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छात्रा बनी पत्निव्रत अध्यापक की रखैल
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कॉलेज सेक्सी गर्ल हॉट कहानी में एक देसी लड़की अपने कॉलेज के लाइब्रेरियन से सेक्स का मजा लेने लगी थी. अब वह लड़की हर पल चुदाई के बारे में ही सोचती रहती थी.

दोस्तो, पिछली कहानियों में आपने पढ़ा कि कैसे पायल ने पहले तो प्रकाश को अपनी ओर आकर्षित कर अपनी चुदाई का उद्घाटन किया और फिर प्रकाश से हर रोज़ हम बिस्तर होने के बाद उसके लिंग की आदि हो गई।
और जब प्रकाश कुछ दिन के लिए पत्नी के साथ बाहर घूमने चला गया तो चुदने की तड़प यानि कामवासना ने पायल को पागल कर दिया।

इस चुदास ने उसे एक के बाद एक नए नए लड़कों से चुदवाया और उसे कॉलेज की सबसे गर्म माल के रूप में प्रसिद्ध दिया।
कॉलेज भर के तकरीबन हर लंड ने उसकी चूत को चख लिया।

अब तो अनजाने लड़के भी जानते थे कि जब पायल गर्म होती है तो उसे बस लंड की भूख होती है अब चाहे वो लंड किसी का भी हो।
पायल मोहल्ले के दूध वाले, सब्जी वाले से लेकर नुक्कड़ के किरयाने वाले लाला तक से चुद ली थी।

वह पास से गुजरती तो लड़के उसके बारे में आपस में कानाफूसी करते- अरे जानते हो, इसकी भी ली है मैंने, पर मजा नहीं आया. हा हा हा … तुम भी एक बार बजा के देखो इसकी! तुम्हें मजा आए तो बताना!
दूसरा- अरे, मैंने भी! हा हा हा, एक नंबर की चुदक्कड़ है।

तीसरा- अरे ऐसा क्या … फुस्स है क्या माल?
पहला- अबे फुस्स नहीं है, ढीली हो गई है चुद चुद के!
दूसरा- मैंने तो सुना है कि कॉलेज में चुद के ही पास होती है.

आसपास के लोग ऐसी बातें बनाने लगे थे।
परन्तु पायल को इस सबसे फर्क नहीं पड़ता था।

उधर प्रकाश ने भी पल्लवी को मायके भेज पायल को एक हफ्ते तक अपनी रखैल बनाकर घर लाने की योजना बनाई।
वह कहां जानता था कि उसका कंटीला माल बाहर हर थाली में परोसा जा रहा है।

पहले ही दिन प्रकाश ने साफ कर दिया कि वो पायल की बुर का बुरादा बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा।

अब College Sexy Girl Hot Kahani उसके आगे:

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ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

प्रकाश की बाहों में झड़ने के बाद पायल बाथरूम जाने के लिए उठने लगी.
तो प्रकाश ने उसका हाथ खींच उसे वापिस अपनी जांघ पर बिठा लिया।

दोनों ही नग्न थे.

प्रकाश ने हंसी करते हुए पायल से कहा- कहां जा रही हो, अभी तो शुरुआत है.
कहते हुए उसने पायल के कान पर चूमना शुरू कर दिया।

“मुझे सु सु लगी है, जाने दो ना … वरना यहीं निकल जायेगा!”

तब प्रकाश ने पायल को गोद में उठाया और बाथरूम ले गया.
उसके लिए पायल को गोद में उठाना जैसे एक हल्के से तकिये को उठाने के समान था।

पायल बाहों से उतर सु सु करने लगी.
तो प्रकाश ने निकलते मूत पर अपना हाथ रख दिया और पायल की चूत को गर्म गर्म मूत के साथ मसलने लगा।

मूत की गर्मी और प्रकाश की हथेली से पायल गर्म होने लगी- आह्ह अह्ह हाहा!
पायल की भी आंखें बंद हो गई और आह के साथ हल्का सा मुंह खुल गया जैसे वो जन्नत की सैर पर हो।

अच्छे से पायल की चूत रगड़ने के बाद मूत ख़त्म हुआ तो प्रकाश ने हाथ हटा लिया और वाशबेसिन में धोने लगा।

“हर बार कुछ नया करते हो और चूत मसलने का कोई मौका नहीं छोड़ते … कैसे?” पायल ने पूछा.
प्रकाश- इसी को तो एक्सपीरियंस कहते हैं।

पायल ने प्रकाश को पीछे से बाहों में भर लिया.
हालांकि प्रकाश पायल के बदन के सामने विशालकाय था पर पायल ने किसी तरह प्रकाश का लिंग पकड़ लिया जो गांड में ना जा पाने के बाद लंड से लुल्ली बन गया था।

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हाथ धोने के बाद प्रकाश पलट कर सीधा हो गया और पायल ने फिर उसकी लुल्ली को अपने कोमल हाथों में पकड़ लिया और उसे शावर के नीचे ले गई।

प्रकाश ने फव्वारा चला दिया और पायल पानी के नीचे भीगने लगी।
उसकी काया से टपकती हुई हर पानी की बूंद जैसे सुनहरे शहद सी दिखाई पड़ रही थी।

प्रकाश ने पायल के गीले बाल ठीक कर पीछे कर दिए और दोनों एक दूसरे की आंखों में भोग और विलास की कामना देख रहे थे।

तब प्रकाश ने गीली पायल को कमर से पकड़ कर अपने सीने से चिपका लिया.
प्रकाश की बालों वाली छाती एक सम्पूर्ण मर्द होने का प्रमाण थी।

अब पायल को बाहों में भर वह भी पलट कर पानी में भीगने लगा.
पायल की कमर ठंडी दीवार से लगी थी.

प्रकाश ने पायल की एक टांग पकड़ कर हवा में उठा दी।
फिर उसके कान के पास आकर बोला- इसे अपनी चूत पर टिकाओ!
“पर यह अंदर कहां जा पायेगा, कड़क नहीं है!” पायल ने नासमझी में कहा.
“मेरी जान, अंदर कहां डाल रहा हूं, बस रगड़ रहा हूं तेरी फुद्दी अपने लौड़े से!”

पायल शिथिल लंड अपनी चूत पर रगड़ने लगी और देखते ही देखते प्रकाश ने रगड़ के साथ अपना मूत पायल की गर्म योनि पर गिराना शुरू कर दिया।
मानो कोई शेर अपनी सीमा तय कर रहा है।

पायल और प्रकाश इस अलग अहसास को पाकर मज़े लेने लगे- आह्ह हह!

प्रकाश ने लंड का सुपारा पायल की चूत के मुहाने पर फंसा दिया और योनि के अंदर पेशाब करने लगा.

जब प्रकाश का मूत खत्म हुआ तो प्रकाश ने पायल की चूत में दो उंगलियां डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
उसने शावर बंद कर दिया- मुझे पता है कि तुझे उंगली से चुदना कितना पसंद है, क्या हुआ, आ रहा है मजा?

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“आह्ह आआ आहा आह्ह्ह!” पायल दीवार के साथ चिपकी अपनी टांग उठाए प्रकाश की उंगली से योनि भेदन के पूरे मजे ले रही थी।

“आह्ह आआ आहा आह आह प्रकाश!”

पर प्रकाश आज पायल की चूत चाट चाट कर उसे तड़पाना चाहता था तो उसने पायल को झड़ने नहीं दिया और चूत पर से अपना हाथ हटा कर उसे बाहों में भर लिया।
दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमटे थे।

पायल का जिस्म तो प्रकाश से तकरीबन आधा था.
प्रकाश को रह रह कर पायल की पहली चुदाई याद आ जाती थी जब पायल उसके कमरे में आ दरवाजा बंद कर नंगी हो जाती थी और बदले में कैसे उसने पायल की चुदाई पैंटी फाड़ कर की थी।

पायल को भी अब खुद पर ग्लानि होने लगी कि उसने इतने सारे लोगों से संबंध बना कर अच्छा नहीं किया.
अगर प्रकाश को पता चल गया तो?
और अगर घर वालों को पता चल गया तो?

समाज में बदनामी का डर अब उसके मन में घर करने लगा।

प्रकाश कभी पायल को निरोध के साथ नहीं चोदता था, अपने वीर्य की धारा को पायल की चूत से बहती देख प्रकाश को एक अलग ही मर्दानगी महसूस होती थी।

शावर के नीचे प्रकाश ने पायल के होंठों को जब होंठों में लिया तो उसे अपनी पत्नी पल्लवी के पहले चुम्बन की याद आ गई।
दिल्ली की बारिश में पल्लवी की स्कूटी पर जब पल्लवी ने प्रकाश के सामने अपने दिल को बात पहली बार जाहिर की थी।

प्रकाश समझ नहीं पा रहा था, वह पायल को जी भर चोदना भी चाहता था और पत्नी पल्लवी का ख्याल उसके दिमाग से जा नहीं रहा था।
ये उसकी पतिव्रता पत्नी को धोखा देने की ग्लानि ही थी शायद!

या फिर वो पल्लवी का विश्वासपूर्ण प्रेम ही था जो बच्चा ना हो पाने पर भी दोनों के वैवाहिक संबंधों को बांधे था।
बीती छुट्टियों में प्रकाश ने पल्लवी को जी भर चोदा था, इतना कि पल्लवी के सारे शक दूर हो जाएं।

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प्रकाश को पल्लवी के गदराये जिस्म की आदत थी और पायल को प्रकाश के गठीले और अनुभवी शारीरिक संबंध का मोह!

कॉलेज की बात और थी, वहां पल्लवी की इतनी यादें नहीं थी पर घर का तो हर हिस्सा पल्लवी की यादों से भरा था।

शादी के शुरुआती महीनों में इसी गुसलखाने में प्रकाश पल्लवी को कभी साबुन या कभी तौलिये देने के बहाने से बुलाकर, उसका हाथ अंदर खींच कर उसे अचानक ही चोद दिया करता था।
इस गुसलखाने की दीवारों ने पल्लवी की कई चुदाइयां देखी थी।

पल्लवी को भी अपने पति का ये कामुक अंदाज पसंद था।
इसीलिए वह लाल साड़ी पहन जब कॉलेज आई तो साफ जाहिर था, वह अपना पुराना पति वापिस चाहती थी जो उसे चोदने का कोई मौका नहीं गंवाता था; जो बेहद रूमानी था और पल्लवी को जीवन की पहली तवज्जो पर रखता था।

दोनों ही अपनी अपनी ग्लानि में एक दूसरे से लिपटे थे और सोच रहे थे कि क्या उन्होंने सही किया?

एक अजीब सी खामोशी प्रकाश और पायल के बीच आ गई थी।

कुछ देर बाद शावर बंद कर दोनों तौलिये से एक दूसरे को पौंछ कर बाहर आ गए।

पायल अपने गीले बालों को आईने के सामने सुखाने लगी।
उसे देख प्रकाश को पल्लवी की आईने के सामने ब्लाउज फाड़ चुदाई याद आ गई जो उसने कुछ ही महीने पहले की थी।

अब उसे पायल को भी वैसे ही चोदने का मन होने लगा।

प्रकाश ने पल्लवी की अलमारी से अपनी पसंदीदा साड़ी निकाल कर पायल को देते हुए पूछा- क्या तुमने कभी साड़ी पहनी है?
शायद प्रकाश पल्लवी को इतना याद कर रहा था कि पायल में भी पल्लवी को चोदना चाह रहा था।

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पायल- नहीं … क्या तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारी बीवी की साड़ी पहनूं?
प्रकाश ने बिस्तर पर लेटे हुए कहा- हां, तुम्हें साड़ी में नहीं चोदा कभी!
“ठीक है, पहन लूंगी, वहां रख दो!”

और अपने बाल आधे सुखा कर पायल भी प्रकाश की बगल में आ लेटी।

“क्या हुआ, क्या सोच रहे हो?” प्रकाश को कोई हरकत ना करते देख पायल ने पूछा.
“कुछ नहीं … बस थोड़ी नींद आ रही है!” कह कर वो पायल से लिपट कर आंखें बंद कर लेट गया.

कुछ ही देर में पायल की भी आंख लग गई।

दोनों ही इतने थके थे कि बिना कुछ खाए सो गए।

जब पायल की नींद खुली तो सुबह के 4 बज रहे थे।
कल की थकान अभी तक दूर नहीं हुई थी, उसकी टांगों और जांघों में दर्द हो रहा था.

पायल ने गर्म पानी से नहाने का फैसला किया और बाथरूम में जाकर गीजर चला दिया।

रात को कुछ ना खाने के कारण उसे पेट मे मरोड़ उठ रही थी।
फोन पर कोई दवाई देखने के लिए जब उसने फोन उठाया तो उस पर बहुत से कॉल्स और मैसेज आए हुए थे जिनमे से बहुत से तो कॉलेज के उन लड़कों के थे जिनके साथ वह मस्ती कर चुकी थी।

एक में लिखा था- तेरी प्यास का कोई हल नहीं है. गर्म चिंगारी है तू, हर लंड पिघला दे!
दूसरे में था- दोबारा कब मिलेगी? रोज तुझे सोच के मुठ मारता हूं. एक बार फिर से तेरी चूत मारना चाहता हूं.
एक और मैसेज में था- घुमा फिरा के नहीं बोलूंगा, तुझे चोद के मजा नहीं आया!

ये सब पढ़कर पायल का मन सुबह सुबह खराब हो गया।
उसने तय किया कि वो ये सब बंद कर देगी और सिर्फ प्रकाश की हो कर रहेगी।

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फिर अजवाइन के पानी का नुस्खा पढ़ उसने अपने लिए अजवाइन वाली चाय बनाई और बाहर खाने की टेबल पर बैठ पीने लगी और एक एक कर सभी फोन नंबर ब्लॉक करने लगी।
बाहर अभी भी अंधेरा था और अंदर भी।

थोड़ी देर बाद वह गर्म पानी से स्नान करने चली गई.
इस स्नान के बाद वह पहले से बेहतर महसूस कर रही थी।

उसने प्रकाश के नाश्ते के लिए सामान तैयार दिया।
और तब प्रकाश की इच्छा पूरी करने के लिए पल्लवी की निकली हुई साड़ी पहन तैयार होने लगी।

पल्लवी के स्तन पायल से बड़े थे, इस कारण उसे पल्लवी का ब्लाउज नहीं आया।

प्रकाश अब भी सो रहा था।
उसको रिझाने की पायल को एक तरकीब सूझी, उसने नंगे स्तनों पर साड़ी का पल्लू डाला तो उसका जिस्म बेहद आकर्षक लग रहा था।
पल्लू के पीछे से उसके भूरे भूरे चूचुक ऐसे झांक रहे थे जैसे बिल्ली की दो चमकती आंखें।

पल्लवी की साड़ी सुनहरे पीले रंग की थी जो पल्लवी के गोरे बदन पर खूब सजती थी.
पर पायल उसमें ऐसी लग रही थी जैसे यह साड़ी उसी के लिए बनी हो।

उसने ना सिर्फ पल्लवी की साड़ी पहनी, बल्कि उसके गहने और बाकी सामान भी इस्तेमाल किया.
गले में पल्लवी का कुंदन का हार और कानों में झुमके, हाथों में पीली और नगों वाली कुंदन की चूड़ियां!

वह हर चीज को ऐसे इस्तेमाल कर रही थी जैसे उसी की हो, जिस तरह वह प्रकाश का इस्तेमाल कर रही थी।

पल्लवी की झांझर पहन कर जब छन छन कर पायल चली तो प्रकाश की नींद अनायास ही खुल गई.
शायद इस डर से कि कहीं पल्लवी वापिस तो नहीं आ गई।

सुबह के साढ़े सात बज रहे थे.
हर रोज की तरह इस सुबह भी प्रकाश खड़े लंड के साथ उठा था।

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वह तुरंत उठ कर बाहर गया तो देखा कि सोफे पर पायल, बिना ब्लाउज और पेटीकोट की साड़ी पहने बैठी है, साड़ी का लंबा सा पल्लू बाकी के सोफे पर फैला कर सजाया हुआ है.

स्नान से शीतल हुई पायल के जिस्म से आती खुशबू कमरे को एक भीनी भीनी सुगंध से भर रही थी, माहौल और भी रूमानी हो रहा था।

सुबह की हल्की रोशनी में पायल की त्वचा सुनहरी साड़ी में चमक रही थी.
पल्लू के पीछे से झांकती पायल की चूचियां जैसे प्रकाश को अपनी ओर बुला रही थी।

उसके भूरे भूरे चूचुक कड़क होकर पल्लू पर बाहर तक उभार बना रहे थे।
और सांवले रंग की होने के कारण कम रोशनी में वो जैसे खो जाती, पर उसकी छवि पर सुनहरी साड़ी की आती छटा उसकी खूबसूरती को चार चांद लगा रही थी।
उसके बाल खुले थे और कंधे की एक तरफ थे।

प्रकाश ने दूर से पायल को निहारते हुए कहा- हाय, क्या दिलकश लग रही हो!
पायल ने हाथ बढ़ा कर प्रकाश को अपनी ओर आने का न्योता दिया.

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“चाय पियोगे, रात भी कुछ नहीं खाया, कुछ ला दूं?” पायल ने प्रकाश का हाथ अपने हाथ में लिए पूछा।
नहीं, अभी तो सिर्फ तुम्हारे होंठों की शराब पियूंगा, और तुझे खाऊंगा।
यह कह कर वह पायल को बाहों में भर कर चूमने लगा।

पायल के बिना ब्लाउज के कंधे साड़ी को रोक नहीं पा रहे थे और पल्लू रह रह कर ढलक रहा था।

प्रकाश ने पायल के पल्लू को हल्का सा नीचे कर पायल को आधी नंगी कर दिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा, उसकी सख्त चूचियां बेदर्दी से मसलने लगा, उसके चूचुकों को मरोड़ने लगा।
उसका ध्यान रह रह कर पायल की चूचियों पर पहले से बने निशानों पर जा रहा था।
पर उस वक्त उसने सोचा कि बाद में पूछूंगा।

प्रकाश के हाथों के जादू से गर्म होती पायल भी अपने कोमल हाथों से प्रकाश का लंड मजबूती से मसलने लगी।

“हाय! तू जब लाइब्रेरी में उंगली करती थी ना, मन करता था कि तेरा हाथ हटा के अपना लौड़ा डाल दूं और तेरी सारी प्यास बुझा दूं!”
“तो फिर इतनी देर क्यों की?” पायल ने पूछा.
“क्या करता … डरता था।”

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“किस चीज का डर था तुम्हें?” पायल ने प्रकाश के लंड से आंख उठा कर उसकी आंखों में देखते हुए पूछा.
“डर था अपनी शादी का, अपनी नौकरी का, पल्लवी को धोखा नहीं देना चाहता था, मैं अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था।” प्रकाश में ग्लानि लौटने लगी थी।

“और अब… अब नहीं करते क्या?”
“बहन की लौड़ी, अभी भी करता हूं. पर तेरी गर्मी से मेरा लंड खुद ब खुद तन के खड़ा हो जाता है। मादरचोद ये लौड़ा धोखेबाज है, पल्लवी का होकर भी तुझे सलामी देता है।”
“और जब तू लाइब्रेरी में मेरे कमरे में आकर दरवाजे पर खड़ी होकर नंगी होती थी और मुझे मुठ मारने को मजबूर करती थी, तभी मैंने तय कर लिया था, कि इस तड़प का बदला तुझे अपनी रखैल बना के लूंगा।”
यह कहकर प्रकाश अब पायल के चूचुक दांतो से काटने लगा था।

“अह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह आराम से जान!”

प्रकाश रुक कर बोला- मैं आराम से नहीं करता, जानती हो ना! 7 दिन में तेरी इतनी चुदाई करूंगा कि तेरी सारी दबी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।
पायल भी प्रकाश की गर्दन और छाती पर अपने होंठों की बारिश करने लगी।

प्रकाश का लिंग उत्तेजना की पराकाष्ठा पर था, डंडा बन चुका था.
तो पायल लंड का स्वागत करने को झुक कर प्रकाश का लंड चूसने लगी.

पायल जानती थी कि प्रकाश के दिल का रास्ता चुसाई से होकर गुजरता है।
प्रकाश भी आंखें बंद कर पायल की चुसाई से सातवें आसमान पर था।

उसका हाथ पायल के बाल पकड़े था और पायल एक कुशल और चुसाई में माहिर छिनाल की तरह प्रकाश का लंड चूस रही थी.
कभी वह उसके अंडकोष मुंह में लेती तो कभी अपनी जीभ को उसके मोटे तने लंड पर नीचे से ऊपर तक फिराती.
फिर जीभ को नुकीली कर उसके लंड के टोपे को कुल्फी की तरह चूसती.

“अअह्ह अअह ह” प्रकाश की सीत्कारों से शांत कमरे में वासना की आग लग चुकी थी।

प्रकाश दूसरा हाथ पायल की नंगी पीठ पर फेरने लगा और धीरे धीरे उसकी गांड के चीरे तक बढ़ने लगा.

पायल तुरंत खड़ी हुई तो प्रकाश ने उसके बदन से साड़ी उतार कर अलग कर दी.
तभी पायल प्रकाश की टांगों के बीच बैठ, झुक कर लंड चूसने लगी.

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तभी पास पड़ा प्रकाश का फोन बजने लगा।
पल्लवी का था तो प्रकाश ने उठाना सही समझा।

इधर पायल मन लगाकर प्रकाश को अपने मुखचोदन का सुख दे रही थी, उधर प्रकाश पल्लवी से फोन पर बात कर रहा था।

“कैसी हो जान, ठीक से पहुंच गई?”
पल्लवी- हां बाकी सब तो ठीक है, पर आपकी बहुत याद आ रही है।
प्रकाश- मुझे भी … इतनी कि आज जब उठा तो मेरे खड़े लंड को तुम्हारी याद आई!
पल्लवी- उसको याद आई … और आपको नहीं आई?
प्रकाश- मैं और मेरा लौड़ा अलग हैं क्या, हम दोनों ही तुम्हारे हैं!

पल्लवी- अच्छा वो सब छोड़ो, रात में क्या खाया?
प्रकाश पायल को ओर देखते हुए मुस्कुरा कर बोला- बाहर से मंगा लिया था कुछ, बस उसी से तृप्ति कर ली!

पल्लवी- देखो, मैं एक दो कामवाली को बोल आई हूं. आएं तो बात कर लेना. वे घर का सारा ध्यान रख लेंगी, खाना वगैरा भी बना देंगी, तुम आराम से कॉलेज चले जाना!
प्रकाश- मेरी जान, कितना ख्याल रखती हो तुम मेरा! तुम मेरी फिक्र मत करो, मैं मैनेज कर लूंगा।

पल्लवी- अच्छा सुनो, रोज़ फोन करना, तुम्हारे बिना यहां मन नहीं लग रहा।
प्रकाश- जो हुक्म मेरी जान! चलो अब मैं नहाने जा रहा हूं, तुम्हें सोच के मुठ मारूंगा!
पल्लवी- नहीं, मुठ मत मारना, जब वापिस आऊंगी तो तुम्हारी इस प्यास को मैं बुझाऊंगी।

प्रकाश- आई लव यू!
पल्लवी- आई लव यू टू!
फोन कट गया.

प्रकाश भी वापिस पायल की गांड पर हाथ फिराने लगा।
गांड की गोलाइयों तक पहुंच उसने पायल के चूतड़ भींच दिए और दो तमाचे जड़ दिए।
पल्लवी की आवाज सुन वह और ज्यादा कामुक हो गया था।

पायल लगातार प्रकाश का खड़ा लंड मन लगा कर चूस रही थी, वह उसे खुश करना चाहती थी।
“आह्ह आअह्ह … क्या चूसती है तू! बहुत जल्दी सीख गई!” कहते हुए प्रकाश पायल का सिर अपने लंड पर जबरदस्ती दबाने लगा।

उसका लंड पायल के गले तक पहुंच रहा था और पायल की सांसें उखड़ रही थी।
पर प्रकाश को कोई परवाह नहीं थी।

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प्रकाश भी और तेज़ी से पायल के बाल पकड़ कर उसका सिर ऊपर नीचे करने लगा।

अब प्रकाश का पानी निकलने को था, उसकी जांघें अकड़ने लगी तो पायल जान गई कि प्रकाश स्खलन की ओर है।
उसने प्रकाश के टट्टो को मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

“आह्ह्ह … आह्ह … आआ आह्ह!” प्रकाश की आहों से अब पायल की प्यास भी बढ़ने लगी।
और प्रकाश ने अपने नाखून पायल के चूतड़ों में गाड़ दिए.
दूसरे हाथ से उसके बालों को खींच उसका सिर अपने लौड़े पे दबा दिया और पायल के मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया।

पायल के पास कुछ रास्ता नहीं था, उसने कुछ तो पी लिया.
पर धार इतनी तेज थी कि कुछ माल बह के मुंह से बाहर आ गया।

प्रकाश ने तृप्ति पाकर पायल पर अपनी पकड़ कुछ ढीली की.

पायल तुरंत बाथरूम से तौलिया ले आई और मुंह से गिरे प्रकाश के वीर्य को साफ करने लगी।

प्रकाश एक तृप्त शेर की भांति आराम से बाहें फैला कर बैठ गया और पायल उसका वीर्य साफ करने लगी।

“जानती हो मेरी बीवी साड़ी में कैसे चुदती है?” प्रकाश बोला.
पायल- श … जब मैं यहां हूं तो पत्नी की बात क्यों करते हो बार बार?
प्रकाश- मैं तो बस ऐसे ही कह रहा था, खैर जाने दो, इधर आओ!
यह कहकर उसने पायल को खींच अपनी गोद में बिठा लिया और उसके लबों पर एक जोरदार चुम्बन दिया।

“चूसने में माहिर हो ही गई तुम!” यह कहते हुए प्रकाश ने पायल की चूचियां भींच दी.
“अह्ह्ह … आराम से करो ना!” पायल ने मिन्नत की.
“तू जानती है न, मुझे आराम से करना नहीं आता. और तुझे रगड़ने में अलग ही मज़ा है।”

जमीन पर पड़ी साड़ी को उठा पायल वापिस खुद को ढकने का प्रयास करने लगी तो प्रकाश बोला- ऐसे ही रहने दो ना … नंगी अच्छी लग रही हो … एकदम चुदासी! मन कर रहा है कि तुझे बालकनी में दुनिया भर के सामने चोदूं।
इस पर पायल भी गर्म होकर बोली- तो चोद दो ना, तुम्हारी हूं, जो चाहे करो!

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“अच्छा, तो मेरे दोस्तो से भी चुदवा दूं तुझे?” प्रकाश ने आग में घी डाला.
पायल- क्यूं, कोई और मुझे चोदेगा तो क्या तुम्हें जलन नहीं होगी?
प्रकाश- शायद होगी. पर वो तो तभी पता चलेगा जब तू मेरे सामने किसी से चुदेगी!

पायल प्रकाश की चाल समझ गई थी.
वह हां करती तो उसी का नुकसान होता.

तो पायल बात घुमाते हुए बोली- नहीं, मुझे तो बस तुम चाहिए हो. और मेरी इस चूत को भी सिर्फ तुम चाहिए हो।

इतना सुनते ही प्रकाश ने पायल की टांगें खोल उसकी चूत पर हाथ रख दिया और पकड़ के भींच दी।
“आह्ह्ह ह …” पायल कामुकता से प्रकाश की आंखों में देख कर आहें भर रही थी।

देखते ही देखते वह उसकी चूत में उंगली करने लगा और पायल प्रकाश की गोद में बैठी तड़पने लगी।

प्रकाश और पायल की आंखों में वासना के समंदर की लहरें उठ रही थी.
पायल का चेहरा और उसकी कामुकता पढ़ते हुए प्रकाश अपने हाथों की गति कभी तेज करता तो कभी धीरे!

वह पायल की गीली चूत के दाने पर धीरे धीरे अपनी उंगलियां फिराने लगा.
“आह्ह्ह प्रकाश … हां बस वहीं … रुकना मत!” पायल योनि सुख से मचलती हुई बोली.

