फक भाभी देसी स्टोरी में गाँव के दो नकारा आवारा लड़के जो आपस में सगे भाई थे, चुदाई के शौकीन थे. दोनों के लंड बड़े और मोटे थे तो गाँव की चुदक्कड़ भाभियों को उनसे चुदने में मजा आता था.
मेरे प्यारे पाठको,
मेरी पिछली कहानी थी: गाँव की बहू की चूत में लंड की होली
आज की कहानी भी एक गाँव की है.
वो गांव था रंजार गांव।
उस गांव में एक परिवार था डेरा परिवार!
घर में दो लड़के, एक लड़की, माता-पिता और एक दादी रहते थे।
दादी का नाम था कंकाला डेरा, पिताजी का नाम था राखोता डेरा, मां का नाम लज्जो डेरा, लड़कों का नाम था- पहला राजा और दूसरा गजा, लड़की थी सुम्मी।
पिताजी सरकारी नौकर थे।
उन्हें गांव-गांव घूमना पड़ता था, कभी घर आते तो कभी वहीं रुक जाते।
मां घर संभालती थी।
लड़की शर्मीली थी.
पर लड़के आफत थे, गांव को परेशान कर रखा था।
दोनों बड़े लंड वाले थे और कमीने थे।
दोनों दिन भर किसी ना किसी को चोदने का प्लान बनाते रहते, ज्यादातर जंगल में रहते।
वहां गाय-भैंस चराने जो लड़की या औरत जाती, उसे दोनों मिलकर चोदते।
बहुत सी औरतों को इन्होंने पेट से किया था।
यह Fuck Bhabhi Desi Story इन दोनों की नयी चुदाई की है.
एक दिन दोनों मंदिर के आसपास घूम रहे थे.
वहां पुजारी की बीवी दिखी।
तो दोनों ने प्लान बनाना शुरू कर दिया।
मंदिर के पीछे ही रहते थे पुजारी रमेश देव और पुजारी की पत्नी सीमा देव।
एक बोला, “तू पुजारी को संभाल, मैं पुजारिन को पेलता हूं।”
दूसरा राजी हो गया।
फिर राजा ने पुजारी रमेश को कहा, “पूजा करनी है,”
और पुजारी मान गया।
उधर गजा सीधे पुजारी रमेश के घर में घुस गया।
जाते ही उसने पुजारिन सीमा देव को अपनी बाहों में भर लिया।
एक बार को सीमा डर गई।
लेकिन वह गजा को पहचानती थी, उसके और उसके भाई के बारे में उसने गाँव की औरतों से सुन रखा था कि दोनों मस्त चुदाई करते हैं.
मन ही मन वह भी इस दोनों भाइयों की चुदाई का मजा लेना चाहती थी.
इससे पहले वह कुछ बोलती, गजा ने उसके होंठ अपने होंठों में बंद कर लिए।
सीमा कुछ सोच पाती, तब तक गजा ने उसकी साड़ी उतार फेंकी।
अब सीमा घाघरा और चोली में रह गई।
गजा ने घाघरे का नाड़ा खोलकर उसे नीचे गिरा दिया।
फिर गजा ने चोली के एक-एक हुक खोलकर दोनों चूचों को आजाद कर दिया और एक चूचा मुंह में लेकर चूसने लगा।
अब सीमा पर कामुकता छाने लगी, बदन चुलबुलाने लगा।
गजा ने चूस-चूसकर चूचे का निप्पल लाल कर दिया।
फिर गजा ने एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत का जायजा लिया, फिर उस उंगली से सहलाने लगा।
चूत को सहलाते ही सीमा के मुंह से सिसकारी निकलने लगी, “आह्ह उम्म्।”
ये आवाज सुनते ही गजा ने चूचे छोड़ दिए और सीमा को अपने हाथों में उठा लिया।
उसे ले जाकर खटिया पर रख दिया।
फिर गजा ने उसकी दोनों टांगों को फैलाया।
गजा को सीमा की गुफा नजर आ गई, जो थोड़े बालों से ढकी थी।
गजा ने बालों को अलग कर चूत के दर्शन किए, फिर अपनी जीभ उसकी चूत के दाने पर लगाई।
जीभ लगते ही सीमा गरम भट्टी की तरह तपने लगी और चूत का रस निकलना शुरू हुआ।
सीमा की चूत गीली होने लगी थी।
गजा की जीभ अब सीमा की चूत में करामात दिखा रही थी।
सीमा सब भूलकर मजा ले रही थी।
गजा भी जीभ को उसकी गांड के छेद से चूत के दाने तक घुमा रहा था।
गांड पर जीभ लगते ही सीमा अपना छेद कस देती।
एक अलग मजा उसे आज मिल रहा था, वो इसे एंजॉय कर रही थी।
वो ये भूल गई कि ये मजा पुजारी नहीं, गजा दे रहा है।
पर नशा ऐसा छाया था कि वो सब भूलकर आनंद ले रही थी।
गजा भी अब निर्वस्त्र हो गया।
खड़े होकर उसने अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर लगाया और घसने लगा।
बाहरी घर्षण से सीमा उत्तेजित हो गई; उसके बदन पर पहले ही मदहोशी छाई थी तो वो चूत पर घर्षण बर्दाश्त न कर सकी और झरने लगी।
गजा के लंड के लिए चिकनाई तैयार हो गई।
गजा ने लंड सेट कर एक करारा धक्का मारा तो चूत की हर दीवार चीरता हुआ लंड जड़ तक समा गया।
चूत काफी कसी हुई थी।
गजा समझ नहीं पा रहा था कि चूत कसी हुई कैसे।
तो उसने पूछ ही लिया, “तेरी चूत इतनी टाइट कैसे है?”
