देसी चूत सेक्स कहानी में मेरे शहर की ही एक लड़की ने मुझसे ऑनलाइन कांटेक्ट करके सेक्स करने की चाह बताई. मैंने अपने दोस्त की मदद से जगह का इंतजाम कर लिया.
दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? उम्मीद है सब अच्छे होंगे।
आपने अभी तक मेरी पिछली कहानी
दो बच्चों की मां को उनके पति के सामने चोदा
को पढ़ा।
मुझे बहुत लोगों ने ईमेल किया, आप सभी ने जो प्यार मुझे दिया है मैं उसके लिए आप सब को धन्यवाद देता हूं।
जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानियों को पढ़ा है वो तो मेरे बारे में जानते हैं.
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो मेरी कहानी पहली बार पढ़ रहे हैं उन्हें मैं बता देना चाहता हूं कि मैं लखनऊ जिले के एक छोटे से गांव में रहता हूं।
इस समय मेरी उम्र 29 वर्ष है।
मेरा रंग सांवला है।
मेरे लन्ड का आकार 5.5 इंच के आसपास है और मेरे लन्ड का रंग भी काला है।
आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे आज की कहानी पर आता हूं.
यह Desi Chut Sex Kahani पूरी तरह से सच्ची है बस नाम में बदलाव किया गया है।
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो कि फैजाबाद की रहने वाली है और लखनऊ में किराए के मकान में रहकर अपनी पुलिस की तैयारी करती है।
उसकी उम्र 21-22 साल होगी.
यह बात मई 2020 की है।
उस समय कोरोना के चलते हर जगह लॉकडाउन लगा था।
काफी लोग तो शहरों को छोड़कर अपने गांव घर चले गए थे लेकिन कुछ लोग किसी वजह नहीं जा पाए थे।
उन्हीं में से एक अंजू (परिवर्तित नाम) भी थीं जो घर नहीं जा पाई थीं।
बहुत दिनों से एक ही घर में रह कर वो बहुत बोर होने लगी थीं तो उन्होंने मेरा नंबर इंटरनेट से सर्च कर निकाला और मुझे फोन किया।
मैंने कॉल रिसीव किया और उनसे बात करने लगा।
तो उन्होंने बताया कि वह कोरोना की वजह से यहां फंस गई हैं और घर नहीं जा पाईं।
उन्होंने बताया कि वो बोर हो रही थीं तो नेट से मेरा नंबर सर्च कर मुझे फोन किया है और वो मुझसे चुदवाना चाहती हैं।
मैंने कहा- ठीक है, आप जब बताइए मैं आ जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि वो चुदवाना चाहती हैं लेकिन वो मुझे पैसे नही दे पाएंगी और उनके पास चुदाई के लिए जगह भी नहीं है।
मैंने कहा कि ठीक है मैं आपसे पैसे नही लूंगा। आपको जब भी मन हो मुझे बता दीजिएगा।
वैसे जगह की दिक्कत तो मेरे पास भी थी लेकिन मैंने सोचा जो होगा देखा जाएगा।
कुछ दिन ऐसे ही बात होती रही।
एक दिन अंजू जी का कॉल आया कि 5 जून को वो मुझसे मिलने आयेंगी।
लेकिन जगह की व्यवस्था मुझे की करने को बोलीं।
फिर मैंने मेरे एक घनिष्ठ मित्र को फोन लगाया कि भाई कोई रूम की जुगाड़ कर! एक लड़की की चुदाई करनी है।
उसने पूछा कि कौन है?
