Sex With College Girlfriend - चुदाई की शुरूआत दोस्त की प्रेमिका से

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सेक्स विथ कॉलेज गर्लफ्रेंड कहानी में पढ़ें कि मेरे एक दोस्त की प्रेमिका हमारे शहर की थी तो हम तीनों अच्छे दोस्त बन गये। वो लड़की मेरे लंड के नीचे कैसे आयी?

सभी सेक्सी भाभियों और सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
ये मेरी पहली अन्तर्वासना सेक्स कहानी है। पसंद आये तो प्लीज लाइक और कमेन्ट करके जरूर बताना कि आपको मेरी ये सेक्स विथ कॉलेज गर्लफ्रेंड कहानी कैसी लगी।

ये बात उस वक़्त की है जब मैंने 12वीं के एग्जाम पास किये थे और कॉलेज में दाखिला लिया था।
मेरा कॉलेज घर से दूर था और शहर से भी काफी दूर था. इसलिए मुझे हॉस्टल में रहना पड़ा।

शुरूआत में तो हॉस्टल में रहना अच्छा नहीं लगा मगर धीरे धीरे सब सही हो गया और हॉस्टल में मेरा मन लगने लगा।
धीरे धीरे मेरे दोस्त भी बनने लगे और सब अच्छा लगने लगा।

कॉलेज में मेरा एक दोस्त बना राहुल।
शुरू में राहुल से मेरी ज्यादा नहीं बनती थी लेकिन जब उसने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड हमारे शहर में हमारी ही कॉलोनी में रहती है तो फिर हम अच्छे दोस्त बन गये।

उसकी गर्लफ्रेंड का नाम मीनू था. अब मीनू भी मेरे बारे में जान गयी थी.
अगर मीनू को कोई गिफ्ट देना होता था राहुल मेरे द्वारा ही भेजा करता था.
मीनू भी ऐसा ही करती थी।

मैं मीनू और राहुल दोनों का ही अच्छा दोस्त बन गया था।

अब मैं आपको मीनू के बारे में बताता हूं. उसका फिगर 36-32-34 का था और देखने में कमाल लगती थी।
उसके फिगर को देखकर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए कर जाये।

मीनू की चुदाई के बारे में मेरे मन में कभी ऐसे खयाल नहीं आये थे. मगर मैं उससे फोन पर बात जरूर कर लेता था।
धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती गहरी होने लगी। यहां तक कि अश्लील चुटकुले भी भेजे जाने लगे और वो भी कुछ नहीं कहती थी।

गुजरते समय के साथ हमारी बातें काफी गहरी होने लगीं और मीनू मुझे अपनी पर्सनल बातें भी बताने लगी।

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एक दिन मुझे पता लगा कि राहुल मीनू में बहुत कम रूचि लेने लगा है.
बहुत दिनों से उन दोनों के बीच में सेक्स भी नहीं हुआ था।

मीनू अब राहुल के बारे में अक्सर शिकायत करती थी कि वो उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता है।
मैं भी देख रहा था कि अब राहुल मीनू के बारे में कम ही बात करता था।

एक दिन मैं अपने शहर आया हुआ था तो मीनू ने मुझे मिलने के लिए बुलाया।
मैं भी उससे मिलने के लिए तैयार हो गया क्योंकि अब हम गहरे दोस्त बन चुके थे।
हम दोनों ने पार्क में मिलने के लिए तय किया।

उस दिन मीनू काला सूट पहन कर आई थी।
वो कमाल की लग रही थी.

उस दिन पहली बार मुझे मीनू के बदन को देखकर मेरे अंदर वासना उठती हुई दिखाई दी।
देखते ही देखते मेरा लौडा़ खड़ा हो गया।

मैंने उसे बाइक पर बैठाया और हम दोनों पार्क में चले गये। वो पार्क बहुत बड़ा था. दूर दूर तक फैला हुआ था.

उस वक्त वहां पर इक्का दुक्का लोग ही थे और उनमें से भी कई तो प्रेमी जोड़े ही थे।
हम दोनों एक तरफ एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गये.

