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पति की बेरुखी को आशिक से गांड मरवाकर दूर किया
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मेरा नाम सुगंधा है मैं बनारस की रहने वाले हूं, मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं लेकिन इन 10 वर्षों में मैं अपने जीवन में बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। मैं सिर्फ अपने जीवन को जी रही हूं लेकिन मेरे पति मेरी इच्छाओं को कभी भी पूरा नहीं करते, मेरे पति का नाम राजेश है। वह हमेशा ही मेरी जरूरतो को पूरा नहीं करते तो मैं उनसे झगड़ा कर लेती हूं यदि मुझे कुछ भी चीज की आवश्यकता होती है तो वह कहते हैं कि तुम्हें अब उस चीज की क्या जरूरत है, अब हमारी शादी इतने वर्ष हो चुके हैं और तुम अभी भी पहले जैसी दिखना चाहती हो। मेरे अंदर बहुत ही अच्छा है लेकिन मेरे पति बिल्कुल भी मेरी बातों को नहीं समझते इसीलिए मुझे एक अन्य पुरुष के साथ रिलेशन में रहना पड़ रहा है।

यह बात मेरे पति को पता नहीं है, उस व्यक्ति का नाम संकेत है। मेरी मुलाकात संकेत से मेरे बच्चे के स्कूल के दौरान हुई थी, मैं जब अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी तो संकेत मुझे मिल गए, वह भी उसी स्कूल में पढ़ाते हैं और उनसे मेरी मुलाकात हो गई। जब मैं उनसे पहली बार मिली तो मैंने उनसे ज्यादा बात नहीं की, वह मेरे बच्चे के टीचर है इसलिए मेरी उनसे फोन से बात शुरू होने लगी थी। उन्हें मेरे और मेरे पति के रिश्ते के बारे में मैंने सब कुछ बता दिया, हम लोग ज्यादा फोन पर ही बात करते थे। मैं संकेत से मिलने नहीं जाती थी क्योंकि मेरे पति घर जल्दी आ जाते थे और इस वजह से मैं संकेत से नहीं मिल पाती थी। मैंने उन्हें अपने पति और अपने रिश्ते की कड़वाहट के बारे में सब कुछ बता दिया था, मैंने उनसे कहा कि मैं अपने पति के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। संकेत भी एक शादीशुदा व्यक्ति हैं लेकिन उसके बावजूद भी वह मेरे साथ रिलेशन में है क्योंकि वह भी अपनी पत्नी से बिल्कुल खुश नहीं है, हम दोनों फोन में बात करते हैं तो मुझे बहुत हल्का सा महसूस होता है।

मुझे उनसे बात कर के बहुत अच्छा लगता है।  वह भी मुझसे अपनी पत्नी के बारे में बात करते हैं और कहते हैं कि मेरी पत्नी और मेरे बीच में बिल्कुल भी अच्छे संबंध नहीं है, मैं जब भी उससे बात करता हूं तो वह हमेशा ही मुझसे झगड़ा करती है, कहती है कि तुम मेरी फीलिंग्स को अच्छे से नहीं समझ पा रहे हो। संकेत बताते हैं कि मैंने अपनी पत्नी की हर ख्वाहिश को पूरा किया है लेकिन उसके बावजूद भी वह मुझसे खुश नहीं है। राजेश मेरी किसी भी जरूरत को पूरा नहीं करते और हमेशा ही मुझसे झगड़ा करते हैं लेकिन जब भी मैं संकेत से बात करती हूं तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है,  मुझे लगता है कि काश मैंने संकेत के साथ शादी की होती। हम लोग हमेशा ही इस बारे में बात करते हैं लेकिन मैं राजेश को डिवोर्स नहीं दे सकती क्योंकि हमारी फैमिली में यह सब नहीं कर सकते यदि मैंने कभी इस बारे में सोचा भी तो शायद मुझे मेरे परिवार वाले कभी भी ना अपनाएं इसलिए मैं नहीं चाहती कि मैं इतना बड़ा कदम उठाऊ। मैंने यह बात संकेत को भी बताई इसीलिए हम दोनों सिर्फ फोन में ही बात करते हैं और कभी कभार मैं संकेत से अपने बच्चे की स्कूल में मिल लेती हूं। एक बार राजेश मुझे कहने लगे कि हमें लखनऊ जाना पड़ेगा, मैंने उन्हें कहा कि लखनऊ में क्या है, वह कहने लगे कि मेरे मामा की लड़की की शादी है इसलिए हमें लखनऊ जाना पड़ेगा, तुम अपना सारा सामान रख लेना हम लोग कुछ दिनों के लिए लखनऊ में ही रहेंगे। मैंने राजेश से कहा ठीक है मैं अपना सामान रख दूंगी। मुझे कुछ चीजों की आवश्यकता थी लेकिन मुझे यह बात पता था कि यदि मैं राजेश से यह बात कहूंगी तो शायद वह मेरी जरूरतों को पूरा नहीं करेंगे इसलिए मैंने संकेत से कहा तो संकेत कहने लगे कि ठीक है तुम मुझे बता देना मैं तुम्हें वह सामान दिलवा दूंगा। मैंने जब संकेत से कहा तो संकेत ने मुझे वह सामान दिलवा दिया, उसके बाद हम लोग लखनऊ चले गए। मैं लखनऊ गई तो मैंने संकेत को फोन किया और उसे बता दिया कि मैं लखनऊ पहुंच चुकी हूं। अब कुछ दिनों तक मेरी संकेत से बात नहीं हुई और हम लोग लखनऊ में ही थे। मैं काफी समय बाद अपने सारे रिश्तेदारों से मिल रही थी इसलिए मैं बहुत खुश थी, उनके साथ मैंने काफी अच्छा समय बिताया। मुझे पता ही नहीं चला कि कब लखनऊ में हमें इतने दिन हो गये और उसके बाद हमें बनारस लौटना पड़ा।

जब हम लोग बनारस लौटे तो रास्ते में ही राजेश से मेरा झगड़ा हो गया,  उसके बाद मैंने घर आकर राजेश से बिल्कुल भी बात नहीं की, मैंने अब राजेश से बात करना ही बंद कर दिया। वह भी अपने दफ्तर सुबह चले जाते थे और अपने दफ्तर से शाम को ही लौटते थे। मेरी बात काफी दिनों से संकेत से नहीं हुई थी इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना मैं संकेत को फोन कर लू। जब मैंने संकेत को फोन किया तो वह मुझसे पूछने लगे कि आप इतने दिनों तक कहां थी, मैंने उन्हें बताया कि मैं लखनऊ से तो आ चुकी थी लेकिन मैं आपको फोन नहीं कर पाई। वह कहने लगे कि मैं आपके फोन का इंतजार कर रहा था, मुझे लगा कि शायद आपके पति आपके साथ होंगे इसलिए मैंने भी आपको फोन नहीं किया। संकेत मुझसे कहने लगे कि मैं आपसे काफी समय से नहीं मिला हूं तो क्या हम लोग मिल सकते हैं। मैंने उन्हें कहा कि कुछ समय बाद हम लोग मुलाकात कर लेंगे, मैं आपसे मिलने स्कूल में ही आ जाऊंगी, वह कहने लगे ठीक है जब आप स्कूल में आओगे तो मुझे बता देना, मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं कुछ दिनों बाद स्कूल में आऊंगी तो आप से मिलूंगी। मेरी राजेश के साथ बिल्कुल भी बात नहीं हो रही थी और राजेश को भी इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता था कि मैं उससे बात नहीं कर रही हूं, मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था जब राजेश मेरे साथ बात नहीं कर रहे थे।

एक दिन मैंने उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात को बिल्कुल भी समझने को तैयार नहीं थे और कहने लगे कि तुम हर बात पर झगड़ा कर लेती हो इसलिए मुझे अब तुमसे बात करने में कोई भी इंटरेस्ट नहीं है। वह मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे थे। एक दिन मैं अपने बच्चे के स्कूल चली गई और मैंने उस दिन संकेत  को फोन कर दिया, मैंने उन्हें बताया कि मैं स्कूल आई हुई हूं यदि आप आ जाये तो मैं भी आपसे मिल लूंगी। वह कहने लगे कि आप मुझे कुछ समय दीजिए मैं आपसे मिलने आती हूं। मैं स्कूल के गेट पर ही उनका इंतजार कर रही थी, मुझे काफी देर हो गई थी लेकिन वह नहीं आए और जब संकेत आए तो वह मुझसे पूछने लगे कि आप काफी दिनों से मुझे मिली नहीं थी मैं भी आपसे मिलना चाहता था। अब हम दोनों वही  खड़े होकर बात कर रहे थे। संकेत मुझसे पूछने लगे कि आपका और आपके पति का रिलेशन कैसे चल रहे हैं, मैंने उन्हें बताया कि हम दोनों के बिल्कुल भी बात नहीं हो रही है और अब मैं बिल्कुल भी नहीं चाहती कि मैं अपने पति के साथ बात करो। मैंने संकेत से कहा कि वह मुझसे बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं करते इसलिए मुझे भी उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उस दिन मेरा बहुत ज्यादा मूड खराब हो गया और मैंने संकेत से कहा कि तुम अपने स्कूल से छुट्टी ले लो आज तुम मेरे चूत मारने की इच्छा को पूरा कर दो। वह कहने लगा ठीक है मैं स्कूल से छुट्टी ले लेता हूं और आपके साथ चलता हूं। संकेत ने स्कूल से छुट्टी ले ली और हम दोनों ही घर चले गए। जब वह मेरे घर आया तो मैं उसके गोद में बैठ गई और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब वह मेरे होठों को अपने होठों में ले रहा थे। संकेत ने काफी देर तक मेरे स्तनों को भी दबाया और मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ जिस प्रकार से वह मेरे स्तनों को दबा रहे थे। जब मैंने अपना ब्लाउज खोला तो संकेत मेरे बड़े बड़े स्तनों को देख कर खुश हो गए। वह कहने लगे आपके स्तन तो बहुत ही बड़े हैं। उन्होंने मेरे चूचो को अपने मुह मे ले लिया मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ।

संकेत का लंड खड़ा होने लगा मैंने कहा कि मुझे बहुत मजा आ रहा है आप मुझे घोडी बना दो मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दो। मैने साड़ी को ऊपर किया तो काफी देर तक संकेत ने मेरी चत को चाटा मेरी चूत गिली हो गई। उन्होंने जैसे ही मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और मैंने उन्हें कहा कि आप मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। संकेत ने बड़ी तेजी से मुझे झटके देना शुरू कर दिया और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था वह जिस प्रकार से मुझे झटके देने पर लगे हुए थे। मैं भी अपनी चूतड़ों को उनसे मिला रही थी और काफी देर तक हम दोनों ने ऐसे ही संभोग किया लेकिन ज्यादा देर तक हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पाए। जैसे ही संकेत का वीर्य गिरा तो मैंने उन्हें कहा कि आप मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दो। संकेत ने अपने लंड को मेरी गांड में डाला तो मुझे बड़ा दर्द हुआ लेकिन मुझे अच्छा भी महसूस हो रहा था। संकेत का 9 इंच का लंड जब मेरी गांड के अंदर बाहर हो रहा था तो मेरा गांड का छेद चौडा होने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह जिस प्रकार से मेरी गांड मार रहा था। मैंने संकेत से कहा कि आपने तो मेरी गांड के घोड़े खोल कर रख दिए है। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है आप जिस प्रकार से मुझे झटके दिए जा रहे हैं। संकेत ने मुझे काफी देर तक ऐसे ही धक्के मारे और संकेत का माल मेरी गांड के अंदर गिरा तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ। वह कहने लगा मुझे आपकी बड़ी बड़ी गांड मारने में आज बहुत ही आनंद आ गया। मैंने उनसे कहा कि आपने आज मेरी इच्छा को पूरा कर दिया मैं आपसे बहुत ही खुश हूं। मैंने संकेत को आई लव यू कहा और उन्होंने मेरे होठों को किस किया।

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