लंड के दरबार में मेरी चुत हाजिर (Lund Ke Darbar Me Meri Chut Hajir)

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अन्तर्वासना के सभी साथियों को मेरा प्रणाम. मैं नेहा शर्मा हूँ.

आपके स्नेह और प्यार को देखकर मुझे लगा कि मुझे अपनी एक कहानी और प्रस्तुत करना चाहिए. यही सोचकर, मैंने अपनी नई कहानी पोस्ट की है. मेरे फिगर और मम्मों के बारे में में पिछली बार बता चुकी हूं. मेरे मम्मे ठीक वैसे ही हैं. लेकिन ज्यादा दबाने और चूसने के कारण मेरे मम्मे काफी आकर्षक हो गए हैं. मैं पहले 34 की ब्रा पहनती थी. लेकिन अब मैं 36 नंबर ब्रा पहनने लगी हूँ.

मैंने पिछली कहानी में बताया था कि किस तरह मैंने अपने पड़ोसी को अपने वश में करके उसके मोटे लंड से मेरी चुत की प्यास बुझाई थी.

अपने पड़ोसी से चुदने के बाद मुझे अब और ज्यादा सेक्स की आग लग गई थी उसका लंड रोज मेरी चुत के दरबार में हाजिर होने लगा. वो रोज मेरे घर पर ही अपना लंड लेकर हाजिर हो जाता था. हम रोज ही नई नई पोजीशनों में सेक्स करने लगे.

एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया. मैंने शाम के समय जल्दी खाना बना लिया. चूंकि मेरी झांटें कुछ बड़ी हो गई थीं, इसलिए मैं बाथरूम गयी और बालसफा क्रीम लगा कर मेरी चुत पर उग आए छोटे छोटे बाल साफ़ कर दिए. बाल साफ़ करके मैंने चुत को चिकनी चमेली बनाया. फिर नहा धो कर बाहर आ गई. मैंने पर्पल कलर का सलवार सूट पहना. आज मैंने जानबूझ कर अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. क्योंकि वो छोकरीचोद मेरी हर बार ब्रा फाड़ देता था. अब तक उसने मेरी करीबन 5 या 6 ब्रा फाड़ दी होंगी. हालांकि उसने मुझे 4 नयी मस्त सेक्सी ब्रा लेकर भी दी थीं.

मैं तैयार हुई और लंड के दरबार में हाजिर होने चल पड़ी. आज मेरे बिना ब्रा के चूचे कमीज के ऊपर से उछल उछल कर बाहर आने को हो रहे थे. आज कबूतर ब्रा की कैद से आजाद जो थे.

मैं उसके घर में उसके कमरे के करीब गई, उसके कमरे का दरवाजा खुला था. मैं अन्दर गई, तो मैंने देखा उसके कमरे में एक नौजवान बैठा था. जिसकी उम्र लगभग 32 साल थी. वो नौजवान एकदम हट्टा-कट्टा गठीले बदन वाला था. उसे देखकर मेरे अन्दर अजीब सी हलचल होने लगी. मैं मन ही मन सोचने लगी कि काश मैं इसकी जवानी लूट सकूं.

फिर मैंने उससे पड़ोसी के बारे में पूछा- वह कहां है?
तो उसने कहा- वह अभी नहा रहा है.
मैं बाथरूम की तरफ गई, तो दरवाजा अन्दर से बंद था. मैंने दरवाजा खटखटाया, तो उसने अन्दर से आवाज दी- कौन?
मैंने कहा- मैं हूँ.

वह हंसने लगा … और उसने झट से दरवाजा खोल कर मुझे हाथ पकड़ कर अन्दर खींच लिया.

मैं बोली- ये क्या कर रहे हो?
वह बोला- कुछ नहीं … बस वही, जो रोज करता हूं.

उसने दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया. मैं बोली- तुम्हारे कमरे में कोई बैठा है, मुझे जाने दो, अच्छा नहीं लगेगा.
वह बोला- वह मेरा दोस्त है, वह भी मेरी तरह ही है … डरो मत, उसे सब पता है. वो तेरे और मेरे बारे में सब जानता है.
मेरा मन तो हुआ कि कह दूं कि इसके लंड से भी मुझे चुदवा दो, पर कुछ संकोच करके रह गई.

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थोड़ी देर में उसके दोस्त ने आवाज दी- मैं जा रहा हूं.
वह चला गया.

अब वह मेरे होंठों पर किस करने लगा.
मैं बोली- यार मेरे कपड़े गीले हो जायेंगे.
इस बात पर उसने मेरे कपड़े खोल दिए उसने पहले मेरी कमीज खोली. मेरे चूचे झट से उछल कर बाहर आ गए.
वह बोला- ब्रा कहां है?
मैं बोली- आज नहीं पहनी, तू फाड़ देता है.

फिर उसने एक ही झटके में मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
मैं उसके सामने काली पैंटी में खड़ी थी. वह मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चुत को सहला रहा था. पेंटी के ऊपर से चुत चाट रहा था. उसने पेंटी के एक साइट से हाथ अन्दर डाल दिया. मेरी चुत पर हाथ घुमा रहा था.

वो बोला- आज बहुत चिकनी चुत है तेरी, बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों जैसी चमक रही है.
मैं बोली- हां आज ही शेव की है … तुम पैंटी भी जल्दी से खोल दो, वरना वो गीली हो जाएगी.
वह बोला- कोई बात नहीं, रात में सूख जाएगी.

वह मेरे सामने नीले कलर की चड्डी में खड़ा था और मुझे पागलों की तरह किस कर रहा था. फिर उसने फव्वारा चालू किया. हम दोनों के ऊपर पानी की बूंदें पढ़ रही थीं. वो मेरे होंठों पर किस कर रहा था. उसकी बांहों में पानी की बूंदों के नीचे चूमाचाटी करने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था, मानो सावन आ गया हो.

उसने एक हाथ अन्दर करते हुए मेरी पैंटी में डाल दिया. वो मेरी चुत में उंगली कर रहा था. मैंने भी उसकी चड्डी खोल दी, उसका लंबा लंड मेरे सामने था. फिर उसने भी मेरी पैंटी खोल दी.

मैं अपने हाथ से उसके लंड को सहला रही थी. वह मेरी चुत में उंगली कर रहा था. अब मैं नीचे बैठ गई और उसका लंड मुँह में ले लिया. मैं उसका लंड केले की तरह चूसने लगी. उसका पूरा लंबा लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर हो रहा था. लंड चुसाई से उसके मुँह से आह … आह … की आवाजें आ रही थीं.

वो एकदम से गर्म हो गया और उसने मेरा सर पकड़कर जोर का धक्का लगा दिया. उसका पूरा लंड मेरे मुँह में घुस गया. इस झटके से उसका लम्बा लंड मेरे गले तक पहुंच गया था. मुझे मजा आ रहा था. मैं उसके लंड को बड़ी मस्ती से चूसती रही. थोड़ी देर में उसने सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.

मैं खड़ी हुई और उसके होंठों पर किस करने लगी. वह मेरी चुत में उंगली कर रहा था. मैंने भी उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और धीरे धीरे हिलाने लगी. उसका लंड फिर टाइट होने लगा.

मैंने एक बार फिर से उसका लंड मुँह में ले लिया. मैं लंड चूस कर खड़ा कर रही थी. जब उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया … तो उसने मेरे मुँह से लंड निकाल लिया. अब मेरी चुत की प्यास भी बढ़ गई थी.

