advertisement
advertisement
बेटे की साली की चुदाई की (Bete Ki Sali Ki Chudai Ki)
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मैं चंदन सिंह आज एक नई कहानी लेकर आया हूँ.
मेरी पिछली कहानी घर में बहू ने ससुर को चोदा को सभी पाठकों ने सराहा.
धन्यवाद.

यह कहानी मेरे मित्र की है जिसका नाम विजय कुमार है. मेरी तरह मेरा हमउम्र 55 साल के करीब है.
दोस्त की सेक्स कहानी उसी जुबानी पेश कर रहा हूँ.

जवान मामी की चुत को लंड की जरूरत

मैं विजय कुमार करीब 55 साल का हूँ. मेरे दो लड़के हैं. बड़े लड़के का नाम सुनील दूसरे का नाम अनिल है. सुनील की पहले शादी कर दी. दूसरे की भी समय अनुसार शादी कर दी.

मेरे छोटे बेटे अनिल की शादी हुई उस समय उसकी छोटी साली की भी शादी साथ में ही थी.

अनिल की छोटी वाली साली जिसका काल्पनिक नाम मैं मंजू रख लेता हूँ, उस उम्र 19 साल की थी. 5′ 7″ लम्बी मंजू की फिगर 28-22-28 की थी. उसने अपनी बॉडी मेन्टेन कर रखी थी.

अनिल की शादी के बाद मालूम पड़ा कि मंजू सगाई से पहले घर से दस दिन लापता रही थी. शादी के छह माह बाद हमें इस घटना की जानकारी मिली. हम कर भी क्या सकते थे.

खैर यह हमारे लिए कोई ख़ास मसला नहीं था इसलिए हम भूल गए.

एक दिन हम पति पत्नी को अनिल के ससुराल के रिश्ते में किसी मृत्यु पर जाना पड़ा. बीच रास्ते में मंजू का गांव आता था.
हमें फोन पर अनिल की सास ने कहा- आप इधर से निकलेंगे तो मंजू को भी लेते जाना. उसका पति बीमार है इसलिए वो आ नहीं सकता।

रास्ते में हमने मंजू को उसकी सास ने हमारी बस में चढ़ा दिया. इस तरह बेटे की साली को साथ ले लिया हमने.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

हमारी बस गंतव्य स्थान पर पहुंची. वहाँ बस अड्डे पर अनिल की सास अपने बेटे के साथ हमारा इंतजार कर रही थी. उन लोगों ने आगे जाने के लिए एक ऑटो पहले से बुक कर रखी थी. ऑटो टैक्सी में तीन आगे तीन पीछे बैठ सकते थे.

अनिल की पत्नी, उसकी सास और मेरी पत्नी आगे बैठ गयी. मैं, अनिल का साला और मंजू पीछे वाली सीट पर बैठे. मैंने एक साइड में, मंजू मेरे साथ और मंजू के दूसरी तरफ उसका भाई बैठा था.

मंजू जब घर से फरार हुई थी तो उस घटना का मैंने गोपनीय रूप से पता लगाया था. जब वो भागी थी, उस समय तीन चार लड़के उसके साथ थे. मंजू दस दिन तक उन लड़कों के साथ एक हिल स्टेशन पर रही.
इससे पहले का भी पता किया था. गांव में मंजू का कई लड़कों से अफेयर चला और कई बार वो रंगे हाथ पकड़ी गयी थी.

इस कारण मुझे उम्मीद थी कि जो लड़की कम से कम आठ दस लण्ड खा चुकी हो, ऐसी लड़की को छोड़ना नहीं चाहिए.
यह सोच कर मैं ऑटो में ही उसके साथ छेड़खानी करने लगा. कुछ देर ना-नुकर करने के बाद वो समझ गयी कि मैं इतनी हिम्मत क्यों कर रहा हूँ.

सड़क पर गढ़े के कारण ऑटो हिचकोले खा रही थी. मैंने भी मौके का फायदा उठाया और बायीं कोहनी मंजू के बूब्स पर टिका दी. मंजू को महसूस हो गया. उसने तिरछी नजरो से मेरी ओर देखा.
मैंने प्रत्युत्तर में उसकी आँखों में झाँक कर देखा तो उसने आँखें घुमा ली.

मेरी हरकतों से वो कुछ उत्तेजित होने लगी और मेरे नजदीक आने की कोशिश करने लगी.

