मैं कंपनी के काम से एक नए लड़के के साथ पुणे गयी. उस लड़के की मस्त बॉडी को देखकर मेरा मन उससे चुदने का करने लगा. मैंने उस लड़के के साथ कैसे मजे लिये?
हैलो फ्रेंड्स, मैं सिमरन फिर से आ गयी हूं अपनी एक और गंदी सेक्स कहानी लेकर। अगर आप लोगों ने मेरी पिछली कहानियां नहीं पढ़ी हैं तो मैं बता दूं कि मैं एक इंडियन गर्ल हूं. मैं बाहर से दिखने में बहुत सीधी सादी हूं लेकिन अंदर से मैं बहुत ही नॉटी हूं और गंदे सेक्स का बहुत मजा लेती हूं.
यह घटना तब की है जब मैं एक बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी में काम करती थी. मैं सेल्स डिपार्टमेंट में काम करती थी और कई बार मुझे सेल्स के लिए बाहर भी जाना पड़ता था.
आप लोग तो जानते ही होंगे कि सेल्स में आने-जाने और रहने का खर्च कंपनी ही देती है और ज्यादातर लग्ज़री रिसोर्ट्स में ठहरने का मौका मिलता है.
इस बार मेरे साथ एक टीम मेंबर को भी भेजा गया था. वह कंपनी में नया था. उसका नाम था रोहन.
रोहन के पास ग्राहकों को संभालने का अनुभव तो था लेकिन कभी सीधे तौर पर सेल्स करने का मौका नहीं मिला था.
यह मीटिंग पुणे के एक बहुत बड़े होटल में थी. होटल में प्रेजेंटेशन मुझे ही देनी थी जबकि मेरा साथी मेरा सहयोग दे रहा था. हम लोग फ्लाइट से गये थे.
वीरवार को हम पुणे के लिए निकल गये थे और प्रेजेंटेशन रविवार तक चलना था जो कि अलग अलग पड़ाव में होना था.
हमारा काम शनिवार की दोपहर को ही खत्म हो गया और क्लाइंट हमारे प्रस्तावों से बहुत खुश हो गया. हमें कॉन्ट्रेक्ट मिल गया था और वो साइन भी हो गया.
अब हमारे पास एक पूरा दिन बच गया था वहां पर घूमने फिरने और मस्ती करने के लिए. हमारी फ्लाइट तो अगले दिन ही थी. उस शाम को हमने पार्टी करने के बारे में सोचा. यह पार्टी केवल रोहन और मैं ही करने वाले थे.
हम रिसोर्ट के बार में गये. वहां पर हमने शराब तो नहीं पी लेकिन रात का खाना खा लिया और कुछ मॉकटेल का मजा लिया. मैंने ऑफिस वाला पहनावा पहना हुआ था.
मैंने अपनी जेकेट निकाल दी थी और मैं शर्ट और स्कर्ट में ही थी. अपनी शर्ट के मैंने ऊपर वाले दो बटन खोल लिये थे और अब मेरी काली ब्रा सामने से साफ साफ देखी जा सकती थी.
रोहन की तारीफ मैं हमेशा ही किया करती थी. उसकी बॉडी बहुत मस्त थी. उसकी डील-डौल बहुत ही चुस्त थी. बॉडी जिम टोन्ड थी. एब्स भी निकले हुए थे. कुल मिलाकर एक मस्त जवान लौंडा था.
कुछ देर हमने वहां पर बातें की और फिर हम वहां से लौटकर अपने अपने रूम की ओर जाने लगे. लिफ्ट में उसके साथ आते हुए मुझे उसके कस्तूरी गंध वाले इत्र की खुशबू आ रही थी जिसमें उसके बदन के पसीने की खुशबू भी मिली हुई थी.
मुझे वह खुशबू बहुत पसंद आ रही थी और उसको अधिक पाने के लिए मैं उसके और ज्यादा करीब आ गयी. काम पूरा होने की खुशी तो थी ही और बहुत दिनों से मैंने लंड का स्वाद भी नहीं चखा था.
रोहन की गोल गोल मस्त शेप वाली गांड को देखकर मेरे अंदर हवस जागने लगी थी और मैं उत्तेजित होती जा रही थी. फिर लिफ्ट से निकल कर हम लोग गैलरी में आ गये थे. हम रूम की ओर जा रहे थे.
“रोहन! हम दोनों यहां पर कल तक रहने वाले हैं, तो क्यों न तुम मेरे साथ मेरे कमरे में कुछ देर के लिए मुझे ज्वाइन कर लो? हम दोनों बातें करेंगे और टाइम पास हो जायेगा.” मैंने कहा।
“हां हां, क्यों नहीं? जरूर … चलो चलते हैं.” उसने जवाब दिया.
हम रूम में अंदर गये और मैं बेड पर जाकर बैठ गयी.
मैं कुछ इस तरह से टांगें खोलकर बैठी कि वो मेरी स्कर्ट के अंदर का नजारा भी देख सके. वो सामने एक सोफा कुर्सी पर बैठा हुआ था.
