advertisement
advertisement
भाइयों ने मुझे रंडी बनाया
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

हेल्लो.. मेरा नाम सीमा हें, मे 21 साल की हूँ. आज मे आप को अपनी बर्बादी की कहानी सुनाने जा रही हूँ की केसे मे बच्ची से रंडी बन गयी। जब मे 10 साल की थी तब मेरी मम्मी का स्वर्गवास हो गया था. तब मेरे पिताजी ने एक और औरत से शादी कर ली जिसको दो लड़के थे अरुण जो की मुझसे 4साल बड़ा है और वीरन मुझसे 5 साल. मेरे पिताजी काम पर चले जाते थे. मेरी सोतेली माँ मुझ पर बहुत जुल्म करती थी. मुझसे सारे घर का काम करवाती थी और मारती भी थी

 उसने मेरे पिताजी को यह कह कर की मेरी पढ़ाई पर बहुत पैसे लगाते हैं और वेसे भी लडकी जात पढ़ कर क्या करेगी, जब मे 10th क्लास मे थी तभी मुझे स्कूल से भी निकलवा दिया.
 
ये उस वक़्त की बात है जब मे 16 साल की थी मे एक दम गोरी थी16साल की उम्र मे बहुत चिकनी हो गयी थी. मेरे बोब्स छोटे मगर बिल्कुल टाईट हो गये थे. मेरी कमर एक दम पतली और पेट एक दम फ्लॅट था. मेरी चूत और गांड के छेद एक दम टाइट और बिल्कुल छोटे थे. चूत एकदम गुलाबी है और उस पर एक भी बाल नही था. एकदम चिकनी हाथ रखो तो फिसल जाए. मेने महसूस किया की मेरे सोतेले भाई मुझ पर गंदी नज़र रखने लगे थे।
वो मेरे बोब्स और गांड को घूर घूर के देखते, लेकिन मेने उन्हे यह पता नही लगने दिया की मुझे पता है की वो मुझे देखते हैं. उन्ही दिनो मेरी माँ का भाई मर गया जिसकी वजह से मेरे पिताजी, मेरी माँ और अरुण को एक हफ्ते के लिए जाना पढ़ गया लेकिन वीरन किसी ज़रूरी काम की वजह से ना जा सका जो मुझे बाद मे पता चला की उसने बहाना बनाया था. उसे कोई ज़रूरी काम नही था।
 
जिस दिन मेरे घर वाले गये उस दिन रात को खाने के बाद जब मे सोने चली गयी तो रात को 12 बजे वीरन मेरे कमरे मे आया और मुझे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी. मे बहुत खुश हुई पहली बार मेरे भाई ने मुझे कुछ दिया है. मुझे उस कोल्ड ड्रिंक का टेस्ट कुछ अलग लगा लेकिन मे वो पी गयी. उसके 10 मिनट बाद मेरी हालत खराब होने लगी. मुझसे हिला तक नही जा रहा था. मे बेड पर लेटी हुई थी. बोलने मे भी दिक्कत हो रही थी. मेने बहुत मुश्किल से वीरन से कहा की मेरी हालत खराब हो रही है तो उसने कहा की वो तो होगी क्युकी मेने कोल्ड ड्रिंक मे दवा डाली थी जिससे तू 9,10घंटो तक अपनी उंगली तक नही हिला सकेगी और ना ही ज्यादा ज़ोर से बोल सकेगी… मेने उस से पूछा की भैया आपने ऐसा क्यों किया? तो वो बोला की बहुत दिनो से तेरे चिकने बदन को चोदने का मन कर रहा था. यह सुन कर मे हेरान रह गयी।
 
मे बेड पर लेटी हुई थी और ज़रा सा भी हिला नही जा रहा था. फिर वो मेरे पास आया और मेरी कमीज़ उतारने लगा. मेने उसे बोला की भैया भगवान के लिए ऐसा ना करो.. तो वो बोला की आज तो मे तुझे रंडी बना के ही रहूंगा… फिर उसने मेरा पजामा भी उतार दिया. अब मे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी. वीरन ब्रा के उपर से ही मेरे बोब्स दबाने लगा. उसने कहा की तेरे चिकने बदन पर तो हर लंड फिदा हो ज़ाये… थोड़ी देर बाद उसने मेरी ब्रा और पेंटी भी उतार दी. फिर वीरन ने मेरी दोनो टांगो को फेला दी और अपने कपडे उतार कर बिल्कुल नंगा हो गया. अब मुझसे बोला भी नही जा रहा था. जब मेने उसका लंड देखा तो बिल्कुल हेरान रह गयी की किसी का इतना बड़ा लंड भी हो सकता है. उसका लंड 9” लंबा और 2.5” मोटा था. वो मेरा मुहं खोल के उसमे अपना इतना बड़ा लंड डालने लगा और कुछ देर बाद पूरा लंड डाल कर झटके देने लगा. हर झटके मे उसका लंड मेरे गले तक पहुच जाता जिससे मुझे साँस लेने मे दिक्कत होने लगी।
 
कुछ देर बाद वो मेरे मुहं मे ही झड़ गया और अपना लंड मेरे मुहं मे उस समय तक डाला रखा जब तक मे उसके वीर्य को निगल ना गयी. उसके बाद उसने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत के सुराख पर रख दिया और अपने दोनो हाथों से मेरी पतली कमर पकड़ ली. अब मे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार थी. उस बहनचोद ने पूरी ताक़त से अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया. उस दर्द से मेरी आँखे पूरी तरह से खुल गयी लेकिन चीख नही निकल सकी. फिर उसने एक और ज़ोरदार झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी छोटी चूत मे घुसा दिया और मेरी सील तोड दी. दर्द से मेरी आँखों से आँसू निकल आए. उसके बाद उसने मुझ पर ज़रा भी रहम नही खाया और जोर ज़ोर से झटके मार के मेरी चूत मे ही झड़ गया और मेरे उपर गिर गया।
 
कुछ देर बाद वो वापस उठा और मेरे मुहं मे अपना लंड डाल दिया और कुछ देर बाद अपना लंड मेरे मुह से निकाल कर वापिस पूरी शक्ति से मेरी चूत मे डाल दिया. मे फिर दर्द से कांप उठी. मे ऐसे मे कई बार झरी. उसने मुझे उस रात कई बार चोदा और इतनी बुरी तरह से चोदा की मे रात को बेहोश हो गई. अगले दिन जब मेरी आँख खुली तो मे बेड पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी. शाम के 5 बज रहे थे. लेकिन अब उस दवा का इफेक्ट खत्म हो गया था. मे उठी तो दर्द से चला भी नही जा रहा था. बेड पर मेरा और वीरन का वीर्य गिरा हुआ था और साथ मेरी चूत से निकला हुआ खून भी था. मे बहुत मुश्किल से उठी और आईने के सामने आई. मेने देखा की मेरी चूत फूल गयी थी और एक दम लाल हो गई थी. मेने नंगी ही घर मे देखा लेकिन वीरन घर मे नही था और दरवाजा भी बंद था।
 
उसके बाद मेने गर्म पानी से शावर लिया. मे जब बाहर आई तो देखा की वीरन वापिस आ गया है और टीवी देख रहा है. हमारे घर मे सब के पास मैं दरवाजे की एक्सट्रा चाबी हैं. मेने उस समय सिर्फ़ टावल लपेटा हुवा था. वीरन ने मुझे अपने पास बुलाया. मे उस से आँख नही मिला पा रही थी. उसने मुझे अपने पास सोफे पर बेठने को कहा और उसने टीवी पर कुछ लगाया जिसे देख कर मे शक मे आ गयी. मूवी मेरी ही चुदाई की थी. फिर वीरन ने मुझे बोला की अगर मेने किसी को बताने की कोशिश की तो ये मूवी पिताजी को दिखा दूंगा और बोलूगा की तुम अपनी मर्ज़ी से मुझ से चुदी हो… ये सुनकर मे डर गयी. और उसने कहा की जब तक घरवाले वापस नही आ जाते तू नंगी ही रहेगी… अगर मुझे तेरे बदन पर एक भी कपडा नज़र आया तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा…
फिर उसने मेरे बदन से टावल खींच कर मुझे नंगा कर दिया. उसने मुझसे खाना भी नंगा ही बनवाया. खाना खाने से पहले उसने अपना लंड मेरे मुहं मे डाल दिया और झटके मारने लगा और जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य मेरे खाने पर गिरा दिया और बोला चल रंडी इसे खा जा.. मुझे खाना पड़ा. रात के 8 बज चुके थे उसने मुझे बेड पर जाने को कहा, मे समझ गयी और चुप चाप चली गयी. थोड़ी देर बाद वो आया और उसने अपने लंड पर तेल लगाया और मुझे कुत्तिया की तरह बनने को कहा. मे डर के मारे उसकी हर बात मान रही थी. फिर उसने पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और आहिस्ता2 अंदर डालने लगा. अब मुझे और दर्द होने लगा और मे आआआआः ऊऊऊऊः ईईईईईईईईई करने लगी. अभी उसका लंड तोडा ही अंदर गया था की उसने एक ज़ोर का झटका मारा और उसका लंड पूरा अंदर चल गया. मेरी बहुत ज़ोर की चीख निकली. वो हँसने लगा और कहा की चिल्लाती क्यूँ है अब तो तू रंडी बन गयी है… फिर वो थोड़ी देर बाद तेज़ झटके मारने लगा. कुछ देर बाद मुझे अपनी चुदाई का मज़ा आने लगा और मे झड़ गयी. ये देख कर वो बोलने लगा की हरामी तू भी मज़े ले रही है.. ! अब मे अपनी गांड पीछे कर के उसका साथ देने लगी।
 