फिर वो राहुल की बातें बताने लगी कि कैसे वो दूसरी लड़की के चक्कर में लगा हुआ है.
ये बताते हुए वो रोने लगी.

मुझे भी राहुल ने ये नहीं बताया था कि वो अब किसी और को पटा रहा है।

मीनू की बात मैं सुनता रहा और फिर उसने मेरे कंधे पर सिर रखकर रोना शुरू कर दिया.
मैं उसको चुप करवाने लगा।

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फिर उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया. मेरे लंड में झटका सा लगा।

मेरा लंड फिर से तनाव में आ गया था। उसका हाथ मेरी जांघ पर ही रखा हुआ था और वो मेरे हाथ को उसको सहला रही थी.
बगल में ही मेरे लंड का बुरा हाल होने लगा और मैंने मीनू को अपने कंधे से सटा रखा था.
मैं उसके कंधे को हल्का हल्का दबा रहा था.

वो मेरे सीने से ही लिपट गयी और मैंने भी उसको बांहों में भर लिया.
फिर पता नहीं क्या हुआ कि वो मुंह ऊपर करके मेरी आंखों में देखने लगी.
शायद वो मुझे पसंद करने लगी थी.

मैं पहली बार उसका स्पर्श पा रहा था इसलिए मेरे अंदर भी प्यार उमड़ रहा था।
अब मुझे वो दोस्त की गर्लफ्रेंड नहीं बल्कि एक प्यार की भूखी लड़की लग रही थी.

उसने अचानक से मेरे होंठों को चूम लिया और उसके हाथ मेरे चेहरे पर आ गये.
वो मेरे होंठों को चूसने की कोशिश करने लगी और जवाब में मैंने भी अपने होंठों को खोल दिया.
अब दोनों ही एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।

मीनू मुझे जोर जोर से किस करने लगी और मैं भी उसका साथ देने लगा.
हमने काफी देर तक किस किया और फिर वो एकदम से अलग हो गयी.

मीनू ने मुझे सॉरी बोला और कहा- मैं थोड़ी भावुक हो गयी थी.
मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, मैं समझ सकता हूं.
वो बोली- तुम समझ सकते हो तभी तो मैं तुम्हें सारी बातें बताती हूं. तुम बहुत अच्छे हो.

उसके बाद हम वहां से उठे और फिर अपने घर आ गये.
अगले दिन मैं भी अपने हॉस्टल आ गया।

शाम को मीनू का फ़ोन आया, उसने फिर से सॉरी बोला।

मैंने बोला- कोई बात नहीं, वो सब बिल्कुल नॉर्मल था. तुम्हारा दिल दुख रहा था और मैंने उसको हल्का कर दिया.
वो बोली- थैंक्स।
मैंने कहा- मीनू, मैं एक बात बोलूं?
उसने कहा- हां, बोलो।

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मैं- यार … मैं तुझे लाइक करने लगा हूं.
वो बोली- मैं तो खुद ये बात तुम्हें बोलने वाली थी।
फिर हम दोनों ही हंस पड़े.

उस रोज फिर मैंने पूरी रात मीनू से बात की. हम दोनों बहुत खुश हो गये थे।

उसके बाद तो रोज ही हमारी बातें होने लगीं; धीरे धीरे हम दोनों फोन पर ही सेक्स की बातें भी करने लगे.

फिर हम रोज रात को फोन सेक्स भी करने लगे.
मीनू ने फिर अपनी पहली चुदाई के बारे में भी बताया कि कैसे उसने पहली बार अपनी चूत की सील तुड़वाई थी।

इतनी सेक्सी बातें करते हुए दोनों ही चुदाई करने को मचल जाते थे.
अब हमें मिलने का इंतजार था.

फिर आखिर वो दिन आ ही गया जब हम दोनों की पहली चुदाई होने वाली थी।

हमने होटल में मिलना तय किया।

मैं शहर पहुंचा और वहां से मीनू को बाइक पर ले आया.
मैं होटल में गया और हमने एक रूम ले लिया.