फिर हम बातें करने लगे. मैं अपने पैरों को बार बार फैला रही थी और अपनी स्कर्ट के अंदर का नजारा उसके सामने पेश कर रही थी.
बीच बीच में एक दो बार मैं नीचे भी झुक जाती थी ताकि उसको अपने बूब्स भी दिखा सकूं और उसको गर्म कर सकूं.
मेरी इन हरकतों का असर उसके चेहरे पर साफ साफ दिखने लगा था. वो कुछ असहज सा हो गया था और अपने लंड के तनाव को किसी तरह से छुपाने की कोशिश कर रहा था.
अब मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. इसलिए मैं पहल करते हुए उठी और उसके पास चली गयी.
मैंने उसकी टाई को पकड़ लिया और उसकी शर्ट के कॉलर को खींचकर कहा- तुम्हें क्या लगता है कि हमें आज क्या करना चाहिए?”
“अम्म … हमें आज की डील का एक नये अंदाज़ में जश्न मनाना चाहिए?” उसने कहा.
“हम्म … लेकिन बॉस मैं ही हूं. बाहर भी और अंदर भी!” मैंने उसका कॉलर खींचते हुए कहा.
“जैसा आप कहो मैडम.” उसने मेरी आंखों में देखते हुए कहा.
मुझे पता चल गया कि आज रात को बहुत मजा आने वाला है.
मैंने उसको सोफे पर पीछे की ओर धकेल दिया और उसके ऊपर चढ़ गयी. मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू कर दिये. उसकी शर्ट को उतरवा कर मैंने उसको एक तरफ फेंक दिया.
फिर अपनी भी शर्ट उतारी और उसको भी एक साइड में डाल दिया. एकदम से मैंने अपनी ब्रा को भी उतार फेंका. ब्रा उतरते ही मेरे नींबू उसके चेहरे के सामने झूल गये और वो जैसे अवाक् रह गया.
मैं उसकी जांघों के बीच उसके अंडकोषों वाली जगह पर अपनी गांड टिकाकर बैठ गयी. अपने हाथों से ही मैंने अपने बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने अपनी हथेली पर थूका और उस थूक को अपनी चूचियों पर मलने लगी. मैंने उसको पूरा फैला दिया और फिर उसके चेहरे पर झुक गयी.
मेरी चूचियां उसके होंठों से जाकर छूने लगीं. उसने भी बिना देर किये मेरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
अब मैंने इतने में उसकी पैंट की बेल्ट को खोला और उसको नीचे खींचने लगी.
वो हल्का सा उठा और अपनी पैंट को अपनी गांड से नीचे सरका कर जांघों तक कर लिया. फिर उसने उसको पूरी ही निकाल दिया. अब वो केवल अंडरवियर में था और उसका लंड पूरा तनकर एकदम साइड में उठा हुआ था.
मैंने उसके अंडरवियर को खींच कर उसे पूरा नंगा कर दिया. बहुत ही मस्त लंड था उसका जो पूरा प्रीकम में गीला हो गया था. फिर मैं दोबारा से उसकी जांघों में बैठ गयी और वो मेरी चूचियों को चूसने लगा.
वो मेरे निप्पलों के चारों ओर जीभ फिरा रहा था और मेरी चूत गीली हो गयी थी.
इस बीच मैंने उसके अंडकोषों को अपने हाथ में लेकर जोर से भींच दिया. भींचते हुए उसके मुंह से जोर की चीख निकल गयी- आआआ … उफ्फ!
उसकी आवाज को दबाने के लिए मैंने अपने चूचे को उसके मुंह में दे दिया और वो गूं … गूं करके उसको पीने लगा. मेरे भूरे निप्पल पर उसकी गर्म जीभ चाटते हुए मुझे बहुत मजा दे रही थी.
इस तरह से मैंने अपने दोनों बूब्स उसको पिलाये और मेरी चूत पानी छोड़ती रही. फिर मैंने अपनी स्कर्ट को निकाल दिया. अब मैं केवल पैंटी में थी. मैंने अपनी गीली पैंटी को उसके मुंह पर टिका दिया और बैठ गयी.
मैं अपनी चूत वाले हिस्से को उसके मुंह पर रगड़ने लगी ताकि उसकी नाक मेरी चूत से रिस रहे पानी की महक ले सके.
मैं उसके चेहरे और होंठों पर अपनी गीली चूत को रगड़ रही थी. रगड़ रगड़ कर मैंने उसको पूरा तड़पा दिया था.
फिर मैंने उसको बालों से पकड़ कर खींचा और उसे फर्श पर गिरा लिया.
“तुम जैसे डरपोक के लिए यही सही जगह है.” उसकी गांड पर तमाचा मारते हुए मैंने कहा.
“हां मैम, मुझे आपकी सेवा करने का मौका दो … प्लीज।” उसने कहा.
मैं चलकर उसके सामने गयी. मैंने अपनी गीली पैंटी को उतार दिया और अपनी गीली गर्म चूत को उससे रगड़ कर साफ कर दिया. उसके सामने टांगें खोलकर मैंने दो उठक बैठक लगाई ताकि उसको मैं चूत का नजारा दिखाकर तड़पा सकूं.