कुछ क्षणों बाद प्रकाश रुका तो पायल ने गिड़गिड़ाती नजरों से सवाल किया- क्यूं रुके?
“ये करने के लिए!” कहते ही प्रकाश ने पायल को सोफे पे बिठाया और उसकी टांगों के बीच आ बैठा और उसकी भीगी चूत पर अपनी ज़ुबान लगा दी।

अब प्रकाश वैसे ही पायल की योनि चूसने लगा जैसे वह पायल के होंठ चूसता है।
उसकी चूत की बाहरी पंखुड़ियों अपने होंठों के बीच दबाता और फिर अपनी जीभ से उसके योनि मार्ग को सहलाता!

उसने अपने दोनों हाथों की उंगलियों से उसकी चूत फैला दी।
अब वह चूत की अंदरूनी पंखुड़ियों को अपनी जीभ से सहलाने लगा; उसकी भगनासा पर अपनी जीभ को नुकीला करके सहलाता तो पायल उत्तेजना से तड़प उठती।

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“आह्ह ह … आअ आह्ह प्रकाश … मैं और मेरी चूत सिर्फ तुम्हारी है! तुम्हारे लंड की गुलाम!”
पायल उत्तेजना से भरी सीत्कारों के बीच अनाप शनाप कुछ भी बोलने लगी।

प्रकाश ने उसकी भगनासा पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूसने लगा.
साथ ही वह अपनी दो उंगलियां पायल के योनि मार्ग में डाल कर अंदर बाहर करने लगा।

इससे पायल अब स्खलन की ओर तेजी से बढ़ रही थी.
उसकी जांघें कांपने लगी, उसने प्रकाश का सिर अपनी चूत पर दबा दिया और कमर हिलाते हुए अपनी चूत चुसाई का आनंद लेने लगी।
पायल अपनी चूत को प्रकाश के मुंह पे रगड़ने लगी।

“आह्ह अआह … आअ आह्ह … आअह्ह ह आअह्ह!”
पायल की हर आह उसके चरम सुख के नजदीक होने के अनुभूति करा रही थी।
प्रकाश एक अच्छे चुसाईबाज़ की तरह बिना रुके चूसता हुआ चूत रगड़ता रहा।

पायल ने अपने योनि रस से प्रकाश का चेहरा भिगो दिया और लंबी लंबी तेज सांसों से सोफे की गद्दी को निचोड़ के पकड़ी रही।

उसकी चूत अभी भी फड़क रही थी.
प्रकाश आज पायल को लगातार चरम सुख देना चाहता था.
उसने चूसना जारी रखा.

पायल कहते कहते थक गई- बस करो … अह्ह्ह ह अअह्ह … आअ आह्ह्ह … बस करो, रूक जाओ. आअ आह्हह!

उसने प्रकाश के बाल कस कर पकड़ लिए और अपनी चूत पर दबाने लगी.
पायल रुकने को कह रही थी पर चुसाई के पूरे मजे भी ले रही थी.
और पायल एक बार फिर स्खलित हो गई.

लम्बी लम्बी सांसें भरती पायल सोफे पर निढाल पड़ गई।
प्रकाश भी जमीन से उठ पायल की बगल में आ बैठा।

प्रकाश आज पायल की गांड मारने की कोशिश फिर से करना चाहता था।
शनिवार होने के कारण उसे कोई जल्दी नहीं थी।

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दोनों अपनी तेज़ चलती सांसें थामे अगल बगल बैठे मंद मंद मुस्कुरा रहे थे।

तभी दरवाज़े की घंटी बजी।
कौन हो सकता है इस वक्त?

“कहीं पल्लवी तुम्हें सरप्राईज देने वापिस तो नही लौट आई?” पायल ने पूछा।

तेज़ सांसों के बीच अब प्रकाश और पायल की धड़कनें भी तेज़ होने लगी, इस डर से कि दरवाजे पर पल्लवी हुई तो?

कहानी जारी रहेगी.
क्या पल्लवी प्रकाश को रंगे हाथों पकड़ लेगी?

और दरवाज़े पर छुट्टी के दिन इतनी सुबह कौन आया होगा।

आगे क्या हुआ, ये अगली कहानी में!
पढ़ते रहिए और मुझ पर और मेरी कहानियों पर अपना प्रेम बरक़रार रखिए।

अगली कहानी तक के लिए विदा लेती हूं।

कॉलेज सेक्सी गर्ल हॉट कहानी पर अपनी राय मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.

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