Hot Sexy Aunty Chudai Kahani - मकानमालिक की जवान बीवी- 2

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हॉट सेक्सी आंटी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी जवान मकानमालकिन देर रात में मेरे पास आ गयी थी. मैं उसकी मंशा जान गया था. सेक्स कैसे शुरू हुआ?

दोस्तो, मैं अमित आपको अपनी मकानमालक की जवान और हॉट माल जैसी दिखने वाली सेक्सी बीवी की चुदाई की कहानी में सुना रहा था.
हॉट सेक्सी आंटी चुदाई कहानी के पिछले भाग
मकानमालिक की जवान बीवी
में आपने पढ़ा कि कि वो आधी रात को मेरे साथ मेरे फ्लैट में मेरे ही बेडरूम में थीं और मेरे कमरे की टेबल पर रखे हुए कंडोम के पैकेट को हाथ में लेकर देख रही थीं.

अब आगे की हॉट सेक्सी आंटी चुदाई कहानी:

मैंने निर्मला जी के हाथ से कंडोम का पैकेट ले लिया और उनके हाथ को पकड़ लिया.

निर्मला जी ने ऊपर सर करके मेरी तरफ देखा और हम एक दूसरे की आंखों में कुछ सेकंड तक चुपचाप देखते रहे.

मेरे दिमाग में पता नहीं क्या आया, मैं एकदम से निर्मला जी के सामने उनसे सटकर खड़ा हो गया और उनके हाथों से कंडोम का पैकेट ले कर टेबल पर रख दिया.

फिर निर्मला जी के गले को अपनी हथेली में हल्के से पकड़ा, एक हथेली से उनकी कमर को पकड़ा और उनके होंठों को चूम लिया.

ताज्जुब इस बात का है कि निर्मला जी ने भी मेरा साथ दिया. उन्होंने भी अपनी बांहों से मुझे पकड़ा और करीब खींच लिया.

हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते रहे. मुझे उनके शरीर की गर्माहट महसूस हो रही थी. उनके बालों की सुगंध मुझे और उत्तेजित कर रही थी.

मैंने उनको उठा कर टेबल पर बैठाया और उनकी टांगों को खोल कर उनके बीच खड़ा होकर और जोर से उनको चूमने लगा.

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हम दोनों गर्म आहें भर रहे थे और वो मेरी कमर और गांड पर अपने हाथ फिरा रही थीं.
निर्मला जी और मैं दोनों गर्म हो चुके थे.

मैंने उनके गले से हाथ नीचे करके उनके एक बड़े चूचे को जोर से दबा दिया.
निर्मला जी ने आंखें बंद करके सर पीछे किया और सांस खींचते हुए गहरी आह भरी.

उन्होंने दोनों हाथ मेरे लोअर में डाले और मेरी गांड भींच कर मुझे अपनी ओर खींच लिया.
मैंने फिर से निर्मला जी चूचे दबाये और इस बार एक निप्पल भी पकड़ कर मसल दिया.

निर्मला जी के गाल लाल होने शुरू हो गए. उन्होंने आह भरी और बोलीं- आह अमित … और जोर से!

मैं उनकी मचलन को समझते हुए, उनके चूचे जोर जोर से दबाने लगा और उनके गले पर चूमता रहा.

निर्मला जी की गर्म सांसें मेरे सर में महसूस हो रही थीं. वो अपने हाथों को मेरे लंड के आस पास घुमा रही थीं.

मैंने उनके चूचों से अपना हाथ हटाया और उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.

निर्मला जी एकदम से चुलबुले तरीके से हंसी और मेरे लंड को सहलाने लगीं.

मेरा लंड भी प्यार मिलते ही अपना आकार बदलने लगा और देखते ही देखते वो निर्मला जी की चूत हासिल करने के लिए तैयार हो गया.

उधर निर्मला जी भी मेरे लंड से खेलने में व्यस्त हो गईं.

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अब मैंने उनकी टांगें फैला दीं और उनके होंठों को फिर से चूमते हुए उनके लोअर में हाथ डाल दिया.

निर्मला जी निआग्रा फाल्स से भी ज़्यादा गीली हो रही थीं, उनकी चूत भट्टी जैसी गर्म और अपना चिपचिपा माल छोड़ रही थी, जो उनकी कच्छी और और उनकी झांटों को भिगो चुका था.

मैंने अपनी बीच की उंगली से निर्मला जी की चुत को ऊपर से नीचे तक सहलाना शुरू किया, मेरी उंगली उनकी चुत की फांकों में ऐसे फिसल रही थी, जैसे मार्बल के फर्श पर बर्फ फिसलती है. उनकी चुत के होंठ फूल कर मोटे मोटे हो गए थे.