फिर मैंने उसके गाल पर जोर से तमाचा मारा और उसको मेरे पीछे आने के लिए कहा. मैं उसके आगे चल रही थी. मेरी गोल गोल गांड उसके सामने लहरा रही थी. हर कदम के साथ मेरे बूब्स उछल रहे थे.
तभी मेरी चूत से एक बूंद कामरस की नीचे टपक गयी. मैं फ्रिज के पास पहुंची और वहां से कुछ चॉकलेट की बॉल्स निकाल ली. मैं बेड पर जाकर बैठ गयी. मैंने उसको मेरे पास आने का इशारा किया.
वो बेड पर चढ़ आया. मैंने अपनी टांगों को फैला दिया और अपनी चूत पूरी उसके सामने खोल दी. मेरी चूत पूरी शेव की हुई थी और बिल्कुल गुलाबी दिख रही थी. चूत का रस उसको और भी चिकनी और चमकदार बना रहा था.
धीरे से मैंने चॉकलेट की वो छोटी सी बॉल अपनी चूत में डाल ली.
“ये रही तुम्हारी दावत, डरपोक!” मैंने चूत की ओर इशारा करते हुए कहा.
वो भूखे कुत्ते की तरह मेरी चूत की ओर लपका और मेरे क्लिंट को चाट लिया.
उसकी जीभ मेरी चूत की दीवारों को खोलकर अंदर जाती हुई महसूस हो रही थी. वो उस चॉकलेट के चारों ओर चाट रहा था. फिर उसने एकदम से उस चॉकलेट को मुंह में लेकर खा लिया.
मगर उसकी जीभ को अब चूत का रास्ता पता लग गया था. उसकी गर्म जीभ मुझे मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ती हुई महसूस हो रही थी. मैं मजे के मारे मदहोश हो रही थी.
अब मेरी चूत को लंड की सख्त जरूरत महसूस हो रही थी. मैं लंड के लिए मरी जा रही थी.
मैंने उसके बालों को खींचा और कहा- अब तुम्हारी मालकिन को तुम्हारी जरूरत है.
उसको मैंने नीचे लिटा लिया और उसके ऊपर बैठ गयी.
मैंने अपनी गीली पैंटी को उठाया और अपनी चूत पर अच्छी तरह रगड़ दी. फिर मैंने उसे उसके मुंह में ठूंस दिया.
उसकी टाई को लेकर मैंने उसके हाथों को बेड के पाये से बांध दिया. फिर मैं उसके पैरों के पास गयी और उसकी जांघों को प्यार से चूमने लगी. उनको किस करती रही.
फिर एकदम से मैंने उन पर जोर का तमाचा मार दिया. मैंने उसके लंड को पकड़ कर भींच दिया और उसको फिर से एक तमाचा जड़ दिया. वो दर्द में चीख उठा मगर अगले ही पल मैं उसके लंड पर बैठ गयी.
उसके लंड की लम्बाई को अंदर लेते हुए मैं उस पर ऊपर नीचे होने लगी. उसका लम्बा सांवला लंड मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर बाहर होने लगा. उसका लंड मेरी चूत की जड़ में जाकर टकरा रहा था जो मेरी टपकती चूत में दर्द दे रहा था.
मैं ज्यादा देर तक नहीं रोक सकती थी इसलिए मैं तेजी से उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरे गीले और चिपचिपे हो चुके बूब्स मेरे साथ ही ऊपर नीचे उछल रहे थे.
फिर मैंने देखा कि उसकी आंखें एकदम से फैलने लगी हैं. उसके मुंह में मेरी पैंटी फंसी थी और वो गूं … गूं … करके कुछ कहने की कोशिश कर रहा था.
उसके चेहरे को देखकर लग रहा था कि उसका वीर्य छूटने वाला है. मैंने पैंटी को उसके मुंह से निकाल लिया और लंड पर कूदना बंद कर दिया. फिर मैं मुड़ी और हम 69 की पोजीशन में हो गये.
रोहन अब वहशी होकर मेरी चूत को जैसे खाने लगा. जैसे जैसे मैं उसके लंड को चूस रही थी वो मेरी चूत को और जोर से चाटने लगता था. मैं गले तक उसके लंड को अंदर लेकर चूसती जा रही थी.
तभी उसके लंड से एक गर्म गर्म वीर्य की धार मेरे गले में गिरने लगी. मैं उसके माल के मजे से पीने लगी. उसके वीर्य का स्वाद बहुत ही मजेदार था. मुझे बहुत टेस्टी लगा. मैं अभी भी उसके मुंह पर चूत को रगड़ रही थी.
वीर्य छूटने के बाद भी वो मेरी चूत को जोर जोर से चाट रहा था. फिर मुझे लगने लगा कि मैं भी आने वाली हूं. मैंने अपनी चूत को उसके मुंह पर दबा दिया और मेरी चूत का पानी उसके मुंह में छूट गया. इस तरह हम दोनों ने उस रात बहुत मजे लिये.
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