इरोटिक चुदाई सेक्स स्टोरी में योग केन्द्र में रहने गया तो वहां एक भाभी से मुलाक़ात हुई. उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुला लिया. मैं गया तो वे केवल एक तौलिया लपेटे थी.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम हंटर है।
मेरी उम्र 21 साल है और हाइट 6 फुट है। रंग गोरा है। मेरा लंड उतना बड़ा नहीं है, लेकिन मैं अपने स्टैमिना से किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता हूँ।
मैं आपको अपनी एक सेक्स घटना सुनाना चाहता हूँ। यह हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम पर मेरी पहली Erotic Chudai Sex Story है।
तो मैं उम्मीद करता हूँ कि आप मेरी गलतियों को नज़रअंदाज़ करेंगे और इस सेक्स कहानी का मज़ा लेंगे।
ये इरोटिक चुदाई सेक्स स्टोरी 2 महीने पहले की है, जब मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली गया हुआ था।
मेरे पापा दिल्ली में ही जॉब करते हैं।
घर के पास ही एक योग साधना केंद्र है जहाँ किसी भी बीमारी का इलाज योग और जड़ी-बूटियों से किया जाता है।
मेरे पिता की अच्छी जानकारी होने की वजह से हमें वहाँ एक कमरा दे दिया गया।
वहाँ 2 दिन ऐसे ही निकल गए।
तीसरे दिन मैं खाना खाने मेस में पहुँचा और खाना लेने लगा।
तभी वहाँ एक खूबसूरत लड़की आई।
उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उसका रंग एकदम गोरा था। उसकी उम्र लगभग 25-26 साल होगी।
उसके चुचे एकदम कसे हुए थे और उसकी उभरी हुई गांड और पतली सी कमर … वो क्या जहर लग रही थी।
उसे देखते ही मैं उसका दीवाना हो गया।
क्या माल थी यार, वो एकदम पटाखा!
मन कर रहा था कि इसे अभी यहीं चोद दूँ।
लेकिन उसने सिंदूर लगाया हुआ था तो वह शादीशुदा थी.
भाभी मेरे बगल में आकर खड़ी हो गई और खाना डालने लगी।
आज खाने में वैरायटी बहुत थी।
भाभी ने सब कुछ थोड़ा-थोड़ा लिया, जिस वजह से उन्हें 2 प्लेट लेनी पड़ी।
अब भाभी को दोनों प्लेट रूम तक ले जानी थीं तो उन्होंने मुझसे मदद माँगी।
मैं झट से मान गया।
मैंने एक प्लेट उठाई और उनके पीछे-पीछे चल दिया।
मैं आपको बता दूँ कि भाभी के पति का लंड खड़ा नहीं होता था, इसलिए उनके पति यहाँ इलाज के लिए आए थे।
ये बात मुझे बाद में पता चली।
मैं भाभी की मटकती गांड देखता हुआ उनके पीछे चल रहा था।
उनकी गांड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।
भाभी ने भी मेरी नज़रों को समझ लिया था।
हम भाभी के रूम में पहुँचे।
मैंने खाना रखा और जाने लगा.
तभी भाभी ने मुझसे एक और मदद माँगी।
उन्होंने एक लैपटॉप मेरे सामने रख दिया और कहा, “ये स्लो चल रहा है, क्या एक बार इसे देख सकते हो?”
मैंने लैपटॉप देखा तो वो अपडेटेड नहीं था और उसमें कुछ वायरस भी थे।
भाभी बाथरूम में चली गईं और मैं उनके लैपटॉप को देखने लगा।
तभी उसमें मुझे एक फोल्डर मिला जो पूरा पोर्न से भरा हुआ था।
मैं देख ही रहा था कि इतने में भाभी आ गईं।
मैंने वो फोल्डर बंद किया।
भाभी ने मुझसे पूछा कि लैपटॉप में क्या परेशानी है।
मैंने उन्हें समस्या बताई और कहा कि इसे मैं खाना खाने के बाद ठीक कर दूँगा।
भाभी ने भी “ठीक है” कहा।
मैं नीचे खाना खाने आ गया, खाना खाया और जल्दी से भाभी के रूम में चला गया।
मैंने दरवाज़ा खटखटाया और दरवाज़ा खोलने के लिए कहने लगा।
भाभी की अंदर से आवाज़ आई, “एक मिनट रुक जाओ।”
मैं वहाँ कुछ पल खड़ा रहा।
फिर भाभी ने दरवाज़ा खोला।
दरवाज़ा खुलते ही मैं उन्हें देखता रह गया।
अंकिता (भाभी का बदला हुआ नाम) ने शरीर पर सिर्फ़ एक तौलिया लपेटा हुआ था।
उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लोअर में एक तंबू बन गया।
वो भी मेरे लंड को घूरे जा रही थीं और मुझे अंदर आने का इशारा किया।
मैं चुपचाप अंदर आ गया और दरवाज़ा बंद कर दिया।
भाभी मुझे बाथरूम की तरफ़ ले जाने लगीं और मैं भी उनके पीछे चल दिया।
अंकिता बाथरूम में गईं और अपना तौलिया उतार दिया।
उस समय मुझे अंकिता का फिगर दिखाई दिया … उनके 36 के भरे हुए चूचे, 28 की पतली कमर और 36 की उभरी और भरी हुई गांड।
उनकी गुलाबी रंग की चूत, जिस पर एक भी बाल नहीं था।
उसका बदन एकदम गदराया हुआ था।
अंकिता ने शॉवर चालू कर दिया और उनका पूरा बदन भीग गया।
ये सब मैं दरवाज़े पर खड़ा देख रहा था।
उनका भीगा हुआ बदन बहुत ही कामुक लग रहा था।
उन्होंने मुझे पास आने का इशारा किया।
मैं भी अपने सारे कपड़े उतारकर अंकिता के पास चला गया और उन्हें अपनी बाहों में भर लिया।
मैंने उनके होठों पर अपने होठ रख दिए और उन्हें चूमने लगा।
अंकिता भी मेरा साथ दे रही थी।
मैं उन्हें चूम रहा था और अपने हाथों से उनके दूध को दबा रहा था।
उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ रखा था।
हम एक-दूसरे को चूम रहे थे।
ठंडे पानी में भी हमारे शरीर आग की तरह तप रहे थे।
मैंने एक हाथ से उनकी गांड को दबाना शुरू किया और दूसरे हाथ से उनके दूध को दबाने लगा।
वो भी मेरा लंड पकड़कर मुठी मारने लगीं।
मैं उनके होठों को छोड़कर उनके गले को चूमने लगा, जिससे उनके मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आहह हहह… आह हहहह…”
और वो मेरे लंड की और तेज़ मुठी मारने लगीं।
कुछ देर ऐसे ही चूमने के बाद मैं उन्हें उठाकर बेड पर ले आया।
उन्हें बेड पर लिटाकर उनके ऊपर आ गया और उनके पूरे बदन को चूमने लगा।
सबसे पहले मैंने उनके होठों को चूमा, फिर उनके गले को।
उसके बाद मैंने उनके एक दूध को चूसना शुरू कर दिया और दूसरे दूध को मसलने लगा।
अंकिता पागल हुई जा रही थीं और जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थीं, “आहह हह… उहह हहह… और तेज़ चूसो आअ हहह हह… आहह… पी जाओ इनका सारा दूध मेरे राजा आह… आहह… खा जाओ इन्हें आह हहह…”
मैंने अंकिता के दोनों दूध चूस-चूसकर और मसल-मसलकर लाल कर दिए।
फिर मैं थोड़ा नीचे आया और उनके पेट को चूमा।
इस पर भी उनकी सिसकारियाँ निकल गईं और वो जोर-जोर से आहें भरने लगीं।
फिर मैं थोड़ा और नीचे आया और उनकी गोरी जाँघों को चूमने और चाटने लगा।
उनकी लगातार सिसकारियाँ निकल रही थीं।
मैं उनकी जाँघों को चाटते हुए उनके पैर के अँगूठे को चूसने लगा।
वो सिसकारियाँ ले रही थीं और बेड की चादर को कसकर पकड़ रखा था।
इसके बाद मैंने उनकी दोनों टाँगों को फैलाया और मुझे उनकी गुलाबी चूत के अच्छे से दर्शन हुए।
उनकी चूत एकदम टाइट थी।
उन्होंने बताया कि वो शादी के बाद एक बार भी नहीं चुदी थीं।
मैंने उनकी अनचुदी चूत की फाँकों को फैलाया और उस पर अपने होठों को रख दिया।
उनकी बहुत तेज़ सिसकारियाँ निकलने लगीं और मैं उनकी चूत को चाटने लगा।
अंकिता बहुत जोर से सिसकारियाँ ले रही थीं और अपने हाथों से मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुँह को अपनी चूत में दे रही थीं, “आहह ओहह … आहह हह उह… मेरे राजा चाटो, और जोर से चाटो, खा जाओ मेरी चूत को आहह हहह… आहह उम्ह हह… ये बहुत प्यासी है, आज इसकी प्यास बुझा दो मेरी जान!”
फिर मैंने अंकिता की चूत पर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी।
पहले मैंने जीभ से उनकी चूत को चाटा और फिर जीभ उनकी चूत में घुसा दी।
अंकिता कसमसाने लगीं और जोर-जोर से आहें भरने लगीं।
मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा।
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरा लंड चूसना चाहती हैं।
हम दोनों 69 पोज़ीशन में आ गए।
वो मज़े से मेरा लंड चूसने लगीं और मैं उनकी चूत चाटने लगा।
कुछ देर बाद अंकिता का बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मुँह पर ही झड़ गईं।
मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया।
अंकिता थोड़ी रिलैक्स हो गईं।
मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और फिर से उनकी चूत चाटने लगा ताकि उन्हें फिर से गर्म कर सकूँ।
थोड़ी देर में वो फिर से गर्म हो गईं और सिसकारियाँ भरने लगीं।
मैंने उनकी चूत को चाटना बंद किया और उनकी चूत के मुँह पर अपना लंड रगड़ने लगा।
अंकिता मेरी इस हरकत से पागल हो रही थीं और बस मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाह रही थीं।
वो मुझसे विनती करने लगीं कि मैं उन्हें चोद दूँ।
मैं भी उन्हें ज़्यादा न तड़पाते हुए अपना लंड उनकी चूत में डालने लगा।
उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, तो लंड अंदर जा ही नहीं रहा था।
फिर मैंने एक जोर का धक्का लगाया और मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया।
वो जोर से चिल्लाने लगीं, “आह … हाह अह … बहुत दर्द हो रहा है आह … हांहह … इसे प्लीज़ बाहर निकालो…”
मैं भी उनकी चीखों का मज़ा ले रहा था क्योंकि उस फ्लोर पर कोई और नहीं था और हमारा कमरा भी आखिरी में था।
उनकी चीखें मुझे और ज़्यादा उत्तेजित कर रही थीं।
कुछ देर मैं वैसे ही रहा।
वो शांत हो गईं और मैं हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। वो भी एंजॉय करने लग गईं।
तभी मैंने एक और जोर का धक्का लगाया और आधा लंड उनकी चूत में पेल दिया।
वो अचानक हुए हमले को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और जोर से चीखने लगीं, “आह … हांहअह … आह … हाअह अह … मार डाला आअह … हहअह … फाड़ दी मेरी चूत … प्लीज़ इसे बाहर निकालो आह … अह … मर गई आह … हह …”
मैंने तभी एक और ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया।
इस पर वो और ज़्यादा चीखने लगीं और मुझे गालियाँ देने लगीं, “आह … अह … साले बहनचोद, मार दिया मुझे आह … हाय हअह … मादरचोद, ऐसे कौन चोदता है आह … हह अह … बहन के लौड़े, चूत फाड़ दी मेरी आह … हांह … साले गांडू…”
वो मुझे जोर-जोर से गालियाँ दे रही थीं और चूत से खू.न निकल रहा था।
कुछ देर बाद वो शांत हो गईं।
फिर मैंने हल्के-हल्के धक्के लगाने शुरू किए।
थोड़ी देर बाद वो भी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगीं।
चोदते हुए मैं उनके दूधों को दबाने लगा और उन्हें चोदने लगा।
फिर मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी और उनकी सिसकारियाँ और तेज़ होने लग गईं, “आह … हह अह … और तेज़ राजा, और तेज़ चोदो आह … हाय हअह … फाड़ दो मेरी चूत आह … हांहअ … और तेज़ राजा, और तेज़ आह … हअह …”
मैं भी उन्हें फुल स्पीड में चोदने लगा.
करीब 10 मिनट बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गईं।
उनकी चूत का पूरा पानी मेरे लंड के ऊपर गिरा, जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत के पानी से भीग गया।
मैं उन्हें और जोश से चोदने लगा।
फिर मैं नीचे लेट गया और उन्हें मेरे ऊपर आने को बोला।
वो सीधे आकर मेरे लंड पर बैठ गईं और अपनी चूत से मेरे लंड पर दबाव डालने लगीं, जिससे मेरा लंड सरसराता हुआ उनकी चूत में घुस गया।
वो तेज़ सिसकारियाँ लेने लगीं और अपनी गांड पटक-पटक कर मेरे लंड पर कूदने लगीं।
उनके चूचे हवा में उछल रहे थे।
मैंने उन्हें पकड़ा और मसलना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद उनकी स्पीड कम होने लगी तो मैंने पीछे से धक्के मारने शुरू कर दिए और उन्हें फिर से फुल स्पीड में चोदने लगा।
वो भी सिसकारियाँ लेते हुए बड़े मज़े से चुद रही थीं।
फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा।
वो झट से घोड़ी बन गईं।
मैं उनके पीछे गया और अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक ही झटके में लंड उनकी चूत में पेल दिया।
वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं और मैं भी उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।
उनकी सिसकारियाँ निकल गईं, “ओह्ह यस आह … हाह अह … फक मी आहहां हअह … यस डोंट स्टॉप आह …अह … फक मी हांह अह …”
मैंने उन्हें 10 मिनट तक ऐसे ही चोदा।
फिर वो अकड़ने लगीं और कहने लगीं, “मैं आने वाली हूँ।”
मैं भी आने वाला था। मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?”
उन्होंने कहा, “अंदर ही निकाल दो, भर दो मेरी चूत को अपने वीर्य से।”
और 10-15 धक्कों में हम दोनों एक साथ झड़ गए।
मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में निकाल दिया और वहीं निढाल होकर उनके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और फिर हम दोनों ने शॉवर लिया।
कुछ देर बात करने के बाद मैं वहाँ से चला गया।
ये मेरी पहली कहानी है।
मुझे मेल करके बताएँ कि आपको ये इरोटिक चुदाई सेक्स स्टोरी कैसी लगी।
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