जब भी ऑटो गढ़े में हिलता, उस समय मंजू अपना शरीर का बोझ मेरे ऊपर डाल रही थी. उसने गड्ढों के हिचकोलों से बचने के लिए मेरी जांघ पर हाथ रख दिया. मैंने दायें हाथ को कोहनी के करीब लाकर उसकी चूची को पकड़ लिया. बायें हाथ से उसका हाथ पकड़ कर उसकी हथेली को मेरी पैंट की चैन पर रख दिया. इस समय मेरा मूसल तना हुआ था.
मंजू ने मौका भाम्प कर हाथ से टटोल कर मेरे लंड का आकर महसूस किया और मेरी ओर देख कर मेरे मूसल को मसल दिया.

मैंने उसकी ओर देख आँख मार दी. उसने भी जवाब आँख मार कर दिया.

सफर जारी था मस्ती लेते हुए!

मैंने अपना मोबाईल निकाला इशारा करके उसका नंबर माँगा. उसने भाई की तरफ देखने के बाद पीछे अपनी माँ को देख आश्वस्त हो मेरा मोबाईल अपने हाथ में ले कर नंबर टाइप कर के एक मिस काल कर दी. उसने मेरा मोबाईल मुझे दिया अपने ब्लाउज में से मोबाईल निकाल कर मेरा नम्बर देखा मोबाईल को वापिस ब्लाउज में डाल कर मुस्कराई.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

अब मंजू की माँ ऑटो वाले को निर्देश दे रही थी. कुछ गलियों में घूमने के बाद उसने ऑटो रुकवा दिया.

अंतिम संस्कार से वापिस लौटने लगे, तब तक अँधेरा होने को आ रहा था. हमने वापिस ऑटो किया, इस बार मुझे मौका नहीं मिला.

शहर पहुंच कर मंजू की माँ और भाई को छोड़ा.

बस स्टैंड पहुंचे. हमारी बस रवाना हो रही थी. चलती बस को रुकवा कर चढ़े. अंतिम बस होने के कारण भीड़ थी. इस बार मैं सबसे पीछे से चढ़ रहा था. मंजू समझदार थी, वो मेरे संग चढ़ रही थी. अन्दर पहुंचे.

एक और टीवी एंकर की चुदाई

कंडक्टर ने हमें पूछा- कहां जाओगे?
हमने लास्ट स्टॉपेज बताया.
उसने सब से पीछे जाने को बोला. बाकी पैसेंजर को बोल कर हमें पीछे भेज दिया. मंजू ने पीछे आते समय मुझको आगे आने को इशारा किया. मैं समझ चुका था.

जैसे ही हम बस के पीछे पहुंचे, मेरी पत्नी ने कहा- आप पीछे आ जाओ.

दो तीन स्टॉप पर यात्रियों को उतार कर बस चली. इस दरम्यान मंजू मेरे पास आकर खड़ी हो गयी मुझसे चिपकी हुई. उसकी गांड में मेरा लण्ड चिपका हुआ था.

थोड़ी देर में ड्राइवर ने लाइट कम कर दी. हमारी तरफ अँधेरा छा गया. मंजू ने हाथ पीछे से लाकर मेरे लण्ड के ऊपर फेरना चालू किया. उसका हाथ दबा कर इशारा करके मैंने मना किया.

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया. उसका मतलब मैं समझ गया. मैं उसके बूब्स को मचलने लगा. बस में भीड़ ज्यादा थी. हम तीनों को खड़े खड़े ही यात्रा करनी पड़ी.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

मंजू का गांव आने आया. बस स्टॉप पर उसका पति उसे लेने आया ही नहीं. देर हो जाने हाइवे से दो तीन किलोमीटर दूर घर सुनसान रास्ता होने के कारण बहू ने मंजू को हमारे साथ ही चलने को बोला. मंजू ने हां कर दी.

बस में भीड़ ज्यादा होने के कारण मंजू के पीछे मैं चिपका हुआ था. एक दो स्टेशन बाद सीट मिल गयी. मैं और मंजू पीछे थे, हम पीछे वाली सीट पर बैठ गए.