मैंने उसको बता दिया की एक लड़की इंटरनेट से मिली है वो अब मुझसे चुदवाना चाहती है लेकिन जगह की दिक्कत हो रही है। लॉकडाउन की वजह से होटल में भी नहीं जा सकता।
उसने बोला- कुछ जुगाड़ करता हूं।
कुछ घंटे बाद दोस्त का कॉल आया तो उसने बताया कि उसके भाई की एक शॉप खाली पड़ी है, उस दुकान की चाबी उसके पास ही है। अगर उसमें काम बन पाए तो कर लो।
मैंने कहा- ठीक है. मैं उस लड़की से पूछ कर बताता हूं।
इतना कहकर मैंने फोन कट कर दिया।
फिर मैंने तुरंत अंजू जी को फोन कर सारी बात बता दी.
तो वो बोली- कोई भी जगह हो चलेगी, तुम बस अपने लन्ड से मेरी चूत की आग को बुझा दो।
मैंने कहा- ठीक है. आप तैयार रहना, मैं आपको लेने टाइम पर आ जाऊंगा। लेकिन मेरे साथ मेरा वो दोस्त भी आयेगा।
अंजू जी ने कहा- ठीक है, मुझे कोई दिक्कत नहीं।
मैंने कहा- ठीक है, आप अपनी चूत की सफाई करके बिल्कुल चिकनी कर लीजिएगा। मैं भी अपने लन्ड को साफ कर लूंगा।
उन्होंने हंसते हुए कहा- ठीक है, साफ कर लूंगी।
फिर फोन कट हो गया।
अब मैं रात होने का इंतजार करने लगा।
जब लगभग सभी लोग सोने लगे होंगे, तब उनका कॉल आया कि बताई गई जगह पर 30 मिनट में आ जाओ।
मैंने दोस्त को फोन किया कि भाई अपनी बाइक निकाल के घर आ जा, उस लड़की को लेने चलना है।
हम दोनों जगह पर पहुंच गए और अंजू जी को फोन लगा दिया।
फोन पर वो बोली- कहां हो?
मैंने कहा- जहाँ आपने बोला था, मैं वहीं पर खड़ा हूं। मुझे यहां पर आए हुए 5 मिनट हो चुके हैं। आप कहीं दिख नहीं रही हैं।
वो बोली- मैं वही पर तो हूं, आप किधर हो?
दरअसल मैं चौराहे की दूसरी तरफ था और वो दूसरी तरफ रोड पर खड़ी थीं।
फिर मैंने उनको बताया कि मैं रोड पर खड़ा हूं.
तब वो उस रोड पर आती दिखीं।
उन्होंने दूर से देख कर पूछा- जो बाइक पर हो, वो आप लोग ही हो क्या?
मैंने कहा- हां जी हम ही हैं, आप आ जाइए।
वैसे हमने एक दो बार वीडियो कॉल पर बात की थी लेकिन फेस टू फेस पहली बार मिल रहे थे.
और दोनों ही लोगों ने मास्क भी लगा रखे थे।
फिर वो जब हमारे बिल्कुल पास आ गईं तो मैं तो उनको देखता ही रह गया।
दोस्तो, उनका फिगर लगभग 36-34-36 का रहा होगा।
उन्होंने क्या पहना था मुझे आज तक समझ नहीं आया लेकिन उसमें से उनकी चूचियां और मस्त भरी हुई मोटी गांड गजब की लग रही थीं।
उनको देखते ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया.
