शादी में प्यासी भाभी की चुदाई का मौक़ा-2 (Shadi Me Pyasi Bhabhi Ki Chudai Ka Mauka- Part 2)

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अब तक की इस कहानी के पहले भाग - शादी में प्यासी भाभी की चुदाई का मौक़ा-1 में आपके जाना कि मैं अपनी बॉस के साथ उनकी सहेली के भाई की शादी में आया हुआ था. यहाँ एक मिसेज पाटिल से मुलाक़ात हुयी. वो बहाने से मेरे होटल रूम में घुस आई. उनकी वासना भड़क उठी थी और हम दोनों बिस्तर पर चूमाचाटी का मजा लेने लगे थे.

अब आगे:

चूमाचाटी के साथ ही मैं अपने हाथों से मिसेज पाटिल के कपड़े उतारने लगा. मैंने उनकी साड़ी को अलग किया, फिर उनके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही प्रेस करने लगा. वो भूखी शेरनी की तरह मेरी गर्दन, गालों, लिप्स पर किस किये जा रही थीं. साथ ही वे तेज सिसकारियां निकाल रही थीं. उनके चूचे भी बत्तीस के आस पास होंगे. मैंने ब्लाउज को भी पीछे से डोरी खोल कर अलग कर दिया. अन्दर उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी, तो उनके चूचे झट से आज़ाद हो गए.

मैं झुक कर उनके मम्मों को बारी बारी से अपने होंठों से चूसने लगा. एक निप्पल को मुँह में भर लिया और एक को हाथ से राउंड करने लगा, जिससे उनकी वासना से भरी हुई सिसकारियों में ज्यादा कामुकता आने लगी. वे अपना मुँह ऊपर कर के मेरा सर अपने मम्मों में डालने लगीं. बीच बीच में मेरे मुँह को ऊपर उठाकर किस भी कर रही थीं.

दस मिनट की मम्मों और होंठों की चुसाई के बाद उन्होंने मुझे बेड पर धक्का दे दिया. मैं पीठ के बल जा गिरा और उन्होंने बेड ही पर खड़ी होकर अपना पेटीकोट भी निकाल दिया. फिर मेरे पैरों की तरफ हो कर डॉगी स्टाइल में हो गईं. मेरी फ्रेंची को निकालने लगीं. मैंने भी अपने हिप्स उठा कर उनकी हेल्प की और मेरे लंड को आजाद करवा लिया.

मेरा लंड भी अपनी पूरी अंगड़ाई पर था और मेरी रोज़ की मालिश की वजह से अब और भी लम्बा मोटा हो गया था. साथ ही मेरा लंड का सुपारा एकदम पिंक कलर का चिकना चमक रहा था, जिसे देखते ही मिसेज पाटिल की आंखें खुली की खुली रह गईं. उनके कंठ से चुदासी आवाज निकल पड़ी- वोऊव इतना बड़ा और मोटा भी … लगता है घोड़े का है.

मैंने कहा- हां लगभग घोड़े का ही समझ लो.

उन्होंने मुझसे लंड की साइज़ पूछी, तो मैंने उन्हें बताया कि ये 8 इंच+ का है और अब चार इंच गोलाई में मोटा हो गया है.

ये सुनकर उनके मुँह से बेसाख्ता निकल पड़ा- ओह्ह्ह माय गॉड … ये तो चुत का भुर्ता बना देगा?’

उनके चेहरे पर थोड़ी परेशानी सी दिखी, तो मैंने कहा- क्या हुआ, ये तो अपनी जगह खुद बना लेता है और मज़ा भी बहुत देता है … और फिर इतना बड़ा साइज़ कहां किसी के नसीब में होता है.

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वो खिलखिला के हंस दीं और बोलीं- जो होगा, देखा जाएगा. अभी तो मैं इसके मज़े ले लूँ. फिर वे अपनी जुबान निकाल कर लंड के टोपे पर फिराने लगीं और साथ ही मेरे पेट पर भी हाथ फिराने लगीं. वे मेरे लंड को जड़ से पकड़ के नीचे से ऊपर अपनी जुबान से चाटने लगीं और उस पर थूक के हाथ से ऊपर नीचे करने लगीं. मुझे बड़ा अच्छा फील हो रहा था. मेरी आंखों में आंखें डालकर लंड को चाटे जा रही थी. पांच मिनट ऐसा करने के बाद एकदम से उन्होंने आधा लंड अपना मुँह खोल के अन्दर ले लिया और लंड पर जोर जोर से मुँह मारने लगीं.