मेरी पत्नी और बहू आगे थी, वे आगे की सीट पर बैठ गयी. चलती बस में हमने बातचीत चालू की.
मैंने मंजू को पूछा- आज रात भर के लिए तैयार हो?
वो बोली- हां! पर आपकी पत्नी?
मैंने कहा- उसकी चिन्ता मेरे ऊपर छोड़ दो.

थोड़ी देर में हमारा स्टेशन भी आ गया. घर पहुंच कर सबने स्नान किया. फिर दोनों बहनें खाना बनाने लगी. मेरी पत्नी को शुगर का रोग है तो वो बेडरेस्ट करने लगी.

मैं गेस्टरूम हाउस में आ गया वहाँ बार बना रखा है मैंने. बार में आकर रोज की तरह वाइन की बॉटल खोली. बहू ने मंजू के हाथ कुछ नमकीन पापड़, ठंडा पानी और बर्फ भिजवायी.
घर में सभी को मालूम है कि मैं रोज पीता हूँ. इसलिए मैंने गेस्टरूम में ही बार बना रखा था.

मैंने नींद की दस गोलियों का चूर्ण बना लिया था. गोलियाँ मीठी होने के कारण स्वाद का मालूम नहीं पड़ता. मैंने मंजू को इस पाउडर की विशेषता बताई. साथ बताया कि तुम इससे दूर रहना. बाकी यह दवाई खाने में मिला देना. कुछ खाना खाते समय पानी के गिलासों में मिला देना.

साथ ही उसे मैंने आज कम भोजन लेने की हिदायत दी.

जाते जाते उसको बोला- जब सबको नींद आ जाये, तब यहीं आ जाना, मैं इंतजार करूँगा.

मैं धीरे धीरे सिप करके पीने लगा. एक घंटे में मैं तीन पेग खाली कर चुका था. मोबाईल लेकर व्हाट्सअप से मंजू को हाई लिखा. थोड़ी देर में वो खुद आ गयी, बोली- मैं भूखी रह गयी, बाकी सभी को खाना खिला दिया. आपकी पत्नी के बेड पर मेरे आज रात सोने की व्यवस्था है. अभी मैं जा रही हूँ. जब आपकी पत्नी को नींद आ जाएगी तब आ जाऊँगी.

करीब आधा घंटे में वो वापिस आ गयी, बोली- अच्छी तरह हिला कर देखा, गहरी नींद में थी.

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

मैंने एक गिलास में पेग बना कर दिया, बोला- एक बार में इसे खाली कर दो.
उसने किसी पियक्कड़ की तरह पीना चालू किया. गिलास खाली कर अपने हाथ से दूसरा पेग बनाया. मेरे बनाये पेग से डबल पेग था. मैं समझ चुका था कि आज की रात चुदाई का मजा आएगा.

एक बार अपने बेडरूम में जाकर अच्छी तरह से चेक कर के देख लिया. मैं निश्चिन्त था, मेरी टेबलेट का असर सुबह तक रहेगा.

किचन में जाकर मैं कुछ खाने का सामान लेता आया. जब मैं गेस्टरूम में पहुंचा तो मंजू के हाथ में तीसरा पेग था और वो उसे खाली कर रही थी.

मुझे सामान लाया देख वो उठी, सहायता करके सामान को रखा.
मेरे लिए एक पेग अपने पेग के बराबर बनाया. जबकि मैं पहले से ले चुका था. मैंने मना किया.

तो मंजू बोली- भड़वे … जब तक पियेगा नहीं तो चोदेगा क्या?

मैं पेग लेकर सोफा पर बैठ गया. कमरे के बीच में टेबल रखी हुई थी जो सोफे सेट पर बैठने वालो के काम आती थी. उस टेबल पर गिलास रख कर वो घुटनों के बल मेरे पास नीचे बैठकर मेरी पैंट को खोलने लगी. मैंने पेट को अंदर खींचा, पैंट खुल गयी.

अंडरवियर को भी उसने उतार फेंका और मेरे लण्ड को हाथ में लेकर देखने लगी.
उसके ऐसा करने मात्र से मेरा मूसल खड़ा हो गया.

वो साली मेरे मूसल को हाथ की अंगुलियों से नाप लेने लगी. फिर एक हाथ से गोलाई को नापने लगी.
उसके बाद बोली- मस्त आइटम है!

