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पुरानी दोस्त ने अपनी सीलपैक चुत चुदवाई
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देसी इंडियन गर्ल Xxx कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की जवान लड़की से मेरी पुरानी दोस्ती थी. एक दिन मैंने उसे छत पर बैठ कर मूतती देखा. अगले दिन मैंने उसे बताया. तो क्या हुआ?

हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम के सभी पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्रणाम.

मैं राज शर्मा एक बार फिर से अपने जीवन के सबसे खूबसूरत लम्हे को लेकर हाजिर हूँ.

आशा करता हूँ कि मेरी पहली कहानी
क्लासमेट और उसकी मां दोनों ने मजे दिए
आपको काफी पसंद आई होगी.

आज मैं फिर से अपना एक सुनहरा लम्हा इस Desi Indian Girl Xxx Kahani के माध्यम से आपके साथ बांटने आया हूँ, जब मुझे मेरी बचपन की दोस्त के साथ संभोग करने का मौका मिला था.

पहले मैं अपनी उस बचपन की दोस्त का परिचय में आपको दे देता हूँ.
उसका नाम अंकिता है. देखने में वह काफी गोरी और थोड़ी मोटी है. पर काफी अच्छे बदन की मालकिन है.

उससे मेरी बचपन से ही दोस्ती रही है.
हम दोनों एक साथ पढ़े और बड़े हुए हैं.
अब तक अंकिता को मैंने कभी संभोग की नजरों से नहीं देखा था.

मेरे लिए यह भाग्य की बात है कि आज भी हम दोनों पड़ोसी हैं और हमारे घर पास पास में हैं.

ये सब करीब दो साल पहले शुरू हुआ था.
बात गर्मियों के समय की है, जब मैं अपनी छत पर शाम के समय टहल रहा था.

तभी अंकिता छत पर जल्दी जल्दी आई और अचानक से पलट गई.
मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही उसने अपना पजामा नीचे किया और बैठ कर मूतने लगी.

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ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

उसका मुझ पर ध्यान नहीं गया था.

पर जब वह खड़ी हुई तो मुझे उसके चूतड़ों की बड़ी बड़ी और गोरी गोलाइयां साफ दिखाई दीं.
अंकिता के गोरे चूतड़ देख कर उसके लिए मेरे सारे ख्याल बदल गए.
मेरी फ्रेंड इतने प्यारे चूतड़ों की मालकिन होगी, मुझे यकीन ही नहीं था.

उसके बाद वह नीचे चली गई.

पर मेरा लौड़ा सख्त हो गया और मैं बस उसे चोदने के ख्याल देखने लगा.

अगले ही दिन हम दोनों की मुलाकात हुई.
मैंने सोचा था कि मैं इसे कल के बारे में बताऊंगा.
तो क्या पता मुझे कोई मौका मिल जाए.

उस दिन हम दोनों खेलने के बाद उसकी घर की छत पर ही बैठे थे.
तभी मैंने उस जगह इशारा किया … जहां वह मूत कर गई थी.

मैंने कहा- कल तू यहां शाम को क्या कर रही थी?
जैसे ही मैंने ये बोला, उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई.

वह बोली- तुझे कैसे पता चला कि मैं क्या कर रही थी?
मैंने कहा- मैं भी यहीं खड़ा हुआ था, जब तूने पजामा नीचे किया था.

यह कह कर मैं हंसने लगा.
वह भी मुस्कुराने लगी.

फिर वह बोली- तू आवाज देकर मुझे रोक भी तो सकता था … फिर क्यों नहीं रोका?
मैंने कहा- अरे मुझे क्या मालूम था कि तू क्या करने के लिए नीचे बैठ रही है.

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वह बोली- मैं नीचे बाद में बैठी थी, मैंने बैठने के पहले अपनी पजामी नीचे की थी.
मैंने कहा- हां वह तो ठीक है … पर सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ था कि मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या कहूँ?

वह बोली- सब कुछ मतलब?
मैंने कहा- वह तेरे पजामे के उतरने के बाद मुझे कुछ दिखाई भी देने लगा था, इसलिए मैं भूल गया था कि मुझे क्या करना चाहिए.

वह मेरी तरफ देख कर अपनी आंखों में शरारत भरने लगी थी.
ये देख कर मैंने हिम्मत की और कहा- यार तेरे चूतड़ तो कितने मस्त हैं!
इस पर उसकी कोई खास विपरीत प्रतिक्रिया नहीं हुई.

इससे मैंने हिम्मत करके उसके एक चूतड़ पर हाथ घुमा दिया और दबा दिया.
उसने मेरे हाथ को पकड़ा और कहने लगी- ऐसे मत करो यार … मुझे कुछ कुछ होता है.
मैंने कहा- क्या होता है?

