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सोनिया स्कूल से लौटकर घर आई तो उसकी आंखों में आंसू थे जो उसकी दादी ने देख लिए दादी समाज के कुछ तो गड़बड़ है। सोनिया बिस्तर पर लेटी सिसक रही थी। दादी ने उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए पूछा मुझे बताओ क्या हुआ मैं तुम्हारी दोस्त हूं। सोनिया ने बताया मैं फिर से गणित में फेल हो गई हूं। तुम्हें पता है। संदीप भी तुम्हारे तरह था कितनी भी मेहनत कर ले पर कभी अच्छे नंबर नहीं आते थे। उसके दोस्त है पर वह कभी उसकी कदर नहीं करते थे। जैसे तुम्हारे दोस्त तुम्हारे साथ रहते हैं। जैसे तुम्हें बैडमिंटन का शौक है। उसे क्रिकेट का शौक था। लेकिन तुम्हारी तरह वह भी हर मैच हारा करता था। फिर एक दिन कॉलेज में ड्राइंग कंपटीशन हुआ। उसने कार्टून बनाया हालांकि उसे कार्टून किसी को पसंद नहीं आए लेकिन संदीप को समझ आ गया अब उसको पेंटिंग ही बनानी है। तब से वह एक पेंटर है। दादी ने संदीप की एक पेंटिंग सोनिया को दिखाइए जिसमें पेंटिंग में एक व्यक्ति था और वह एक महिला के साथ संभोग कर रहा था। सोनिया ने बोला दादी जी कैसी पेंटिंग है बड़ी ही अजीब सी है इसमें जो व्यक्ति है वह महिला के साथ कुछ गलत कर रहा है।

दादी बोली सोनिया यही तो जीवन का सत्य है। इसी गंदे काम में तो मजा है। मैं भी कई सालों से करती आ रही हूं। सोनिया ने दादी से पूछा क्या यह गलत नहीं है। दादी ने कहा इसमें गलत क्या है। अब सोनिया हिम्मत मैं हिम्मत आती जा रही थी। दादी ने फिर से संदीप की बात शुरू कर दी क्योंकि वह अधूरी रह गई थी। दादी ने बताया कैसे संदीप की पेंटिंग बहुत फेमस है। और लोगों से अच्छे दामों पर खरीदते हैं। संदीप की पेंटिंग बड़ी बड़ी कंपनियों मे लगी होती हैं। क्योंकि संदीप की पेंटिंग में बहुत ही खास होते हैं। दादी ने सोनिया को कहा बेटा तो मैं इसी तरीके से ही कुछ नया करना होगा। सोनिया की हिम्मत और बढ़ चुकी थी उसने दादी से पूछा दादी इस पेंटिंग में यह व्यक्ति इस महिला के साथ क्या कर रहा है। यह कुछ हाथ में पकड़ा हुआ है और इस महिला के नीचे डाल रहा है। दादी ने कहा बेटा इसको लोड़ा लुल्ली लन्ड कहते हैं। अच्छा दादी यही है मुझे तो पता ही नहीं था। सोनिया की हंसी निकल पड़ी। दादी को लगा कहीं कुछ गलत तो नहीं बोल दिया।

इतने में दादी को लगा क्या मुझे चले जाना चाहिए लेकिन सोनिया ने कहा दादी रुको कहां जा रही हो मुझे कुछ बताना है। दादी ने कहा क्या बताना है और दादी रुक गई।

बोलो क्या बोलना है सोनिया सोनिया ने दादी से कहा आओ बैठो मेरे पास मुझे कुछ बताना है आपको। सोनिया ने दादी को अपने टीचर अखिलेश के बारे में बताया। सोनिया ने कहा दादी अखिलेश हमारे स्कूल में गणित का टीचर है। और वह बहुत ही खूंखार और चोदूं व्यक्ति है। अब दादी को लगने लगा। सोनिया किस तरीके की बात कर रही है। दादी बोली क्या हुआ सोनिया तुम ऐसे अपने टीचर को चोदूं की बोल रही हो। सोनिया ने कहा दादी उसने मुझे भी कई बार स्कूल के पीछे चोदा है। मैंने इस बार उसे चूत नहीं दी तो उसने मुझे फेल कर दिया। अब सोने की दादी को भी मज़ा आने लगा था उसकी भी चूत से पानी निकलने लगा था। दादी बोलने लगी मेरी तो आग पता नहीं कब से नहीं बुझी। तू तो बहुत खुश नसीब है तुझे अखिलेश जैसा टीचर मिला।

क्या दादी आप कैसी बात कर रहे हो इसमें खुशनसीबी की क्या बात है। दादी भी बोल पड़ी बेटा जब हमारी उम्र में आओगे। तब पता चलेगा कैसा लगता है। कई कई वर्षों तक सूखा पड़ा रहता है। मेरे तो कोई बरसों से किसी ने पानी भी नहीं डाला है। सोनिया बोल पड़ी दादी अखिलेश ने मेरे ऊपर इतना पानी गिर रहा है।

इसलिए तो मैं थक गई हूं आज मुझे लगा अखिलेश ने कुछ ज्यादा ही कर दिया। उसने मेरे पीछे से घुसाने की कोशिश की। तो मैंने उसे मना कर दिया इसलिए उसने मेरी दोस्त प्रिया के घुसाया। और उसको क्लास में फर्स्ट नंबर आए हैं। और मुझे फेल कर दिया है। दादी अब मैं क्या करूं। दादी को अपने पुराने दिन याद आ गए। दादी बोल पड़ी बेटा जब तेरे दादा थे तो वह दिन में तीन से चार बार मेरी गांड मारा करते थे। सोनिया ने दादी से पूछा दादी आगे से चोदने में तो मजा आता है। पर पीछे से कैसे दादी ने कहा अरे पगली वही से तो असली मजा आता है। दादी ने कहा अखिलेश मेरी भी गांड मारेगा। सोनिया बोली मैं पूछूंगी उससे।

दादी खुश नजर आने लगी बोली सच में मेरा काम कर आएगी तू हां दादी जरूर पूछुंगी। दादी खुश थी दादी ने बोला ऐसी पोती सबको दे। सोनिया बोली दादी पहले में अखिलेश अपनी गांड मरवा आऊंगी। उसके बाद तुम जाना मैं भी तो देखूं कैसा मजा आता है मरवाने में। दादी ने बोला यह हुई ना बात मुझे बताना कैसा लगा और फिर मैं भी जाऊंगी। वैसे भी कई सालों से मेरी खुजली मिटाई नहीं है। दादी ने कहा अब मैं चलती हूं तेरी मां आने वाली होगी। तू अपनी मां से मत बोलना यह सब वरना साली छिनाल वह भी अपनी खुजली मिटाने चली जाएगी। और मेरा नंबर कट जाएगा क्योंकि उसकी गांड भी बहुत सेक्सी है। मना नहीं कर पाएगा अखिलेश।

थोड़ी देर में सोनिया की मां घर पहुंच गई। सोनिया से पूछा यह बुढ़िया रंडी यहां क्या कर रही है तेरे कमरे में साली कुत्तिया अपने आप को अभी भी 16 साल की कमसिन समझती है। साली के मुंह में दांत भी नहीं है तब भी लोड़ा लेना है मुंह में इसे साली बुढ़िया ने पता नहीं कितनों के लोड़े अंदर लिए हैं। तभी संतुष्ट नहीं होती मुझे देख सिर्फ 98 लोड़े लिए हैं अपनी गांड और चूत में आखिरकार सोनिया थी तू अपनी मां की लड़की उसमें वह गुण जाना ही था। सोना ने अब ठान लिया था अखिलेश से अपनी गांड मरवाएगी। सोनिया की मां भी जाते-जाते अपनी सासू मां को अनाप-शनाप गाली देकर दूसरे कमरे में चली गई।

अगले दिन सोनिया स्कूल के लिए तैयार होने लगी और उसने रात को अपनी दादी से पूछ लिया था। उसको क्या-क्या लेकर जाना है सामान सोनिया की दादी पहले से ही कई लोड़े अपने अंदर समा चुकी थी। तो उसको अच्छा खासा तजुर्बा था। उसने सोनिया को कहां सरसों का तेल जरूर ले जाना यह सबसे जरूरी चीज है। और वह सेक्सी वाली चड्डी भी ले जाना जो मैंने तुम्हें तुम्हारे पिछले बर्थडे पर गिफ्ट करी थी। सोनिया स्कूल की निकल पड़ी उसकी स्कूल बस घर के बाहर उसका इंतजार कर रही थी और वह मन ही मन बहुत खुश थी। आज अखिलेश का लोड़ा अपने गांड में लेने के लिए बहुत उत्सुक थी। क्यों सोचते सोचते सोनिया का स्कूल कब आ गया उसको पता ही नहीं चला। और वह जल्दी से अपनी गाड़ी उत्तरी जैसे ही वह अपनी गाड़ी से नीचे उतरी इतने में अखिलेश भी अपनी अपाचे बाइक से नीचे उतरा। और सोनिया ने उसको आगे आगे से रोका और उसको देख कर मुस्कुराने लगी। अखिलेश को लगा आज इसका मन कैसे बदल गया है। अखिलेश सोनिया के पास गया और पूछा कैसी हो सोनिया। सोनिया ने सीधा मुद्दे की बात की कहा  अखिलेश सर आज मैं आपसे अपनी गांड मरवाउगी।

अखिलेश ने भी शक्त आवाज मैं कहा। अब क्या हुआ बहन की लोहड़ी अब क्यों तेरी गांड में चर्बी चल रही है जो मुझसे ही मरवानी है। सोनिया ने कहा अब मेरी आंखें खुल चुकी हैं। मुझे समझ आ गया है इसी में मजा है। यह बात मेरी दादी ने कही है मुझे इतने में अखिलेश बोला देख तेरी दादी को कितनी समझ है। और एक तू है जो तुझे मरवाने नहीं है। छोड़ो अखिलेश सर जाने भी दो इस बात को आप मेरी गांड मारेंगे ना अखिलेश से भी रहा नहीं गया क्योंकि सोनिया की गांड उसने उसकी चूत मारते टाइम देख रखी थी। उसने वह ठीक है मैं इस टाइम में मेरे ऑफिस के पीछे वाले कमरे में आ जाना वहां पर उस टाइम कोई नहीं रहता। दोनों के दोनों स्कूल चले गए। सोनिया तो आज पढ़ भी नहीं पा रही थी। इंटरवल में सोनिया अखिलेश के ऑफिस के पीछे वाले कमरे में गई जहां अखिलेश पहले से ही अपने लोड़े को धार दे कर खड़ा था। अखिलेश होने को बुला कहां रह गई थी गढवी तुझे गांड मरवाने क्या चल जल्दी से खोल। सोनिया ने जल्दी से खोलो अपनी दादी की दे हुई चड्डी उतारी। और अखिलेश को सरसों का तेल दिया। अखिलेश ने सरसों का तेल अपने लोड़े पर लगाया और सोने की गांड में पेल दिया। फिर क्या था मानो सोनिया की आखिर मुराद पूरी हुई। अखिलेश ने सोनिया की गांड में ऐसा डाला कि उसका खाना भी पिछवाड़े से बाहर आता दिख रहा था। सोनिया बोली सर आपने तो मेरी गांड का गू बाहर निकाल दिया। उसके बाद सोनिया ने अपनी दादी को सब कुछ बताया। अखिलेश ने फिर उसकी दादी की भी गांड ली।

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