Badi Sagi Didi Ki Fuddi Aur Gand Ka Maza - बड़ी सगी दीदी की फुद्दी और गांड का मजा

HOT Free XXX Hindi Kahani

मुझे बड़ी उम्र की लड़कियां पसंद हैं. मेरी नजर मेरी बड़ी बहन पर थी. उसकी चूची, गांड देखकर मैं मुठ मारा करता था. एक दिन मुझे उसकी चुदाई का मौका मिला. कैसे?

नमस्कार दोस्तो, मैंने हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम पर बहुत से लोगों की कहानियां पढ़ी हैं और अपना लौड़ा हिलाया है. यहां पर बहुत सारे लोग अपनी कहानियां लिखते हैं.

हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम की कई कहानियां तो बहुत कामुक होती हैं और मैं कई दफा तो एक ही कहानी को पढ़कर तीन चार बार मुठ मार लेता हूं.

अब मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी कहानी लिखूंगा ताकि आप सबको बता सकूं कि आज के समय में इन्सान के अंदर हवस और कामुकता किस कदर बढ़ चुकी है और वो इन्सान पर कैसे हावी हो जाती है.

तो चलिए शुरू करते हैं.
मेरा नाम राहुल है और मैं हिमाचल से हूं। मगर मैं और मेरा परिवार फिलहाल पंजाब में रहते हैं.
मैं पिछले 5 साल से अंतर्वासना का नियमित पाठक हूं।

यह मेरी पहली कहानी है। अगर लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ करना।
यह कहानी मेरी और मेरी बहन की है. मेरी बहन की उम्र 26 और मेरी 24 है। हम परिवार में तीन लोग हैं- मां, मैं और मेरी बड़ी बहन। मेरे पिता का देहांत दो साल पूर्व हो गया था. मैं और बहन नौकरी करते हैं और मां घर में ही रहती है.

मेरी बहन का नाम अंजलि (बदला हुआ) है. वो देखने में बहुत लाजवाब है. उसका फिगर 34-32-36 है. मतलब एकदम कटीला बदन है. गांड देखकर किसी का भी लंड सख्त हो जाए।

वह अक्सर घर पर सूट सलवार और लैगी पहनती है जिसमें वो बहुत सेक्सी लगती है। अक्सर उसे देखकर मेरा लंड सख्त हो जाता था. मगर मैं उससे कुछ कहने या उसको छूने की हिम्मत नहीं कर पाता था.

अंजलि के बदन के बारे में सोचकर मैं कई बार मुठ मार चुका था. जब वो घर में काम करती थी तो मैं उसकी चूचियों और गांड को ही ताड़ता रहता था. कई बार बहाने से उसके कमरे में जाया करता था.

जब वो सो रही होती थी तो उसकी चूचियों के उभारों को देखा करता था. उसकी चूचियों को उठी हुई देखकर मेरा लंड भी उठ जाता था. एक दो बार तो मैं उसके कुर्ते को भी उठाकर देख चुका था.

Hot Japanese Girls Sex Videos
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

घर में अक्सर वो मां के आसपास ही रहती थी. इसलिए मुझे करने या कहने का मौका नहीं मिलता था.

फिर एक दिन की बात है कि मेरी मां मेरी नानी के घर गयी हुई थी.

उस दिन मैं और दीदी एक ही रूम में सोये हुए थे. दीदी ने काले रंग का कुर्ता और पीले रंग की सलवार पहनी हुई थी.
उसमें वो गजब का पटाखा लग रही थी.

रात को जब मेरी नींद खुली तो मैंने पाया कि दीदी की गांड मेरी ओर ही थी. उसका कुर्ता ऊपर उठा हुआ था और उसके दो पहाड़ जैसे चूतड़ साफ उभरे हुए थे.

मैंने हल्के हाथ से डरते हुए उसकी गांड पर हाथ फेरा तो पता लगा कि उसने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. दीदी की चूत अंदर नंगी थी.
ये सोचकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया.

