ही 12 बजे, तो मैंने देखा कि उनकी बेटी सो चुकी है. कमरे की रोशनी बुझी हुई है.

आंटी ने अपनी बेटी को बेड पर दीवार वाली तरफ सुला रखा था.
मैं दूसरी तरफ लेटा था और आंटी बीच में थीं.

मैं पहले उनकी नाइटी धीरे धीरे ऊपर करने लगा.
कुछ ही देर में मैं उनकी नाइटी को ऊपर तक ले आया.

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अब मैं अपना एक हाथ उनकी जांघ पर चल रहा था.
कुछ ही पलों में मेरा वह हाथ जांघ से सरक कर चूत के पास आ गया.

तभी आंटी ने दूसरी तरफ मुँह कर लिया.
मैंने उनकी नाइटी पीछे से भी उठा दी.
अब मेरे सामने चड्डी के ऊपर से हाथ फेरने लगा.

कुछ देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनके बूब्स दबा दिया और एक निप्पल को उंगलियों से मींजने लगा.

वे मेरे कान में बोलीं- अभी कुछ मत कर, बेटी उठ गई तो समस्या हो जाएगी. हम दोनों को जो भी करना है, कल कर लेना, मना नहीं करूँगी!

यह तो जैसे लॉटरी खुल गई थी.
मैंने उनके दूध दबाए और उनसे चिपक कर सो गया.

अगले दिन की मैंने स्कूल की छुट्टी कर ली और आंटी के घर चला गया.
वह सूट पहनी थीं और एकदम माल लग रही थीं.

मैं उन्हें देख कर आंख मारते हुए बोला- अंकल कब आएंगे?
आंटी बोलीं- उसकी टेंशन मत ले, वह इस हफ्ते वापस नहीं आएगा.

मैं खुश हो गया और उनके पास गया.
मुझे पता था कि यह पहली बार का मामला है. अगर अच्छा परफ़ोर्मेंस दूँगा, तो फिर ये खुद बुलाएंगी.

मैंने फोरप्ले पर ध्यान दिया.
सबसे पहले मैं उन्हें किस करने लगा.

कुछ मिनट बाद जब मैं आंटी के साथ सहज हुआ, तो उनकी गर्दन पर किस करने लगा, एक हाथ से आंटी के बूब्स दबाने लगा.

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थोड़ी देर ऐसे ही चला, फिर मैंने उनकी सलवार में हाथ डाल दिया.

आंटी की पैंटी के अन्दर से चूत के आस-पास रगड़ने लगा.
कुछ ही पलों में वे भी मूड में आने लगी थीं.

मैंने उनका शर्ट उतार दिया और ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा.
मेरा पहला अवसर था तो मेरे हाथ से ब्रा नहीं खुलीं.

आंटी हंस दीं.
मुझे शर्म आ गई.

फिर आंटी ने खुद से ब्रा खोल दी.
मैं उनके चूचों पर टूट पड़ा; एक को दबा रहा था तो दूसरे को दबाते हुए चूस रहा था.

करीब दस मिनट बाद मैंने आंटी की सलवार को भी खोल दिया.
जल्द ही पैंटी को भी उतार दिया.

मैंने उन्हें अपनी गोदी में बैठा लिया और उनके बूब्स पर कट्टू करने लगा.

उसमें उनके मुँह से आह आह निकलने लगी.
मैं दूध के साथ ही चूत पर हल्के हल्के से थपथपाने लगा.
आंटी सिर्फ सिसकारी भरती हुई मुझे सहला रही थीं और अपने दूध से मेरे मुँह को लगाए जा रही थीं.

मेरा एक हाथ आंटी की चूत के दाने को रगड़ रहा था.

कुछ ही देर में आंटी में भी जोश आ गया.
वे भी मस्ती से ऊपर नीचे होकर अपनी चूत को रगड़वा कर सुख लेने लगी थीं.

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मैं मन ही मन खुश हो रहा था.
मुझे शुरू से ही उम्रदराज लड़कियां या कहें कि भाभी आंटी ज्यादा पसंद हैं.

मैं आंटी के साथ काफी मस्ती कर चुका था.
अब कुछ चिकनाई इस्तेमाल करने का वक्त आ चुका था कि चूत चिकनी हो जाए.

मैं आंटी की चूत को मसल रहा था. कभी तेज़ दाब देते हुए उनके दूध दबाता और निप्पल को दांतों से काट लेता.

अब वे कुछ ज्यादा बेचैन होने लगी थीं और कंट्रोल नहीं कर पा रही थीं.

उसी दौरान मैंने उनकी चूत में जीभ को डाल दिया और चाटने लगा.
वे तेज़ तेज़ सिसकारियां भरने लगीं और उनका जिस्म थिरकने लगा सिहरने लगा.

कुछ देर बाद आंटी से रहा न गया और वे अपनी चूत से मूत छोड़ने लगीं यानि वे स्क्वर्ट करने लग गईं.

फिर आंटी ने मेरे मुँह को बिल्कुल अन्दर दबा लिया और बोलीं- फर्स्ट टाइम स्क्वर्ट हुआ है … अब देर न कर … जल्दी से पेल दे.

मैंने भी पोज बनाया और आंटी की चूत में लंड घुसा दिया.
वे भी स्क्वर्ट हुईं थीं, तो इसी वजह से लंड आराम से अन्दर चला गया.

अब मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहा था.
फिर मैंने उनके दोनों निप्पलों पर एक एक क्लिप लगा दी.

मैं चूत के दाने पर भी रगड़ दे रहा था.
साथ ही चूत में लंड को भी अन्दर बाहर कर रहा था.

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वे पूरी तरह से कंट्रोल से बाहर होने लगीं.
उसी उत्तेजना में उन्होंने मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए.

फिर 3-4 मिनट बाद वे वापस से स्क्वर्ट हुईं और इस बार बहुत ज्यादा पानी निकला.

उनकी पूरी बॉडी शेक हो रही थी.
वे मुझे अपने अन्दर घुसेड़ने का प्रयास कर रही थीं.
धकापेल चुदाई चलने लगी थी.

अब मेरा भी होने वाला था.

मैंने उनसे पूछा कि वीर्य किधर निकालूँ?
वे बोलीं- अन्दर ही डाल दे, मैं पिल्स खा लूँगी.

फिर मैं भी उनके बूब्स चूसते हुए चुदाई करता गया और कुछ देर बाद चूत में झड़ गया.

हम दोनों हांफ रहे थे और हंस रहे थे.
कुछ देर बाद वापस से मेरा चुदाई का मन हुआ, तो मैं बोला कि इस बार मुझे आपकी गांड मारनी है.

वे मना करने लगीं कि नहीं, आज तक मैं नहीं मरवाई … दर्द होगा.
पर मेरा मन था.

मैं बोला- देखो अभी मजा आया न … विश्वास रखो, पीछे करवाने में भी मजा आएगा.
वे राजी हो गईं.

मैं तेल लेकर उनकी गांड में लगाने लगा.
गांड में उंगली भी की.

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काफी देर बाद मैं लंड घुसाने लगा था तो लंड नहीं घुस रहा था.
मैं तेल को टपकाते हुए लंड पेलने लगा.
तो कुछ सफलता मिली.

कुछ देर बाद मैं बोला कि आसन बदल कर करते हैं.
अब मैंने उन्हें काऊगर्ल पोजीशन में ले आया.

वे जैसे ही लंड पर बैठीं, झट से उठ गईं और बोलने लगीं- बहुत दर्द हो रहा है, गांड नहीं … चूत मार ले प्लीज़.

पर मुझे तो गांड ही मारनी थी.
मैं बोला- शुरू शुरू में होगा मेरी जान. कोशिश तो करो.

वह बैठ गईं तो थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया.
मैंने उनके हाथ को पकड़ लिया.
अब मैं उन्हें थोड़ा और नीचे खींच कर लंड पेल कर उनके बूब्स पकड़ लिए.

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वे कराहती रहीं और मैं वापस से उनके दूध मसलने लगा.

वे जरा सामान्य हुईं और दूध मसलवाने का मजा लेने लगीं.
तो मैंने उसी समय मौका देख कर झटका देकर आधा घुसा दिया.

वे तड़फ उठीं पर मैंने उन्हें उठने ही नहीं दिया.
फिर धीरे धीरे कुछ झटकों में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
वह ऊपर नीचे नहीं हो रही थीं.

मैंने आंटी की चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया.

अब उन्हें भी अच्छा लगने लगा था.
उनकी चूत भी गीली होने लगी थी.
वे खुद से ही ऊपर नीचे होने लगी थीं.

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इंडियन आंटी की मस्ती से गांड चुदाई होने लगी.

फिर जब मेरा काम होने वाला था तो वे काफ़ी तेज़ तेज़ आगे पीछे होने लगीं.

कुछ 5-6 मिनट बाद हम दोनों का हो गया.
हम दोनों सो गए.

अगले दिन मैंने अपना लंड देखा, तो वह छिल गया था.
बाद में लंड ठीक हो गया.

अब हम लोग रोज एक बार सेक्स कर लेते थे.

एक बार हम दोनों ने उस समय टॉयलेट में सेक्स किया, जब उनके पति घर में ही थे.

कुछ समय बाद काम की वजह से आंटी की पूरी फ़ैमिली दूसरी सिटी में शिफ्ट हो गई.
उसके बाद हम दोनों नहीं मिले.

आपको मेरी पड़ोसन इंडियन आंटी पोर्न सेक्स कहानी कैसी लगी. प्लीज बताएं.

फीडबैक जरूर देना.
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