लंड का पसीना गिरा और चुदाई शुरू

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शहर का नाम अस्पताल में एक खास किस्म की बैठक थी। देश के सब नामी गिरामी डॉक्टर यहां आए हुए थे। इस बैठक में डॉक्टरों के साथ कई ऐसे मरीज आए थे जिन्हें बहुत खतरनाक बीमारी थी। अरे सारे मरीज और डॉक्टर उन बीमारियों का विवरण आम जनता को दे रहे थे। पहले डॉक्टर बीमारी के बारे में कुछ बोलते फिर मरीज अपने खट्टे मीठे अनुभवों से साझा करते हैं।  उन मरीजों में अर्चना भी थी। जो करीब 17 साल की थी। वह भी किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थी। जब सब लोग अपने बारे में बता रहे थे उसके बाद अर्चना का नंबर भी आया। अर्चना ने भी अपने बारे में बताएं। कैसे उसके बॉयफ्रेंड ने उसे छोड़ दिया  था। इसके बाद वह तनाव में आ गई और एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई। अर्चना ने बताया कि उसका बॉयफ्रेंड उससे शारीरिक संबंध बनाना चाहता था। जो अर्चना चाहती नहीं थी। डॉक्टर ने अर्चना की तकलीफ समझे और उसे तोहफा दिया। उन्होंने अर्चना से कहा तूने बहुत अच्छा किया है। हॉस्पिटल में सब मरीजों को तोहफे दिए। मनोचिकित्सक डॉक्टर पांडे अर्चना से मिले। उन्होंने को कहा चिंता मत करो मैं तुम्हारा इलाज करूंगा। अर्चना इस बात से बहुत खुश थी कि डॉक्टर पांडे उसका इलाज करेंगे।

डॉक्टर पांडे एक नंबर का मुट्ठ मार डॉक्टर था। जो दिन रात अपने ऑफिस में अपनी जूनियर डॉक्टरों से मुठ मरवाता रहता था। और उनको अपने लोड़े भी चुसाता था। लेकिन यह बात घरवालों को नहीं पता थी। देखते ही देखते एक दिन डॉक्टर पांडे शहर का और देश का मशहूर डॉक्टर बन गया। कुछ समय बाद अर्चना ने डॉक्टर पांडे से संपर्क किया और कहा सर मैं कब से आ सकती हूं आपके पास इलाज करवाने के लिए। डॉक्टर ने कहा तुम अगले हफ्ते से आ जाना। उसके बाद डॉक्टर अपने कामों में व्यस्त हो गया।

फिर अर्चना डॉक्टर पांडे के पास पहुंची हॉस्पिटल का नाम खेरिया अस्पताल था। डॉक्टर ने अर्चना को देखा उसके निप्पल को दबाया। अर्चना के निप्पल बहुत छोटे-छोटे थे। तुम किस में डॉक्टर पांडे जैसे लोगों का हाथ भी लगा नहीं था। डॉक्टर पांडे ने अर्चना को कहा अपने सारे कपड़े उतारो और मुझे दिखाओ और अर्चना ने डॉक्टर की बात मानी और अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसके बाद डॉक्टर ने उसे लेटने के लिए कहा अर्चना वहीं पास मैं रखें बिस्तर कि तरह दिखने वाले मैं लेट गई। उसके बाद डॉक्टर पांडे ने अपने बड़े-बड़े हाथों से अर्चना के शरीर पर अपना हाथ फेरना शुरू किया। मजा तो अर्चना को भी बहुत आ रहा था। उसकी भी बुर हल्की हल्की गीली होने लगी थी। डॉक्टर पांडे समझ चुका था कि इसे इलाज कि नहीं लोड़े की जरूरत है।

डॉक्टर पांडे बहुत ही तेज और शातिर था। उसने अपने एक उंगली अर्चना की नीचे फेरने शुरू कर दी। इस अर्चना को भी बहुत मजा आ रहा था। इतने मैं अर्चना के माता पिता बोल पड़े। डॉक्टर साहब ठीक तो हो जाएगी हमारी बेटी डॉक्टर पांडे भी महा मादर चोदूं था। वह तो अपनी मां को भी ना छोड़ें। अर्चना के मां बाप बोलने लगे साहब हम तो बहुत परेशान हैं आप भी देखो इसको क्या चाहिए। यह कैसे ठीक होगी। अब यह आपके ही हवाले हैं। डॉक्टर पांडे लोडू चंद ने कहां साब चिंता ना करें। हां मैं सारा कुछ संभाल लूंगा। आप निश्चिंत रहें यह मेरी जिम्मेदारी है।

अर्चना के मां बाप बहुत भोले थे। वह डॉक्टर पांडे माधुरी चोदु को पहचान नहीं पाए। उस पर भरोसा कर लिया। वह भोसड़ी का था। किसी के भी भोसड़े में घुस ज्यादा था बिना बात के अपने जूनियरों से अपना माल साफ करवाता रहता था। इसके बाद अर्चना को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर अर्चना को रखा गया था। उसी के पास में कैमरा रखा हुआ था जहां से अर्चना को डॉक्टर पांडे देखा करता था। डॉ पांडे बीच-बीच में चेकअप के लिए आता रहता था। अर्चना की चूत में उंगली फिरा कर चला जाता था। अर्चना को भी यह सब अच्छा लगने लगा था। फिर एक दिन डॉक्टर पांडे अर्चना के पास आया और पूछने लगा अब तबीयत कैसी है। अर्चना ने कहा कई दिनों से कुछ अच्छा खाया नहीं है कुछ खाने का मन हो रहा है। डॉक्टर पांडे ने कहा थोड़ी देर में मेरी गली में आना वहां मैं तुम्हें दुनिया की अच्छी चीज खिलाऊंगा। समझ तो अर्चना को भी आने लगा था। डॉक्टर पांडे उसको क्या खिलाएगा। अर्चना ऐसा समझते हुए भी डॉक्टर पांडे के क्लीनिक में चली गई।

डॉक्टर पांडे ने बाहर बैठे गार्ड को कहा किसी को आने मत देना।  कोई यदि बोले अर्जेंट काम है। तो बोलना साहब कहीं गए हुए हैं। डॉक्टर पांडे ने अंदर से बंद कर दिया। देखते ही देखते डॉक्टर पांडे ने कुछ गोलियां निकाली।  अर्चना से कहा यह दवाइयां खा लो तुम्हें भूख लगने लगेगी। जैसे ही अर्चना ने दवाइयां खाई अर्चना को नशा सा होने लगा। उसके बाद अर्चना ने डॉक्टर से बोलो मुझे भूख लगी है कुछ खिलाओ। डॉक्टर ने कहा क्या खाओगी। अर्चना बोलने लगी नशे की हालत में कुछ भी खिला दो सब चल जाएगा। डॉक्टर पांडे ने अपना काला लोड़ा निकाला और अर्चना को कहा यह लो। जैसे ही अर्चना ने डॉक्टर का काला घोड़ा देखा उसका नशा उतरने लगा। डॉक्टर ने कहां अरे चिंता मत करो यही तो है वह चीज जो मैं जो खिलाना चाहता था। अब डॉक्टर ने जैसे ही अर्चना के हाथों में अपना पप्पू पकड़ाया अर्चना उसे जोर जोर से हिलाने लगी। जैसे ही डॉक्टर चोदूं देखा अब अर्चना को भी मजा आने लगे थे।

डॉक्टर पांडे ने अर्चना के मुंह के अंदर  पप्पू को घुसा दिया था। अर्चना ने भी डॉक्टर पांडे को निराश नहीं किया और उसका ऐसा चूसा जैसे कब से भूखी हो। डॉक्टर पांडे बोलने लगा तुमने अपने बॉयफ्रेंड को क्यों छोड़ा अर्चना ने डॉक्टर पांडे का लोड अपने मुंह से बाहर निकालते हुए कहा रुको थोड़ा और भूख मिटाना दो। जैसी ही डॉक्टर पांडे का तरल पदार्थ गिरने लगा। उसको अर्चना चाटते हुए बोली। मेरा बॉयफ्रेंड का खड़ा ही नहीं होता। इसलिए मैंने उसे छोड़ दिया। मेरे अंदर की आग और तेज हो गई। इसलिए मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ता गया। इसके बाद तो जैसे डॉक्टर पांडे पागल सा हो गया। और बोलने लगा मैं तो उसी दिन पहचान गया था। कि तुम्हारी चोदने की ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई है इसलिए तुम अभी तक प्यासी हो। चिंता मत करो अर्चना आज मैं यह सब बुझा दूंगा। देखते ही देखते डॉक्टर पांडे ने अपने लोड़े का टोपा अर्चना के मुंह में दे मारा। फिर क्या था अर्चना उसको और अंदर लेने लगी।

उसने तो डॉक्टर के टट्टू को भी अपने मुंह में समा लिया। और दबा दिया। डॉक्टर पांडे की जान हलक में आ गई। डॉक्टर बोलने का क्या सच में खाओगी। मेरा क्या होगा उसके बाद डॉक्टर पांडे का मज़ा भी बहुत आ रहा था। उसके बाद तो मानो जैसे बाढ़ सी आ गई हो। पहली बार में तो अर्चना अपने ने में डॉक्टर पांडे का तरल पदार्थ खा ही लिया। उसके बाद डॉक्टर पांडे ने अपनी गोटियां अर्चना के मुंह से बाहर निकालि। डॉक्टर पांडे ने अर्चना की गांड को अपने लंड से सटा लिया। डॉक्टर पांडे नीचे झुके और उन्होंने अर्चना की चूत और गांड को कुत्ते कि तरह चाटना शुरू किया। चाटते चाटते उन्होंने अर्चना की खेत में 2 3 दांत मार दी। अर्चना की आवाज़ निकली साले कुत्ते पांडे मारेगा क्या। पांडे ने कहा हां मारूंगा। इसलिए तो तुझे यहां लाया हूं। पांडे ने उसकी चूत में उंगली कर दी। जैसी पांडे की उंगली गई वैसे ही अंदर से खून की पिचकारी बाहर निकली। और पांडे के मुंह पर गिरी पांडे का मुंह लाल हो चुका था। कुछ बूंदें उसके मुंह में भी गई थी। डॉक्टर पांडे से रहा नहीं गया। उसने जल्दी से अपने लंड को उसकी वर्जिन चूत में डाल दिया। डॉक्टर पांडे ने जोर कर डाला की अर्चना की आवाज निकली। आवाज सुनकर पांडे और उत्तेजित हो उठा।

उसने जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिया। पांडे लंड के बाल ने ऐसे धक्के मारे की अर्चना की खेती के बाल उखड़ गए। पीड़ा तो बहुत हो रही थी उस अबला नारी को। परंतु मजा भी ऐसा आया कि उसने कहा डॉक्टर पांडे साले सांप की औलाद इतने दिनों से कहां छुपाते हो तुम मैं तो कब की आ जाती तुम्हारे पास अगर मुझे पता होता। कितना ठरकी है। अर्चना बोलने लगी जो तूने मेरी चूत को मजे दिए हैं उससे मैं बहुत खुश हूं आज से तू ही अपने लोड़े को मेरी नंगी चूत से मारेगा। फिर जैसे ही डॉक्टर पांडे ने तरल पदार्थ उसकी बुंड में उड़ेला। डॉक्टर ने बोला ऐसा लगा जैसे सो डिग्री टेंपरेचर हो। लेकिन अर्चना का खून रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। क्योंकि वह नई-नवेली थी। डॉक्टर ने उसकी छेद में कुछ कॉटन गुसाईं। और फिर कुछ दवाइयां खिलाई। डॉक्टर पांडे का पहला जुगाड़ आज भी अर्चना है।