मेरे अंदर हवस जाग गयी और मैं फिर से हाथ फेरने लगा. वो कहते हैं कि शेर के मुंह लहू लग गया था. एक बार फेरने के बाद अब रुकना मुश्किल था.

मैं उसकी गांड सहलाये जा रहा था और मेरी वासना भी साथ साथ और ज्यादा बढ़ती जा रही थी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि मैंने पहली बार दीदी की गांड को छुआ था.

मेरा लंड पूरा तड़प रहा था. मैंने उसे अपनी लोअर से बाहर निकाल लिया और सरक कर अपने लौड़े को दीदी की गांड के पीछे ले गया.
मैंने दीदी की गांड पर लंड को लगा दिया.

मैं अपने लंड को धीरे धीरे उसकी गांड पर रगड़ने लगा.
मेरा जोश और ज्यादा बढ़ने लगा.
हवस में ये ध्यान भी नहीं रहा कि अगर दीदी मेरे लंड के दबाव से उठ गयी तो क्या होगा.

अब मैं उसकी गांड के दोनों पहाड़ों के बीच में अपने लंड को उसकी दरार की घाटी में फंसाने की कोशिश करने लगा.
इस हलचल से दीदी की नींद खुल गयी और वो एकदम से पलट कर उठ गयी.

देसी हिंदी सेक्स वीडियो

मेरी हालत देखी तो उसकी आंखें हैरानी में फैल गयीं.
मेरे हाथ में मेरा लंड था जो पूरा तना हुआ था और मैं जांघों तक नंगा था.
तोप की तरह मेरा लंड दीदी की ओर तना हुआ था.

वो बोली- क्या है ये? ये सब तू मेरे साथ कर रहा है? तुझे मैं अच्छी लगती हूँ?

पता नहीं मुझे क्या हुआ. जैसे मेरे ऊपर दीदी की बात का कोई असर ही नहीं हुआ. उस वक्त मुझे दीदी के रूप में केवल एक चूत दिख रही थी जिसको मेरा लौड़ा चोदना चाहता था बस।

मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और उसको बेड पर पीठ के बल गिरा दिया. उसके दोनों हाथों को बगल में दबा कर उसके चेहरे और गर्दन को तेजी से चूमने लगा.

फिर मैंने उसके चेहरे को एक हाथ पकड़ लिया और उसके होंठों को चूम लिया. फिर मैं उसके होंठों को चूमता ही रहा. दो मिनट के बाद उसने खुद ही होंठ खोल दिये. दीदी भी मेरा साथ दे रही थी.

फिर मैंने नीचे हाथ ले जाकर उसकी सलवार का नाड़ा खोल लिया और उसकी पैंटी को नीचे हटाकर उसकी चूत पर लंड लगाकर लेट गया.

मेरे होंठ अब भी दीदी के होंठों को चूम रहे थे. अभी तक उसने मुंह नहीं खोला था.

नीचे से मैं उसकी करारी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. दीदी को थोड़ा मजा आने लगा और वो अब हल्के से चूत को नीचे से ऊपर की ओर मेरे लंड की ओर उठाने लगी.

शायद उसको अपनी चूत पर लंड लगवाने से सेक्स करने का मन कर गया था.
उसको लंड का स्पर्श अपनी चूत पर बहुत अच्छा लग रहा था.

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को अब आराम से चूसने लगे. दीदी ने मुझे बांहों में भर लिया था और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़े जा रहा था.

Free Hot Sex Kahani

मेरे लंड से इतना पानी रिस रहा था कि उसने दीदी की चूत को भी चिकनी कर दिया था. हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के होंठों का रस पीते रहे.

फिर मैं उठ गया और उसकी सलवार नीचे तक उतार दी. फिर मैंने उसकी कुर्ती भी उतार दी. अब ब्रा को खोलकर मैंने दीदी को पूरी नंगी कर लिया.

मैंने दीदी के बूब्स पर मुंह लगा दिया और उनको जोर जोर से चूसने लगा.

वो भी मस्ती में आ गयी और अपनी चूची पिलाने लगी.
उसके निप्पलों को काट काटकर मैं चूस रहा था और दीदी सिसकारती जा रही थी.

मेरे भीतर जैसे को हवसी शैतान आ गया था. मैं दीदी के बदन को खाने पर उतारू हो गया था. उसकी चूचियां मैंने लाल कर दीं चूस चूसकर।

अब मैंने दीदी की चूत पर हमला बोल दिया और उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा.

दीदी जोर से आवाजें करने लगी- आह्ह … राहुल … आराम से … आह्ह … मर गयी … क्या कर रहा है … आह्ह … मैं पागल हो रही हूं … आह्ह … ऐसे मत तड़पा … आई ई … आह्ह … मेरी चूत … आह्ह … भाई … मत चूस … आह्ह!

मैंने दीदी को पागल कर दिया.
फिर मैंने लंड को चूत पर लगा दिया तो वो थोड़ी घबरा गयी.
वो बोलने लगी- राहुल आराम से प्लीज!
मैंने बोला- दीदी बहुत दिनों से इस पल का इंतज़ार किया है. आज कुछ ना बोलो.

फिर मैं उठा और मैंने भी अपने कपड़े सारे उतार दिये. अब मैं और दीदी पूरे नंगे थे.

मैंने फिर से उसकी चूत पर लंड को टिका दिया. मेरा खड़ा लौड़ा दीदी की फुद्दी पर लगा हुआ था.

कामुकता सेक्स स्टोरीज

मैंने पूछा- दीदी सच बताना. पहले किसी से चुदवायी है क्या तुमने?
वो बोली- हां, मैं चुदवा चुकी हूं. एक दोस्त है जो मुझे चोदता है. वो मुझे गाली देकर चोदता है. तेरी तरह ही पूरे जिस्म को काट कर खा जाता है. मुझे उसके साथ बहुत मजा आता है.

उसकी चूत पर लंड को पटकते हुए मैं बोला- दीदी, तू आज उसको भूल जायेगी इतनी चोदूंगा तेरी चूत। आज ऐसे चोदूंगा कि याद रखेगी तू हमेशा.

वो बोली- मैं भी तो ऐसा ही चाहती हूं.
फिर मुझे ध्यान आया कि अगर दीदी चुदवा चुकी है तो फिर लौड़ा भी चूस चुकी होगी. मैंने उसकी चूत से लंड को हटा दिया.

अपनी गांड को उसके पेट से थोड़ा ऊपर टिकाकर मैंने लंड को उसके मुंह के सामने कर दिया.

वो एक बार मेरे लंड को देख रही थी और दूसरी बार मेरे मुंह को देख रही थी. वो मेरा इशारा समझ गयी थी.

उसने अपने मुंह को खोल दिया और मैंने लंड अंदर दे दिया.

मैं गांड को आगे पीछे हिलात हुए उसके मुंह को चोदने लगा.
दोस्तो, चूत मारने का आधा मजा तो मुंह में ही मिल जाता है.

मुझे लंड चुसवाकर बहुत मजा आ रहा था. मैं कभी कभी लंड को बाहर निकाल कर उसके होंठों पर रगड़ने लगता था.
दोस्तो, सच बताऊं तो मेरा लौड़ा बहुत बड़ा और मोटा है.

दीदी ने पहली बार इतना मोटा लौड़ा देखा था जो उसने खुद अपने मुंह से कहा।

मैं स्पीड बढ़ाकर जोर जोर से लोड़े को अन्दर बाहर करने लगा दीदी के मुंह में. दीदी की आंखों में आंसू आ गये.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज

अब मैंने दीदी को उठाया और उसे खड़ा किया.
मैं नीचे लेट गया और वह मेरा लौड़ा चूसने लगी.
बहुत मस्त तरीके से चूस रही थी जैसे साली कोई पोर्न स्टार हो.

उसने कम से कम दस मिनट तक मेरा लौड़ा चूसा और साथ में मेरी गोलियां भी मस्त गीली कर दीं.

वो मेरे पूरे लंड को थूक में भिगो चुकी थी. सच में बहुत मजा आ रहा था.

मुझे भी बहुत हवस चढ़ गई. मैंने भी दीदी को वहीं पलटा और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखवा लिया. फुद्दी की बाहरी दीवारों पर मैंने लौड़े को रगड़ा.

दीदी बहुत जोर जोर से सिसकारियां मार रही थी और बोल रही थी- राहुल चोदो अपनी रण्डी बहन को … मेरी चूत को चोदकर मजा दे दो … तुम्हारा लंड बहुत मजा देगा … चोदो मुझे.

मैंने भी अब लौड़े को सही से सेट किया और धीरे धीरे अन्दर घुसा दिया.
मेरे लंड को दीदी ने धीरे धीरे करके अंदर ले लिया और वो फिर अपनी चूचियों को मसलने लगी.

दीदी को गाली देते हुए मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया- आह्ह … ले साली … तेरी मां की चूत … आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा. तेरी चूत को रगड़ कर चोदूंगा.

मैं पूरे जोश में दीदी की चुदाई कर रहा था. पूरे रूम में फच फच की आवाज़ गूंजने लगी.
इसी बीच दीदी का पानी निकल गया.

मैं फिर भी उसको चोदता रहा. करीब पन्द्रह मिनट ऐसे ही चोदता रहा.

दीदी एक बार झड़ चुकी थी. मेरा भी होने वाला था.

देसी चुदाई की कहानियाँ

मैंने लौड़े को बाहर निकाला और दीदी के मुंह के ऊपर हिला हिला कर पूरा वीर्य दीदी के मुंह में निकाल दिया.
अब हम दोनों ऐसे ही नंगे लेट गए।

कुछ देर के बाद मैंने फिर से दीदी को अपने ऊपर खींच लिया. मैं उसके चूतड़ों को दबाने लगा. साथ में थप्पड़ भी मार रहा था. उसकी गांड एकदम से लाल हो गयी.

मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया. अब दीदी मेरे लौड़े के ऊपर बैठ गई. पूरा लौड़ा उसकी गांड में घुस गया और वो ऊपर नीचे होने लगी.

साथ में मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारे जा रहा था. हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने उसको नीचे गिराया और उसके बूब्स में अपना लौड़ा रखा. उसने बूब्स अपने हाथ से अन्दर को दबाए और मैं लौड़े को बूब्स के बीच में आगे पीछे करने लगा.
उसके बूब्स के निप्पल एकदम सख्त हो गए थे.

फिर मैंने उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. साथ में मैं उसकी फुद्दी में उंगली घुसा रहा था. मैं उंगली को आगे पीछे कर रहा था.

आज मैं उसे एक रण्डी की तरह चोदना चाहता था।
मैंने दीदी को उल्टा किया और उसके चूतड़ों पर अपने दांतों से काटने लगा.

सच में बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसके चूतड़ों को एकदम लाल कर दिया था काट कर. उसमें निशान बन गए थे. पीठ, बाजू और बूब्स पर भी मैंने बहुत सारे निशान बना दिए चूस चूस कर.

दस मिनट बाद मैंने भी दीदी को वैसे ही ऊपर उठा लिया और खड़ा हो गया.
वो मेरी गोदी में थी.

मैंने दीदी को ऐसे ही उठाकर सीधा दीवार से चिपका दिया और जोर जोर से चोदने लगा.

Free XVideos Porn Download

कम से कम तीस मिनट तक मैं ऐसे ही चोदता रहा. दीदी भी नशे में ऐसे चुद रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो.