मैं धीरे धीरे उनकी चुत सहलाता रहा और वो मेरा लंड सहलाती रहीं.

फिर मैंने उनकी चुत पर हल्का सा दबाव बनाया और बोला- आंख तो खोलो निर्मला जी … इन आंखों का ये नशा हमें भी तो देखने दो.

निर्मला जी ने गर्दन ऊपर करके आंखें खोल दीं और मेरी आंखों में देखा. उनकी आंखें पानी और हवस से भरी हुई थीं.

उसी समय मैंने तुरंत अपनी बीच की उंगली उनकी चूत में सरका दी.
‘अह्ह्ह अमित … उम्म उहह हह … बहनचोद आराम से कर.’ निर्मला जी ने आखें बंद कीं और गाली दे दी.

उनके मुँह से गाली सुन कर मैं और उत्तेजित हो गया. मैंने अपनी उंगली उनकी चुत में अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी.

निर्मला जी मेज़ पर बैठी बैठी हिलने लगीं. उन्होंने मेरे लंड पर से हाथ हटाया और दोनों हाथों से मेज़ को पकड़ लिया.

मुझे ऐसा लगा कि जैसे उन्हें कुछ परेशानी हो रही है. मैंने निर्मला जी को खींच कर मेज़ पर लिटा दिया. अब उनके दोनों पैर मेरे कंधों पर थे और वो कमर के बल मेज़ पर लेटी थीं.

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मैंने पीछे होकर उनका लोअर और कच्छी उतार कर टांगों से बाहर निकालीं और दूर फेंक दी. फिर उनकी टी-शर्ट ऊपर करके उनकी ब्रा में से चूचे आज़ाद कर दिए.

उनका शरीर एकदम मक्खन जैसा मुलायम, गर्म और कामुक लग रहा था.

फिर से मैंने उनके पैर अपने कंधों पर रखे और इस बार दो उंगलियां उनकी चूत में सरका दीं.

निर्मला जी की जैसे सांस अटक गई. उन्होंने अपनी कमर उठाई, गर्दन पीछे की और अपने दोनों हाथों से अपनी चूची दबा दी- उम्म मर गई आहहह.. अमित … बहुत मज़ा आ रहा है, साले रुकना मत, वर्ना मां चोद दूंगी … भैन के लौड़े.

उन्होंने सड़कछाप शोहदों जैसे गाली दी और अपने पैर की मांसपेशियों को कसते हुए अपनी गंदी जुबान से आवाज दे दी.

मैंने दोनों उंगलियां उनकी चूत में चलानी शुरू कर दीं और दूसरे हाथ से उनकी चूत के ऊपर वाले दाने को (क्लाइटोरिस) को मींजने लगा.

निर्मला जी ने इस हरकत के शुरू होते ही तुरंत अपने दोनों हाथों से मेज़ का कोना पकड़ लिया और गहरी गहरी सांस लेने लगीं- आह और तेज़ अमित … उम्महहह … आअह्ह्ह … करते जा भैनचोद … आह बहुत मज़ा आ रहा है.. आअह्ह्ह.
उन्होंने अपना चोदू राग जारी रखा.

मैंने दोनों उंगलियों को चूत के अन्दर फिक्स किया और दूसरे हाथ से उनकी टी-शर्ट और चूचे पकड़ लिए.

अब मैं अपनी उंगलियों को जोर जोर से चूत में ऊपर नीचे चलाने लगा.
‘आहह, आहह मर गई … अअहह.’ निर्मला जी कांपती हुई आवाज़ में बोलीं.

कुछ ही सेकंड में निर्मला जी का बदन अकड़ उठा. उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे हाथ को जकड़ा और घुटती हुई आवाज़ में बोलीं- आह रुकना मत, प्लीज और तेज़ … रुकना मत.

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उनकी आंखें गोल घूम कर ऊपर को हो गईं. उनकी पलकें कम्पन करके बंद हो गईं.

उन्होंने अपने पैर मेरे कंधे पर से हटाए और मुझे लात से पीछे धकेला. अपने हाथों को अपने चूत के बीच में डाला और बहुत जोर से गहरी सांस खींचते हुए बोलीं- मार दिया भोसड़ी वाले तूने … मेरी तो गांड ही फाड़ दी तूने.

निर्मला जी आधी मेज़ पर और आधी हवा में लटकी सी थीं और कांप रही थीं. उनकी चूत से जैसे झरना बह रहा था.

मैंने उनकी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला- अभी तो शुरूआत है, आप चाहेंगी तो आपकी गांड भी मार दूंगा निर्मला जी.