गिलास को लेकर एक बार में खाली कर गिलास रख कर मेरे लण्ड को चाटने लगी. चाटने के साथ आइसक्रीम की तरह चूसने लगी. इस दरम्यान उसने मेरी गांड और अण्डकोष को भी गजब का चूसा.

मेरा गिलास में अभी तक पेग देख कर बोली- मादरचोद, मुझे चोदना है तो पहले पी. जब तक तेरे मुंह से गाली गलौच नहीं निकलेगी, तब तक मुझे कुछ मजा नहीं आने वाला!
अब मैं समझ चुका था.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

बड़ा पेग मार कर मैं बोला- मेरी चुदाई में रोयेगी तो नहीं? मुझे पिटाई करने, सख्त बूब्स को दांत से काटने में तुझे पीड़ा होगी.
मंजू बोली- भड़वे ऐसा कर के दिखा?

मौसी की चुदाई: पारिवारिक चुदाई की कहानी

मैं उठा, उसके ब्लाउज को जोर से खींचा. एक ही झटके में ब्लाउज फट चुका था. मंजू ने तत्काल चोली खोली. उसके बड़े साइज के कठोर स्तन देखकर उसकी कमर में दोनों हाथ डाल कर अपनी तरफ खींचा. उसके बूब्स को मेरे मुंह में डाला. चूची को जीभ से चूसने लगा.
मैं एक हाथ से उसकी कमर पीछे नाखूनों से खरोंचने लगा. मंजू मेरे लण्ड को हाथ में पकड़ कर मचल रही थी.

उसको खड़ी कर पेटीकोट के नाड़े को खींचा, एक बार में पेटीकोट सीधा नीचे गिरा. अंदर उसने चड्डी पहन रखी थी. उसका फिगर देख कर मैं उसके जिस्म का कायल हो गया. दोनों हाथों से मैं मंजू को गोदी में लेकर बेड की तरफ बढ़ा. बेड पर ले जाकर मैंने मंजू को कुतिया की तरह बनने को कहा.

मैं तेल की शीशी अलमारी से निकाल कर दोनों हाथों से उसके चूतड़ों पर तेल मलने लगा. इसके साथ ही उसकी गांड में तेल से भरी अंगुली से गांड में हिलाने लगा.

मंजू को गांड अभी सील पैक थी. वो ना नुकर करने लगी.
मुझे गुस्सा आ गया- साली रण्डी … जब गांड ही नहीं मरवाई तो क्या चुदाई करवाई?
मंजू माफ़ी मांगने लगी. वो बोली- दर्द होता है. तुम आगे से कर लो.

मुझे और गुस्सा आ गया, मैंने उसके चूतड़ों पर थप्पड़ों की बारीश करके चूतड़ लाल कर दिए.
अब भी वो नहीं मान रही थी.

मंजू के बालों को पकड़ कर मैं बेड से नीचे उतरा, बोला- भोसड़ी की चुदाई भी करवानी है और ऊपर से न नुकर कर रही है?
उसका मुंह लाल हो गया. एक बार फिर बेड पर कुतिया की तरह करके इस बार गांड के ऊपर लण्ड को रख कर सुपारे के ऊपर तेल लगा कर उस की गांड में डालता हुआ बोला- साली, आराम से करवाती तो दर्द नहीं होता!

करीब करीब पूरा लंड मैंने एक ही धक्के से पेल दिया. उसके मुंह से रोने की आवाज आ रही थी. मेरे दूसरे हाथ से उसका मुंह बन्द करके मैं लगातार उसकी गांड पेलता रहा.

दस मिनट बाद उसकी सिसकियाँ बन्द हुई. तब मैंने हाथ हटाया. मैं अब भी पेल रहा था.

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

अब मंजू को भी अच्छा लगने लगा था. कुछ देर बाद उसके मुंह से आवाज आई- सच … गांड मरवाने का मजा और ही है. आप जोर से पेलो. इतना मजा पहली बार मिल रहा है.
मैं उसे पेलने के साथ चूतड़ों पर थप्पड़ भी लगाता जा रहा था.

अब मंजू थक चुकी थी बोली- जल्दी से निकालो, मेरा हो रहा है.
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. पंद्रह बीस धक्कों में मैं स्खलित हो गया.

कुछ देर मैं उसकी नंगी पीठ पर लेटा रहा, साथ में गर्दन के पास बाइट करता रहा.
मंजू बोली- एक बार उठो.
मैं उठा.

हम दोनों बाथरूम में गए, शॉवर चालू करके स्नान किया.

स्नान करने के दौरान मंजू मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. मेरा लंड एक बार फिर से तैयार हो गया.

मैं मंजू को बोला- मंजू, क्यों ना एक एक पेग हो जाये?
वो बोली- हां, मुझे भी इस समय सख्त जरूरत है.

हम दोनों बाथरूम से नंगे ही बाहर आये. दो पेग बना कर एक मंजू को दिया और मैं सोफे पर बैठ गया.

मंजू मेरी गोदी में आकर बेठ गयी. पेग सिप करते करते बोली- तुम बुड्ढों में इतनी ताकत कहाँ से आती है?
मैं बोला- मेरे करने से तू तो खुश है ना?
वो बोली- आपको अब छोड़ने का मन नहीं करता. मन कहता है अब आपकी बन कर रहूँ.

मंजू ने गिलास खाली कर दिया. फिर मुंह घुमा कर नीचे बैठ कर एक बार लण्ड को मुंह में लेकर फिर उत्तेजित करने लगी.

दो मिनट में मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था.

Free XVideos Porn Download
advertisement

उसे फिर से गोदी में उठा कर मैं बेड पर पटका. मंजू ने लण्ड को सीधा अपनी बुर पर रख लिया. मैंने उचित जान कर एक धक्का दिया.
शायद उसके लिए मेरा लण्ड बड़ा और मोटा होने के कारण उसके मुंह से चीख निकलने वाली थी कि मैंने अपने होंठों से उस के होंठ दबा दिए. दो मिनट मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा, गर्दन, आँखों, कानों पर चुंबन लेने लगा.

20 साल की लड़की की गांड की जमकर चुदाई

उसके बाद मंजू ने मेरे मुंह में अपने होंठ से इशारा किया. वो मेरे होंठों को पकड़ कर बुरी तरह चूसने लगी. बार बार मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी. उसके मुंह से आह उन्ह की आवाज आ रही थी.
वो बोली- मेरे राजा, मुझे आज इस तरह चोदो कि आज की चुदाई में जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँ.

उसकी दोनों टांगों को मेरे कंधे के पास रख कर मैं दोनों पैरों पर बैठ कर पेलने लगा. इस तरह से मेरा लण्ड पूरा अन्दर जाकर टकराने लगा. जैसे ही लण्ड दीवार से टकराता, उसके मुंह से आवाज के साथ आँखें बता रही थी कि और जोर से पेलो.

काफी देर इस तरह पेलने से मुझे थकान महसूस होने लगी. तब उसको मैंने मेरे ऊपर आने का इशारा किया. वो समझ गयी.
मैं अब लेट चुका था. मंजू मेरी चुदाई कर रही थी. कमर हिला हला कर गोलाई में घूम रही थी. साथ ही अपनी बुर को अंदर से भींच रखा था. आधे घंटे की चुदाई में मंजू ने कितनी बार पानी छोड़ा पता ही नहीं चला. जब भी उसका पानी छूटता, अपने पेटीकोट से अपनी फुद्दी और लण्ड को साफ कर वापिस मेरे ऊपर आकर चुदाई में लग जाती.

advertisement
Hindi Antarvasna Kahani

एक बार मेरा पानी छूट चुका था. दूसरी तरफ वाइन का नशा के कारण इस बार स्खलित नहीं हो रहा था. करीब एक घण्टे में हमने कई आसन किये.

आखिरी आसन आमने सामने होकर मेरी छाती से छाती मिला कर वो मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गयी. हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बाँहें डाले चुंबन लेते रहे.

जब थकान कुछ कम हुई तो उसके चूतड़ के नीचे दोनों हाथों से ऊपर लाता और वापिस छोड़ देता. इस तरह पंद्रह मिनट में वो बोली- अब मैं जा रही हूँ.
इस समय मेरा भी स्खलन का समय हो रहा था.

वो मुझसे पहले स्खलित होकर मुझे हिलने से मना कर मेरे से लिपट गयी.