मैंने दीदी को बहुत चोदा. फिर पूरा माल उसकी चूची और फुद्दी में गिरा दिया.

दीदी भी 2 बार झड़ चुकी थी.
अब हम थक गये थे लेकिन लौड़ा शांत नहीं हो रहा था.

जैसे ही वो बेड की ओर जाने लगी तो मैंने एक बार फिर से उसे पकड़ कर खींच लिया.

वो बोली- प्लीज़ रहने दो.
मैंने बोला- साली रण्डी अभी कहां!
उसे नीचे फर्श पर लिटा कर मैं उसके उपर आ गया और उसके बदन को फिर से चूसने लगा.
दस मिनट के बाद मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.

Hindi Antarvasna Kahani

मैं फिर से दीदी को पेलने लगा. दीदी की आंखों में आंसू आ गये. मैं धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था.

एक घंटे में मैंने दीदी को तीसरी बार चोदा. तब जाकर मेरा माल निकला.

इस बीच दीदी न जाने कितनी बार झड़ गयी थी और बेहाल हो गयी थी. मगर उसे मजा भी आ रहा था. फिर हम दोनों बिस्तर पर नंगे होकर लेट गए.

मैंने देखा कि दीदी की फुद्दी सूज गयी थी. उसकी चूचियों और गांड पर मेरे दांतों के निशान थे.

कुछ देर बाद मुझे फिर से चोदने का मन करने लगा.
एक बार मैंने फिर से उसको पकड़ लिया और गालियां देते हुए उसके मुंह पर थप्पड़ मारने लगा.
मैंने अपनी उंगली को उसके मुंह में डाल दिया. उसका मुंह बहुत गर्म था.

Free Indian Sexy Stories

मैं उसको उंगली चुसवाने लगा और वो लंड की तरह उंगली चूसने लगी. फिर मैंने उसकी चूत को रगड़ा. फिर उसकी चूत में उंगली की. उसके बाद उसकी गांड में जीभ से चाटा.

अब मैंने फिर से उसकी चूत में लंड दिया और चोदने लगा. मैंने 10 मिनट तक चोदा और फिर झड़ गया. उसके बाद हम 10 मिनट ऐसे ही बेहोश पड़े थे एक दूसरे के ऊपर.

हम अब पूरे थककर चूर हो गये थे.
दीदी बोली- तूने मुझे पूरी संतुष्ट कर दिया. मेरे दोस्त ने कभी मुझे इस तरह नहीं चोदा.
मैं बोला- अब मैं तेरे को रोज ऐसे ही संतुष्ट किया करूंगा.

फिर हम सो गए.

अगली सुबह संडे था तो सुबह उठ कर मैंने दीदी की दो राउंड चुदाई और की.

मां को शाम तक आना था. उस रोज फिर दिन के समय में मैंने दीदी को कई बार अलग अलग पोज में चोदा.

वॉशरूम में जाकर उसकी गांड भी चोदी. शाम तक उसकी हालत ऐसी हो गयी कि वो चल भी नहीं पा रही थी. उस दिन के बाद दीदी और मेरे बीच सब कुछ खुल गया था.

अब भी मौका पाकर मैं उसकी चुदाई करता रहता हूं. मुझे अपने से बड़ी उम्र की लड़कियां बहुत पसंद हैं इसलिए मैं अपनी बड़ी बहन को चोदने में भी पूरा मजा लेता हूं.

दोस्तो, मैं अपनी अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी मां को भी चोदा. आशा करता हूं कि आप सबको मेरी बहन की चुदाई की ये कहानी अच्छी लगी होगी.

मेरी बहन की चुदाई की कहानी पढ़ते हुए सभी ने अपने लौड़े और फुद्दियों को शांत किया होगा अच्छे से!

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ

मुझे भी बताना कि ये कहानी कैसी लगी आपको. आप मुझे अपनी राय जरूर दीजिएगा.