चोदकर शादी के लिए मनाया

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मेरा मेडिकल स्टोर है और मैंने कुछ वर्ष तक तो फार्मेसी की जॉब की और उसके बाद अपना ही मेडिकल स्टोर खोल लिया मुझे करीब 3 वर्ष हो चुके हैं और इन 3 वर्षों में मेरी शादी भी हुई लेकिन मेरी पत्नी के साथ मेरी बिल्कुल भी नहीं बनती मुझे नहीं पता कि उसके साथ मेरी अन बन हमेशा क्यों रहती है लेकिन मीनाक्षी और मेरे बीच कभी भी वह प्यार था ही नहीं जो मैंने सोचा था। एक दिन तो मीनाक्षी ने मेरे साथ इतना झगड़ा कर लिया कि वह अपने घर चली गई मैंने मीनाक्षी को बहुत समझाया और कहा घर जाने से कोई फायदा नहीं होने वाला तुम्हें मुझसे बात करनी चाहिए यदि तुम्हें कोई भी परेशानी है तो तुम मुझसे इस बारे में बात किया करो लेकिन मीनाक्षी का नेचर तो अजीब किस्म का था वह मुझसे बात ही नहीं किया करती थी, वह उस दिन सीधा ही अपने मायके चली गयी।

अगले दिन मैं उसे मना कर अपने घर तो ले आया लेकिन वह मेरे साथ रहना ही नहीं चाहती थी मुझे इस बात का काफी समय बाद पता चला कि उसका कॉलेज में किसी लड़के के साथ अफेयर था लेकिन उन दोनों के बीच शादी तक बात पहुंची ही नहीं और उन दोनों का ब्रेकअप हो गया यह बात मुझे मीनाक्षी की एक सहेली ने बताई थी और उसके बाद से मीनाक्षी ने अपने घर वालों के कहने पर मुझसे तो शादी कर ली लेकिन वह मुझे वह प्यार नहीं दे पाई जो मैं मीनाक्षी से चाहता था और आए दिन हम दोनों के बीच झगड़े ही होते रहते। मीनाक्षी अपने घर चली जाती और मैं उसे मना कर अपने घर ले आता लेकिन ज्यादा दिनों तक यह नहीं चलने वाला था मैं भी इन सब चीजों से बहुत परेशान हो चुका था और इससे मेरे काम पर भी फर्क पड़ रहा था मेरे काम पर इन सब चीजों का फर्क पड़ने से मुझे भी अब तनाव महसूस होने लगा मैंने मीनाक्षी और उसके परिवार से एक बार बात करने की सोची मैं चाहता था कि सब लोग एक साथ बैठकर बात करेंगे तभी मेरा मीनाक्षी के साथ रिश्ता टूटने से बचा पाता तो शायद मुझे खुशी होती लेकिन मीनाक्षी तो मेरे साथ रहना ही नहीं चाहती थी।

उस दिन मेरे माता-पिता और मीनाक्षी के माता-पिता भी सब लोग साथ में बैठकर इस बारे में बात कर रहे थे परंतु मीनाक्षी अपनी गलती को मानने को तैयार ही नहीं थी और वह कहने लगी कि इसमें इनकी ही गलती रहती है मैंने मीनाक्षी से कहा मैं तुम्हें कभी भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देता लेकिन तुम हर दिन मुझसे छोटी छोटी बात को लेकर झगड़ा करती रहती हो क्या यह सही है। मुझे उसी वक्त लग चुका था कि अब हम दोनों का रिश्ता ज्यादा आगे तक नहीं चलने वाला और हम दोनों ने अब सोच लिया था कि क्या करना है, मैं अब मीनाक्षी से अलग रहने लगा लेकिन मैं इस बात से बहुत परेशान था कि मेरी शादी होने के बावजूद भी मीनाक्षी मेरे साथ नहीं है और मैंने मीनाक्षी को कभी भी कोई कमी महसूस नहीं होने दी उसके बावजूद भी उसने मेरे साथ इस तरीके से किया इस बात का मुझे दुख बहुत ज्यादा था। एक दिन मैंअपने मेडिकल स्टोर में ही बैठा हुआ था तब मेरे पास एक लड़की आई और वह मुझे कहने लगी आप मुझे यह दवा दे देंगे मैंने उससे पर्ची मांगी और उसे दवाई दी वह मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी और उसने मुझे कहा क्या तुम अरुण हो मैंने उसे कहा हां मैं अरुण हूं, तुम्हें मेरा नाम कैसे पता वह मुझे कहने लगी शायद तुमने मुझे पहचाना नहीं मैंने उसे कहा नहीं मैंने तुम्हें नहीं पहचाना वह मुझे कहने लगी हम दोनों स्कूल में साथ पढ़ा करते थे। उसने जब मुझे अपना नाम बताया तो मुझे ध्यान आया कि वह मेरे साथ स्कूल में पढ़ा करती थी वह मुझे कहने लगी क्या यह तुम्हारा मेडिकल स्टोर है मैंने उसे कहा हां यह मेरा मेडिकल स्टोर है उस दिन मेरी पारुल के साथ ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई पारुल को जब भी कोई दवाई लेनी होती तो वह मेरे पास ही चली आती क्योंकी उसका जिस डॉक्टर से ट्रीटमेंट चल रहा था वह अक्सर मेरे यहां की दवाई लेने के लिए सजेस्ट किया करते तो पारुल मेरे पास अक्सर आने लगी और एक दिन मैंने उससे पूछा तुम्हारी तबीयत तो ठीक है वह मुझे कहने लगी हां मेरे पेट में थोड़ा तकलीफ रहती है उसी के सिलसिले में मेरा इलाज चल रहा है मैंने उसे कहा क्या तुमने शादी नहीं की वह मुझे कहने लगी नहीं मैंने अब तक शादी नहीं की है, उसने मुझसे पूछा तुमने तो शादी कर ली होगी मैंने उसे कुछ जवाब नहीं दिया और बात को ऐसे ही टाल दिया लेकिन वह मुझसे जिद कर के पूछने लगी और कहने लगी तुम मुझे बताओ तो सही क्या तुमने शादी कर ली है मैंने उसे बताया हां मेरी शादी हुई थी लेकिन अब मेरी शादी छूट चुकी है और मेरी पत्नी मुझसे अलग रहने चली गई है।

पारुल यह बात सुनकर थोड़ा शॉक्ड हो गई और वह मुझे कहने लगी मैं जितना तुम्हें जानती हूं तुम तो बहुत अच्छे हो मैंने उसे कहा अब इस अच्चाई का भला मैं क्या करूं मेरी पत्नी मुझे छोड़ कर जा चुकी है और मैं अब अकेला ही हूं पारुल मुझे समझाने लगी उसने मुझे समझाया तो मुझे ऐसा लगा कि चलो कम से कम किसी ने मुझे समझाया तो सही नहीं तो हर कोई बस यही कहता रहता कि इसमें तुम्हारी भी गलती है, पारुल से बात कर के मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ करता था और मैं पारुल से बहुत देर तक बात किया करता। पारुल एक दिन मुझे कहने लगी हम लोग घूमने का प्लान बनाते हैं मैंने पारुल से कहा लेकिन मैं अपना मेडिकल स्टोर छोड़कर नहीं आ सकता वह मुझे कहने लगी कभी अपने लिए भी तुम समय निकाल लिया करो कब तक काम करते रहोगे मुझे भी लगा कि पारूल बिल्कुल सही कह रही है और उस दिन मैं पारुल के साथ घूमने के लिए चला गया हम दोनों साथ में ही एक पार्क में बैठे रहे और वहां पर हम लोग काफी देर तक बात करते रहे पारुल ने मुझे बहुत समझाया और मुझे भी यह एहसास हुआ कि मुझे अब किसी का साथ चाहिए नहीं तो मैं भी तनाव में आ जाऊंगा।

मैंने उस दिन पारुल से कहा मैं जब भी तुमसे बात करता हूं तो मुझे बात करके बहुत अच्छा लगता है और तुम्हारे साथ में समय बिताना भी बहुत अच्छा लगता है पारुल मुझे कहने लगी अरुण तुम दिल के बहुत अच्छे हो और मुझे तुम्हारी मदद करने में बहुत खुशी होगी, मैंने पारुल से कहा हां क्यों नहीं मैं तो चाहता ही हूं कि तुम मेरी मदद करो। पारुल से बात कर के मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरे जीवन में कोई परेशानी है ही नहीं लेकिन सबसे बड़ी परेशानी तो मेरी पत्नी की वजह से मेरे जीवन में आ चुकी थी क्योंकि वह ना तो मुझे तलाक देने को तैयार थी और ना ही वह मेरे साथ आने को तैयार थी इस वजह से मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था, मैंने एक दिन पारुल से अपने दिल की बात कह दी और कहा कि मैं तुम्हारे साथ अपना जीवन बिताना चाहता हूं पारुल मुझे कहने लगी मुझे इसके लिए थोड़ा समय चाहिए और मैंने कभी भी इस बारे में नहीं सोचा और ना ही मैंने कभी भी अपने दिल में ऐसे ख्याल पऐड किये कि मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं, वह मुझे कहने लगी तुम मुझे थोड़ा समय दे दो मैं तुम्हें सोच कर बताऊंगी। मैं चाहता था कि पारूल मेरे साथ ही रहे और मैं उसके साथ ही अपने आगे के जीवन को बिता पाऊँ क्योंकि पारुल के साथ मेरी बॉन्डिंग बहुत अच्छी थी और वह मुझे बहुत अच्छी तरीके से समझती भी थी। जितने समय हम दोनों को एक दूसरे को जानते हुए हो गए थे उतने समय में मुझे यह एहसास हो चुका था कि मैं पारुल के साथ में बहुत खुश रहूंगा। पारुल ने एक दिन मुझे कहा मुझे तुमसे मिलना है मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर चला गया।

मैं जब उसके घर पर उससे मिलने गया तो उस दिन मैंने पारुल को अपनी परेशानी बताइए और उसे कहा यदि मैं तुमसे शादी नहीं कर पाया तो शायद मैं पूरी तरीके से बर्बाद हो जाऊंगा। पारुल मुझे कहने लगी देखो करण मैं भी तुम्हें पसंद करती हूं और तुम मुझे अच्छे लगते हो लेकिन मुझे अभी समय चाहिए। हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तब मैंने पारुल की जांघ पर हाथ रखा और कहा कि मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। वह भी मुझे कहने लगी मुझे थोड़ा समय चाहिए लेकिन मेरे अंदर से सेक्स की गर्मी चढ़ने लगी थी, मैंने जैसे ही पारुल के नर्म होठों को अपने होंठो में लेना शुरू किया तो उसे भी अच्छा महसूस होने लगा। मैंने उसे वही नीचे लेटा दिया और उसके स्तनों को मैंने जब अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई। मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चाटना शुरू किया तो उसके अंदर की गर्मी बाहर आ गई।

वह मुझे कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा देखो पारुल मेरे पास इसके सिवा कोई रास्ता नहीं है, मैंने इतने समय से किसी के साथ सेक्स भी नहीं किया है और मैं चाहता हूं कि तुम अब मेरे साथ ही रहो लेकिन वह भी अपने आप पर काबू नहीं कर पाई। मैंने जब उसकी सलवार का नाड़ा खोलते हुए उसकी चूत को सहलाना शुरु किया तो उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा उसकी चूत से गर्म पानी बाहर निकल रहा था और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने जैसे ही अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो उसे बहुत दर्द होने लगा, वह कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है लेकिन उसे मजा भी आ रहा था। मैंने उसे बड़ी तेजी से चोदना जारी रखा मैं उसके साथ करीब 10 मिनट तक संभोग करता रहा, जैसे ही मेरा वीर्य पतन उसकी योनि में हो गया तो वह मुझे कहने लगी तुमने आज यह क्या कर दिया। मैंने उसे कहा पारुल मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुम्हारे बिना मैं रह नहीं सकता, मैं जब भी तुम्हारे साथ होता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है तुमसे बात कर के मुझे ऐसा लगता है जैसे तुम से अच्छा लाइफ पार्टनर मुझे शायद ही कोई मिल पाएगा। वह मुझे कहने लगी ठीक है मैं तुम्हारे साथ शादी करने को तैयार हूं उसके बाद वह मुझसे शादी के लिए मान गई।