मैं भी अपने एक पैर के अंगूठे से उनकी चुत को पेंटी के ऊपर से ही कुरेदने में लग गया, जिससे उनकी सांसें तेज़ होने लगीं.

कुछ मिनट बाद मिसेज पाटिल ने घुटनों के बल खड़ी होकर अपनी पेंटी भी निकाल दी. मिसेज पाटिल की चूत एकदम क्लीन शेव्ड थी और गीली भी थी. उन्होंने अपने हाथों को आगे बढ़ा कर मुझे उठने का इशारा किया. मैं भी उनके सामने घुटने के बल पर बैठ गया. अब हम एक दूसरे को किस करने लगे. मिसेज पाटिल एक हाथ से मेरा लंड भी आगे पीछे कर रही थीं और मैं भी उनकी चुत में उंगली करने लगा था. मिसेज पाटिल की चूत एकदम गर्म भट्टी की तरह तप रही थी. थोड़ी देर चूत में उंगली करने के बाद फिर मिसेज पाटिल ने मुझे फिर से बेड पर धक्का दे कर लिटा दिया. खुद बेड पर खड़ी होकर अपने चुत को मेरे मुँह सामने करके खड़ी हुईं और अपनी चुत खुद ही सहलाने लगीं. मिसेज पाटिल की चुत, जो पहले से ही गर्म थी, एकदम से बूंद बूंद कर चमकता हुआ पानी छोड़ने लगी.

मेरे मुँह पर मिसेज पाटिल की चुत के पानी की बूंदें गिरने लगीं, मैंने उनको नीचे बैठने का इशारा किया और उन्होंने अपने पैर मोड़ के चुत मेरे मुँह पर रख दी. औरत की चुत का टेस्ट मुझे पागल कर देता है, तो मैंने बिना समय गंवाए मिसेज पाटिल की चुत में अपनी जुबान घुसा दी और उनके डॉगी स्टाइल में होने के लिए हाथ से जोर देने लगा.

वो भी मेरा इशारा समझ गईं और अपनी चुत चटवाते हुए मेरे लंड को भी अपने मुँह लेकर ‘आआह्ह्ह् ऊऊईइमाँ … यू लिकिंग डीप … उह्ह्हह्ह हओऊ..’ की आवाजें निकालने लगीं. अब मिसेज पाटिल अपनी चुत को ऊपर नीचे मटकाती हुई लंड चूसने का लुफ्त लेने लगीं. मिसेज पाटिल की चुत का टेस्ट बहुत मस्त था. मैं चूत के अन्दर तक अपनी जुबान डाल कर उसका सारा रस निकालने में लगा था और वो मेरे लंड को लॉलीपॉप समझ कर लुत्फ़ उठा रही थीं. बस पांच मिनट की चुत चटाई के बाद उनके सब्र का बांध टूट गया और चूत का लावा निकल गया. मैंने एक भी बूंद खराब नहीं जाने दी और पूरा माल चाट कर चूत को एकदम साफ कर दिया.

इसके बाद वो मेरे ऊपर ही रिलैक्स हो कर लेट गईं. मैंने उनको ऐसे ही पलटा कर उनके पैर को चौड़ा किया और लंड को उनकी चुत पर रगड़ने लगा. उन्होंने भी अपनी पोजीशन सैट की और लंड को लेने के लिए लंबी साँस लेने लगीं.
उन्होंने कहा- प्लीज़ थोड़ा आयल लगा लो … मेरे हब्बी और ब्वॉयफ्रेंड का भी मिला कर इतना बड़ा नहीं है.

मैंने उठ कर ड्रावर से आयल लिया और लंड पर कंडोम भी चढ़ा लिया. इसके बाद थोड़ा सा आयल उनकी चुत पर भी लगा दिया. अब मैं चूत पर लंड का निशाना लगाने लगा. मिसेज पाटिल की चुत बहुत ज्यादा छोटी भी नहीं थी, लेकिन उनके बताए अनुसार इतने बड़े लंड की आदी भी नहीं थी. इन दोनों डॉली और अन्नू की तरह भी नहीं थी कि लंड आसानी से अन्दर घुसता चला जाए. इन दोनों को लगातार चोदने के बाद भी उनकी चुत में अभी भी मेरे लंड घुसने से दर्द होता है. क्योंकि ये दोनों मेरे लंड को इसी दर्द का मजा लेने के लिए एक झटके में डालने का कहती हैं. फिर मिसेज पाटिल की चूत तो इतने मोटे लंड के लिए एकदम सील पैक चूत ही हुई.