मेरा तो मन कर रहा था कि उन्हें बीच चौराहे पर ही कुतिया बना कर चोद दूं।
लेकिन मैंने खुद पर काबू किया और उनको पीछे बैठने को कहा।
दोस्त बाइक चला रहा था, मैं बीच में था और सबसे आखिर में अंजू जी बैठी हुई थीं।
जब भी कोई ब्रेकर पड़ता और दोस्त ब्रेक लगाता तो उनकी मस्त मुलायम चूचियां मेरी पीठ पर कस जाती जिससे मेरे लन्ड में हलचल होने लगती।
हम आधे घण्टे बाद सुनिश्चित जगह पर पहुंच गए।
रात का समय था और कोरोना की वजह से हर तरफ सन्नाटा था।
दोस्त ने चाबी लगाकर आराम से दुकान का लॉक खोला।
हम दोनों ने शटर उठाया, पहले अंजू जी को अंदर कर दिया फिर मैं भी अंदर चला गया।
फिर दोस्त शटर बंद करके उसी के बगल वाली दुकान में चला गया।
दुकान में एक सोफा पड़ा था और एक बैनर रखा हुआ था।
दरअसल उस दुकान में पहले एक्सरे मशीन लगी थी जो कि अब हटा दी गई थी।
लेकिन उसका कुछ सामान अभी भी उसी दुकान में रखा था।
जिस टेबल पर लिटाकर एक्सरे किया जाता है, वो अभी उसी दुकान में था।
मैंने और अंजू जी ने मिलकर उस दुकान में रखे बैनर को नीचे फर्श पर बिछा लिया हालांकि फर्श पर पहले से ही मैट लगा हुआ था।
अंजू जी अपने साथ एक शाल लाई थी, उसको भी बैनर के ऊपर बिछा लिया।
अब सब कुछ रेडी था।
इतना सब करके हम दोनों सोफे पर बैठ गए और कुछ बातचीत करने लगे।
उन्होंने पूछा- आपके दोस्त को कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मैंने कहा- उसको दिक्कत होती तो वो इतना कुछ क्यों करता? उसको कोई दिक्कत नहीं होगी।
फिर उन्होंने कहा- हम दोनों यहां चुदाई करेंगे और अगर आपके दोस्त ने हमारी चुदाई की आवाज सुन ली और अगर उसका भी मन किया तो?
तो मैंने कहा- अगर उसका मन करेगा तो आप उससे भी चुदवा लीजिएगा. वैसे भी आपने बोला ही था कि आपको एक साथ दो लन्ड से चुदवाना है। तो आपकी ये इच्छा भी पूरी हो जायेगी।
दोस्तो, जब हम फोन पर बात करते थे अंजू जी ने ही एक साथ दो लन्ड लेने की इच्छा जताई थी, इसलिए मैंने उनसे ऐसा बोला।
इस पर वो बोली- देखा जाएगा।
अंजू जी मेरी बाईं तरफ बैठी थीं।
मैं उनसे बात करते हुए उनके मस्त मुलायम बूब्स को अपने दाएं हाथ से दबा रहा था और अपने बाएं हाथ को उनकी पीठ को सहला रहा।
इससे उनको भी गरमी महसूस होने लगी.
उन्होंने हंसते हुए पैंट के ऊपर से ही मेरे लन्ड पर अपना दायां हाथ रख दिया और पैंट के ऊपर से ही मेरे लन्ड को सहलाने लगीं।
मेरा लन्ड तो पहले से ही खड़ा था, उनके हाथ के स्पर्श मात्र से ही बिल्कुल टाइट हो गया।
मुझे तो ऐसा लगा जैसे अभी मेरा पानी निकल जायेगा।
दोस्तो, आज लगभग दो साल बाद मैं किसी की चूत चोदने जा रहा था.
तो इतना उतावलापन होना तो जायज था।
अब हमने थोड़ा जल्दी किया।
मैं उनके बूब्स को छोड़कर सोफे पर से नीचे उतर गया और अंजू जी से बोला- आप मैरी पैंट उतार दो।
उन्होंने तुरंत मेरी पैन्ट और अंडरवियर दोनों ही उतार दी और मुझे नीचे से पूरा नंगा कर दिया।
फिर मैंने अपनी शर्ट भी उतार दी।
अब मैं सिर्फ बनियान में उनके सामने खड़ा था।
मैंने अंजू जी से कहा- आप भी खड़ी हो जाइए ताकि मैं भी आपके कपड़े उतार दूं।
वो बिना कुछ कहे तुरंत सोफे पर से उठ कर खड़ी हो गई।
मैंने तुरंत उनको नीचे से पूरी नंगी कर दिया उनकी पैंटी सहित सभी कपड़े मैंने सोफे पर ही एक कोने में रख दिए।
अब हम दोनों ही नीचे से पूरे के पूरे नंगे थे.
