advertisement
advertisement
तुमने गलत किया ये बहुत
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरे पिताजी हमेशा से चाहते थे कि मैं उन्हीं की तरह रेलवे में काम करूं, मेरे पिताजी ने रेलवे में अपना पूरा जीवन दिया और जब वह रिटायर आ गए तो उसके बाद उन्होंने मुझे कहा कि बेटा मैं चाहता हूं कि तुम भी मेरी तरह रेलवे की नौकरी करो। मेरे बड़े भैया बैंक में नौकरी करते हैं लेकिन मेरे पिताजी हमेशा मुझे कहते हैं कि तुम्हारे भैया तो अब सेटल हो चुके हैं लेकिन तुम्हें मेरी तरह ही रेलवे में नौकरी करनी है और मैं चाहता हूं कि तुम रेलवे में काम करो, मैं भी अपनी तैयारी में लग गया मेरे कॉलेज पूरे हुए दो वर्ष हो चुके थे और मैं नौकरी की ट्राई कर रहा था लेकिन मैं अब तक हर बार पेपर में फेल हो जाता लेकिन इस बार मुझे पूरी मेहनत करनी थी और इसके लिए मैंने एक कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन कर लिया, मैं वहां पर ज्यादा मेहनत करने लगा, मेरी तैयारी पहले से बेहतर होने लगी थी और मुझे इस बार पूरा भरोसा था कि मैं जरूर पेपर में पास हो जाऊंगा क्योंकि मैंने बहुत ज्यादा मेहनत की थी मेरा सेंटर लखनऊ में पड़ा था मुझे लखनऊ के बारे में ज्यादा पता नहीं था इसलिए मैंने पापा से पूछा तो वह कहने लगे लखनऊ में मेरे एक मित्र है यदि तुम्हें कोई मदद चाहिए तो मैं उन्हें फोन कर देता हूं, मैंने अपने पापा से कहा नहीं मैं चला जाऊंगा यदि मुझे कोई परेशानी होगी तो मैं आपको फोन कर दूंगा और वैसे भी आपके मित्र वहां पर है ही, वह कहने लगे हां बेटा यदि तुम्हें कोई परेशानी हो तो तुम बता देना।

पापा ने मेरा रिजर्वेशन करवा दिया और मैं लखनऊ के लिए निकल गया मेरा पेपर 12:00 बजे से था और मेरी ट्रेन सुबह 9:00 बजे लखनऊ पहुंचने वाली थी, मैं जब लखनऊ पहुंचा तो मैंने सोचा मैं फ्रेश हो लेता हूं क्योंकि ट्रेन भी बिल्कुल सही समय पर लखनऊ पहुंच गई थी मैंने रेलवे स्टेशन के बाथरूम में ही फ्रेश होने की सोची और वहां पर मैं तैयार हो गया, मैं जब स्टेशन से बाहर निकला तो उस वक्त 10:00 बज चुके थे मैंने सोचा पहले कुछ खा लिया जाए, मैं स्टेशन के बाहर खड़ा होकर इधर-उधर देखने लगा तभी मुझे सामने एक छोटा सा ढाबा दिखाई दिया मैंने सोचा चलो यहां पर ही नाश्ता कर लिया जाए मैं जब उस ढाबे पर गया तो वहां पर काफी भीड़ थी क्योंकि सुबह का वक्त था इसलिए उस वक्त वहां पर काफी लोग थे।