खैर … छोड़ो अपनी कहानी पर आते हैं. मैंने मिसेज पाटिल की चुत पर लंड का दबाव डालना शुरू किया. मैंने उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने हाथों से उनके हाथ पकड़ रखा था. सिर्फ लंड का टोपा जाते ही उनकी आंखें बड़ी होने लगीं.

मैं भी उनकी पीढ़ा को समझ गया और अभी धीरे से ही अन्दर बाहर करने लगा. आहिस्ता आहिस्ता से अपने लंड को अन्दर डालने लगा. अभी बमुश्किल ढाई इंच लंड ही अन्दर गया होगा और उनके पसीने निकलने लगे. मैं भी बहुत दिन बाद इतनी टाईट चुत का मज़ा ले रहा था. मैं इसमें जल्दी पेल कर मजा गंवाना नहीं चाहता था. मैं भी अभी धीरे धीरे ही कर रहा था.

करीब पांच मिनट की धीमी रफ्तार से चुदाई के बाद मैंने एक झटका मारा, तो लंड करीब चार इंच अन्दर घुस गया. मिसेज पाटिल की एक जोर की चीख निकल गई और मैंने वहीं अपने लंड को रोक दिया. फिर ऐसे ही उन्हें किस करने लगा. पांच मिनट के बाद चार इंच के लंड को ही अन्दर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद उन्हें थोड़ा अच्छा लगने लगा, तो फिर एक धक्का और लगाया और इस बार लंड पूरा अन्दर चला गया. उनके मुँह से जोर चीख और आंसू निकल गई. मैं वहीं रुक गया.

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उन्होंने कराह कर बोला- आखिर फाड़ ही दी मेरे छोटी सी चुत को!
मैंने उनके आंसू पौंछते हुए कहा- जो होना है, सो हो गया … अब तो और मज़ा आने वाला है.

मैं अपनी कमर को चलाने लगा. कुछ देर बाद उनको अच्छा लगने लगा तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. साथ ही मैं उनके मम्मों और होंठों को चूसने लगा. वो भी ‘आआह्हह्ह ऊऊहह … मस्त चोदते हो तुम यार..’ की आवाजें निकलने लगीं.

मैं भी अपनी फुल स्पीड में आ गया और पूरी ताकत से उनकी चुदाई की मुराद पूरी करने लगा. कभी कभी मैं लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से डालने लगा, जिससे उनकी आवाज़ एकदम से ‘आआआह्ह्ह..’ के साथ बढ़ जाती. मुझे भी यह स्टाइल बहुत अच्छा लगता है. कुछ देर और ऐसे करने के बाद मैंने उन्हें इस पोजीशन से उठाया. मैं खुद पीठ के बल लेट गया और उनको लंड पर बैठने का बोला, वो भी पक्की चुदक्कड़ थीं, तो झट से घुटने मोड़ के लंड पर हाथ से थूक लगाने लगीं.

फिर वे लंड को चुत पर सैट करने लगीं और उसे अपनी चुत में फिट करने लगीं. साथ ही अपने शरीर का भार लंड पर डालने लगीं, तो मेरा खड़ा मूसल लंड उनकी चुत में जाने लगा.

मिसेज पाटिल साँस रोक कर अपना मुँह ऊपर कर के पूरा लंड अन्दर लेने का प्रयास करने लगीं और बड़बड़ाने लगीं- आह साला … ये लंड भी बहुत बड़ा है.
बस किसी तरह लंड लील कर मिसेज पाटिल लंड पर नीचे ऊपर होने लगीं और ऐसे करते करते उन्होंने पूरा लंड निगल कर पूरे जोश से स्पीड में आ गईं. अब तो मिसेज पाटिल के मुँह से मस्त कामुक आवाजें निकलने लगीं- ऊऊह फ़क गुड … सो बिग डिक … उम्म्ह… अहह… हय… याह… … फक फास्ट.

मैं नीचे से उनके मम्मों को हाथ से रोल करने लगा. उनको भी इससे मज़ा आने लगा, जिससे उनकी स्पीड और मज़ा दोनों बढ़ गए. उनकी मदमस्त आवाजें भी बदल गईं.

मुझे लगा उनका होने वाला है, तो मैं भी नीचे से अपने पैर मोड़ कर जोर लगाने लगा. वो मुझे नीचे झुक के किस करने लगीं और तेज़ सांसों के साथ ‘कम फ़ास्ट बेबी …’ बोलने लगीं. फिर एक जोर की सिसकारी के साथ मुझसे चिपक गईं और मुझे अपनी जुबान से फ्रेंच किस करने लगीं. वे मेरे मुँह में टंग फकिंग करने लगीं.

फिर मिसेज पाटिल बोलीं कि सच में जो मिसेज रॉय ने कहा था, तुम उससे भी अच्छी चुदाई करते हो.
मैंने कहा- अभी तो आधा ही हुआ है.
वो बोलीं- जो करना है कर लो … मेरे उनको तो ड्रिंक से फुर्सत ही नहीं है.

मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में आने का बोला, तो वो झट से अपनी पोजीशन में आ गईं. मैं मिसेज पाटिल के पीछे जा के लंड को उनकी चुत में सैट करने लगा. लंड सैट होते ही मैं अन्दर डालने लगा. एक दो बार फिसलने के बाद लंड ने अपना रास्ता खोज लिया और मैंने अपनी स्पीड भी पकड़ ली.

दस मिनट तक उनके हिप्स और कंधे पकड़ कर पूरे लंड को चुत में अन्दर तक पेलने लगा, जिससे एक बार फिर उनका पानी निकल गया. लेकिन अब मैं उनको उसी स्टाइल में चोदने लगा. शायद वो थक गई थीं इसलिए उन्होंने मुझसे सीधे में करने को कहा. मैं लंड हटा लिया तो मिसेज पाटिल पलट के पीठ के बल लेट गईं.

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मैंने उनकी टांगों को पकड़ के बेड के कोने पर खींचा और मिसेज पाटिल के हिप्स को हवा में करके उनकी एक टांग को अपने कंधे पर रखा. दूसरी टांग को फैला कर अपना एक पैर बेड पर टिका दिया. दूसरा पैर नीचे ज़मीन पर टिका कर उनकी चुत में लंड डालने लगा. जल्द ही लंड अन्दर तक पेला और अन्दर बाहर करने लगा. अब सेक्स का मज़ा आने लगा.

तभी गेट खुला और देखा तो डॉली अन्दर आ गई. वो थोड़ा जोर से बोली- यार गेट तो बंद कर लेते … और तुम्हें तो जो भी आइटम मिल जाती है, बस उसके साथ शुरू हो जाते हो.
पहले तो मिसेज पाटिल थोड़ा डरीं, लेकिन मैंने उन्हें इशारा किया और डॉली को बोला- यार, बेचारी की मदद कर रहा हूँ.
तो डॉली ने कहा- हां करो मदद … इनके मिस्टर तो पी के टुन्न हो गए हैं, वहीं नीचे हैं.

मिसेज पाटिल डॉली को सुन भी रही थीं और मेरे लंड का मजा भी ले रही थीं.
डॉली उनसे बोली- कैसा लगा हमारा घोड़ा?
मिसेज पाटिल भी अब नार्मल हो गई थीं. वे बोलीं- ये तो सच में घोड़ा ही है … थक ही नहीं रहा है.
डॉली बोली- हमारे इस घोड़े की खुराक और चुदाई दोनों ही ज्यादा है, इसीलिए इसे साथ में रखा है.

मैं ये सब बात करते करते लंड को मिसेज पाटिल की चुत में डालने में लगा हुआ था. डॉली अपने कपड़े चेंज करने में लगी थी और हम चुदाई में इसी स्टाइल में पिले पड़े थे. मैंने अपनी फुल स्पीड कर दिया, जिससे मिसेज पाटिल की आवाजें तेज़ हो गई थीं.
डॉली ये सब देख कर बोली- यार मस्त माल मिला है तुझे तो आज …

वो नंगी होकर मेरे पास आ गई और मुझे किस करने लगी. फिर बेड पर बैठ के हम दोनों की चुदाई देखने लगी और मुझे स्माइल देने लगी. मैं उसके इशारे को समझ गया और स्पीड और बढ़ा दी. फिर मिसेज पाटिल का पानी एक बार और निकल गया. अब मेरा भी होने को था, तो लंड को चुत से बाहर निकाल कर कंडोम आगे को कर उनके मुँह के सामने कर दिया.

डॉली भी उठ कर उनके मुँह से मुँह मिला के डॉगी स्टाइल में बैठ गई. वो लंड पर से कंडोम निकाल कर चूसने लगी.
मिसेज पाटिल ने कहा- नहीं … मैं कमशॉट को मुँह में नहीं लूँगी.
डॉली ने लंड को मुँह में लिया और जोर जोर से सकिंग करने लगी. मैंने मिसेज पाटिल के सर को उठाके नीचे आंड की तरफ किया. वो समझदार थीं, तो झट से मेरे आंडों में अपनी जुबान घुमाने लगीं. मैं मस्ती में अपना मुँह ऊपर कर के आंखें बंद किये हुए था. दो मिनट की लंड और आंड चुसाई के बाद आखिर मेरे लंड ने पिचकारियां मार दीं, जिसे डॉली ने सारा अपने मुँह में ले लिया. वो कुछ रस पी गई और थोड़ा बचा कर मिसेज पाटिल के मुँह के पास अपना मुँह कर के उन्हें टेस्ट कराने लगी. वो भी अपने मुँह को खोल के लंड रस को टेस्ट करने लगीं.

मैंने देखा उनको अजीब सा लग रहा था, लेकिन वो कोशिश कर रही थीं. कुछ देर बाद उनको अच्छा लगने लगा और दोनों ने लिप किसिंग करके मेरे लंड की क्रीम को बड़े मज़े से चाटना शुरू कर दिया था.

डॉली ने मेरे लंड को निचोड़ कर एक एक बूंद निकाल ली. मैं वहीं बेड पर लेट गया. फिर वो दोनों उठीं और मेरे आजू बाजू में लेट गईं. मिसेज पाटिल मुझे सभी जगह चूमे जा रही थीं और एक वासना भरी निगाह से देख रही थीं.
डॉली ने पूछा- क्यों मज़ा आया या नहीं?
वो बोलीं- मेरी लाइफ की अभी तक की सबसे अच्छी चुदाई हुई है … क्यों न मैं आज रात यहीं आप दोनों के साथ सो जाऊं … क्योंकि कल तो सभी चले जाएंगे, तो प्लीज मुझे इसके साथ रहने का मौका दे दो.

इस पर डॉली ने कहा- और आपके हब्बी?
तो मिसेज पाटिल बोलीं- उनको तो एक बार नींद आई, तो फिर सुबह ही उठते हैं. बस मैं उनको रूम में सुला कर अभी आती हूँ.
तो डॉली ने कहा- ओके आ जाना.

इसके बाद मिसेज पाटिल ने अपना मुँह धोया और कपड़े पहन कर चली गईं.

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फिर रूम सर्विस बॉय की हेल्प से अपने हब्बी को रूम में सुला कर एक बजे के आसपास वे हमारे कमरे में आ गईं.

उनके आने के बाद फिर रात में दो बार उनके साथ और एक बार हम तीनों ने साथ में सेक्स किया. फिर बड़ी सुबह उठ कर मिसेज पाटिल अपने रूम में चली गईं.

जब सब लोग जा रहे थे, तब मिसेज पाटिल ने मेरे रूम में आकर मुझे एक लम्बा स्मूच किस किया और अपने पर्स में से पांच हज़ार रूपये और अपना नम्बर भी दिया.
मिसेज पाटिल बोलीं- ये तुम्हारे औजार के लिए हैं, इसका ध्यान रखना, बड़ा मस्त टूल है.

मिसेज पाटिल फिर कभी मिलने का बोल कर चल दीं. हम भी वहां से वापस अपने शहर आ गए.

ये मेरे लाइफ की एक यादगार शादी साबित हुई. जिसने मुझे आप सभी को एक मस्त चुदाई की कहानी लिखने का अवसर दिया.

आगे क्या हुआ … वो मैं आपको आगे की कहानियों में लिखूंगा. आपके जवाबों का इंतज़ार रहेगा.
आपका अरमान लव.