वह कुछ नहीं बोली.
उसने अपनी आंखें झुका लीं.

मैंने उसका एक चूतड़ फिर से दबाया और कहा- बता न … क्या होता है?
वह धीमी आवाज में बोली- ऐसा लगता है कि बस कोई मसल कर रख दे.

मैंने उसके चूतड़ को और जोर से दबाते हुए कहा- मतलब तेरे इनको कोई मसल दे?
वह बोली- तू पागल है … समझता नहीं है!
मैंने कहा- मैं सब समझता हूँ. चल तुझे कमरे में चल कर सब समझाता हूँ.

उसने कुछ उत्तर नहीं दिया, इससे मुझे उसकी सहमति साफ दिखाई दी.

फिर मैं उसे वहीं छत पर बने एक खाली कमरे में ले गया और उसको अपने सामने खड़ी कर लिया.

वह अभी भी चुप थी और मेरी तरफ देख कर बार बार कुछ कहना चाहती और चुप हो जाती.

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मैंने आगे बढ़ कर उसे अपनी बांहों में भर लिया.
वह भी एकदम से मेरी बांहों में समा गई.

उसका तपता यौवन मुझे झुलसाने सा लगा.

मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ कर उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया तो उसकी मादक आवाजें निकलने लगीं.
कुछ पल बाद मैंने सर को थोड़ा सा हटा कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

वह भी मेरे साथ लिप किस में जोर लगाने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे का गहरा चुम्बन लिया.

मुझे उसका पूरा साथ मिला तो मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में ठेल दी.
पहले पहल तो वह अचकचा गई मगर अगले ही पल वह मेरी जीभ को ऐसे चूसने लगी मानो मेरा लौड़ा चूस रही हो.

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कुछ देर बाद मैंने अपनी जीभ अपने मुँह में वापस खींच ली तो उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में दे दी.

मैं भी उसकी जीभ को चूसने लगा और उसकी लार को पीने लगा.

करीब दस मिनट बाद हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे को वासना भरी नजरों से देखने लगे.
एकाएक वह फिर से मेरे सीने से लग गई और मुझे सीने पर चूमने लगी.

इस तरह से हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के साथ चुम्बन का रस लेते रहे.
चूमाचाटी के साथ ही मैं उसकी गांड की गोलाइयों को दबाता रहा.

उसके बाद मैं उसकी गर्दन और उसके कान को चाटने लगा, जिससे वह काफी गर्म हो गई और उसकी आंखें बन्द होने लगीं.

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मैंने तभी उसके एक उरोज को टी-शर्ट के ऊपर से पकड़ लिया और दबाने लगा.
उसकी सांसें बढ़ने लगीं.
मैं भी हवस में भर चुका था.

मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं अपनी बचपन की फ्रेंड के साथ ये कर रहा हूँ.

फिर मैंने अचानक से उसकी टी-शर्ट को उसके जिस्म से जुदा कर दिया.
अब वह मेरे सामने एक नीली ब्रा में थी, इस दृश्य को मैं जीवन में कभी नहीं भूल पाऊंगा.

मैंने उसकी ब्रा का स्ट्रैप खोला और उसकी नंगी कमर को चाटने लगा.
वह काफी गोरी थी और आकर्षक भी.
मेरा लौड़ा काफी गर्म और सख्त हो गया था.

मैंने उसके नमकीन जिस्म को ब्रा से जुदा किया और जैसे ही मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया, मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.

अंकिता का जिस्म ऊपर से नंगा था और बड़े बड़े झूलते उरोज मेरे सामने थिरक रहे थे.
उसके निप्पल गुलाबी और कड़क थे.

उन्हें देखते ही मैंने एक को मुँह में भर लिया और चूसते हुए काट लिया.
इस पर अंकिता की थोड़ी सी चीख निकल गई.

उसके बाद मैंने काफी देर तक स्तनपान किया, जिससे अंकिता की मादक आवाजें निकलने लगीं और हमारा सम्भोग और भी रोमांचक हो गया.

स्तनपान के बाद मैं अपने घुटनों पर बैठा और मैंने उसके पजामे को नीचे कर दिया.

अब मैं उसकी टांगों को चाटने लगा.
इस तरह अंकिता अब केवल अपनी पैंटी में ही अब मेरे सामने थी.

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उसे इस तरह देख कर मेरा लौड़ा फटा जा रहा था.
फिर मैं अंकिता की पैंटी के ऊपर से ही उसकी योनि को चूमने लगा.

उसकी पैंटी काफी गीली हो गई थी.
देर न करते हुए मैंने उसकी पैंटी नीचे उतार दी.

उफ्फ … क्या नजारा था वो. उसकी योनि काफी चिपचिपी हो गई थी; उस पर हल्के हल्के बाल थे.

मैंने अपना मुँह उसकी गर्म गर्म योनि पर रखा और उसे पागलों की तरह चाटने लगा.
उसकी मादक आवाजें निकलती जा रही थीं.

मैंने योनि चाटते हुए उसे घुमा दिया और उसके गोरे चूतड़ों की गोलाइयां बारी बारी से चाटने लगा.
मैं हवस में काफी भर चुका था और मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

तभी मैंने उसके चूतड़ों को फैलाया और बीच की लाइन को चाटने लगा.
वह काफी गर्म हो गई.

फिर मैं उसकी योनि को सहलाने लगा.
उसी समय उसका गर्म गर्म लावा निकल गया और वह मैं पीता चला गया.

अब मैंने अपना पजामा उतार फेंका और अपना लौड़ा निकाल कर अंकिता के सामने आ गया.

वह मेरे लौड़े को देख कर थोड़ी चौंक गई क्योंकि ये उसके लिए नया अहसास था.

मैंने उसके मुँह के सामने लंड लहरा कर उससे लौड़े को चूसने का मूक इशारा किया.
उसने हाथ से लंड पकड़ा और सहलाने लगी.

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कुछ देर तक वह मेरे लौड़े से खेलती रही फिर मैंने उसके कंधे दबा कर उसे नीचे बैठने का इशारा किया.
उसने अपने घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

आह … लंड की मुँह से चुसाई दुनिया की बेहतरीन प्रक्रिया है.

उसने कुछ ही देर मेरे लौड़े को अपने थूक से चिकना कर दिया था और वह कहने लगी थी- अब बस … इसे इसकी जगह में फिट कर दो.

मैंने उसे दीवार के सहारे थोड़ा झुकने को कहा और वह मान गई.
मैं अपना लौड़ा उसकी योनि और चूतड़ों की दरार पर रगड़ने लगा जिससे वह काफी चुदासी हो गई.

अब मैं उसकी योनि के ऊपर लौड़ा रगड़ रहा था.
वह भी मेरे लौड़े को चुत में गपकने की कोशिश कर रही थी.

मैंने मौका पाकर अपने लंड का सुपारा उसकी योनि में उतार दिया.
इस पर अंकिता को काफी तकलीफ हुई, वह मुझे धक्का देती हुई रोकने लगी.

पर मैंने बिना रुके अगला प्रहार कर दिया जिससे मेरा लौड़ा आधे से भी ज्यादा उसकी योनि को फाड़ते हुए अन्दर प्रवेश कर गया.

अंकिता की चीख निकल गई और मैंने उसके मुँह को हाथ से दबा दिया.
वह मुझे लौड़ा बाहर निकालने को कहने लगी पर मैं नहीं माना ओर लौड़े को अन्दर ही रखे पड़ा रहा.

उसके थोड़ा सामान्य होते ही मैं अपना लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा.
अब उसे भी काफी अच्छा लगने लगा.
उसकी चीखें मादक आवाजों में बदल गईं.

मैं उसे अच्छे से पेलने लगा.
वह मेरा पूरा साथ दे रही थी.

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मेरे धक्के सामान्य ही रहे.

मैं उसे चोदने के साथ साथ उसके उरोज भी दबा रहा था.
वह भी चुदने के पूरे मजे ले रही थी.

मुझे अभी तक यकीन नहीं था कि मैं अपनी बचपन की फ्रेंड के साथ संभोग कर रहा हूँ.

मैं उसके चूतड़ों पर चमाट भी मार रहा था और मेरी हर चमाट पर वह मादक आवाजें निकाल देती थी.

देसी इंडियन गर्ल Xxx करते हुए मेरे धक्के निरंतर गति से चल रहे थे.
धक्के लगाते हुए वह और मैं अपनी चरम सीमा पर आ गए और मैंने अपना लंड उसकी योनि से निकाल लिया.

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उसके चूतड़ों पर लौड़ा रगड़ते हुए उधर ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया.
इस तरह मैंने अपनी बचपन की दोस्त के साथ पहली बार संभोग किया.

इसके बाद मैंने काफी बार उसके साथ अपने अच्छे लम्हे बिताए और उसने भी मुझे काफी सुख दिया.

आशा करता हूँ कि पिछली कहानी की तरह आपको ये देसी इंडियन गर्ल Xxx कहानी भी काफी पसंद आएगी.

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