अभी ये सब चल ही रहा था की अचानक अरुण आ गया. ये देख कर मे और वीरन डर गये क्युकी अरुण को तो 1 महीने के बाद आना था. वीरन ने मेरी चूत से अपना लंड निकाल लिया. अरुण गुस्से मे बोला की भैया ये आप क्या कर रहे हैं? वीरन कुछ नही बोला तो अरुण ने उस से कहा की भैया इस रंडी को तो मुझे चोदना था! ये सुन कर मे हेरान रह गयी और मुझे अपने कान पर यक़ीन नही आया. अरुण की बात सुन कर वीरन हंस पड़ा और कहा की मेने अभी तक इस रंडी की गांड नही मारी.. तो अरुण ने कहा की चलो इसकी गांड चोडी करते हें… अरुण ने बताया की मे मम्मी और पिताजी से एग्जाम का बहाना कर के आया था. ताकि मे इसको चोद सकू लेकिन भैया आपने इसे मुझसे पहले ही चोद दिया. मे बेड पर लेटी उन दोनो की बाते सुन रही थी. तब अरुण ने जल्दी से अपने कपडे उतार दिए. मे देख कर हेरान रह गयी की उसका लंड तो वीरन से भी बड़ा था. अरुण ने अपना लंड मेरे मुहं के सामने रखा और बोला की चल इसे चूस… मेने अरुण से कहा की अरुण भैया ऐसा ना करो तो उसने मुझे ज़ोर से एक थप्पड़ मारा और कहा की भैया का लंड तो बड़े मझे से अपनी चूत मे ले रही थी.. मुझे अपना मुहं खोलना ही पड़ा।
 
थोड़ी देर अपने लंड से मेरे मुहं मे झटके मारने के बाद अरुण ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुझे उल्टा करके मेरे पेट के नीचे एक गोल तकिया रख दिया. उतने मे वीरन तेल ले आया और मेरी गांड पेट पर तेल लगाने के बाद अरुण से बोला की फाड़ दे इस कुत्तिया की गांड!!! अरुण ने जोर ज़ोर से झटके मार कर थोड़ी ही देर मे अपना पूरा लंड मेरी गांड मे घुसा दिया और थोरी देर के लिए रुक गया. मे जोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और कहा की तुम दोनो भाइयों ने मेरा सत्यानाश कर दिया आआआआआः ऊऊऊवई हाआआआआआआआई.. मे मर गयी निकालो इसे बहनचोद…!!!! वो दोनो मेरी हालत पर हसने लगे और कहा की यह जगह लंड निकालने की नही घुसेड़ने की जगह होती है और मेरा लंड जब ही निकलेगा जब तेरी गांड पूरी तरहा से फट जाएगी !!!
अरुण ने वीरन को कहा की ये कुत्तिया तो चिल्लाती रहेगी तो रग़ड डाल इसकी गांड को…बिल्कुल रहम ना कर… अरुण ने जी भय्या कह कर मेरी गांड मे चक्की चला दी और मेरी गांड मारना शुरू कर दिया और जब तक करता रहा जब तक उसे विश्वास ना हो गया की मेरी गांड फट गयी है. फिर उसने मेरी गांड से अपना लंड निकाला और अरुण ने मुझे सीधा करके अपना लंड मेरे मुहं के सामने कर दिया और बोला की चल चूस इसे. मेने मना किया तो पीछे से वीरन ने मेरी चूत पर खींच के लात मारी जिससे मे बलबला उठी और दर्द से तडपने लगी. अरुण ने मेरे होंठो पर अपना लंड चिपकाया तो अब की बार मेने चुपचाप अपना मुहं खोल दिया और उसका लंड चूसने लगी ।
इसके बाद उन दोनो ने एक एक बार फिर से मेरी चूत को ठोका और हम सो गये. उसके बाद जब तक पिताजी और माँ नही आ गये उंन दोनो ने जम कर मेरी चुदाई की. जिस दिन पिताजी और माँ ने आना था उस पूरे दिन उंन दोनो ने मेरी बारी बारी गांड फाड़ी और आख़िर मे आईने में से मुझे मेरी गांड दिखाई।
advertisement

advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement