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 मेरा यह कॉलेज का आखरी वर्ष है और मैं कानपुर का रहने वाला हूं कानपुर में मेरे पापा का कपड़ों का व्यापार है और उनका एक बड़ा शोरूम है। हम लोग जिस कॉलोनी में रहते हैं वहां पर मेरे काफी दोस्त हैं मेरा यह कॉलेज आखरी वर्ष होने की वजह से मैं तो जैसे अपने दोस्तों के साथ ही अधिक से अधिक समय बिताने लगा, हमारी कॉलोनी में ही काजल नाम की लड़की रहती है उसके पिताजी बैंक में जॉब करते हैं और वह उसे छोड़ने के लिए हमेशा कॉलेज जाया करते, मैं जब भी काजल को देखता तो मै उसकी तरफ ही देखता रह जाता मेरी नजर उससे हट ही नही पाती थी लेकिन मेरा प्यार सिर्फ एक तरफा था और काजल को तो शायद इस बारे में कुछ पता भी नहीं था मेरी तो हिम्मत कभी उससे बात करने की हुई नहीं और ना ही मुझे कभी ऐसा मौका मिल पाया की मैं उससे बात कर पाता क्योंकि वह दूसरे कॉलेज में पढ़ाई करती है पर मैं उसे जब भी देखता तो मैं उसे देख कर खुश हो जाया करता था और सिर्फ उसके ख्यालों से ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी।

मेरे पास काजल का नंबर भी था और मैं उसे फोन करता था काजल हेलो हेलो बोलती और मैं फोन काट दिया करता उससे आगे मेरी उससे बात करने की कभी हिम्मत ही नहीं हो पाई और यह सिलसिला काफी वर्षों तक चलता रहा। हमारी कॉलोनी में जब भी कोई प्रोग्राम होता तो मुझे काजल हमेशा दिखा करती काजल को गाने का बड़ा शौक था इसलिए जब भी कॉलोनी में कोई पार्टी या कोई फंक्शन होता तो काजल से गाने की फरमाइश जरूर किया करते और वह जब गाना गाती तो मैं उसे देखता ही रह जाता क्योंकि उसकी आवाज में जादू था और वह बड़े ही अच्छे से गाना गाती। यह सिलसिला काफी समय से चलता रहा था लेकिन कभी भी ऐसा मौका मुझे नहीं मिल पाया जब मैं काजल से बात कर पाता लेकिन मुझे काजल से अपने दिल की बात तो कहनी ही थी और एक दिन वह मौका आ ही गया जब मैं काजल से बात कर सकता था। हमारी कॉलोनी के लोगों ने घूमने का प्लान बनाया और सब लोग ही घूमने के लिए जाने वाले थे जब यह बात मेंरी मम्मी ने मुझे बताई तो मैं तो जैसे खुश हो गया मैंने मम्मी से पूछा कि आखिरकार हम लोग घूमने कहां जा रहे हैं।

मम्मी कहने लगे कि सब लोगों ने आगरा घूमने का प्लान बनाया है। मैं इतना ज्यादा खुश था कि मैंने उस वक्त अपने सारे दोस्तों को यह बात बता दी और मेरे दोस्त कहने लगे चलो अब तो तुम काजल से बात कर ही लेना, मैंने उनसे कहा हां इस बार तो मैं जरूर काजल से बात कर ही लूंगा और वह मौका बहुत नजदीक आने वाला था, इत्तेफाक से हम लोग जिस बस में जाने वाले थे उसमें ही काजल बैठ गई काजल मेरी एक सीट छोड़ कर बैठी हुई थी लेकिन मैं काजल को देखे जा रहा था मेरे साथ मेरी मम्मी बैठी हुई थी मेरे पापा भी मेरे पीछे वाली सीट पर बैठे हुए थे उसी बीच मेरी मम्मी की तबीयत खराब होने लगी और मैंने अपनी मम्मी को पानी पिलाया तो उन्हें थोड़ा आराम मिला लेकिन उनकी तबीयत पूरी तरीके से ठीक नहीं हुई थी इसलिए मैंने बस के ड्राइवर से गाड़ी को थोड़ी देर रोकने के लिए कहा, मैं अपनी मम्मी को बस से उतार कर नीचे ले गया जिससे की उन्हें थोड़ा आराम मिला और वह थोड़ा बेहतर महसूस करने लगी। मैंने अपनी मम्मी से कहा कि क्या आप चाय पिएंगे तो वह कहने लगी कि बेटा मेरा कुछ भी खाने पीने का मन नहीं है, मैंने उन्हें कहा कि आप चाय पी लीजिए आप ठीक हो जाएंगे। तब तक मैंने देखा की काजल भी बस से नीचे उतर रही है और वह मेरे पास आई और मुझसे पूछने लगी आंटी की तबीयत कैसी है? मैंने काजल से कहा अब तो पहले से ठीक हैं तो वह कहने लगी कि आंटी को हम लोग कुछ खिला देते हैं, तब तक बस से सारे लोग नीचे उतरने लगे थे क्योंकि बस जिस जगह पर रुकी थी उससे कुछ ही दूरी पर ढाबा था सब लोग वहां पर चले गए और चाय पीने लगे मैंने भी मम्मी के लिए चाय ऑर्डर करवा दी मम्मी ने जब चाय पी तो मम्मी पहले से बेहतर महसूस करने लगी।

काजल के साथ उसका परिवार भी था उन लोगों का हमारे परिवार के साथ इतना कुछ ज्यादा संपर्क नहीं है लेकिन उस दिन जब काजल की मम्मी मेरी मम्मी से बात कर रही थी तो वह दोनों जैसे अपनी बातों में इतना ज्यादा खो गए की दोनों बस में एक साथ ही बैठ गई मुझे काजल के साथ बैठने का मौका मिल गया और मैं काजल के साथ बातें करने लगा हालांकि मुझे काजल के बारे में सब कुछ पता था लेकिन उस वक्त तो मुझे अनजान बन कर रहना था, मैंने काजल से पूछा तुम कौन से कॉलेज में पढ़ती हो तो उसने मुझे अपने कॉलेज का नाम बताया और मैंने उससे कहा तुम्हारा कौन सा ईयर है तो वह कहने लगी मेरा सेकेंड ईयर है। हम दोनों साथ में बैठकर बातें करने लगे मुझे तो सिर्फ काजल से बात करने का मौका चाहिए था और उस दिन मुझे काजल से बात करने का बड़ा अच्छा मौका मिल गया, काजल जब मुस्कुराती तो मैं काजल से कहता कि तुम्हारी मुस्कान में एक जादू है और तुम बड़ी अच्छी लगती हो, काजल मुझे कहने लगी लगता है तुम कुछ ज्यादा ही मेरी तारीफ कर रहे हो, मैंने काजल से कहा नहीं इसमें तारीफ की क्या बात है तुम वाकई में अच्छी लगती हो तो मैं तुम्हें कह रहा हूं।

अब हम दोनों के बीच मजाक मस्ती भी होने लगी थी और जब हम लोग आगरा पहुंचे तो मैंने काजल से अपने प्यार का इजहार कर दिया मुझे नहीं पता था कि काजल मेरे बारे में क्या सोचती है लेकिन मुझे लगा कि मैंने बिल्कुल सही जगह पर काजल से अपने प्यार का इजहार किया है और शायद काजल को भी मेरे साथ अच्छा लगा इसलिए काजल ने मुझे हां कह दी और उसके बाद तो मैं इतना खुश हो गया कि मैंने अपने दोस्तों को फोन करते हुए कहा कि काजल ने मुझे हां कह दिया है। कॉलोनी के कुछ दोस्त मेरे साथ आए हुए थे मैंने उन सब को यह बात बताई तो मेरे अंदर बहुत ज्यादा खुशियां उमड़ रही थी जब हम लोग घर वापस लौट आए तो काजल और मैं मिलने का बहाना ढूंढते रहते, काजल बहाना मार कर मुझसे मिलने लगी थी और वह जब भी कॉलेज से आती तो मुझे हमेशा मिला करती क्योंकि अक्सर काजल के पिताजी भी उसे सुबह के वक्त कॉलेज छोड़ने जाया करते थे इसलिए सुबह के वक्त उससे मिलना संभव नहीं हो पाता था परंतु जब भी वह कॉलेज से लौटती तो मैं उसे अक्सर मिला करता। काजल की कॉलेज की छुट्टियां पढ़ने वाली थी और मेरी भी कॉलेज की छुट्टियां पढ़ने वाली थी, अब हम दोनों की कॉलेज की छुट्टियां पड़ चुकी थी इसलिए हम दोनों घर पर ही फोन पर घंटों बात किया करते, काजल भी मुझसे बात कर के खुश रहती लेकिन हम दोनों मिल नहीं पाते थे जब भी हम दोनों एक दूसरे को अपने कॉलोनी के बाहर देखते तो हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते लेकिन ऐसा मौका कभी भी नहीं मिल पाया कि हम दोनों मिल पाते। मैं जब भी अपनी छत पर जाता तो काजल को बुला लिया करता और काजल को मै जब भी देखता तो उसे देखकर मैं खुश हो जाया करता और काजल भी मुस्कुरा देती, उसकी मुस्कुराहट से मैं तो उस पर पूरी तरीके से फिदा हो जाता लेकिन हम दोनों चाहते थे कि एक दूसरे के साथ बैठ कर बात करें परंतु काजल घर से बाहर ही नहीं आ पाती थी और मैं भी ज्यादा घर से बाहर नहीं जाया करता।  एक दिन मुझे और काजल को मिलने का मौका मिल ही गया मैंने काजल को उस दिन कहा तुम घर पर आ जाओ आज मम्मी और पापा मामा जी लोगों के घर पर गए हुए हैं और वह रात को लौटेंगे। काजल ने अपने घर पर बहाना बना लिया वह मुझसे मिलने के लिए आ गई वह जब मुझसे मिलने आई तो वह बहुत घबराई हुई थी। वह कहने लगी सूरज मुझे बहुत डर लग रहा है मैंने उसे कहा तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है तुम मेरे साथ आराम से रहो लेकिन काजल को कहां पता था कि हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बन जाएंगे। काजल और मैं कुछ देर तक तो बैठे रहे जब काजल पूरी तरीके से  कंफर्टेबल हो गई तो वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ बैठना है।

वह मुझसे चिपक कर बैठ गई वह मुझसे इतना चिपक कर बैठी कि मेरा लंड खड़ा होने लगा और मेरी जवानी फूटने लगी। मैंने काजल को किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब मत करो लेकिन मैंने जबरदस्ती उसके होठों को चूमना जारी रखा। जब मैंने उसके कपड़ों को उतार तो उसके चिकने बदन को देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी मैं उसके स्तनों को दबाने लगा। मैं तेजी से उसके स्तनों को दबा रहा था वह अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी। उसकी सिसकियो से मै इतना उत्तेजित हो गया कि मैंने उसे अपने लंड को चूसने को कहा। पहले तो वह थोड़ा घबरा रही थी लेकिन जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे भी अच्छा महसूस होने लगा, वह तेजी से मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी। मैंने उसकी चिकनी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो उसकी सील पैक चूत फट चुकी थी और उससे खून का बहाव तेजी से होने लगा। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता तो उसके मुंह से एक अलग ही आवाज निकलती, मैं उसकी गांड को जोर से दबा देता। कुछ देर तक तो मैं उसे अपने नीचे लेटा कर चोदता रहा लेकिन जब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उसकी चूत के बुरे हाल हो चुके थे और उसे बहुत दर्द भी होने लगा लेकिन मुझे उसे चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसकी चूत के मजे बहुत देर तक लिए मैंने उस दिन उसे तीन बार चोदा उसकी हालत खराब हो चुकी थी। जब वह घर गई तो वह चल भी नहीं पा रही थी उसने घर पहुंचकर मुझे फोन किया और कहने लगी तुमने तो मेरी हालत ही खराब कर दी। मैंने उसे कहा यह तो पहला मौका था आज के बाद मै तुम्हें हमेशा चोदूगा वह मुस्कुराने लगी और उसने फोन काट दिया।

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