बच्चे बदमाश है

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हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम कुसुम है ओर मेरी उम्र इस वक़्त 42 के करीब है।
मैं एक बहुत ही सुंदर, ओर सेक्सी लेडी हूँ। मेरा फिगर है 38 32 34 मेरा
रंग सॉफ है ओर दिखने मैं 42 की नही 28-30 की लगती हूँ। कोई भी मुझे देख
कर ये नही कह सकता की मेरी उम्र 42 होगी। मैं एक स्कूल टीचर हूँ ओर स्कूल
मैं सभी टीचर मुझे देख कर ओर मेरी कमर को मटकती देख कर आहें भरते हैं।
खेर अब मैं आप लोगों को अपनी फेमिली के बारे मैं बताती हूँ। मेरे पति की
उम्र 44 है ओर वो एक बिज़्नेसमॅन हैं ओर मेरे दो बेटे हैं। उनकी उम्र 20
है दोनो ही बहुत सुंदर हैं ओर करीब 6 फीट के करीब है। दोनो की। मैं अपने
परिवार के साथ बहुत खुश हूँ। मेरे पति का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस
है। हम राजस्थान मैं जोधपुर मैं रहते हैं ओर वहीं के एक गॉव के स्कूल मैं
मैं हिन्दी की टीचर हूँ। मेरे दोनो बेटे कॉलेज मैं पड़ते हैं। मेरे पति
को बिजनेस की वजह से दो-दो तीन-तीन महीने घर के बाहर रहना पड़ता है ओर घर
पे एक दो दिन के लिए ही आते हैं। बात आज से 1 साल पहले की है। मेरे पति
को मुंबई जाना था बिजनेस की वजह से। लास्ट दो तीन साल से तो वो ज्यदातर
घर के बाहर ही रहने लगे हैं बिजनेस की वजह से ओर घर पे भी बहुत ही कम आते
हैं। लेकिन जब एक दो दिन के लिए आते हैं तो मुझे पूरी संतुष्ट कर के ही
वापिस जाते हैं। अभी उन्हे आए एक दिन ही हुआ था ओर उस रात हम दोनो एक
दूसरे की बाहों मैं खोए हुए थे ओर एक दूसरे से प्यार कर रहे थे उनके होंठ
मेरे होंठों मैं थे ओर वो मेरे बदन से खेल रहे थे ओर मैं उनके लंड से खेल
रही थी की तभी उनके मोबाईल की घंटी बजी उठी उन्होने मोबाईल उठाया ओर वो
उनके मेनेजर का मोबाईल था। उसने कहा था की उन्हे अभी मुंबई के लिए निकलना
होगा। अगर वो नही गये तो उनका 25-30 लाख का नुकसान हो जाएगा।
मेरे पति तभी उठे ओर तेयार होने लगे ओर मुझे वैसे ही तडपती हुई छोड कर
चले गये। आज तक ऐसा कभी नही हुआ था। ओर मैं अपने रूम मैं तडपती ही बैठी
रही। मुझे सारी रात नींद नही आई ओर मैं करवटें बदलती रही। नेक्स्ट दिन
उनका मोबाईल आया की हो सकता है वहीं से उन्हे कॅनाडा जाना पड़े इस लिए हो
सकता है की वो 2-3 महीने तक घर पे नही आ सकेंगे। उनकी ये बात सुन कर मैं
ओर भी तड़प उठी की पहले ही वो 3 महीने बाद घर पे आए थे ओर उपर से 3 महीने
ओर निकालने पड़ेंगे। मुझे रात को उनकी बाहों मैं खोना ओर उनका प्यार करना
याद आ रहा था। यू ही तिन चार दिन बीत गये लेकिन मेरी रातों की नीड उड़ गई
थी। अब मुझे सेक्स की भूख सताने लगी थी की एक तो वो पहले ही 3 महीने के
बाद घर पे आए थे ओर उस रात भी वो मुझे यू ही तड़पता हुआ छोड गये थे। कभी
कभी मेरा मन करता था की कितने मर्द मरते हैं मुझ पर क्यूं ना किसी से
अपनी प्यास बुझा लूँ। लेकिन मैं अपने आप को एक पवित्र ओरत समजती थी इस
लिए कभी भी मैने किसी ओर के बारे मैं सोचा भी नही था। यू ही दिन गुजर रहे
थे। मेरे दोनो बेटे सुबह 6 बजे जिम चले जाते थे ओर मैं घर पे नास्ता
वग़ैरा तेयार करती थी। वो करीब 7 बजे वापिस आ जाते थे उनके लिए मैं
नाश्ता पहले ही तेयार कर लेती थी फिर वो नहा कर नास्ता कर लेते थे ओर मैं