सीमा शरमाते हुए बोली, “दर्द हो रहा है, आपका बहुत बड़ा है। मेरी सारी नसें खुल गईं, लगता है मेरी मुनिया फट गई।”
गजा बोला, “नहीं रानी, अभी नहीं फटी।”
और गजा ने चोदना शुरू किया।
ठप-ठप की आवाज गूंजने लगी।
सीमा को तकलीफ हो रही थी, पर मजा ज्यादा आ रहा था।
10 मिनट की धक्कम-पेल के बाद सीमा अकड़ने लगी।
उसने गजा को दबोच लिया, अपनी उंगलियां उसके बदन में गड़ाने लगी और ‘नहीं … आह्ह’ की आवाज के साथ झरने लगी।
ये उसका दूसरी बार था।
गजा ने खुद को संभाला और चुदाई जारी रखी।
गजा ने उसे पलट दिया और पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा।
गांड पर फटकार सीमा आज पहली बार ले रही थी।
उसे अच्छा लगा।
15 मिनट की कुत्ते की तरह चोदने के बाद सीमा फिर थरथराने लगी।
गजा का भी निपटने को था।
सीमा बोली, “मैं फिर भरकर आई।”
गजा बोला, “मेरा भी हो गया, आययय्या।”
और दोनों झरने लगे।
सीमा की चूत में गजा का लंड खाली हो रहा था।
सीमा की चूत में इतना माल पहले कभी नहीं गिरा था।
दोनों थक गए थे।
कुछ देर बाद गजा कपड़े पहनकर बाहर निकल आया।
पर सीमा वैसे ही नंगी खटिया पर पड़ी थी।
गजा ने राजा को इशारा किया और राजा बोला, “पुजारी जी, मैं जरा घर जाकर आता हूं, गजा मेरी पूजा में खड़ा होगा।”
ऐसा बोलकर राजा तुरंत पीछे पुजारी के घर में घुस गया।
उसने देखा सीमा साफ-सफाई कर रही थी।
राजा ने पीछे से उसे पकड़ लिया और किस करने लगा।
उसे लगा गजा है, वो बोली, “अभी मन नहीं भरा है क्या?”
पर राजा कुछ नहीं बोला, उसने सीमा के चूचे दबाने शुरू किए, गर्दन पर किस करने लगा।
उस पर मस्ती छाने लगी, रोम-रोम खड़ा होने लगा, चूत वापस नम होने लगी, मन में गुदगुदी होने लगी, शरीर तपने लगा।
आज वो अलग नशे में थी।
राजा ने जीभ सीमा के कान के पीछे लगाई और उसे घुमाता हुआ गले तक आ गया।
ऐसा उसने 5 से 6 बार किया, सीमा पिघलने लगी।
ये क्रिया भी उसके साथ कभी नहीं हुई।
वो बोल उठी, “बहुत मजा आ रहा है।”
राजा ने उसे उसी तरह वापस झुकाया जैसे गजा ने झुकाया था, घोड़ी बना दिया, एक पैर उठाकर खटिया पर रखा।
अब उसके सामने सीमा के दोनों होल साफ नजर आ रहे थे।
उसने जीभ निकालकर पहले गांड के होल को छुआ।
वो उछल पड़ी।
राजा ने उसे कसके पकड़ा, फिर गांड के छेद को जीभ लगाई।
इस बार भी वो उछली, पर राजा तैयार था, उसने हिलने नहीं दिया और उस छेद को चाट रहा था।
एक अजीब सुरसुरी सीमा के बदन में होने लगी।
आज का अनुभव उसने कभी नहीं लिया था।
फिर राजा ने जीभ पीछे से ही चूत में घुसाई।
वो खिलखिला उठी।
ये सब हरकत करने वाला गजा है, ऐसा समझकर वो साथ दे रही थी।
राजा का लंड खड़ा हो गया था।
अब उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था।
राजा भी फटाफट नंगा हो गया, अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी चूत के मुंह पर रख, एक करारा प्रहार किया।
लंड सीधे जड़ तक पहुंच गया।
उस झटके को सीमा संभाल नहीं पाई और आगे सरक गई।
