हाई दोस्तों, ये बात हें दिसम्बर महीने की जब मै अपने काम से
हैदराबाद से बैंगलोर जा रहा था | मुझे बस मै जाना था पर मै लेट हो गया सो
मुझे जिस बस मै जाना था वो नही मिला पर केसे भी कर के उसदिन की सबसे आखिरी
बस मुझे मिल गयी | मुझे वो बस सबसे रात के साडे नो नाजे मिली जिसे मुझे भाग
भाग के पकड़ना पड़ा | उस बस मै सिर्फ एक ही सिट खाली थी जिसमे मैं जा के
बैठ गया, मेरे बाजु मै एक आंटी थी जिनकी उम्र करीब चालीस के आस पास होगी |
बस फिर चल पड़ी और कुछ देर बाद कन्डक्टर आया और उसने टिकेट काटी और फिर
लाईट बंद कर दी | वेसे भी महीने सर्दी का था और सालो ने अंदर एसी चला रखी
थी | मेरे पास अपने उपर ओड़ने को कुछ नही था, पर बाजु वाली आंटी ने शोल ओढ़
रखी थी | मेरी ठण्ड के मरे गांड फट रही थी, बाजु वाली आंटी को पता चल गया
की मुझे ठण्ड लग रही हें सो उन्होंने मुझे अपने शोल मै आने को कहा पर मेने
मना कर दिया | कुछ देर बाद उन्होंने फिरसे मुझे कहा तब मैं उनके शोल मै आ
गया |शोल की गर्मी और साथ मै उनकी गर्मी मुझे काफी मज़ा दे रही थी | तभी बस
ने एक तरफ अचानक गाडी मोदी तो मै उनपे गिर गया और मेरा हाथ जाके उनके चूचो
को छु गया, उन्होंने कुछ नही कहा और फिर मै अपने आप को संभल के ठीक हो गया
| मेने उन्हें सोरी कहा तो उन्होंने कहा क कोई बात नही, फिर हम दोनों के
बिच मै बात होने लगी और फिर बिच बिच मै ब्रेक लगती तो उनका हाथ मुझे लगता
तो कभी मेरा हाथ उनको | हम दोनों एक ही शोल मै आने के चक्कर मै काफी पास
चिपक के बैठे थे | बातो बातो मै पता चला की वो शिमला की हें और यहाँ किसी
काम से आई थी | कुछ देर के बाद वो चुप हो गयी और दूसरी तरफ मुह कर के बैठी
रही, और उनके चुचे मेरे हाथ को साफ़ से महसूस हो रहा था जिसके कारण मैं
धीरे धीरे गर्म होने लगा था | कुछ देर के बाद ऐसा ब्रेक लगा की उनका हाथ
सीधे मेरे लंड पे आ गया और मेरा पूरी तरह से तन गया लंड, आंटी ने कुछ पल के
लिए मेरे लंड पे हाथ रखे रखा और फिर एक दम से हटा लिया और दूसरी तरफ मुह
करली | धीरे धीरे फिर मुझे महसूस हुआ की आंटी का हाथ मेरी तरफ आ रहा हें,
और फिर देखा की उन्होंने अपने हाथ के कोणी को मेरे लंड से हल्के से लगा के
रखा हें और बार बार उसे रगड रही हें | फिर मुझे लगा की वो भी गर्म हें,
मेने फिर अपने आप को आंटी से और चिपका लिया और अपने लंड को उनके हाथ से छुआ
दिया |उसके बाद आंटी ने अपना हाथ पूरी तरह मेरे लंड पे रख दिया और उसे
पकड़ ली, और हल्के हल्के से हिलाने लगी | मेने शोल के अंदर से ही आंटी के
चूचो पे अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा जिसके कारण आंटी ने अपना सर मेरे
कंधे पे रख दिया और मेरे जिस्म पे अपने सर को रगड़ने लगी | उन्होंने फिर
अपने मुह को मेरे मुह के बराबर किया और मेरे होठो पे अपने होठ सता दिए और
फिर मेरे होतो को चूसने लगी, मैं भी उनके होठ को चूसने लगा | किस के दोरान
मेने उनके सूट के अंदर से हाथ डाल के उनका ब्रा खोल दिया और उनके चूचो को
नंगा छु दिया | अब मैं उनके चूचो पे हाथ फेरने लगा और उनके निप्पल को मसलता
भी रहता | फिर मेने शोल को निचे कर दिया और उनके चूचो को अपने मुह मै ले
लिया और उन्हें चूसने लगा, उनके निप्पल को मै बिच बिच मै काट भी देता और
