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विदेश मे देसी जुगाड के जलवे
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दोस्तों, कैसे हैं आप लोग?  मेरा नाम मनोज है, मैं जयपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं स्कूल में क्लर्क हूं। मेरे पिताजी भी अभी कुछ वक्त पहले ही रिटायर हुए हैं। जब वह रिटायर हुए थे तो उस वक्त हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया था। मेरे चाचा दुबई में रहते हैं। उन्होंने कहा था कि कुछ दिनों के लिए तुम लोग दुबई आ जाओ। हम लोगों ने घूमने का सारा प्लान बना लिया था और लगभग सारी तैयारियां हो चुकी थी। मैंने फ्लाइट की टिकट भी बुक करवा दी थी लेकिन जिस वक्त हम लोग जाने वाले थे उससे कुछ दिन पहले ही मेरी मां की तबीयत बिगड़ गई। जब मेरी मम्मी की तबीयत खराब हुई तो हम लोगो को उन्हें अस्पताल लेकर जाना पड़ा। जब हम उन्हें अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने कहा कि अभी आप इन्हें कुछ दिन बेड रेस्ट पर ही रखिए यदि आप लोग इन्हें कहीं ट्रैवल कराएंगे तो शायद हो सकता है कि इनकी तबीयत खराब हो जाए। हम लोग जिस दिन जाने वाले थे उस दिन अचानक से उनके पेट में तकलीफ होने लगी और उनका बदन भी पूरा दुखने लगा। उस वक्त हमारा घूमने का प्लान कैंसिल करना पड़ा।

मेरे चाचा ने जब हमें फोन किया तो वह कहने लगे क्या तुम लोग यहां नहीं आ रहे हो? मैंने उन्हें बताया कि मम्मी की तबीयत खराब हो चुकी है इसलिए हम लोगों का आना संभव नहीं है। वह कहने लगे चलो कोई बात नहीं तुम लोग कुछ समय बाद आ जाना। मैंने चाचा से कहा अब देखते हैं कब हमारा आना होता है। उनसे मेरी ज्यादा बात नहीं हो पाई। मैंने भी कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी क्योंकि घर में मैं एकलौता हूं इसलिए मुझे ही उनकी देखभाल करनी पड़ रही थी। मेरे पापा की भी तबीयत ठीक नहीं रहती इस वजह से मुझे ही मम्मी की देखभाल करनी पड़ी। उसके कुछ दिनों बाद ही मेरी मम्मी की तबीयत ठीक हो गई। जब मेरी मम्मी की तबीयत थोड़ा ठीक होने लगी तो वह कहने लगे कि मेरी वजह से तुम लोगों का घूमने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया। मैंने अपनी मम्मी से कहा कि आपके बिना हम लोग वैसे भी कहां घूमते। मैंने उन्हें कहा आप ज्यादा बात ना करें आप कुछ दिन और आराम करिए। जब आप पूरी तरीके से ठीक हो जाएंगे तो तब हम लोग फिर घूमने चलेंगे। अब वह खुद ही जैसे पूरी तरीके से ठीक होने लगी थी और उसके बाद हम लोगों का घूमने का प्लान भी दोबारा बन गया। मैंने सोचा कहीं इस बार हमारा प्लान कैंसिल ना हो जाए इसलिए पहले ही डॉक्टर को दिखा दिया जाए। मैंने अपनी मम्मी का बॉडी चेकअप करवा दिया और डॉक्टरों ने कहा कि यह पूरी तरीके से स्वस्थ हैं।

हम लोग जब फ्लाइट में जा रहे थे तो उस वक्त मेरी मुलाकात सूरज से हुई। जब मेरी मुलाकात सूरज से हुई तो उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई। वह लोग घूमने के लिए जा रहे थे। मैंने उनसे पूछा आप लोग कितने दिन के लिए वहां रुकने वाले हैं? वह कहने लगे हम लोग एक हफ्ता वहां रुकेंगे और उसके बाद हम लोग लौट आएंगे। वह मुझसे पूछने लगे हैं आप लोग कितने दिन तक वहां रहने वाले हैं? मैंने कहा अभी तो मैंने आने की फ्लाइट नहीं की है वहां जाकर ही पता चलेगा कि कितने दिन हम लोग रुक पाएंगे। जैसे ही हमारी फ्लाइट दुबई में लैंड हुई तो एयरपोर्ट पर मेरे चाचा हमें लेने के लिए आए हुए थे। मेरे चाचा ने सबसे पहले मेरी मम्मी से पूछा कि भाभी आप की तबीयत कैसी है? मम्मी कहने लगी। अब तो पहले से बेहतर है। पिछली बार तो ना जाने क्या हो गया हम लोग आए ही नहीं पाए। चाचा कहने लगे कोई बात नहीं चलो आप इस बार तो कम से कम आ ही गए। हम लोग वहां से उनके घर पर गए। जब हम लोग उनके घर पर गए तो मेरी चाची हमारा बेसब्री से इंतजार कर रही थी। चाची ने जैसे ही मेरी मम्मी को दिखा तो उन्होंने मेरे मम्मी को गले लगा लिया और वह दोनों आपस में बातें करने लगी। मेरे पापा कहने लगे कि तुम औरतों की बातें कभी खत्म ही नहीं होती। पता नहीं कितनी बातें हैं। सारी बातें आज ही करने वाली हो। मेरे पापा और चाचा बैठे हुए थे लेकिन वह लोग सिर्फ काम की बातें कर रहे थे। मैं अकेला बैठा हुआ था। मैंने अपने चाचा से पूछा कि चीनू कहां है? चीनू मेरे चाचा के लड़के का नाम है और वह बड़ा ही बदमाश है। उसकी उम्र 20 वर्ष है। मेरे चाचा कहने लगे चीनू अभी बाहर अपने दोस्तों के साथ गया होगा। बस कुछ देर बाद लौटता ही होगा।

मैं उसका इंतजार करने लगा और जैसे ही वह आया तो मैंने उसे कहा अरे भाई तुम कहां थे? मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा था। वह मुझे देखते ही कहने लगा भैया आप कब आये? मैंने उससे कहा कि तुम चाचा से ही पूछ लो कि हम लोग कब आए। चाचा कहने लगे कि उन्हें आए हुए तो काफी वक्त हो चुका है। उसके बाद हम लोग सब साथ मे बैठ कर बात कर रहे थे। चीनू मुझे अपने रूम में लेकर गया और कहने लगा भैया आपने अच्छा किया कि आप यहां आ गए मैं तो कब से पापा को कह रहा था कि भैया लोगों को यहां आने के लिए कहिए। आप लोगों ने बहुत अच्छा किया कि आप यहां आ गए। मैंने चीनू से पूछा आज कल क्या चल रहा है। वह कहने लगा बस भैया ऐसे ही समय कट रहा है। मैंने उसे कहा अपना मोबाइल तो दिखाओ। उसने अपना मोबाइल दिखाया तो उसमें एक से एक लड़कियों की तस्वीर थी। मैंने कहा यह सब कौन है तो वह कहने लगा मेरे दोस्त है। मैंने उससे कहा नहीं यह तुम्हारी दोस्त नहीं हो सकती यह कुछ और ही लग रही हैं। उसने मुझे सच कहा और कहने लगा यह सब जुगाड है। मैंने कहा तो हमें भी फिर विदेश की जुगाड़ का मजा दिलवा दो। वह कहने लगा मैं आपको एक गजब के माल के पास ले जाता हूं। उसका बदन देखकर आप अपने आपको नहीं रोक पाएंगे।

मैंने कहा ठीक है वह मुझे अपने साथ उसके पास लेकर गया। मैंने जब उसे देखा तो उस माल को देखकर मेरा मूड खराब हो गया। मैंने उससे पूछा तुम्हारा क्या नाम है? वह कहने लगी मैं गुजरात की रहने वाली हूं मेरा नाम  आंचल है। मेरा लंड उसे देखकर खड़ा होने लगा। वह मुझे अपने बेडरूम में ले कर चली गई चीनू बाहर बैठकर इंतजार कर रहा था। जब हम दोनो बेडरूम में गए तो उसने अपने कपड़े उतार दिए। उसकी लंबाई 5 फुट 8 इंच के करीब थी उसके फिगर को देख कर मेरा लंड मेरे कच्छे को फाडते हुए बाहर की तरफ को आने लगा। मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में ले लिया और उसके पूरे बदन का रसपान करना शुरू कर दिया। मेरे लंड से धीरे धीरे पानी बाहर टपक रहा था लेकिन मुझे उसके बदन का रसपान करने में बहुत मजा आता। मैंने काफी देर तक उसके बदन का रसपान किया। जब उसने मेरे लंड को सकिंग करना शुरू किया तो वह अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले रही थी और अच्छे से सकिंग कर रही थी उसने काफी देर तक ऐसा ही किया। जब मेरी इच्छा भर गई तो मैंने भी उसके दोनों पैरों को खोलते हुए उसकी चिकनी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया। उसकी योनि बड़ी टाइट थी मैं मन ही मन सोचने लगा चीनू ने मुझे बड़ा अच्छा माल दिलवाया है। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर रही थी। जब मेरी इच्छा भर गई तो मैंने उसे घोड़ी बना दिया। जब मैंने उसकी बड़ी गांड को अपने हाथों से पकड़ा तो मुझे बहुत मजा आया और मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह मुझे कहने लगी आपका लंड बड़ा मजेदार है। मैंने उसे कहा तुम बड़ी ही टाइट माल हो तुम्हारी जैसी माल को चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा है। यह कहते हुए मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था और उसकी आवाज चीनू के कान तक जा रही थी। चीनू मुझे कहने लगा भैया आप आराम से करिए बाहर आवाज सुनाई दे रही है। मैं उसे और भी तेज झटके मारने लगा। जैसे ही मेरा गरमा गरम वीर्य उसकी योनि के अंदर गया तो मुझे बहुत मजा आ गया। उसकी चूत का आनंद मैंने उस दिन विदेश में लिया मैं जब बाहर आया तो चीनू बाहर बैठकर हंस रहा था वह अपनी बत्तीसी मुझे दिखा रहा था। वह कहने लगा भैया आप बड़े हरामी हो। मैंने उसे कहा तुमसे तो कम ही हरामी हूं। यह कहने के बाद हम दोनों वहां से घर लौट आए।

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