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जब मैंने उससे कहा- इधर अँधेरा सा है बाहर चलते हैं.
तो उसने बाथरूम की लाइट चालू कर दी. उसका मन मुझे बाथरूम में ही चोदने का था.
मैं बोली- जल्दी से लंड घुसा दे मेरी चुत में, मैं बहुत तड़प रही हूँ.
वह बोला- साली रंडी … आज तेरी चुत फाड़ दूंगा.
मैं बोली- हां फाड़ दे साले … डाल दे पूरा लंड मेरी चुत में … मैं भी देखती हूं, तेरे लंड में कितना दम है.
वह बोला- दम की बात मत कर, कुतिया आज तेरी चुत का भोसड़ा ना बना दिया तो, मेरा नाम बदल देना. आज तुझे रुला दूंगा.

मुझे भी पूरी तरह सेक्स चढ़ गया था. वह भी पूरी तरह सेक्सी मूड में आ गया था. उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और मेरी एक टांग ऊंची कर मेरी चुत को चाटने लगा. वो बहुत धीरे-धीरे मेरी चुत को चाट रहा था. पूरी जीभ को चूत के अन्दर तक डाल कर वो मेरी चुत को चूस रहा था.

मैं तड़फ कर बोली- साले डाल दे मेरी चुत में लंड … मुझे मत तड़पा.
उसने अपना 8 इंच का लंड मेरी चुत पर सैट किया और धीरे से धक्का दे दिया. उसका पूरा लंड मेरी चुत में घुसता चला गया.

लंड घुसते ही मेरे मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज निकल गई. मैं बोली- धीरे डाल साले कुत्ते … साले अपने लंबे लंड से क्या मेरी चुत फाड़ देगा?
वह बोला- रुक जा मेरी रंडी … अभी तो शुरूआत है, आगे आगे देख क्या होता है.

वो और जोर जोर से झटके देने लगा. पूरा बाथरूम चुदाई की पचक पचक की आवाज से भर गया. मेरे मुँह से मादक चीखें निकल रही थीं.

फिर उसने मुझे अपने लंड पर बिठाया, मुझे भी जोश चढ़ गया था. मैं गांड उछाल उछाल कर उसका पूरा लंड अपनी चुदासी चुत में ले रही थी.

थोड़ी देर में उसने मुझे नीचे लेटा दिया और वह हमारे ऊपर आ गया. उसने मेरी टांगें चौड़ी की और धीरे से अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया. वो झटके पर झटके दिए जा रहा था. मेरी चुत में उसका लंबा लंड सटासट जा रहा था. मुझे बहुत आनन्द आ रहा था. वह एक हाथ से मेरे मम्मे दबा रहा था तथा गंदी गंदी गालियां दे रहा था, मुझे बोल रहा था- मेरी रंडी चुद रही है … आह ले मेरी रंडी. … मेरा लंड ले.
मैं भी बोल रही थी- जितना दम है, चोद ले साले.
वो- आज तेरी चुत फाड़ दूंगा हरजाई.

वो जोर जोर से झटके देने लगा. बीस मिनट तक लगातार लंड रगड़ने से मेरी चुत में दर्द होने लगा, मैं बोली- धीरे चोद साले कुत्ते … बहुत दम लगा कर चुदाई कर रहा है. तेरा घोड़े जैसा लंड है … कमीने धीरे धीरे चोद.

उसके लंड की चोटों से मेरे मुँह से जोर-जोर से चीखें निकल रही थीं. थोड़ी देर में मुझे भी मजा आने लगा, मैं भी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ देने लगी.

अब मैं झड़ने वाली थी. मैं गांड अड़ाते हुए बोली- डाल दे साले पूरा लंड मेरी चुत में … तूने ही मेरी चुत की प्यास बुझाई. मैंने एकदम से ऐंठते हुए अपनी सारी ताकत लगा दी और मैं झड़ गई.

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मैं बोली- आह मेरा निकल गया … लंड बाहर निकालो.
वह बोला- थोड़ी देर और रुक जा.
उसने अपने झटके तेज कर दिए और मुझे कसकर पकड़ लिया.
मैं समझ गई कि ये भी झड़ने वाला है, मैं बोली- अपने लंड का रस मेरी चुत में मत छोड़ना.

उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी पैंटी उठा कर उस पर ही छोड़ दिया. मेरी पूरी पैंटी उसके लंड के पानी से भर गई हम थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे.

फिर हम नहा धोकर फ्रेश होकर बाहर आ गए. अब तक रात के 10:00 बज गए थे हम बाथरूम से बाहर कमरे में नंगे ही आ गए.
वह बोला- किचन में दूध रखा है, चाय बना कर ले आओ.

मैं नंगी ही किचन में गई चाय बना कर लाई. हम दोनों ने चाय पी कर टीवी ऑन कर दिया और बैठ कर टीवी देखने लगे.
हमने चाय पी.

थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर से टाइट हुआ. हम दोनों नंगे ही थे. मैं एक हाथ से उसका लंड हिला रही थी. कभी मुँह में तो कभी हाथ में. मैं उसके लंड से खेल रही थी. वह भी मेरे मम्मों से खेल रहा था. वह मेरे निप्पल को दांतों से काट रहा था.

धीरे धीरे उसका मौसम फिर से बना, तो उसने मुझे सोफे पर टांगें चौड़ी कर लिटा दिया. वो मेरी चिकनी चुत को जीभ से चाट रहा था. बड़ा आनन्द आ रहा था. मेरी ख़ुशी चरम सीमा पर पहुंच गयी थी.

तभी फिर उसने अपना घोड़े के लंड जैसा लंड मेरी चुत पर रखा और जोर से धक्का लगा दिया. उसका पूरा लंड मेरी चुत फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
मेरी चुत में जलन हो रही थी, मैं बोली- धीरे धीरे से डाल.

मेरे मुँह से चीखें निकल रही थी, उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए और जोर जोर से झटके देने लगा.
थोड़ी देर में मुझे भी आनन्द आने लगा था, मैं रंडी सी बोलने लगी- डाल साले कुत्ते … मेरी चुत में पूरा लंड डाल दे … दिखा दे अपना लंड का दम … मिटा दे मेरी चिकनी चुत की प्यास.

पूरा कमरा थप-थप की आवाज से गूंज रहा था. मेरे मुँह से आह … आह … की आवाजें निकल रही थीं. थोड़ी देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. उसने सारा पानी मेरी चुत में ही छोड़ दिया. मेरी पूरी चूत उसके लंड के रस से भर गई थी.

थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, फिर बिस्तर पर जाकर सो गए. अब तक रात के 2:00 बज गए थे.

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फिर हमारी सुबह 8:00 बजे नींद खुली हम दोनों नंगे ही थे. उसने कपड़े पहने और बाथरूम जाकर मेरे कपड़े लेकर आया. उसने मुझे पेंटी पहनाई. उसने अपनी अलमारी खोली और अलमारी में से एक मस्त सेक्सी पर्पल कलर की नई ब्रा निकाली और मुझे पहनाई.
वह बोला- कैसी है?
मैं बोली- बहुत ही मस्त सेक्सी ब्रा है.

इसके बाद उसने मुझे सलवार और कमीज पहनाई. मेरे गाल और होंठ पर किस किया.

फिर मैं अपने घर चली गई. आज मुझसे सही से नहीं चला जा रहा था. मेरी चुत दर्द कर रही थी.
इस तरह हमने रात भर चुदाई का आनन्द उठाया.

प्रिय साथियो, यह थी मेरी चुदाई की दूसरी कहानी. मुझे उम्मीद है, जिस तरह आपने मेरी पहली कहानी को पसंद किया, और जो मेल करके मुझे प्यार दिया. उसी तरह आपको यह कहानी भी पसंद आएगी. इसी तरह आप लोगों का प्यार मिलता रहा, तो जल्द ही मैं मेरी अगली कहानी में बताउंगी कि किस तरह उसने और उसके दोस्त दोनों ने मिलकर मुझे रंडी बनाकर चोदा.
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