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मेरे भाई के गंदे ख्याल – 1
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HOT Free XXX Hindi Kahani

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम अभिलाषा है और मैं काठमांडू से हूँ |  मेरी उम्र 22 साल है और मैंने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है | मैं आप लोगो को अब अपने रंग रूप के बारे में बता दूं | मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और रंग एक दम गोरा है और इसी के साथ ही भगवान ने मुझे 28-32-34 का मस्त फिगर दिया है जिसे देख कर मुझे बस चोदने की मनोकामना करते हैं | खैर फ्रेंड्स, मैं तो ऐसे ही अपने हुस्न के जलवे बिखेरते हूँ | अब मैं आप लोगो के समय को ज्यादा बर्बाद न करते हुए अपनी पहली कहानी का आरंभ करती हूँ | ये बात उस समय की है जब मैं अपने मामा के घर उनके बेटे के पहले जन्मदिन पर गई थी | मामा जी उस समय मुंबई शिफ्ट हो चुके थे | अब हम घर वालो का मन तो नहीं हुआ कि हम वहां जाए क्यूंकि वो शहर दूर था | मैं आप लोगो को अपनी फॅमिली के बारे में बता दूं – मेरे घर में मेरे पापा भुवन जो कि आर्मी में नौकरी करते हैं और मम्मी स्मिता जो कि हाउसवाइफ हैं मैं और मेरा छोटा भाई जो अभी स्कूल में है |

स्कूल में खेलकूद के चक्कर में सारे बच्चो को छुट्टी मिल गई थी करीब दस दिन की |  मम्मी ने पापा से बात की कि हम लोगो को वहां जाना है तो क्या करे ? जगह दूर भी है तो जाना थोडा मुश्किल है और आप यहाँ है नहीं तो घर भी सूना रहेगा | तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं तुम अकेले चले जाओ और मामा को कॉल कर देना | अभिलाषा और बबलू घर में ही रुक जायेंगे | इस बात से पहले तो मम्मी को ठीक नहीं लगा पर मम्मी अकेले वहां जाने के लिए मान गई | मेरे मामा जी बहुत अच्छे हैं और हम लोगो से काफी लगाव भी है | दूर रहने की वजह से हम लोग नहीं जा पाए वरना हम साथ में चले जाते | मैंने सुबह ही मम्मी के कपड़े और जरुरी सामान रख उनका बैग पैक कर दिया और फिर उसके बाद मैं और मेरा भाई उनको छोड़ने स्टेशन चले गए | अब ट्रेन भी चल चुकी थी और मैं और मेरा भाई हम दोनों घर वापस हो गए | शाम का समय था तो मैंने बबलू से पुछा कि तुझे कहीं जाना तो नहीं है | तो उसने कहा नहीं दीदी मुझे अभी कहीं नहीं जाना है अगर जाना होगा तो मैं आप को बता दूंगा | मैंने कहा चल ठीक है मैं सीमा ( मेरी पड़ोसन दोस्त ) के घर जा रही हूँ अगर तुझे कहीं जाना होगा तो तू मुझे वहां आ कर बता देना | उसने कहा ओके दीदी और मैं सीमा के घर आई |

जब मैं उसके घर गई तो घर एक दम खाली था | जब मैं आवाज़ देते हुए उसके रूम पर पंहुची तो देखा कि वो एक ब्लू फिल्म देख कर अपनी बुर में ऊँगली कर रही थी और एक हाँथ से अपने मम्मे सहला रही थी | ये देख कर मैं उसके पास गई और उसके कान से हैडफ़ोन निकाल दी तो वो एक दम से चौंक कर उठी और कहा अबे तूने तो मुझे डरा ही दिया | मैंने कहा शुक्र मना मैं ही थी और कोई नहीं वरना तू तो गई थी | उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और फिर हम दोनों बात करने लगे | बातो ही बातो मैंने उससे पुछा कि तू किसकी ब्लू फलम देख रही थी तो उसने कहा अरे बहुत गजब की फिल्म थी यार उसमे एक छोटा भाई अपनी बड़ी बहन को चोदता है | मेरे मन में आया कि चलो मैं भी देखती हूँ | मैंने उससे कहा कि चल हम दोनों साथ में देखते है | वो तो जैसे उसी का इन्तेजार कर रही थी | उसने तुरंत ही वो ब्लू फिल्म लगा दी | जैसे ही मूवी में चुदाई हुई तो मैं गरम होने लगी | पता नहीं चला कि मेरा हाँथ कब मेरे चूत पर चला गया और मैं अपनी बुर को सहलाने लगी | थोड़ी देर के बाद मैं झड़ गई और मेरी पेंटी एक दम चूत के रस से गीली हो गई तो मैंने उससे कहा कि यार मैं झड़ गई हूँ घर से हो कर आती हूँ | उसने कहा चल ठीक है | जब मैं घर वापस आई तो घर का दरवाजा खुला था तो मुझे लगा शयद मेरा भाई कहीं नही गया है घर पर ही है | फिर मैं तुरन्त बाथरूम गई और जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि मेरा भाई एक दम नंगा हो कर अपने लंड पर मेरी पेंटी पहन कर मुट्ठ मार रहा था |

ये देख कर वो अपने लंड को ढंकने लगा और मैं शर्म से लाल हो गई | चुदाई से पहले मैं आपको अपने भाई के बारे में बताती हूँ | मेरे भाई की हाईट 5 फुट 10 इंच है और उसका बदन भी हट्टा कट्टा है | वो मुझे देख कर सोर्री कहने लगा तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा और बस वहां से निकल जाने को कहा | वो चुपचाप चला गया | फिर मैंने अपनी पेंटी बदली और अपनी वो वाली पेंटी को हाँथ में लिया तो उसमे से कुछ चिपचिपा सा लगा | जब मैंने देखा तो वाइट सा कुछ लगा था मैं समझ गई कि ये उसका वीर्य है | मैंने अपनी दोनों पेंटी को पहले अच्छे से धोई और सुखाने के लिए छत पर गई तो वो वहां पर बैठा हुआ था | कपड़े डालने के बाद मैं उसके पास गई और उससे पुछा कि ये तू क्या नाटक कर रहा था | तो उसने कहा दीदी सॉरी मुझसे गलती हो गई मुझे माफ़ कर दो | मैंने उससे कहा देख तू ऐसी हरकत किया है ये बात तो मुझे बताना ही पड़ेगा मम्मी पापा को | तो वो रोने लगा और कहने लगा दीदी प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे माफ़ कर दो मत बताना किसी को दीदी आप जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूँगा | उसके बार बार मिन्नते करने पर मैंने उसे माफ़ कर दिया |

अब रात का खाना खाते वक़्त मैंने उससे पुछा कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या ? उसने कहा नहीं दीदी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | फिर मैंने पुछा कि ठीक है पर अब कभी ऐसी हरकत मत करना | उसने कहा ठीक है दीदी अब मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा | थोड़ी देर बाद मैंने उससे पुछा कि तुझे मेरे ही कपड़े मिले थे क्या ये सब करने को ? तो उसने अपना सिर नीचे झुका लिया लेकिन कुछ बोला नहीं | मैंने उसके हाँथ में हाँथ रखते हुए कहा चल बता भी दे मैं कुछ नहीं बोलूंगी तुझे | अब उसको थोड़ी हिम्मत आई तो उसने कहा दीदी आप मुझे अच्छे लगते हो और मैंने आपको कई बार नहाते हुए देखा भी है इसलिए मैंने आपकी पेंटी के साथ ऐसा किया | उसकी ये बाते सुन कर मेरे पैरो तले जमीन खिसक गई | मुझे गुस्सा तो आया पर मैंने उसे कुछ नहीं बोला और चुपचाप खाना ख़त्म किये | अब सोने की बारी थी तो वो मेरे पास ही सोता था | उस दिन रात में मैंने उससे कहा कि तू दूसरे कमरे में जा कर सो जा | तो उसने कहा नहीं दीदी मुझे अकेले में डर लगता है यहीं सो जाने दो न क्या दिक्कत है ? तो मैंने कहा चल ठीक है पर मुझसे दूर सोना | वो समझ गया कि मैंने ऐसा क्यूँ कहा | खैर अब सो रहे थे | रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि मेरा भाई वहां नहीं था | तो मुझे लगा शायद चला गया होगा दूसरे कमरे में | मुझे बहुत जोर से बाथरूम लगी थी तो मैं बाथरूम की तरफ गई और देखा कि लाइट जल रही है | जब मैं पास गई तो मुझे कुछ आवाज़ आ रही थी |

वो आवाज़ किसी और की नहीं बल्कि मेरे भाई कि थी और वो कह रहा था आहा मेरी जान अभिलाषा हाय क्या माल है आहा ऊउंह तुझे तो कुतिया बना कर चोदूंगा आहा | उसकी ऐसी बाते सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया पर रात का समय था थोडा मन मेरा भी हुआ | मैंने दरवाजे के छेद से अन्दर देखा तो भाई का 8 इंच का लम्बा लंड मेरी आँखों के सामने था और वो उसे जोर जोर से हिला रहा था | उसके इतने बड़े लंड को देख कर मेरी चूत में हलचल होने लगी | मेरे दिल की धड़कने तेज होने लगी और मेरे शरीर में एक अजीब सी कसक होने लगी और साथ ही उत्तेजना होने लगी |

दोस्तों अभी कहानी खत्म नहीं हुई है इसका अगला भाग मैं जल्द ही आप लोगो के सामने पेश करुँगी | जब तक मेरी इस कहानी के भाग को पढ़ कर कहानी के मजे ले | आप सभी का मेरी कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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