फिर हम अपने रूम में गये और दरवाजा बंद करते ही एक दूसरे की बांहों में लिपट गये.

मैंने उसे कसकर अपनी बांहों में भींच लिया और वो भी मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी.
मैं भी जैसे वहीं खड़ा खड़ा उसकी चूत में कपडों के ऊपर से ही लंड घुसाने को आमादा हो रहा था।
मेरी गांड बार बार आगे होकर उसकी चूत वाले भाग में लंड को धकेल रही थी.

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वो भी पलट कर जवाब में अपनी चूत को मेरे लंड पर सटाने में लगी हुई थी.

हम दोनों के ही हाथ एक दूसरे के जिस्म को सहला रहे थे.
सच में दोस्तो, पहली बार के मिलन की बात ही निराली होती है।

मीनू मेरे गले से लग गई और फिर पागलों की तरह मुझे किस करने लगी.
मैंने अपनी जीभ मीनू के मुंह में डाल दी और एक दूसरे की जीभ चूसने लगे।

काफी देर तक हम दोनों स्मूच ही करते रहे.
ये वाली किस उस पार्क में की गयी किस से कहीं ज्यादा लम्बी थी।

फिर जब हम हांफने लगे तो दोनों अलग हुए।

मैंने मीनू के कपड़े उतारने शुरू कर दिये. वो जरा सा भी नहीं शर्मा रही थी.
राहुल के साथ वो काफी टाइम से रिलेशन में थी और उन दोनों के बीच में लगभग सब कुछ हो चुका था.
मैं भी अब चूत का मजा लेना चाहता था.

जब राहुल इसकी चुदाई बातें बताता था तो मैं तड़प कर रह जाता था.

आज मैं ही उसकी गर्लफ्रेंड की चुदाई करने वाला था और उसकी गर्लफ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड के दोस्त से चुदवाने के लिए तड़प रही थी।

पहले मैंने मीनू के टॉप को उतार और उसकी ब्रा मेरे सामने आ गयी. उसकी ब्रा में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. काले रंग की ब्रा उसके गोरे बदन पर कहर बरपा रही थी।

उसकी चूचियों का तनाव देखकर मेरे लंड का तनाव बढ़ता जाता था।

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फिर मैंने उसकी चूचियों को कस कर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी और मैं उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाता रहा.

फिर मैंने उसको पलटा और उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया.
अब मैंने हाथ आगे करके उसकी चूचियों को हाथों में भर लिया और उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी चूचियों का मर्दन करने लगा.

वो जोर जोर से आवाजें करते हुए ‘आह्ह … आह्ह … धीरे … धीरे … आह्ह … आराम से … दर्द हो रहा है .. आह्ह …आहिस्ता से यार … उफ्फ उफ्फ …’ करने लगी।

फिर मैंने उसे अपनी ओर कर लिया और उसके स्तनों को मुंह में लेकर चूसने लगा.
उसके मस्त रसीले बोबे चूसने में गजब का मजा आ रहा था.

वो सिसकारती जा रही थी और मैं इतनी ही जोर से उसकी चूचियों को पीने लगता था और उसके निप्पलों को दांतों से काट लेता था।

अब मैंने उसकी चूचियों को चूस चूसकर लाल करने के बाद छोड़ दिया और उसकी पैंट उतारी.
उसकी पैंटी के ऊपर से मैं उसकी चूत को तेजी से मसलने लगा और उसने एक टांग उठाकर मेरी कमर पर लपेट ली.
वो मेरे होंठों को पीते हुए अपनी चूत रगड़वाने लगी।

मैंने उसकी चूत को मसलकर देखा तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
अब मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया। मैंने उसकी पैंटी में हाथ दे दिया और तेजी से उसकी चूत को रगड़ने लगा.
वो भी मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी.

उसकी चूत में एक उंगली देकर मैंने तेजी से अंदर बाहर करनी शुरू कर दी।
वो मेरे कपड़े खींचने लगी.
मैं समझ गया कि वो भी मुझे नंगा देखना चाहती है।
फिर मैंने दो मिनट के अंदर अपने कपड़े उतार फेंके.

मैंने उसे बेड पर पटका और उसकी चूत की ओर मुंह करके लेट गया. मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी और तेजी से चोदने लगा.
उसने मेरे 7 इंची लंड को पकड़ लिया और उसको मुठियाने लगी.

अब मैंने एकदम से उसकी चूत में मुंह लगा दिया और उसको चूसने लगा.
उधर से उसने भी मेरे लंड को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

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मीनू सेक्स में बड़ी बोल्ड थी।
वो खुल कर बोलने लगी- आह्ह … क्या लौड़ा है यार तेरा, ये तो मेरा भोसड़ा फाड़कर रख देगा.

अब मैं उसकी टांगें और चौड़ी करके चूत चाटने लगा और मीनू मेरा लौड़ा चूसने लगी।
मैं बीच बीच में उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था. वो भी मेरे लंड को पूरा गले तक लेने की कोशिश कर रही थी.

फिर मैंने उसकी चूत में पूरी जीभ घुसा दी और घुसाये हुए ही अंदर ही अंदर घुमाने की कोशिश करने लगा.
वो भी मेरे आंडों को चूसने लगी.

हम दोनों एक दूसरे को असीम आनंद देने में लगे हुए थे।
क्या मजा आ रहा था यार उससे लंड और आंड चुसवाने में.

उसका भोसड़ा पूरा फटा हुआ था। मगर उसके उस फटे हुए भोसड़े को चाटने में मजा बहुत आ रहा था.

मैंने कहा- तेरी चूत तो बहुत खुली हुई है.
वो बोली- राहुल के अलावा मेरा जीजा भी मुझे चोदता था। मेरे जीजा ने तो दबा दबा कर चोदा है मुझे। साला तगड़ा लौड़ा था उसका और बहुत ही मजा देता था। जीजा के बाद आज ऐसा लौड़ा मिला है जो अंदर तक मेरी प्यास बुझाएगा।

अब मैं उसकी चूत में लंड को पेलने के लिए उतावला था. वो भी चूत चटवा चटवाकर पूरी चुदासी हो चुकी थी.

फिर मैंने उसकी गांड में उंगली फिरानी शुरू की तो साली अपनी चूत को अपने ही हाथ से सहलाने लगी.

वो पूरी चुदक्कड़ लड़की निकली। मुझे तो लग रहा था कि राहुल शायद इसको खुश कर ही नहीं पाता है इसलिए ये मेरे ऊपर डोरे डाल रही थी.

मन ही मन मैं सोचने लगा कि अपनी पहली ही चुदाई में मैंने भी सिक्सर लगाना है. इसकी चूत की विकेट को उड़ाकर रख दूंगा.

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अब वो चुदने के लिए बेताब हो उठी और बोली- अब लौड़ा दे ना यार … ये जीभ और उंगली से बहुत हो गया. अब मेरी चूत में अपना ये दमदार लंड घुसा दे. इससे चुदने का बहुत मन कर रहा है।

मैंने उसको उठाया और पीठ के बले लिटाकर उसकी टांगों को चौड़ी फाड़ लिया. मैं उसकी टांगों को हवा में ऊपर उठाकर खुद उसकी टांगों के बीच में आ गया और मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रख दिया.

अब मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड के टोपे को सही से सेट किया और उसकी टांगों को पकड़ कर अपनी गांड का धक्का लगाया तो सट से लंड उसकी चूत में सरक गया.

साली की चूत एकदम से फटी हुई थी.
उसको तो मजा आ गया मेरा मूसल लंड लेकर; उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव आ गये.
मैं जान गया कि इसकी चूत को मजा आ रहा है।

फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चूत में लंड के धक्के लगाने लगा।
वो मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी और मेरे मुंह में जीभ देकर मेरी लार को पीने लगी.

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मैं भी उसकी चूत धमाधम धक्के लगाता हुआ उसके होंठों को पी रहा था।
मीनू ने अब नीचे से झटके मारने शुरू कर दिये. दोनों ने एक दूसरे के साथ चुदाई की ताल से मेल मिला लिया और दोनों ही एक दूसरे को चोदने लगे।

उसकी चूत को चोदते हुए गजब का मजा आ रहा था.
मेरा तो पहला सेक्स था इसलिए मैं तो उसकी चूत को बस रौंदने में लगा हुआ था.
वो साली चुदक्कड़ रंडी मेरे लंड को अपनी चूत की जड़ तक ठुकवाने की कोशिश कर रही थी।

मीनू चुदते हुए गाली देने लगी- चोद मादरचोद … आह्ह … जोर से चोद … भोसड़ी के … तेरे दोस्त राहुल का लंड फिसड्डी है. साला मेरी चूत को प्यासी ही रखता था. मेरी चूत तो शांत नहीं हुई और दूसरी को पटाने चला था … चोद साले उसकी गर्लफ्रेंड की चूत को जोर से चोद। आह्ह … क्या लौड़ा है रे … आह्ह … पूरा घुसाकर चोद … आह्ह … फाड़ दे।

मैं भी पूरी ताकत लगाकर उसकी चूत में धक्के लगाने लगा और वो चुदाई में जैसे मदहोश होने लगी. मैं भी लगातार उसकी चूत को ठोके जा रहा था.

फिर मैंने उसको उठने के लिए कहा. उसको मैंने घोड़ी वाली पोजीशन में आने के लिए कहा.
वो बोली- नहीं, उस पोज में तुम्हारे होंठ नहीं चूस पाऊंगी.
मैंने कहा- मेरी जान … मेरे होंठ तो आज सारा दिन खा लेना मगर अभी घोड़ी बन जा, तुझे पीछे से पेलना है.

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वो मेरी बात मानकर घोड़ी बन गयी और मैंने उसकी गांड पर दो चार थप्पड़ मारे तो उसको बहुत मजा आया.
फिर मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और फिर से उसकी चूत में लंड को धकेल दिया.

एक बार फिर से मेरे घोड़े ने अपनी घोड़ी पर चढ़ाई कर दी.
मैं फट फट की आवाज के साथ उसकी चूत मार रहा था. वो भी मेरी गांड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी मगर मेरी स्पीड बहुत तेज थी.

लगभग 20 मिनट तक मैंने मीनू की चुदाई की. फिर मैं झटके लगाता हुआ उसकी चूत में ही झड़ गया.
बाद में उसने बताया कि वो तो मिशनरी पोज की चुदाई में झड़ चुकी थी।

फिर हम दोनों शांत होकर लेट गये.

अभी हमारे पास पूरा दिन पड़ा हुआ था. उसके बाद मैंने एक बार उसको वहीं बेड पर ही चोदा.

फिर हम दोनों नहाने के लिए चले गये.
वहां बाथरूम में जाकर मैंने उसकी चूत को खूब रगड़ा और उसने मेरे टट्टे सहलाये.
हम दोनों एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और मैंने एक बार उसको बाथरूम में भी चोद डाला.

वो जैसे मेरे लंड से चुदने के बाद फूल जैसी खिल गयी थी. मुझे छोड़ने को तैयार ही नहीं थी. मगर हमारे पास वक्त नहीं था.

फिर हम दोनों वहां से निकल आये.

मीनू अपने घर चली गयी और मैं अपने घर आ गया.
उसके बाद फिर से मैं हॉस्टल में चला गया.

मीनू की चुदाई तो केवल मेरी चुदाई की शुरूआत भर थी. उसके बाद मीनू न जाने कितनी बार मुझसे चुदी।

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उसके बाद फिर मैंने उसकी छोटी बहन की चूत भी मारी.
यही नहीं, बल्कि मैंने उसकी बड़ी बहन का भोसड़ा भी अपने लंड से चोदा.
उन दोनों की चुदाई की कहानी भी आपको कभी जरूर बताऊंगा.

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