निर्मला जी हल्के हल्के झटके खाते हुई बोलीं- आ हम्म … र..रुक ज..जा हरामीई … स..सांस तो ले लेने दे … आह.
मैं समझ गया कि इस समय निर्मला जी स्खलित होने का आनन्द ले रही हैं.

कुछ देर बाद मैंने उन्हें हाथ से पकड़ा तो वो मेरे हाथ का सहारा लेकर टेबल पर बैठ गईं.
मैंने अगले ही पल उनकी टी-शर्ट को ऊपर उठाते हुए उनके बदन से अलग कर दिया. फिर उन्होंने खुद ही अपनी ब्रा को निकाल कर फेंक दिया.

अब मेरे सामने मेरे मकानमालिक की जवान बीवी एकदम नंगी बैठी थी.
उसने मेरी तरफ देखा और कहा- अब चोद भी दे.

मैंने हंस कर अपने कपड़े उतारे और उनको उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया. हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और चूमाचाटी करने लगे.

निर्मला जी बोलीं- अमित एक बियर मुझे भी दे.
मैंने पूछा- बियर या व्हिस्की!

वो बोलीं- चल पैग ही बना दे. साथ में सिगरेट भी दे दियो.

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मैंने लार्ज पैग बना कर उन्हें दिया और जब तक मैं सिगरेट जलाता तब तक निर्मला जी ने एक ही सांस में पूरा गिलास खाली कर दिया था.
मैं हतप्रभ था कि साली बड़ी वाली रांड है. उसने जल्दी से मेरे हाथ से सिगरेट खींची और लम्बा सा कश खींच कर अपने मुँह का कसैलापन ठीक किया.

अब वो बोलीं- एक और बना.

मैंने झट से दूसरा बना दिया. दूसरे पैग को निर्मला जी ने धीरे धीरे खाली किया. मगर तब भी दो मिनट से ज्यादा नहीं लगा होगा.

इसके बाद सिगरेट मैंने ले ली और चार कश लेकर उसे बुझा दिया. फिर कमरे में से फ्रेश एयर फेन चला कर एसी को सोलह पर कर दिया.

कुछ ही देर में कमरे से धुंआ निकल गया और मैंने फेन बंद करके उनकी तरफ देखा. निर्मला जी को नशा चढ़ गया था और वो अपनी दोनों टांगें खोले चुत पर हाथ फेर रही थीं.

इस समय वो एक मस्त रंडी के जैसे लग रही थीं.

उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा. मैं समझ गया कि कुतिया लंड चूसेगी.

मैं उनके सर के पास आया और लंड उनकी तरफ कर दिया. उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.

एक मिनट से कम समय में मेरा लंड हिनहिना उठा और मैं बिना कुछ कहे उनके ऊपर चढ़ गया.

निर्मला जी ने अपनी टांगों के बीच मुझे सैट किया और मैंने लंड उनकी झांटों वाली सांवली सी चुत में ठेल दिया.

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वो कराह उठीं और शराब के तेज नशे के कारण ज्यादा कुछ नहीं चिल्ला सकीं.

मैंने लंड को दो तीन बार में अन्दर बाहर करके चुत में सैट किया और पूरा अन्दर पेल कर उनकी एक चूची को चूसना शुरू कर दिया.

अब वो भी मस्ती से चुदने लगी थीं.

कुछ ही देर बाद मैं ताबड़तोड़ चुदाई की पोजीशन में आ गया था. इससे निर्मला जी की चुत ने फिर पानी छोड़ दिया और उनके इस बार के स्खलन में मैं भी उनकी चुत में ही झड़ गया.

एक मिनट बाद मुझे होश आया तो मैंने उनसे कहा- मैं अन्दर ही निकल गया.
वो बोलीं- कोई बात नहीं … इससे मैं निपट लूंगी.

मैंने उन्हें चूम लिया और पूछा कि कभी मधुसूदन आंटी के फ्लैट में आपने रात भी गुजारी है.
वो हंस दीं और बोलीं- हां कई बार … तू आज मुझे सारी रात चोद दे … मेरी आग बुझा दे.

मैं समझ गया.

एक बार फिर से मैंने उनकी चुदाई की तैयारी शुरू कर दी.

उस रात मैंने निर्मला जी को तीन बार चोदा और सुबह तीन बजे के करीब वो अपने घर चली गईं.

इसके बाद पूरे लॉकडाउन में मैंने उनकी मस्त चुदाई का मजा लिया. साथ ही मैं उनकी सौतेली लौंडिया को भी चोदने के चक्कर में लगा रहा.

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वो सब कैसे हुआ और क्या हुआ, ये सब मैं आपको फिर कभी लिखूंगा. आप मुझे मेरी इस हॉट सेक्सी आंटी चुदाई कहानी पर कमेंट करना न भूलें.
आपका अमित