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ऑफिस के जूनियर को
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मेरा नाम शालिनी है मैं मुंबई की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है, मेरी शादी को अभी दो वर्ष ही हुए हैं। मैं एक बड़ी कंपनी में काम करती हूं और मुझे इस कंपनी में काम करते हुए एक वर्ष से ऊपर हो चुका है, यह कंपनी मैंने अपनी शादी के बाद ही ज्वाइन की है। मेरे पति का नाम अजय है, वह एक कंपनी में मैनेजर हैं और उनकी कंपनी भी बहुत बड़ी है। जब से हम दोनों की शादी हुई है उसके बाद से हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत ही कम समय दिया है क्योंकि मैं भी अपने काम में बिजी रहती हूं और अजय भी अपने काम में बिजी रहते हैं, इस वजह से हम दोनों को एक दूसरे के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। मैं कई बार  सोचती हूं कि हम दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी वक्त नहीं दे पा रहे हैं, मैंने इस बारे में अजय से भी बात की परंतु वह भी मुझे यही कहता है कि हम दोनों एक दूसरे को समय नहीं दे पा रहे हैं।

हमने बीच में कोशिश भी की कि हम दोनों एक दूसरे के लिए समय निकालें परंतु ऐसा संभव नहीं हो पाया क्योंकि मुंबई के इतनी भागदौड़ भरी जिंदगी है कि अपने लिए समय निकालना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। हम दोनों के ही ऑफिस हमारे घर से बहुत दूर है और हमें वहां तक जाने में काफी समय हो जाता है, हमारे आने जाने में ही दो-तीन घंटे लग जाते हैं और उसके बाद घर आकर हम दोनों थक जाते हैं। यह घर भी हमने कुछ समय पहले ही लिया है। अजय के माता पिता बेंगलुरु में रहते हैं, अजय और मैंने शादी के बाद यह घर लिया है इसलिए हम दोनों ही इस घर की किस्त भर रहे हैं। हम दोनों को ज्यादा काम करना पड़ता है क्योंकि जो हमने घर लिया है वह बहुत ही महंगा घर है और उसकी क़िस्त निकालने के लिए हमें काम करना पड़ता है।

जिस दिन अजय के पास वक्त होता उस दिन मेरे पास समय नहीं होता था और जब मैंने अजय से बात कि, यदि तुम्हारे पास समय है तो हम लोग कहीं घूमने के लिए चलते हैं, तो उस वक्त अजय मुझे कहता कि मैं अभी अपने काम पर बिजी हूं इसलिए अब हम दोनों बिल्कुल भी एक दूसरे का साथ नहीं दे पा रहे थे और सिर्फ अपने घर के एम आय निकालने के लिए लगे हुए थे और हमारे खर्चे भी बहुत ज्यादा हो गए थे। मेरे ऑफिस में ही एक लड़का है उसका नाम संजय है,  ऑफिस में मैं थोड़ा बहुत समय निकाल लेती थी तो संजय और मैं साथ में बैठते थे। वह मुझसे जूनियर है लेकिन हम दोनों के बीच में बात हो जाती है। संजय मुंबई का रहने वाला है और संजय को इस कंपनी में काम करते हुए अभी सिर्फ दो महीने ही हुए हैं इसलिए वह हमेशा ही मुझसे मदद लेता रहता है और जब भी उसे कुछ काम होता है तो वह मेरे पास पूछने के लिए आ जाता है क्योंकि अभी वह कम्पनी में नया है इसलिए उसे पूरी तरीके से काम के बारे में पता नही है। एक दिन संजय और मैं हमारे ऑफिस की कैंटीन में बैठे हुए थे, वहां पर हम दोनों ने कॉफी ऑर्डर की और हम दोनों आपस में बात कर रहे थे। संजय ने मुझसे पूछा कि आपकी शादी को कितना समय हो चुका है, मैंने उसे बताया कि मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं। वह मुझसे पूछे लगा कि आप लोगों की लाइफ तो बहुत अच्छे से चल रही होगी क्योंकि आप एक अच्छे पोस्ट पर हैं और आपके पति भी एक अच्छी कंपनी में नौकरी करते हैं, मैंने उसे कहा कि तुम्हें यह शायद अच्छा लग रहा होगा परंतु हम दोनों बिल्कुल भी एक दूसरे के साथ खुश नहीं है, वह मुझसे पूछने लगा  की आप दोनो तो अच्छा कमाते हैं और अभी आपके बच्चे भी नहीं है तो आप दोनों किस प्रकार से खुश नहीं है, मैंने जब संजय को सारी बात बताई तो वह कहने लगा क्या आप लोग वाकई में दूसरे को समय नहीं दे पाते हो, मैंने जब संजय से कहा कि जितनी बात मैं तुमसे कर रही हूं शायद इतनी बात मेरी मेरे पति से भी नहीं होती है। संजय मुझे बहुत ही अच्छा लगता है लेकिन वह मुझसे उम्र में छोटा है इसलिए मैं उससे ज्यादा अपने रिलेशन के बारे में बात नहीं कर सकती। मैंने भी एक दिन उसे पूछ लिया, क्या तुम्हारी कॉलेज में कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी।

वह कहने लगा कि मेरी तो अब भी गर्लफ्रेंड है और मैं उससे बात करता हूं, मैंने उसे कहा कि अब तुम्हारी शादी की क्या प्लानिंग है, वह कहने लगा कि अभी तो मैंने इस बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचा लेकिन आगे पता नहीं क्या होता है, अभी फिलहाल मैं कुछ समय नौकरी करना चाहता हूं उसके बाद ही मैं इस बारे में सोच पाऊंगा। संजय मुझसे अपनी हर बात शेयर करता है। जब कभी मैं ऑफिस से घर के लिए जाती हूं तो वह मुझे ड्रॉप भी कर देता है, मैं अपने काम में ही लगी रहती हूं। एक दिन मैं अपने लैपटॉप में काम कर रही थी उस वक्त अजय मुझसे कहने लगा कि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, मैंने उसे कहा कि तुम्हें मुझसे क्या बात करनी है, वह कहने लगा कि मैं सोच रहा हूं क्यों ना हम लोग कभी आउटिंग पर बाहर जाएं। मैंने उसे कहा आज तुमने यह बात कैसे कह दी, वह कहने लगा कि तुम थोड़ा समय निकाल लो क्योंकि मुझे तुम्हें किसी को मिलाना है। मैंने उसे कहा ठीक है हम लोग चल पड़ेंगे, मैं ऑफिस से जल्दी छुट्टी ले लूंगी और तुम्हारे साथ चलुंगी। अगले दिन मैं ऑफिस से जल्दी आ गई और अजय घर पहुंच चुका था, मैं जब घर पहुंची तो अजय और मैं तैयार होकर चले गए।

जब अजय ने मुझे अपने ऑफिस की एक लड़की से मिलाया तो मुझे लगा शायद वह उसकी दोस्त है, अजय और गौतमी बहुत अच्छे से बात कर रहे थे। मुझे समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि इन दोनों के बीच में कुछ तो चल रहा है इसलिए मैंने उस वक्त अजय से इस बारे में बिल्कुल भी बात नहीं की, मैं अजय को कोने में ले गई और उसे पूछने लगी कि क्या तुम मुझे इस लड़की से मिलाने के लिए लाए थे। वह कहने लगा कि गौतमी की आज छुट्टी थी इसलिए वह भी मुझे कहने लगी कि मैं भी आपके साथ चलूंगी इसलिए मैं उसे अपने साथ ले आया लेकिन मुझे यह बात समझ आ चुकी थी कि अजय और गौतमी के बीच में कुछ तो चल रहा है लेकिन मैं गौतमी को यह बात नहीं कह सकती थी इसलिए मैंने उसे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और जब हम लोग घर आ गए तो मैंने अजय से कहा कि तुम मुझे आगे से कभी भी गौतमी से मत मिलवाना। अब मुझे समझ आ गया था कि मेरे पति और गौतमी के बीच में रिलेशन चल रहा है। मैंने जब उनकी फोन डिटेल चेक की तो उसमें वह दोनों बहुत ज्यादा बात करते हैं, मैं इस बात से बहुत दुखी थी लेकिन मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आया कि मुझे अजय से इस बारे में अच्छे से बात करनी चाहिए क्योंकि इसमें मेरी भी गलती है, मैंने भी अजय को बिल्कुल वक्त नहीं दिया और अब उसके बाद मैं भी अपने ऑफिस के कामों में ही लगी रही। मैं ऑफिस के काम में ही बिजी रहती थी। एक दिन संजय मेरे पास आया और वह कहने लगा कि आजकल आप मुझसे बिल्कुल बात नहीं कर रही है, मैंने उसे कहा कि तुम तो देख ही रहे हो कि कितना काम रहता है इसी वजह से मैं तुमसे बात नही कर पा रही हूं। कुछ देर बाद अब हम दोनों बात करने लगे थे। एक दिन मैंने संजय को अपने पति के ऑफिस में काम करने वाली लड़की, गौतमी के बारे में बताया तो वह कहने लगा यह तो बहुत ही गलत हुआ, मुझे संजय से बात करके बहुत अच्छा लगता था और उस दिन उससे बात करके मुझे बहुत हल्का लगा। मैं जब भी ऑफिस में होती तो संजय से ही बात करती थी और घर में भी जब मुझे वक्त मिलता तो मैं संजय को फोन कर लिया करती थी।

संजय मेरी भावनाओं को बहुत अच्छे से समझने लगा था मुझे भी उससे बात कर के अच्छा लगता था। एक दिन अजय कहीं बाहर गए हुए थे तो मैंने उसे अपने घर पर बुला लिया। जब वह घर पर आया तो कहने लगा कि आज आपने मुझे अपने घर पर क्यों बुला लिया। मैंने उसे कहा कि आज मैं बहुत ही उदास हूं और मेरा आज मूड बहुत खराब हो रहा है। मैंने उस से वाइन शॉप से शराब मंगा ली। मैंने बहुत ज्यादा शराब पी ली थी उस दिन मुझे बहुत नशा हो गया। संजय मेरे सामने बैठा हुआ था और मैंने उसके लंड को हिलाते हुए अपने मुंह में ले लिया। मै उसके लंड को चूसने लगी मैंने उसके लंड से पानी निकाल दिया। उसने भी मुझे अपने नीचे लेटा दिया और मेरे कपड़े खोल दिए। वह मेरे होठों को बहुत अच्छे से चूस रहा था और कुछ देर बाद मेरे स्तनों को भी चूसने लगा। उसने मेरे स्तनों का बहुत अच्छे से रसपान किया और मेरे स्तनों पर दांत के निसान भी मार दिए। उसने मेरे दोनों पैरों को चौड़ा किया और मेरी योनि को चाटने लगा उसे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने जैसे ही अपने लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्ला उठी और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मुझे इतना अच्छा महसूस हो रहा था कि मैं उसका पूरा साथ दे रही थी। मैं अपने पैरों को चौड़ा कर लेती और वह मुझे बड़ी तेजी से चोदता। उसने मुझे इतनी तेजी से झटके मारे की मेरा पूरा शरीर दर्द होने लगा। वह इस प्रकार से मुझे चोदता तो मुझे अच्छा लगता। संजय का लंड मेरी योनि में जाता तो मुझे बहुत अच्छा प्रतीत होता। संजय कहने लगा कि मैडम आपकी चूत मार कर मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। उसने मुझे घोड़ी बना दिया जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी योनि में डाला तो मैं चिल्ला उठी। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था लेकिन हम दोनों की रगडन से जो गर्मी पैदा हो रही थी वह हम दोनों से ही झेली नहीं गई और हम दोनों ही एक साथ झड गए। जैसे ही संजय का वीर्य मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा लगा और उसका माल बहुत ज्यादा गर्म था।

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