मैंने दुकान में काम करने वाले लड़के से कहा कि मेरे लिए भी नाश्ता लगा देना, वह कहने लगा आपके लिए नाश्ते में क्या लगाना है तो मैंने उससे कहा अभी इस वक्त क्या मिल सकता है तो वह कहने लगा यहां पर परांठे और छोले पूरी मिल जाएंगे, मैंने उसे कहा चलो तुम एक प्लेट छोले पूरी लगा दो उसने मेरे लिए एक प्लेट लगा दी मैंने नाश्ता किया और उसके बाद मैंने सोचा अब मुझे निकल लेना चाहिए। मैंने वहीं खड़े एक ऑटो वाले से पूछा कि भैया क्या आप मुझे इस पते पर पहुंचा सकते हैं, वह कहने लगा मेरा तो यही काम है, मैंने कहा लेकिन वहां का किराया कितना होगा तो उसने मुझे कहा वहां मैं आपको 200 में छोड़ दूंगा, मैंने उसे कहा लेकिन 200 तो काफी ज्यादा है, वह कहने लगा तो फिर मैं एक और सवारी देख लेता हूं यदि मुझे कोई दूसरी सवारी मिले तो आप मुझे 100 रुपये दे देना, मैंने उससे कहा चलो ठीक है हम लोग यहां इंतजार कर लेते हैं। इत्तेफाक से उस ऑटो वाले को एक सवारी मिल गई और वह एक लड़की थी मैंने जब उस लड़की को देखा तो मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ कि वह लड़की भी उसी सेंटर में जाने वाली है जिसमें मेरा एग्जाम था, ऑटो वाला कहने लगा चलो भैया जल्दी से बैठ जाओ, मैंने उसे कहा हां तो फिर आप जल्दी से हमें छोड़ दीजिए। मैं ऑटो में बैठ गया मैं उस लड़की की तरफ देख रहा था लेकिन उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा मैंने सोचा कि चलो इससे बात कर ली जाए परंतु मेरी हिम्मत ही नहीं हुई, पर मैंने हिम्मत करते हुए उससे बात कर ली मैंने उससे पूछा आपका नाम क्या है? वह कहने लगी मेरा नाम सुहानी है। उसने मेरा नाम पूछा मैंने उसे कहा मेरा नाम रोहित है, वह कहने लगी आप कहां के रहने वाले हैं? मैंने उसे कहा मैं इंदौर का रहने वाला हूं। वह कहने लगी मैं भी तो इंदौर में ही रहती हूं, मैंने उसे कहा यह तो बड़ा ही अजीब इत्तेफाक है, मैंने उसे पूछा क्या आपका भी यहां एग्जाम है? वह कहने लगी हां मैं भी अपना रेलवे का एग्जाम देने ही आई हूं।

मेरी तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नहीं था क्योंकि एक तो मुझे मेरे शहर की लड़की मिल गई थी और दूसरा उसका भी सेंटर वहीं पर था जहां पर मेरा सेंटर था, मैंने उससे पूछा क्या तुम अकेली आई हो? वह कहने लगी हां मैं अकेली ही आई हूं क्योंकि पापा के पास समय नहीं था और मम्मी घर के कामों में बिजी रहती है इसलिए मैंने सोचा मैं अकेले ही पेपर दे आती हूं। मैंने उसे कहा तुम तो बहुत ही साहसी लड़की हो, वह कहने लगी इसमें साहस की क्या बात है मुझे तो पेपर देने आना ही था, मैंने जब उसे बताया कि मेरे पापा भी रेलवे में थे तो वह कहने लगी तब तो तुम्हें जरूर कोई हेल्प मिल गई होगी, मैंने उसे कहा मैंने इससे पहले भी एग्जाम दिया था लेकिन मैं पास नहीं हो पाया, वह कहने लगी चलो इस बार तुम जरूर पास हो जाओगे, सुहानी ने मुझे कहां चलो इस बार हम दोनों का पेपर जरूर क्लियर हो जाएगा। हम दोनों अपने सेंटर में पहुंच गए मैंने जब टाइम देखा तो आधा घंटा बचा हुआ था क्योंकि 15 मिनट पहले ही हमें अपने एडमिट कार्ड दिखाने थे और हम लोग आधा घंटा पहले ही वहां पहुंच गए, सुहानी और मैं आपस में बात करने लगे, सुहानी मुझसे पूछने लगी कि तुमने तो इससे पहले भी पेपर दिया था क्या तुम मुझे बता सकते हो कि पेपर कैसा आता है, मैंने उसे कहा मैं तो कुछ ही नम्बरो से रह गया था लेकिन इस बार मैं पूरी पढ़ाई कर के आया हुआ हूं और इस बार तो मेरा पेपर जरूर क्लियर हो जाएगा, सुहानी कहने लगी हां तुम्हारा पेपर इस बार जरूर क्लियर हो जाएगा।

अब टाइम आ चुका था हम लोगों ने अपने एडमिट कार्ड दिखाएं और एग्जाम रूम में चले गए, सुहानी की सीट मुझसे कुछ आगे पर ही थी जैसे ही मेरा पेपर खत्म हुआ तो मैंने अपनी आंसरसीट सबमिट करवा दी और उसके बाद मैं एग्जाम सेंटर से बाहर चला आया मैं बाहर खड़े होकर चाय पी रहा था तभी सुहानी भी मेरे पीछे से आ गई, सुहानी मुझे कहने लगी क्या तुम आज यहीं रुकने वाले हो, मैंने सुहानी से कहा आज तो यहीं रुकना पड़ेगा क्योंकि आज वापस जाना संभव नहीं है, सुहानी कहने लगी तब तो मुझे भी आज यहीं रुकना पड़ेगा। मैंने सुहानी से कहा कि क्या तुम यहां किसी को नहीं जानती? वह कहने लगी नहीं मैं लखनऊ में किसी को भी नहीं जानती। मैंने उसे कहा तो फिर हम लोग किसी होटल में रुक जाते हैं, सुहानी कहने लगी चलो हम लोग कोई होटल में रूम देख लेते हैं। हम दोनों वहां से चले गए और मैंने एक होटल में रूम के बारे में पूछा तो वहां पर मुझे ठीक लगा क्योंकि वहां पर किराया काफी कम था हम लोगों ने दो रूम ले लिए और मुझे तो बहुत तेज भूख भी लग चुकी थी मैंने सुहानी से कहा कि हम लोग फ्रेश हो जाते हैं उसके बाद खाना खाने चलते हैं, वह कहने लगी ठीक है मैं बस अभी फ्रेश होकर आती हूं जब वह फ्रेश होकर आई तो हम दोनों खाना खाने के लिए चले गए, हम दोनों ने साथ में डिनर किया।

सुहानी और मैं उसके बाद होटल में चले गए सुहानी मुझे कहने लगी आओ हम लोग साथ में बैठ जाते हैं हम दोनों साथ में बैठ गए और एक दूसरे की पर्सनल लाइफ के बारे में बात करने लगे। सुहानी मुझे कहने लगी मैं अभी चेंज कर लेती हूं क्योंकि मुझे थोड़ा अनकंफरटेबल सा लग रहा है वह अपने कपड़े चेंज करके मेरे सामने आ गई। उसने एक छोटे से निक्कर पहनी थी वह मेरे साथ में बैठकर बातें करने लगी हम दोनों बातें कर रहे थे तब मैंने देखा उसके बड़े-बड़े स्तन उसक ढिली सी  टी शर्ट से बाहर की तरफ को दिख रहे है मैं उसे बड़े ध्यान से देखने लगा। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे क्या देख रहे हो मैंने उसे कहा तुम्हारा सामान मुझे दिखाई दे रहा है। वह समझ गई और अपने स्तनों को ढकने लगी। मैंने उसे कहा तुम्हारे स्तन इतने अच्छे है मुझे देखने दो, मुझे देखने में बड़ा अच्छा लग रहा है। मेरा मूड खराब हो चुका था मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसे अपने नीचे लेटा दिया। मैं उसके होठों को चूमने लगा सुहानी छटपटने लगी लेकिन मुझे तो उसके साथ सेक्स करना ही था। वह मुझे कहने लगी तुम यह सब मत करो लेकिन मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसके स्तनों को मैं अपने हाथों में लेकर चूसने लगा। उसके निप्पलो को जब मैंने अपने होठों में लेकर चूसा तो उसे भी अच्छा लगने लगा था जब मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो उसकी चिकनी चूत से पानी बाहर निकलने लगा। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाते हुए अंदर की तरफ धकेलना शुरू कर दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो उसकी खून की धार बाहर की तरफ निकल पडी।

जब मै अपने लंड को अंदर बाहर करता तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होता मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगा उसके मुंह से चीख निकलती जाती। जब उसके मुंह से चीख निकलती तो मेरी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लग जाती। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए और भी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए उसकी चूत का छेद बड़ा ही टाइट था इसलिए मैं उसके साथ सिर्फ 5 मिनट तक की संभोग कर सका। यह मेरा दूसरा मौका था इससे पहले मैंने अपने पड़ोस की कमला को चोदा था लेकिन उसकी चूत ढिली थी परंतु सुहानी की चूत बडी ही टाइट और मुलायम थी इसलिए मुझे उसे चोदने में बड़ा मजा आया। जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो वह रोने लगी और कहने लगी तुमने मेरे साथ बहुत गलत किया। मैंने उसे समझाते हुए कहा देखो सुहानी यह तो एक न एक दिन होना ही था और मैं उसे समझाने में कामयाब रहा। उसके बाद हम दोनों वापस इंदौर लौट आए इंदौर में भी मैंने उसके साथ बहुत बार सेक्स किया लेकिन अब वह किसी और के साथ रिलेशन में है।

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement