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गौतम की आंखों में ज्योति से बिछड़ने का गम साफ नजर आ रहा था मैंने उसे कहा तुम बेवजह ही ज्योति के बारे में सोच रहे हो अब उसने तुम्हें धोखा देकर दूसरे से शादी कर ली है तुम्हें अब आगे बढ़ना चाहिए। गौतम मुझे कहने लगा रवि तुम समझ नहीं पाओगे मैंने उसे कहा मैं क्या नहीं समझ पाऊंगा मुझे साफ दिखाई तो दे रहा है तुम इतने ज्यादा दुखी हो और मैं तुम्हें अब इस हालत में नहीं देख सकता तुम ही मुझे बताओ क्या ज्योति ने तुम्हारे साथ सही किया यदि वह तुमसे प्यार करती थी तो उसे तुम्हारा साथ देना चाहिए था ना कि किसी और से शादी कर लेनी चाहिए थी। गौतम मुझसे कहने लगा इसमें ज्योति की कोई गलती नहीं है, मैंने उसे कहा यह तो तुम अपने दिल को तसल्ली दे रहे हो तुम्हें मालूम है कि ज्योति की ही इसमें गलती है और यह बात तुम अच्छी तरीके से जानते हो कि यदि वह गलत नहीं होती तो क्या पिछले 4 महीने से तुम्हें धोखे में रखती उसने 4 महीने से तुम्हें कुछ भी नहीं बताया उसकी सगाई हो चुकी थी और अब उसकी शादी भी होने वाली थी लेकिन उसने तुम्हें कुछ भी नहीं बताया अब तुम ही मुझे बताओ क्या इसमें ज्योति की गलती नहीं है।

मुझे गौतम कहने लगा नहीं इसमे ज्योति की गलती नहीं है मैंने गौतम से कहा तुम अभी अपने आप को धोखे में रख रहे हो ज्योति को भूल कर अब आगे बढ़ने की कोशिश करो। उस वक्त गौतम ज्योति के गम में पूरी तरीके से डूबा हुआ था इसलिए उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसे क्या करना चाहिए। मैंने उस वक्त उसका बहुत साथ दिया क्योंकि गौतम मेरे बचपन का दोस्त है और ऐसे ही मैं उसे कैसे छोड़ सकता था। गौतम धीरे धीरे ज्योति के गम से उभरने लगा था और उसने अपनी नई दुनिया बनानी शुरू कर दी थी। गौतम काम पर ही ध्यान दिया करता था और उसके लिए सिर्फ काम ही सब कुछ था वह पैसा कमाना चाहता था पैसे के सिवा उसके लिए कुछ भी नहीं था। देखते ही देखते गौतम ने वह सब कुछ हासिल कर लिया जिसे हासिल करने के लिए ना जाने लोग कितने वर्ष लगा देते हैं गौतम अब शहर का सबसे बड़ा बिल्डर बन चुका था और अभी तक उसने शादी नहीं की थी।

मेरी शादी हो चुकी थी और मैं अब अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश था मैं भी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं और अपने काम के प्रति मैं पूरी तरीके से वफादार हूं। मैं भी अपने जीवन में बहुत खुश था क्योंकि मुझे रवीना के रूप में एक अच्छी पत्नी जो मिल चुकी थी और गौतम अभी कुंवारा था मैंने गौतम से कई बार कहा कि तुम शादी क्यों नहीं कर लेते लेकिन वह जैसे शादी करना ही नहीं चाहता था। मुझे समझ नहीं आया कि गौतम आखिरकार क्यों शादी नहीं करना चाहता है अब तो उसके पास सब कुछ है और वह एक अच्छी जिंदगी भी जी रहा है लेकिन ना जाने गौतम क्यों शादी नहीं करना चाहता था। समय बड़ी तेजी से निकलता जा रहा था एक दिन मेरे फोन पर गौतम का फोन आया और वह कहने लगा तुम अभी मेरे ऑफिस में आ जाओ। मैंने उसे कहा यार आज तो मैं घर पर ही हूं तुम्हें मालूम है ना कि रवीना को मैं छुट्टी के दिन मूवी दिखाने के लिए लेकर जाता हूं वह कहने लगा तुम रवीना को भी लेकर आ जाओ। रवीना और मैं गौतम के ऑफिस में चले गए गौतम अपने ऑफिस में ही बैठा हुआ था जब हम लोग उसके ऑफिस में पहुंचे तो उसने ऑफिस में काम करने वाले पियून से कहकर हमारे लिए पानी मंगवा दिया। हम दोनों ने पानी पिया और मैंने गौतम से पूछा आखिर तुमने हमें ऑफिस में क्यों बुलाया है वह कहने लगा मैंने तुम्हे ऑफिस में इसलिए बुलाया है कि मैं तुम्हें खुशखबरी देना चाहता हूं। मैंने गौतम से कहा आखिर तुम मुझे क्या खुशखबरी देना चाहते हो वह कहने लगा कि मैंने अपने लिए लड़की पसंद कर ली है मैंने उसे कहा क्या बात कर रहे हो। गौतम बहुत ही खुश था उसकी खुशी में मैं भी अब चार चांद लगाना चाहता था मैंने गौतम से कहा कि आज मेरी तरफ से मैं तुम्हे एक पार्टी दे रहा हूं क्योंकि इतने वर्षों से मैं चाहता था कि तुम शादी करो लेकिन तुमने हमेशा ही शादी से दूर भागने की कोशिश की और मेरे मन में कई सवाल उठ गए थे।

मैंने गौतम से कहा आखिर तुमने अचानक से शादी करने का फैसला कैसे कर लिया वह कहने लगा यार यह फैसला अचानक से नहीं हुआ है मेरी मुलाकात जब आंचल से हुई तो मैं अपने दिल पर काबू ना रख सका और मैंने आँचल को अपने दिल की बात कह दी। मैंने गौतम से कहा की आंचल ने तुम्हारी बात को मान लिया था वह कहने लगा हां आँचल ने मेरे रिश्ते को स्वीकार कर लिया और उसके घर में भी मैंने अब बात कर ली है। मैंने गौतम से कहा लेकिन तुम मुझे आँचल से कब मिलवा रहे हो वह कहने लगा बस जल्दी ही मिलवा दूंगा तभी रवीना भी बोल उठी गौतम भैया आप भी अब शादीशुदा हो जाएंगे और यह तो ना जाने कितनी बार कहते रहते हैं कि गौतम ना जाने कब शादी करेगा लेकिन अब आप शादी करने जा रहे हैं तो इस बात से सब लोग बहुत खुश हैं। उस दिन हम लोग साथ मे डिनर करने के लिए चले गए हम लोगों ने साथ में ही डिनर किया और फिर हम लोग घर लौट आए थे रात के वक्त मुझे रवीना कहने लगी कि चलो गौतम भैया भी अब शादी करने वाले हैं यह तो बड़ी अच्छी बात है। मैंने रवीना से कहा हां वह अब तक ज्योति के ख्यालों से निकल नहीं पा रहा था लेकिन ना जाने अचानक से ऐसा क्या जादू हो गया कि वह शादी करने के लिए तैयार हो चुका है। मैंने रवीना से कहा लगता है आंचल से मिलना ही पड़ेगा रवीना मुझे कहने लगी हां क्यों नहीं आप जरूर उनसे मिलिए और कुछ ही दिनों बाद मुझे गौतम ने आंचल से मिलवा दिया।

जब मैं आंचल से मिला तो मुझे बड़ा अच्छा लगा क्योंकि इतने समय बाद गौतम के चेहरे पर खुशी थी मैंने आंचल से कहा कि अब तुम्हे ही गौतम का ध्यान रखना है। गौतम पैसे कमाने में इतना मगन हो चुका था कि वह अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पाता था लेकिन अब उसे ही आंचल का ख्याल रखना था। उन दोनों ने सगाई कर ली थी और हम लोग उनकी सगाई में गए थे गौतम बहुत ही खुश था। गौतम आंचल को हर वह खुशी देता जो कि आंचल चाहती थी गौतम के पास पैसे की कोई भी कमी नहीं थी इसलिए वह आंचल को हर रोज कुछ ना कुछ शॉपिंग करवाता ही रहता था। मैंने गौतम से कहा लेकिन तुम शादी कब कर रहे हो तो वह कहने लगा कि बस जल्द ही शादी कर लूंगा। वह अब शादी करने के बारे में सोचने लगा था लेकिन उसी दौरान गौतम के हाथ से एक बड़ा प्रोजेक्ट चला गया जिस वजह से वह बहुत परेशान रहने लगा लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा। अब गौतम और आंचल की शादी भी हो चुकी थी आंचल और गौतम शादीशुदा जीवन जी रहे थे सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था वह दोनों भी बहुत खुश थे। एक दिन गौतम बहुत ही ज्यादा परेशान नजर आ रहा था मैने उससे कहा तुम इतने परेशान क्यों हो? वह मुझे कहने लगा आंचल से झगड़ा हो गया है मैंने उसे कहा छोड़ो ना ऐसे झगड़े तो होते ही रहते हैं मेरे और रवीना के बीच में भी अक्सर ऐसे झगड़े हो जाया करते हैं लेकिन इन बातों को कभी भी दिल पर नहीं लिया करते। गौतम मुझे कहने लगा यार मुझे आज बहुत ही बुरा लग रहा है चलो कहीं घूम आते हैं। हम लोग गौतम के फ्लैट में चले गए और वहां पर बैठकर हम लोग शराब पीने लगे गौतम मुझे कहने लगा आज मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

गौतम ने अपने एक दोस्त को फोन किया और कुछ ही देर बाद उसने गौतम के फ्लैट में 25 वर्ष की लडकी को भेज दिया। जब वह आई तो उसे देखकर हम दोनों ही लार टपकाने लगे और कुछ देर हम लोगों ने उससे बात की और उसके साथ शराब का मजा भी लिया। उसका नाम आकांक्षा है आकांक्षा से मैने पूछा कि वह क्या करती है तो वह कहने लगी मैं यही काम करती हूं बस लोगों का मैं दिल बहला दिया करती हूं। गौतम ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और गौतम उसके साथ किस करने लगा। जब गौतम उसके होंठों को चूम रहा था तो मुझे भी अच्छा लग रहा था मैंने भी उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया हम दोनों ने उसके कपड़े उतार दिए हम दोनों के अंदर उत्तेजना जागने लगी थी। हम दोनों ही बिल्कुल रह नहीं पाए और जैसे ही गौतम ने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे आंकाक्षा ने मुंह मे समा लिया और उसे वह सकिंग करने लगी। कुछ देर तक उसने गौतम के लंड को चूसा उसके बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और मेरे लंड को वह चूसने लगी।

उसे बड़ा अच्छा लग रहा था और वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी। काफी देर ऐसा करने के बाद जब गौतम ने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह अपने पैरों को चौड़ा करने लगी। मेरे लंड को भी वह मुंह में लेकर चूस रही थी गौतम उसे धक्के मार रहा था। गौतम ने उसे जमकर चोदा जब गौतम का माल बाहर गिरा तो उसने उसके वीर्य को साफ करते हुए मुझे कहा कि तुम भी अपने लंड को मेरी योनि में डाल दो। मैं उसे डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया अब मैं उसे धक्के मार रहा था उसकी बडी चूतडो को मैंने अपने हाथों से पकड़ा हुआ था। उसकी चूतड़ों का रंग मैंने लाल कर दिया था वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाए जा रही थी। उसके सेक्स करने का अंदाज बड़ा ही लाजवाब था वह सेक्स को पूरी तरीके से फील कर रही थी। जिससे कि मुझे भी मजा आ रहा था वह भी पूरे मजे ले रही थी मैंने उसे कहा तुम बड़ी लाजवाब हो और तुम्हारा कोई जवाब नहीं है। वह कहने लगी ऐसा तो सब लोग ही कहते हैं करीब 5 मिनट बाद मैंने अपने माल को उसकी योनि के अंदर ही गिरा दिया।

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