मैंने उनको दोबारा से सोफे पर बैठने को कहा।
वो बैठ गई और मैं भी उनके साथ ही झुक कर उनको किस करने लगा।
मैं उनके रसीले होंठों को चूमते हुए उनके दोनों बूब्स को दबा रहा था.
और वो मेरे लन्ड को पकड़ कर सहला रही थीं।
2 से 3 मिनट ऐसा करने के बाद मैंने उनके होठों को छोड़ दिया और सोफे के नीचे घुटने के बल बैठ गया।
अब मैंने उनकी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया जिससे उनकी गदराई हुई गोरी चिकनी चूत मेरी आंखों के सामने थी।
उनकी चूत से हल्का – हल्का सा पानी निकलने लगा था।
मैंने देर ना करते हुए सीधे उनकी चूत पर अपने होंठ रख दिए और उनकी चूत को चूसने लगा।
लगभग दो मिनट उनकी चूत को चूसने चाटने के बाद मैं उठा।
उनकी चूत पर थोड़ा सा थूक दिया और बिना कंडोम लगाए ही मैंने अपना काला लन्ड उनकी गोरी चिकनी चूत में डाल दिया।
जैसे ही मैंने अपना लन्ड उनकी रसीली चूत में डाला, मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने अपना लन्ड किसी गरम जलती हुई भट्ठी में डाल दिया हो।
सच कहूं तो इतनी ज्यादा गरम चूत आज से पहले मैंने कभी नहीं चोदी थी।
मुझे तो लग रहा था कि कहीं मेरा लन्ड जल कर उनकी चूत में ही न रह जाए।
दोस्तों मेरा लन्ड एक ही बार में पूरा का पूरा उनकी चूत की गहराई में खो गया।
लन्ड अन्दर डालते ही समझ आ गया कि इस चूत में मेरे जैसे 2-3 लन्ड आराम से एक साथ चले जायेंगे।
उन्होंने अपनी चूत चुदवा – चुदवा कर भोसड़ा बना रखी थी।
मेरे एक लन्ड से उनकी चूत की आग नहीं मिटने वाली थी।
उनको कम से कम 4 लन्ड रात भर चोदें तब कहीं उनकी चूत की आग को शांत कर पाएंगे।
वो कहने लगी- कन्डोम तो लगा लेते!
मैं बोला कि जब निकलने वाला होगा तो बाहर निकाल लूंगा।
मैं जोर – जोर से उनकी रसीली गीली चूत चोदने लगा, साथ ही उनको किस भी कर रहा था।
उनकी चूत इतनी ज्यादा गरम थी कि मेरा पानी 2 मिनट के अंदर ही उनकी चूत में निकल गया।
लन्ड का पूरा पानी निकल जाने के बाद मुझे खयाल आया कि पानी अंदर नहीं निकालना था।
मैं ये बात सोच ही रहा था, तभी वो बोली- कहा था कि कंडोम लगा लो।
उस समय मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई।
पानी निकल जाने के बाद मेरा लन्ड सिकुड़ कर खुद ब खुद चूत से बाहर आ गया।
लेकिन अभी मैं उनके ऊपर ही था।
मेरी खामोशी से उनको समझते देर नहीं लगी कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं।
इस पर वो हमारे बीच की खामोशी को तोड़ते हुए बोली- तुम चिंता मत करो मैं दवाई ले लूंगी।
इतना कहकर उन्होंने मुझे चूम लिया।
इस बात को सुनकर मुझे बहुत राहत मिली।
आपको देसी चूत सेक्स कहानी का पहला भाग कैसा लगा?
ईमेल और कमेंट करके जरूर बताइएगा।
आप सभी स्वस्थ रहें और चुदाई में मस्त रहिए।
मेरी ईमेल आईडी [email protected] है।
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