8 बजे स्कूल के लए निकल जाती थी ओर वो दोनो कॉलेज के लिए। मैं करीब 2
बजे वापिस आ जाती थी ओर वो भी करीब 2 या 3 बजे वापिस आ जाते थे।
फिर हम लोग अपने अपने रूम मैं रेस्ट करते ओर शाम को एकसात खाना खाते थे
ओर फिर कोई 9 बजे तक एक सात ही टीवी देखते थे। ओर उसके बाद हम अपने अपने
रूम मैं जिसका जीतने टाइम तक दिल करता टीवी देखता ओर सो जाता यही हम सब
की डेली की रूटीन थी । दिन हर रोज सेम ही थी।
मेरा मन बहुत ही बेचैन रहता था। मेरे दोनो बेटे मेरे बेडरूम के साथ एक
स्टडी रूम था ओर उसके साथ दो बेडरूम थे उसमे सोते थे। दोनो के रूम के साथ
सेंटर मैं एक ही बाथरूम थे जो दोनो रूम से अटॅच था। कभी कभी जब बेटे
घूमने गये होते थे तो मैं स्टडी रूम मैं बैठ कर कंप्यूटर पे चैटिंग वगेरह
कर लेती थी वो भी मुझे मेरी एक फ्रेंड ने सिखाया था। यू ही दिन निकल रहे
थे। मेरे पति को गये हुए 10-12 दिन हो गये थे। मैं रात को कभी अपने रूम
से बाहर नही निकलती थी। उस दिन मैं कोई 10 बजे सो गई थी ओर करीब 1:30 बजे
के करीब मेरी आँख खुल गई मुझे लगा जैसे मैने कोई आहट सुनी हो लेकिन रूम
मैं कोई नही था। मैं बाथरूम गई ओर पानी पीने के लिए टेबल के पास गई तो
देखा की आज मैं अपने लिए पानी रखना ही भूल गई थी। सो मैं पानी पीने के
लिए अपने रूम से बाहर निकली ओर रसोई मैं से पानी लिया ओर वापिस आपने रूम
की तरफ आ गई
लेकिन जैसे ही मैं स्टडी रूम के पास पहुँची तो एक दम से रुक गई की स्टडी
रूम की लाइट जल रही थी। मैं हैरान रह गई को की स्टडी रूम की लाइट तो आज
मैने खुद ही बंद की थी फिर ये जल कैसे रही थी। मैने जैसे ही दरवाजे के
पास पहुँची मुझे अंदर से कुछ आवाज़ें आती हुई सुनाई दी तो मैं हैरान रह
गई की अंदर से आह्ह्ह उहहहह की आवाज़ें आ रही थी। मैं दरवाजा खोलने ही
वाली थी की तभी मेरे मन मैं ना जाने क्या आया की मैने दरवाजे पे ना ही
कोई दस्तक दी ओर ना ही दरवाजा खोला बस हाल पे आँख लगा दी ओर जैसे ही मैने
अंदर का नज़ारा देखा मेरे तो होश उड़ गये। मैने देखा की अंदर मेरे दोनो
बेटे बैठे हुए थे ओर कंप्यूटर पर एक सेक्सी मूवी देख रहे थे। दोनो ने
अपनी अपनी पेंट उतारी हुई थी ओर दोनो ही अंडरवेयर पहने घुटनो के बल ज़मीन
पे बैठे हुए थे ओर दोनो ने अपने अपने लंड निकाल के हाथ मैं पकड़े हुए थे
ओर उन्हे सहला रहे थे। दोनो के लंड करीब 8.5 से 9 इंच लंबे ओर 3 से 3.5
इंच मोटे होंगे।
मैने देखा की वो मूवी देख रहे थे ओर छोटा बेटा अजय जो की राहुल से 3 मिनट
छोटा था कह रहा था है भाई ये मूवी आप कहाँ से ले कर आए हो बहुत मजेदार है
ओर ये कहते कहते वो दोनो अपने लंडो को आगे पीछे कर रहे थे। मूठ मार रहे
थे। मैं बाहर खड़ी उन दोनो के लंडो को निहार रही थी जो की तने खड़े थे।
मेरे मन मैं ये विचार आया की अभी मेरे बच्चे जवान हो गये हैं। मैं अभी ये
सब सोच ही रही थी की तभी दोनो के लंडो ने पिचकारी मार दी ओर दोनो फ्री हो
गये ओर अजय बोला भाई अब चल के सो जाते हैं। बाकी मूवी कल देखेंगे तो
राहुल बोला की ठीक है। उन्होने कंप्यूटर बंद कर दिया ओर मैं झट से वहाँ
से अपने रूम मैं आ गई। मैं सोच रही थी की अब मेरे बेटे जवान हो गये हैं
अब की बार जब इनके पापा घर पे आएँगे तो मैं उनसे बात करूँगी ओर इन दोनो
की शादी करवा दूँगी। यही सब सोचते सोचते ही मुझे नींद आ गई। मैं सुबह जब
उठी तो दोनो बेटे जिम जा चुके थे। मैने उनके लिए नास्ता तेयार कर दिया ओर
अपने डेली काम पे लग गई। सारा दिन बीत गया ओर फिर रात को 9:30 मैं अपने
रूम मैं चली गई। आज मैं सोई नही थी जाग ही रही थी बस मैं नाटक कर रही थी
सोने का। करीब 12:30 बजे मैं अपने रूम मैं से बाहर आई तो देखा की स्टडी
रूम की लाइट जल रही है मैने जब अपनी आख हाल पे लगाई तो देखा की वो दोनो
अभी कंप्यूटर ऑन ही कर रहे थे ओर राहुल कह रहा था। अजय माँ सो गई की नही
तूने ठीक से देखा की नही तो अजय बोला की हाँ मैने देखा है माँ सोई हुई
हैं फिर उन्होने मूवी ऑन की ओर लग गये देखने ओर साथ ही दोनो ने अपने लंड
भी निकाल लिए थे ओर उन्हे भी मसलने लग गये थे। एक बार तो मेरा मन किया के
दोनो को अन्दर जा कर अभी एक एक तपड लगा दूँ लेकिन फिर मैं वहीं पे ही
खड़ी सब देखती रही। ओर फिर कल रात की तरह आज भी दोनो ने फ्री हो कर
कंप्यूटर बंद कर दिया ओर वो अपने रूम मैं चले गये लेकिन मैं उनसे पहले ही
अपने रूम मैं पहुँच चुकी थी। फिर दो दिन वो स्टडी रूम मैं नही आए ओर फिर
उससे अगली रात वही सब हुआ जो पहले दो दिन हुआ था। अगले दिन वो मुझे ये कह
कर गये की माँ आज हम अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर जा रहे हैं शाम को
देर से लौटेंगे तो मैने कहा की ठीक है ओर घर आ कर मैने भी कंप्यूटर ऑन
किया ओर चैटिंग करने लगी। चैटिंग करते करते मेरी बात एक मुंबई के लड़के
अब्दुल से हुई जो की 28-29 साल का था मैं काफ़ी देर उससे बातें करती रही
ओर उसने मुझे अपने ओर मैने उसे अपनी लाइफ के बारे मैं बताया तो वो बोला
की फिर तो आप बोर हो जाती होंगी तो मैने कहा की वो तो है तो उसने मुझे
हिन्दी चुदाई कहानी” का लिंक भेजते हुए कहा की आंटी यहाँ पे कुछ कहानियाँ
बहुत मजेदार होती हैं। जब बोर हो रहे हौगे तो पड लेना मैने पूछा की ये
कैसी कहानियाँ हैं तो बोला की जब आप पड़ोगे तो पता चल जाएगा बहुत मस्त
होती हैं। मैने कहा की ठीक है। ओर फिर वो बोले की अभी उसे जाना है हम कल
बात करेंगे। मैने कहा की ठीक है ओर फिर उसने साइन आउट कर दिया। मैने
सोचा की मैं क्या करूँ तो मैने वो लिंक पे क्लिक करा तो मेरी आँखें फटी
की फटी ही रह गई की वहाँ पे लिखा था सेक्सी स्टोरी जो की देवर्, भाभी,
भाई बहन ओर बाप बेटी की कहानियाँ थी। मैं ना चाहते हुए भी उन्हे पड़ने
लगी। मेरा मन नही मान रहा था उन्हे पड़ने को लेकिन फिर भी मैने उन्हे
पड़ना बंद नही किया। फिर मैने एक कहानी पड़ी माँ ओर बेटे की।

जिसका नाम था “माँ के यौबन की प्यास ” वो स्टोरी पड़ते पड़ते मैं
तो हैरान ही रह गई ओर मैने कंप्यूटर बंद कर दिया ओर उठ खड़ी हुई। लेकिन
मेरे होश अपनी जगहे पे नही थे की क्या दुनिया मैं ऐसा भी हो सकता है।
फिर मैने रात का खाना तेयार करा ओर इतने मैं अजय ओर राहुल भी आ गये फिर
हम ने खाना खाया ओर हम अपने अपने रूम मैं चले गये सोने के लिए। आज मैं
रूम मैं जाते ही सो गई लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी। रात के 12 बज चुके
थे लेकिन मैं जाग रही थी करीब 1 बजे मैं उठी ओर रूम से बाहर निकली ओर
स्टडी रूम के पास गई लेकिन आज वहाँ पे कोई भी नही था स्टडी रूम की लाइट
बंद थी। आज ना जाने को मेरा मन वही सब दुबारा देखने का हो रहा था। मैं
वापिस अपने रूम मैं आ गई ओर सोने की कोशिश करने लगी पता नही मुझे कितने
बजे नींद आई लेकिन सुबह उठी तो दोनो जिम जा चुके थे। अगले दिन फिर मैं
जल्दी अपने रूम मैं चली गई ओर लेट गई। उस दिन भी मेरी आखो मैं नींद नही
थी। मैं करीब 1 बजे उठी ओर स्टडी रूम की तरफ गई तो देखा की लाइट जल रही
है मैं झट से के हाल के पास गई ओर अंदर देखने लगी तो मैने देखा की आज भी
दोनो अपने अपने लंड को हिला रहे हैं। लेकिन आज मुझे उन पे गुस्सा नही आ
रहा था ना जाने आज ये सब मुझे देखना अछा लग रहा था ओर मेरा मन कर रहा था
की मैं ये सब देखती ही रहूं ओर मेरा एक हाथ अपनी चूत को भी सहला रहा था।
मुझे लगा की मेरे भी वहाँ पे खुजली होने लगी है। फिर वो दोनो फ्री हो गये
ओर कंप्यूटर बंद कर दिया मैं जल्दी से अपने रूम मैं गई ओर सीधी बाथरूम
मैं गई मैने अपनी नाईटी उपर की ओर पेंटी उतार कर अपनी चूत मैं उंगली
आगे पीछे करने लगी ओर कोई 5 मिंनट बाद फ्री होकर आपने बेड पे आ गई।
मैने सोने की कोशिश की लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी। आज बार बार मेरी
आँखों के सामने मेरे बेटों के तने हुए फूंकारते हुए लंड घूम रहे थे। मुझे
बार बार वोही सीन याद आ रहे थे। मैने आँखें बंद की तो लगा जैसे अजय ओर
राहुल कह रहे हों आओ माँ आ जाओ हम तुमारी प्यास बुझा देंगे तुम हमारी
बुझा दो। मैने झट से आँखें खोल दी आज वो स्टोरी पड़ने के बाद मेरे मन
मैं भी ये ख़याल आने लगे थे की क्या ऐसा हो सकता है की क्या मैं भी अपने
बेटों से चुदवा सकती हूँ मज़े ले सकती हूँ। यही सब सोचते सोचते रात निकल
गई ओर सुबह सारा दिन स्कूल मैं मेरा मन नही लगा ओर मैं जल्दी घर आ गई।
रात को फिर मैने 1 बजे उठ कर देखने की कोशिश की लेकिन आज फिर वो दोनो सो
रहे थे। मैं आपने रूम मैं आ गई मेरा मान कर रहा था की मैं भी उन दोनो के
बीच मैं बैठ कर आज वो ही मूवी उनके साथ देखूं। ये सब सोचते सोचते मेरे मन
ने फ़ैसला कर लिया था की मैं अपने बेटों को पटाने की कोशिश करूँगी ओर
उनसे ही अपनी प्यास बुझाउगी। अगले दिन मैने स्कूल से छुट्टी ले ली ये कह
कर की मेरी तबीयत ठीक नही है ओर घर पे ही रहने का फ़ैसला किया। जब दोनो
बेटे कॉलेज चले गये तो मैने पीछे से वही वेबसाइट खोली ओर उस पे मन बेटे
की ओर बाकी जो भी थी सभी कहानियाँ पड़ी ताकी ये सोच सकूँ की मुझे अपने
बेटों को कैसे पटाना है। ओर मैने चैटिंग करने की कोशिश की अब्दुल से
लेकिन वो ऑनलाइन ही नही था सो मैने इस वेबसाइट के लिए उसे थैंक्स कहा।
मैं 1 बजे तक कहानियाँ पड़ती रही ओर फिर मैने सारा प्लान तेयार कर लिया
की मुझे क्या करना है। जब वो कॉलेज से आए तो मैं पूरी तरह से रेडी थी।
मैने लो कट वाली नाईटी पहन ली थी जो की मैं जादातर तब ही पहनती थी जब मैं
रात को अपने पति के साथ होती थी को की उसमे से मेरी ब्रा ओर पेंटी हल्के
हल्के दिखाई देते थे। ओर उसका गला इतना नीचे थे की पहनी हुई ब्रा ओर चूची
का उभार गले मैं से अगर मैं थोडा झुक जाऊ तो साफ दिखाई देता था। मैने
रात का खाना तेयार किया ओर टेबल पे लगा दिया ओर दोनो को आवाज़ लगी खाने
के लिए वो दोनो ही टेबल पे आ चुके थे आज से पहले ओर अब से पहले मैं कभी
भी उनके सामने इस नाईटी मैं नही गई थी। अभी मुझे पहली बार उनके सामने
जाना था इस नाईटी मैं। वो दोनो टेबल पे पास पास बैठे हुए थे। जैसे ही मैं
खाना लेकर उनके सामने गई तो मुझे देखते ही दोनो की आँखों मैं मैने कुछ
चमक सी देखी ओर दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा ओर तोड़ा सा मुस्कुरा पड़े
लेकिन मैने उकी तरफ देखा नही ओर उनके बिल्कुल सामने खड़ी हो कर तोड़ा
ज़ुक कर उन्हे खाना ओर सब्जी देने लगी। मेरे ज़ुकने की वजह से मेरी ब्रा
उन्हे सॉफ दिखाई देनी थी मैने देखा की दोनो ही चोर नज़रों से मेरी चूची
को ही घूर रहे थे।
मैं मन ही मन अपने पे मुस्कुरा उठी की पहली बार मैं ही मैं उन्हे अपना
जलवा दिखाने मैं कामयाब हो गई हूँ। फिर हम ने खाना खा लिया ओर हम टीवी
देखने लगे। आज मैं उनके सामने सोफे पे बैठी हुई थी ओर मैने देखा की वो भी
बार बार मेरी तरफ देख रहे थे लेकिन मैने ऐसे शो किया जैसे मुझे पता ही ना
हो फिर वो जब भी मेरी तरफ देखते मैं जान बूझ कर अपनी चूची को तोड़ा सा
मसल देती या उन्हे सहलाने लगती ओर कभी कभी उन्हे अपने हाथों से उपर को
उठती। मैने देखा की मैं जब भी ऐसा करती थी वो मेरी तरफ ही देख रहे होते
थे। फिर रात के 9 बज गये ओर मैं अपने रूम मैं चली गई। ऐसे ही दो तीन दिन
बीत गये लेकिन बात इससे आगे नही बड रही थी ओर ना ही लास्ट तीन दिन से वो
रात को स्टडी रूम मैं आए थे।
अगले दिन भी जब हम खाना खाने के बाद टीवी देखने के लिए बैठे तो मैने आज
उन्हे अपनी चूची को मसलना तो दिखाया ही साथ ही जब भी वो देखते थे मैं
अपनी चूत को भी एक हाथ से सहला देती थी ऐसे जैसे की खुजली कर रही हू। आज
मैने देखा की मैं जब भी उनकी तरफ देखती थी तो वो दोनो ही अपने अपने लंड
को सहलाने लगते थे। मुझे लगा की अब बात कुछ आगे बड रही है। मैने देखा की
उनके लंड उनकी पेन्ट मैं तने हुए थे ओर फंनफना रहे थे मुझे देखते ही वो
उन्हे मसल देते थे। फिर करीब 9 बजे मैं अपने रूम मैं चली गई। आज मेरे मन
मैं कुछ ओर ही करने का इरादा था। मैं सो गई 12 बजे बाहर गई लेकिन वो आज
भी वहाँ नही थे। सुबह जब मैं उठी तो मैं सब से पहले उनके रूम मैं गई मैने
देखा की वो जा चुके थे जिम।
मैं अपने रूम मैं वापिस आई मैने अपने रूम की टूटी खराब कर दी ओर नाश्ता
बनाने लग गई। जब वो दोनो वापिस आए तो मैने विजय के रूम मैं ही उन्हे
नाश्ता पकड़ा दिया वो दोनो खाने लगे तो मैने कहा की ओर कुछ चाहिए तो दोनो
ने मेरी बोब्स को घूरते हुए कहा की नही तो मैने कहा की ठीक है फिर मैं आज
यहाँ पे तुम्हारे बाथरूम मैं नहा लेती हूँ। मेरे बाथरूम की टूटी खराब हो
गई है ओर राहुल से कहा की कॉलेज से आते वक़्त वो प्लमबर को साथ मैं ले आए
ताकी वो टूटी ठीक हो सके तो वो बोले की ठीक है। मैं अपने रूम मैं गई
वहाँ से अपनी ब्रा पेंटी ओर दूसरे कपड़े ले कर आ गई ओर बाथरूम मैं घुस
गई। मैने ये सब सिर्फ़ इस लिए किया था की मैं सिर्फ़ ये देखना चाहती थी
की उनपे कुछ असर हुआ भी है की नही अगर उन पे असर हुआ है तो क्या वो अपनी
माँ को नंगी देखते हैं की नही अगर नही देखते तो मेरी सारी मेहनत बेकार
है। मैं जैसे ही बाथरूम मैं घुसी मैने अपनी आँखें हांल पे लगा दी ओर
देखा की उन्होने जल्दी से नाश्ता खत्म किया ओर राहुल बाथरूम की तरफ आ गया
ओर अजय को उसने अपने रूम की तरफ जाने को कहा मैं समज गई की वो उस रूम मैं
से मुझे देखेगा जब राहुल होल पे झुकने लगा तो मैं पीछे हट गई ओर मैं
अपने कपड़े उतरने लग गई।
अब मैं जान बूझ कर हांल के बिल्कुल सामने ब्रा ओर पेंटी मैं खड़ी थी।
फिर मैने धीरे से ब्रा उतारी ओर फिर पेंटी भी उतार दी ओर मैने शावर ऑन कर
दिया। अब मैं कभी अजय को ओर कभी राहुल को अपनी चूत के दीदार करवा रही
थी। मेरी चूत पे काफ़ी बॉल उगे हुए थे। मुझे पता था की दोनो ही बहुत
बेताब हो कर अपनी माँ को नहाते हुए देख रहे होंगे। मैने दोनो के सामने
खूब मसला अपनी चूची को ओर अपनी चूत को ओर फिर नहा कर कपड़े पहनने लगी।
जब मैं बाहर आई तो राहुल ओर अजय बेड पे बैठे हुए थे। मैने दोनो की तरफ
हल्की सी मुस्कान उछालते हुए पूछा नास्ता कर लिया बचो तो वो बोले की हाँ
कर लिया। फिर मैं अपने रूम मैं गई। अब मुझे तसल्ली थी की मैं जल्दी ही
कामयाब होगी। फिर रात को हम टीवी देखने के बाद अपने अपने रूम मैं चले
गये ओर मैं सोने का नाटक करने लगी। करीब 12:30 बजे मैं उठी ओर स्टडी रूम
की तरफ गई ओर वहाँ पे जाते ही मेरी आखें चमक उठी की मैने देखा की स्टडी
रूम की लाइट जल रही थी। इसका मतलब था की वो दोनो ही अन्दर हैं मैने के
हांल से आखें सटा दी मैने देखा की उनके लंड तने हुए हैं ओर उनके हाथों
मैं हैं वो मस्त हो कर मूठ मार रहे थे। तभी मेरे कानो मैं अजय की आवाज़
पड़ी वो बोला की भाई आप से एक बात कहूँ तो नाराज़ तो नही हो जाओगे तो
राहुल बोला की पागल है तू आज तक मैं नाराज़ हुआ हूँ कभी तुज़से भला बोल
क्या बात है। अजय बोला भाई बात ये है की क्या तुम्हे नही लगता की आज कल
माँ कुछ सेक्सी सी होती जा रही हैं। राहुल बोला की वो कैसे तो अजय बोला
की आज कल वो नाईटी देखी है आप ने उनकी तो राहुल बोला की पगले एक बात मैं
कहूँ तो अजय बोला की कहिए तो राहुल बोला की जो भी है हुमारी माँ है बड़ी
मस्त चीज़ हमारी माँ का फिगर बहूत कमाल का है। अरे पगले मेरा तो मन करता
है की आज ये मूवी बंद कर ओर माँ के नाम पे मूठ मार लू तो अजय बोला की मन
तो मेरा भी ऐसा ही है ओर उनकी ये बातें सुन कर तो मैं मस्त हो उठी थी की
मेरा तीर निशाने पे लगा है अब मेरे दोनो बेटे मेरे नाम पे मूठ मारने को
तेयार हैं ओर अगर मैं ज़रा सा इशारा दू तो वो मुझे चोदने मैं भी परेज़
नही करेंगे। फिर वो फ्री हो गये ओर मैं झट से अपने रूम मैं आ गई। अब
मेरी आँखों के सामने नये नये सपने सजने लगे थे की कैसे मैं अपने दोनो
बेटों के साथ रातें बिताऊगी। आज फ्राइडे था ओर मैने फ़ैसला कर लिया था
की कल को मैं अपने दोनो बेटों से चुदवा के ही रहूंगी ओर फिर सारा सन्डे
हम पूरी ऐश करेंगे ओर मैं अपनी सारी कसर पूरी कर लूँगी।
अगले दिन मैं स्कूल गई लेकिन स्कूल से जल्दी ही वापिस आ गई ओर सब से पहले
मैने अपनी चूत पे उगे हुए बालों को सॉफ किया ओर अपनी चूत को बिल्कुल
चिकनी बना लिया ओर अपने बेटों के आने का इंतज़ार करने लगी मेरा इरादा था
की आज मैं उन्हे मुझे चोदने के लिए तेयार कर लूँगी ओर सारी रात ऐश करूँगी
उनके साथ। वो भी आज तोड़ा जल्दी ही आ गये थे। जब वो आए तो मैं अपने रूम
मैं लेटी हुई थी। दोनो ही मेरे पास आ कर बैठ गये ओर पूछा की माँ क्या बात
है तो मैने कहा की आज तबीयत ठीक नही है थोड़ी कमर दर्द कर रही है ओर
टाँगें भी दुख रही हैं। मैने राहुल से कहा की राहुल मेरी कमर दबा दो ओर
अजय तुम ज़रा टाँगें दबा दो तो वो बोले की हम चेंज कर के आते हैं ओर वो