पांच सात मिनट बाद बोली- आप का तो हुआ ही नहीं?
मैं बोला- अब तेरा मुंह किस काम आएगा? आज से पहले किसी का पानी पिया है?
मंजू बोली- मुझे इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता.
मैं बोला- तुझे तो गांड मरवाना भी अच्छा नहीं लगता था?
वो बोली- आपने सिखा दिया.
वापिस मैं बोला- मेरे लंड की मलाई दो चार बार पीयेगी तो उसके बाद आदत पड़ जाएगी.

Free Indian Sexy Stories

मंजू मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी. उससे पहले जब अंडकोष और गांड चूसी, उस समय मुझे अलौकिक मजा आया. उसने फिर दोहराना चालू किया.

पंद्रह मिनट बाद मैं बोला- मंजू मुंह खोल!
उसके मुंह में लंड डाल कर मैं बोला- एक बून्द भी नीचे नहीं गिरनी चाहिये. बड़े मजे से पीना है.

जैसे ही मेरा पानी छूटा, उसने मेरे कहे अनुसार वैसा ही किया.

इन सबसे फ्री होकर अब हम दोनों की इच्छा पूरी हो चुकी थी. दोनों ने साथ बैठ कर खाना खाया. भूख बड़े जोर की लगी थी.

खाना खाकर हम दोनों बेड पर लेट गए. वो मेरे ऊपर आकर छाती पर लेट गयी.
मैंने मंजू से पूछा- कुछ पूछूँ? बताओगी मंजू?
वो बोली- जी!

“तुम्हारी घर से भागने वाली बात बताओगी?”
वो बोली- जरूर … उस समय मेरा एक लड़के से सम्पर्क था. एक रात को वो गाड़ी लेकर आया. और मेरे साथ धोखा किया उसने. मुझे गाड़ी में बैठा कर गांव से बाहर निकला. तीन चार लड़के और साथ ले लिए उसने. और मुझे हिल स्टेशन पर किसी एकांत मकान में ले गए. वो सब एक के बाद एक मेरी चुदाई करने लगे. लगातार दस दिन में मेरी चुदाई की इच्छा खत्म हो गयी.

मंजू ने आगे बताया- एक दिन तभी मुझे भनक लगी कि वे लोग मुझे किसी कोठे वाली को बेचने वाले थे. मौका पाकर मैंने घर पर फोन किया.
मेरे फोन से पिताजी पुलिस लेकर आ गए. घर आकर मैंने आइंदा के लिए सौगंध खा ली कि अब से किसी गैर से नहीं चुदुंगी. खुद पर काबू रखूंगी.

वो आगे बताने लगी- पर मुझे क्या मालूम था … एक महीना बाद यही चूत फिर से लण्ड मांगने लगी. मैं फिर से और लड़कों के सम्पर्क में आ गयी. पर इस बार मैं सावधान थी. परन्तु फिर भी एक दिन रंगे हाथ पकड़ी गयी. तत्काल गरीब घराने के लड़के से मेरी शादी कर दी.
कुछ दिन मैं फिर से तड़पने लगी. मेरा पति अधूरा निकला. उसको समझाकर शहर ले आई. एक बार फिर से मेरी चूत को ठंडक मिल गयी.

अब आप मिले हो. आप जैसी चुदाई कोई और नहीं कर पायेगा. मैं फिर से प्यासी रहूंगी.
मैं बोला- जिस तरह अपने पति को गांव से शहर ले आई, उसी तरह यहां आ जा. तुझे मजा ही मजा मिलेगा.

अब दिन उदय होने वाला था. हम दोनों ने कपड़े पहने. घर वालों के उठने से पहले ही मैं उसे बस में बैठा आया.

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ
advertisement

दो महीने बाद वो मेरे शहर में आ गयी. मैंने पड़ोस में कुछ दूरी पर एकांत में उसे मकान दिला दिया. उसके पति को कपड़े की एक दूकान पर नौकरी लगवा दी.

अब जब उस का पति दुकान चला जाता और मैं घर से बाजार जाने का बोल कर उसके पास आ जाता. हम चुदाई में लग जाते.

इस तरह कुछ ही महीनों में बच्चा उसके पेट में आ गया. बाद में उसने एक लड़के को जन्म दिया.

धीरे धीरे मेरी आर्थिक मदद से उसे दो कमरों का मकान बस्ती से दूर एकांत में दिला दिया. अब जब भी हमारा चुदाई का मूड हो तो मिलते हैं और चुदाई करते हैं.

टीचर संग दूसरी बार चुदाई

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement