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शराफत भाभी की गांड के अंदर डाल दी
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मेरा नाम ललित है, मैं रांची का रहने वाला हूं। मैं रांची में ट्यूशन सेंटर चलाता हूं, मुझे वह ट्यूशन सेंटर चलाते हुए 4 वर्ष हो चुके हैं, उससे पहले मैं एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाता था लेकिन फिर मुझे लगा कि शायद मुझे खुद का ही कोई काम खोल लेना चाहिए इसीलिए मैंने भी ठान लिया था कि मैं अपना काम खोल कर रहूंगा। मेरी जितनी भी सेविंग थी मैंने उन सब पैसो से एक ट्यूशन इंस्टिट्यूट खोल लिया। शुरुआत में मेरेपास ज्यादा टीचर नहीं थे लेकिन जैसे-जैसे मेरा काम अच्छा चलने लगा तो मैंने अपना स्टाफ भी बढ़ा लिया और मेरे पास अब काफी टीचर पढ़ाने को हैं और मेरा काम भी अब अच्छा चलता है। इसमें मेरे दोस्तों ने मेरी बड़ी मदद की है, उन लोगों ने मुझे बहुत ज्यादा सपोर्ट किया है इसीलिए मैं अपना ट्यूशन सेंटर खोल पाया। पहले कुछ वक्त तक तो मैं अपने लिए समय नहीं निकाल पाया लेकिन अब मैं अपने लिए समय निकाल लेता हूं और जब भी मेरे पास वक्त होता है तो मैं अपनी फैमिली को अपने साथ घुमाने के लिए लेकर जाता हूं,  या बीच-बीच में हम कभी आउटिंग पर भी चले जाते है जिससे कि वह लोग भी मुझसे बहुत ही खुश रहते हैं,  उन्हें मेरी तरक्की से बहुत ही खुशी है।

मैंने अब खुद का ही एक घर ले लिया है और मैंने कुछ समय पहले एक नई गाड़ी भी ली थी। मेरे माता-पिता इस तरक्की से इतने ज्यादा खुश हैं कि वह लोग सब लोगों से मेरी तरक्की की बातें करते हैं और कहते हैं कि ललित ने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है इसीलिए आज वह इतना कुछ कर पाया है। मेरी मम्मी एक दिन मुझसे कहने लगी बेटा अब तुम शादी कर लो, मैंने उन्हें समझाया कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं थोड़ा समय अपने आप को और देना चाहता हूं उसके बाद ही मैं शादी के लिए कोई निर्णय ले पाऊंगा, आप फिलहाल मुझे शादी के बारे में ना ही कहे तो ज्यादा उचित रहेगा। मेरी मम्मी ने भी उसके बाद कभी मुझसे मेरी शादी के बारे में जिक्र नहीं किया और वह हमेशा ही मुझे कहते है कि हम लोग चाहते हैं कि तुम अपना ध्यान रखो और तुम्हारी हमेशा ही तरक्की होती रहे। एक बार मैं कुछ काम से बाजार गया, जब मैं बाजार गया हुआ था तो मैंने वहां पर देखा कि हमारे ही कॉलोनी की शोभिता भाभी एक अन्य मर्द के साथ में बैठी हुई हैं,  पहले तो मैं कुछ समझ नहीं पाया क्योंकि शोभिता भाभी की हमारी कॉलोनी में बड़ी ही इज्जत और रिस्पेक्ट है, उन्हें सब लोग बड़े ही आदर से देखते हैं।

मुझे भी लगा शायद कोई उनके पहचान का होगा इसलिए वह उसके साथ बैठी होगी लेकिन जिस प्रकार से वह उसके साथ बातें कर रही थी और बड़ी खुश दिखाई दे रही थी तो मुझे उन पर थोड़ा शक हुआ लेकिन फिर मैंने यह सोचा कि छोड़ो यह उनकी लाइफ है मुझे क्या लेना देना इसीलिए मैं भी अपना काम करवा कर वहां से चला गया। जब मेरा काम खत्म हो गया तो मैं घर की तरफ लौट रहा था,  मेरे आगे पर ही सविता भाभी उस युवक के साथ बाइक पर जा रही थी मैंने भी उनके पीछे अपनी गाड़ी लगा दिया और देखता रहा। मैं उनके हाव-भाव बड़े ध्यान से देख रहा था और मैं यह सोचने लगा कि यदि इनका नेचर इस प्रकार का है तो यह बहुत ही गलत है क्योंकि इनके पति इन पर बहुत विश्वास करते हैं और यह अपने पति के विश्वास के साथ धोखा कर रही हैं। मुझे भी एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने का मौका मिल गया और मैंने भी सोचा कि अब मैं सविता भाभी को यह बात कह कर रहूँगा कि यह आप गलत कर रही हैं। मैंने अपने दिमाग में यह बात पूरी सोच ली थी। मैं भी उनके पीछे पीछे गाड़ी लगाकर चल रहा था, मैं उन्हें बड़े ध्यान से देखे जा रहा था मैं तो उन्हें देखकर दंग रह गया क्योंकि मेरी भी जितनी बार उनसे बात हुई है मुझे कभी भी उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी। वह अपने पति के साथ विश्वासघात कर रही थी और मैं उनके पति को इस बारे में बताना चाहता था। जब उन्होंने अपनी बाइक रोकी तो मैंने भी अपनी कार को एक कोने में खड़ा कर लिया और मैं उन्हें देखता रहा, जब वह घर की तरफ जा रही थी तो उससे पहले वह उस युवक से गले मिली थी। मुझे उस दिन के बाद ज्यादा समय नहीं मिल पाया क्योंकि मैं अपने काम में व्यस्त हो गया था लेकिन मैंने दोबारा से सविता भाभी को उसी युवक के साथ देख लिया और मैं भी अपने आप को बिल्कुल नहीं रोक पाया,  मैंने सोच लिया कि आज तो मैं इन्हें बोल कर ही रहूंगा कि आप अपने पति के साथ गलत कर रहे हैं, वह आप पर कितना ज्यादा भरोसा करते हैं और आप उनके भरोसो को इस प्रकार से तोड़ रही हैं, यह बिल्कुल ही गलत है।

जब वह उस युवक से मिल रही थी तो मैं किनारे में खड़ा हो कर देख रहा था लेकिन जब वह युवक चला गया तो मैंने शोभिता भाभी को रोकते हुए कहा कि आपसे मुझे कुछ बात करनी है, वह कहने लगी हां आप कहिए क्या आप को कुछ काम था। मैंने जब उन्हें समझाया कि आप अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन कर रही हैं और आप बिल्कुल ही गलत दिशा में जा रही हैं। मेरे यह कहने पर वह मुझ पर ही बिफर पड़ी और कहने लगी तुम कौन होते हो मुझे यह सब समझाने वाले, मेरे पति ने मुझे आज तक यह बात नहीं कही  तो तुम कौन होते हो मुझे कुछ कहने वाले, तुम्हें इससे क्या लेना देना। मुझे उनकी यह बात बहुत ज्यादा बुरी लगी और फिर वह वहां से चली गई। मैंने भी सोच लिया मैं शोभिता भाभी को नहीं छोड़ने वाला मैंने उनकी उस युवक के साथ कुछ तस्वीरें ले ली। मैने जब उन्हें वह तस्वीर दिखाई तो उनकी गांड फट गई वह कहने लगी मैं तुम्हारा आगे हाथ जोड़ती हूं। मैंने उन्हें कहा आप मुझे बड़ी ही मर्यादा की सिख दे रही थी मैं आज आपको मर्यादा सिखाता हूं आज आप मेरे साथ चलिए।

मैं उन्हें अपने घर ले गया, मैंने जब अपने लंड को उनके मुंह के अंदर डाला तो उन्होंने मेरे लंड को ऐसे चूसा जैसे कि वह कोई लॉलीपॉप चूस रही हो, उन्होंने मेरे लंड से मेरा माल भी बाहर निकाल दिया  उन्होंने मेरे लंड को चूस कर पूरा छिल दिया। जब मैंने शोभिता भाभी के बदन से कपड़ों को उतारा तो उन्होंने उस दिन निली कलर की पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी जिसमें कि उनकी गांड के ऊभार बाहर की तरफ को दिखाई दे रहा थे। मैंने उनकी गांड पर बड़ी जोर से हाथ से प्रहार किए, मैंने जब उनकी पैंटी और ब्रा को उतारा तो कुछ देर तक मैने उनके स्तनों को बड़े मजे से चूसा। जब मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी थी और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मोटा है। मैंने उन्हें जिस प्रकार से चोदा उनके गले से बड़ी तेज आवाज निकल रही थी वह मचलने लगी थी। उनकी चत टाइट थी इसलिए मैं ज्यादा समय तक उनकी  गर्मी को झेल नहीं पाया लेकिन जितनी देर भी मैंने उनके साथ संभोग किया मुझे बड़ा ही मजा आया। मैं पूरे मूड में था इसलिए मैंने उन्हें उल्टा कर दिया और उल्टा करते ही मैंने जब उनकी मुलायम गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो उनकी गांड से खून की धर निकली, मै जिस प्रकार से उन्हें झटके मार रहा था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वह बहुत खुश हो रही थी उन्होंने भी अपनी गांड को मेरी तरफ करना शुरू कर दिया था उनकी गांड का साइज इतना ज्यादा बढ़ा है कि मैं तो उन्हें सिर्फ पकड़ कर झटके दे रहा था उनकी गांड मेरे हाथ में नहीं आ रही थी। उनकी गांड इतनी ज्यादा गोरी थी कि मैंने जहां जहां उन्हें धक्के दिए वहां पर उनकी गांड पर लाल निशान पड़ जाते, मैंने अपने हाथों से भी उनकी गांड पर प्रहार करना शुरू कर दिया। उन्होंने भी अपनी गांड को मेरी तरफ मिलाना शुरू किया जिससे कि उनकी गांड पूरी लहूलुहान हो चुकी थी, मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था। मैने जिस प्रकार से उन्हें झटके दिए मेरी तो इच्छा पूरी हो चुकी थी, जब मेरा वीर्य पतन उनकी मुलायम और चिकनी गांड के अंदर हुआ तो मैं अपने आप को बड़ा खुशनसीब समझ रहा था। उनकी गांड मारने का अनुभव बड़ा ही शानदार और मजेदार था। जब मैंने उनकी गांड से अपने लंड को बाहर निकाला तो मेरा वीर्य उनकी गांड से टपक रहा था।

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