चेंज करने चले गये ओर जब वापिस आए तो दोनो ने लोवर ओर शर्ट्स पहनी हुई
थी। राहुल मेरे पास आ कर मेरी पीठ दबाने लगा ओर अजय मेरी टाँगें दबाने
लगा दोनो का स्पर्श पाते ही मेरी चूत किलकारियाँ सी मारने लगी थी की वा
अगर आज ये मान गये तो मज़े ही मज़े होंगे। फिर अजय मेरी पीठ दबाने लगा
ओर बीच बीच मैं कभी कभी मेरे चूतड़ भी दबा देता था। जब ओर अजय भी टाँगें
दबाते दबाते कभी कभी मेरे चुतड़ों के बीच मैं हाथ लगा देता था उनके ऐसा
करने से मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। करीब 1 बज चुका था। फिर धीरे धीरे
राहुल ओर अजय दोनो ही मेरे चुतड़ों को दबाने लग गये मैं कुछ भी नही बोली
ओर मज़े से लेटे रही मैं तो चाहती ही थी की वो आगे बड़े की तभी दोनो ने
मेरी टाँगों को सहलाना शुरू कर दिया। मैं एक दम से सीधी हो गई तो वो एक
दम से डर गये तो मैने हंसते हुए कहा की क्या हुआ तो बोले की कुछ नही तो
मैने कहा की एक बात कहूँ वो बोले कहिए तो मैने कहा की जो तुम दोनो कर रहे
थे मुझे बहुत मजा आ रहा था जरा फिर से करो ना ओर अब मैं उनके सामने सीधी
लेटी हुई थी।
दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा ओर फिर दोनो ही मेरी टाँगें सहलाने लगे ओर
अजय ने तो झट से अपना एक हाथ मेरी चूची पे रख दिया ओर लगा उन्हे मसलने
मैने नाईटी ही पहनी हुई थी। अब अजय ओर राहुल दोनो ही मेरी एक एक चूची को
सहला रहे थे तो मैने उनसे कहा की बेटा क्या क्या चाहिए तो दोनो एक साथ
बोले माँ दूध पीना है तो मैने कहा की तो फिर देख क्या रहे हो पी लो क्या
माँ कभी अपने बेटो को दुदू पीने से माना करती है भला। मैं तो मस्त हो
रही थी पूरे मूड मैं थी मैं। दोनो ने ही मुझे उठा कर मेरी नाईटी उतार दी
ओर फिर ब्रा भी उतार दी ओर दोनो ही एक एक बोब्स को चूसने लगे मुझे बहुत
ही मज़ा आ रहा था। मैं मस्त होने लगी थी मेरी चूत मैं हलचल होने लगी थी।
फिर मैने उनसे कहा की अपने अपने कपड़े उतार दो तो दोनो ने ही अपने अपने
कपड़े उतार दिए ओर सिर्फ़ अंडरवेयर मैं ही रह गये। फिर से वो मेरे बोब्स
चकने लगे ओर इस बार उन्होने मेरी पेंटी भी नीचे कर दी ओर दोनो ही मेरी
चूत को भी सहलाने लगे। उनके लंड उनके अंडरवेवर मैं फंनफना रहे थे मैने
दोनो के अंडरवेयर के बीच मैं ही दोनो के लंडो को पकड़ लिया ओर सहलाने लगी
ओर उनके लंडो को पकड़ते ही मुझे लगा जैसे मैं कोई गरम रोड पकड़ी हो दोनो
के लंड रोड की तरह गर्म थे। फिर मैने उनके अंडरवेयर उतार दिए अब हम तीनो
बिल्कुल नंगे थे। राहुल बोला की माँ मुझे आपकी चूत चाटनी है तो अजय बोला
की मुझे अपना लंड चुसवाना है तो मैने कहा की जो दिल करता है करो मैने
तुम्हे कब मना किया है। फिर राहुल मेरी टाँगों के बीच मैं आ गया ओर मेरी
चूत को चाटने लगा ओर अजय ने अपना लंड मेरे मूह मैं घुसा दिया राहुल मेरी
चूत को ज़ुबान अन्दर डाल डाल के चाट रहा था ओर कभी मेरी चूत को भी चूसने
लगता था। अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैं सिसकने लगी थी। अजय का लंड
मूह मैं होने की वजह से मेरे मूह से गून गून की आवाज़ें आ रही थी। अजय ने
मेरे मूह से अपना लंड निकल लिया तो मैं दोनो के लंडो को सहलाने लगी। ओर
कह रही थी आ हाईईइ मेरे बेटो अहह खूब चूसो अपनी माँ को आ है उफफफ्फ़ अहह
क्या गजब है अहह अहह हाई उफफफफफफ्फ़ बुझा दो आज मेरी आग
हाईईईईईईईईईईईईईईई हाईईईईईई ह अफ ओह ओर ज़ोर से अहह राहुल बेटा बहुत मज़ा
आ रहा है आ हाईईईईई ओह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
ओर वो तो बस दोनों लगातार लगे हुए थे मेरी चूत ओट बोब्स को चाटने। फिर
राहुल मेरी चूची को दबाने लगा ओर अजय मेरी टाँगों के बीच पहुँच गया ओर
मेरी चूत को चूमता हुआ बोला की माँ क्या हम दोनो यहीं से निकले हैं तो
मैने कहा की हाँ तुम दोनो यहीं से निकले हो बस फिर क्या था। उसने मेरी
चूत मैं अपनी ज़ुबान पूरी घुसा के अंदर बाहर करने लगा मैं मस्ती की चरम
सीमा पे पहुँच गई ओर आ हाईईइ उफफफफ्फ़ आ है अजय बेटा बहुत मज़ा आ रहा है।
अहह ओफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओर ज़ोर से बेटा तो वो दोनो बोले की माँ
असली मज़ा तो अभी आएगा जब हम दोनो आपको चोदेगे तो मैने कहा की सच मैं
बेटा अहह अहह उफफफफ्फ़ ओर ज़ोर से आ पी जाओ अपनी माँ का दुदू इसी से
ताक़त मिलेगी अहह तो वो बोले की मों आपके दूध की ताक़त ही तो दिखानी है।
आज आपको ओर मैने कहा हाँ बेटा दिखा दो अहह उईईईईईईईईईईईईईईईईइ इ इ इ
माआआआ उफफफफफफ्फ़ ओर अजय तो कमाल ही कर रहा था वो तो मेरी चूत को ऐसे चूस
रहा था जैसे की लोलीपॉप हो मैं पूरी तरह मस्त हो कर मज़े ले रही थी। ओर
वो दोनो मुझ पर ऐसे टूटे हुए थे जैसे मुझे खा ही जाएँगे मैं तड़प रही थी
अजय इतने प्यार से मेरी चूत को चाट रहा था की उसके पापा ने भी कभी नही
चाटी थी ऐसे ओर मैं कह रही थी। आह तुम तो आहह अपने पापा से भी अहह अच्छी
चाटते अहह हो बेटा आ उफफफफफफफ्फ़ ओह हाईईईईईईईईईईईईईईईईउ उ उ उ अहह अहह
अहह अहह बहुत मस्त कर रहे हो मुझे अहह अहह ओर अब मैं बहुत ही बेचैन हो
रही थी मेरी कमर उठ उठ कर उन्हे मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थी। अब
मुझसे रहा नही जा रहा था क्युकी की दो जवान लंड थे मेरे सामने मेरी चूत
भी गिली हो चुकी थी। अजय उसे चाटता हुआ बोला की माँ आपकी चूत चिप छिपी सी
को हो रही है तो मैने कहा की बेटा ये चिप छिपी नही हो रही है ये तुम दोनो
के लंडो को देख कर उनसे चुदवाने के लिए लार टपका रही है बेकरार है ये अब
तुम दोनो से चुदवाने को। सो मैने कहा की अहह बेटा अब चोद भी दो अपनी माँ
को अहह अब रहा नही जा रहा है अहह प्लज़्ज़्ज़्ज़ जल्दी करो अहह हाईईईईईईई
उफफफफफ्फ़ मत तड़पाओ अब। तो एक बेटा बोला की माँ तोड़ा ओर चाटने दो बहुत
मज़ा आ रहा है आपकी चूत को चाटने मैं ओर फिर से ज़ुबान घुसा दी उसने मेरी
चूत मैं तो मैने कहा की अहह हाई तुम दोनो भी ना बिल्कुल अपने पापा पे गये
हो तो वो बोले की वो कैसे तो मैने कहा की वो भी बिल्कुल तुम्हारी तरह ही
मेरी चूत चाटते हैं ओर मुझे अपना लंड चुसवाते हैं ओर बहुत तड़पाते हैं
मुझे चोदने मैं। अहह बेटा आज अपनी माँ को तोड़ा जल्दी चोद लो फिर तो रोज
मैं तुम्हारे पास ही हूँ जब भी चाहोगे जितनी चाहोगे चाट लेना मेरी चूत को
मैं मना नही करूँगी बस आज मुझे जल्दी चोद दो तो दोनो बोले जो हुकम आपका
ओर दोनो ही उठ कर खड़े हो गये। मैं भी उठ कर बैठ गई मैने देखा की दोनो के
लंड मेरी चूत को ही निहार रहे थे ओर खूब हँस रहे थे की आज उसे चोदेगे ओर
खूब मज़े करेंगे मैने दोनो के लडों को हाथ मैं पकड़ा ओर बोली की हाईईईईईई