पर राजा उस्ताद था, कई औरतों को उसने अपने लंड पर नचाया था, उसने कसके उसे पकड़ रखा था।
बस लंड अंदर जाते ही धक्के पे धक्का शुरू हुआ।
राजा का धक्का जोर से लग रहा था।
सीमा बोली, “कितना करोगे? ताकत बहुत है तुझ में। आह्ह आह्ह, आराम से करो ऊऊऊ, आह्ह आह्ह, मैं आ रही हूं।”
और सीमा झरने लगी।
अब राजा ने उसे पलट दिया।
सीमा जैसे पलटी, उसे झटका लगा- ये गजा का भाई राजा था, जो उसे करीब 15 मिनट से पेले जा रहा था।
वो सुन्न हो गई थी।
एक दिन में वो दोनों से चुद गई थी।
वह कुछ कर पाती, तब तक राजा ने लंड पर थूक लगाकर सीमा के गांड के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा।
सीमा की आंखें बाहर निकल आईं।
वो छटपटाने लगी, चिल्लाने लगी।
पर सब व्यर्थ था।
राजा के हाथ से शिकार निकलना नामुमकिन था।
तुरंत दूसरा धक्का राजा ने मारा, लंड का टोपा अंदर दाखिल हुआ।
सीमा चिल्लाई, “मैं मर गई, निकालो, मेरी फट जाएगी।”
पर रहम करना राजा ने सीखा नहीं था।
राजा गांड मारने में उस्ताद था, उसने फिर एक करारा धक्का मारा, इस बार तीर निशाने में घुस चुका था।
सीमा के पिछवाड़े में राजा का सामान सेट हो चुका था।
जहां कोई नहीं गया, वहां राजा पहुंच गया था।
राजा ने उस छेद को चोदना शुरू कर दिया।
सीमा अधमरी हो गई। दर्द के मारे कसमसा रही थी।
10 मिनट पेलने के बाद गांड में लंड की जगह बन गई।
अब सीमा को भी मजा आने लगा।
गांड चोदी जाती है और चुदवाने में मजा आता है, ये राज उसने आज जाना था।
आज पहली बार सीमा दूसरे मर्द से चुदी।
एक दिन में 2 मर्दों से चुदी।
चूत के साथ गांड भी चुद गई।
वो अब साथ देने लगी।
करीब 20 मिनट बाद राजा का पानी छूटा।
लंड की पिचकारी गांड में भरने लगी, गांड फुल हुई।
राजा और सीमा थक चुके थे।
दोनों वैसे ही पड़े रहे।
कुछ देर बाद लंड सिकुड़कर बाहर निकल आया।
राजा ने उसकी साड़ी से अपना लंड साफ किया और निकल आया।
सीमा भी सावधान हो गई।
कोई और आके चढ़े, उसके पहले उसने कपड़े पहन लिए और दरवाजा लगाकर बाथरूम गई, नहा-धोकर खुद को साफ किया।
उसने चूत और गांड को हाथ लगाकर चेक किया, दोनों सूज गए थे।
उसे दर्द भी हो रहा था।
उसने कपड़े पहने और बाहर आई।
एक खटिया पर बैठकर आज जो हुआ, उसे सोचने लगी।
आज उसकी मस्त चुदाई हुई।
फक भाभी देसी चुदाई के आनन्द के बारे सोचते-सोचते वह सो गई, थक जो गई थी।
और उसका पानी भी बहुत निकला था। बदन हल्का हो गया था।
उधर राजा मंदिर पहुंचा, तब तक पूजा भी समाप्त हुई।
उन दोनों ने पुजारी के पैर पड़े, आशीर्वाद लिया।
51 रुपये देकर वहां से चलते बने।
पुजारी घर गया, दरवाजा खटखटाया।
उसकी बीवी उठी, दरवाजा डर-डर के खोला।
पुजारी को देखकर उसके जान में जान आई।
पुजारी बोला, “दो सभ्य बालक आए थे, उन्होंने पूजा करने को बोला, तो थोड़ी देर हो गई।”
सीमा मन में बोली, “पूजा का फल मुझसे ले गए।”
पर सीमा खुश थी।
आज बहुत दिनों बाद दिल खोलकर चुदाई का मजा मिला था उसे।
आगे गजा और राजा का कांड जारी रहेगा।
धन्यवाद।
यह फक भाभी देसी स्टोरी आपको कैसी लगी?