कभी कभी अपने लबो के बिच मै दबा के खिचता भी था |आंटी ने अब मेरी जिप खोल
दी और मेरे लंड को निकाल के उसे सहलाने लगी और फिर कुछ देर के बाद झुक के
मेरे लंड को मुह मै ले ली और उसे चूसने लगी, उनके चूसने से मुझे लगा की मै
अब बस मै नही बल्कि आसमान मै उड़ रहा हूँ | ओटी ने कुछ दस मिनट तक मेरा लंड
चूसा और मेरे लंड से पानी निकाल ली और उसे पि गयी, पिने के बाद भी उन्हें
शांति नही मिली और फिरसे चूसने लगी मेरे लंड को | उसके बाद भी कुछ दस मिनट
तक मेरा लंड चुसी और फिर उन्होंने अपनी कमीज़ को पीछे से खीच के निचे कर
दिया और मेरी तरफ गांड दिखा के बैठ गयी, मैं समझ गया की इन्हे अब क्या
चहिये | मैं समय न ख़राब करते हुए अपने लंड को पीछे से उनकी चुत मै उतार
दिया, लंड घुसते ही उन्होंने एक लम्बी सिसकी भरी और फिर अपने मुह को बंद कर
लिया | उनकी चुत एसी लग रही थी जेसे मेने किसी ज्वालामुखी मै अपना लंड डाल
दिया हो, इतनी गर्म चुत थी उनकी और एक दम नर्म थी जेसे कोई रुई हो | मैं
बड़ी मुस्किल से उस हाल मै लंड को आगे पीछे कर पा रहा था, पर मेने किया और
दस मिनट तक लंड को आगे पीछे किया | तकलीफ तो हो रही थी पर मज़ा भी खूब आ
रहा था मुझे | उन दस मिनट मै आंटी शायद दो बार झड चुकी थी | अब मेरी बारी
थी ढीला होने की सो मेने उनके कान मै हलके से पूछा की कहा निकालूं तो वो
कुछ नही बोली और खुद चार पांच बार अपने आप पीछे को धक्का दी जिससे मै अपने
मुठ को रोक नही पाया और उन्ही के चुत मै गिरा दिया | मुठ गिरते ही वो झट से
मुड़ी और मेरे लंड को चूसने लगी और पूरा साफ़ कर दी |बस फिर एक जगह पे
रुखी और बस के सभी लोग उतर गये, तब आंटी ने मुझे एक आदमी की तरफ इशारा किया
और कहा की इन्हे भी उतार दो, एमेने उनको भी निचे उतार दिया और फिर
उन्होंने मुझे बताया की वो उनके पती हें, उनके पती भी निचे चले गये और अब
बस मै हम दोनों के सिवा कोई नही था | आंटी ने मुझे सिट पे लेता दिया और
मेरे लंड को चूसने लगी और जब मेरा फिरसे खड़ा हो गया तो उन्होंने फिरसे
अपने कपडे निचे कर के मेरे तने हुए लंड पे बैठ गयी और फिर मेरे उपर उछलने
लगी और करीब बीस मिनट के उछलने के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये | झड़ने
के बाद वो उतरी और फिरसे मेरे लंड को चूसने लगी, मुझे तो लगा की वो जन्मो
की प्यासी हें, कितना लंड चुस्ती हें | उनके चूसने से मेरा फिरसे दो मिनट
मै ही खड़ा हो गया और फिर मेने उनको सिट पे लेटा दिया और उनकी टाँगे उपर की
तरफ उठा के निचे से धक्के पे धक्के देने लगा | वो अब मुह खोल कोल के
सिसकिय ले रही थी जो पहले नही ले पा रही थी | वो अब हाआआ इआआआआ उम्म्म्म हम
अह्ह्ह्ह की आवाज़े निकालने लग गयी थी और कह रही थी की रजा मेरी प्यास
बुझा दो, मुझे आज शांत करदो भगवन तुम्हे लम्बी उम्र देगा, तुम्हारे इस लंड
को कई चुत देगा अह्ह्ह्हह्ह्ह ह्म्म्मम्म ऐईईईई |इस बार मेने उन्हें काफी
लम्बा पेला करीब आधे घंटे तक शोट दिया और इसी बिच वो तिन बार झड़ चुकी थी |
इतने मै वो फिरसे झड़ गयी और मेने लंड उनकी चुत से निकाल दिया और वो फिरसे
चूसने लगी | उन्होंने मेरे लंड को एक दम चूस के साफ़ कर दिया और मै अपने
लंड को सम्भाल के एक सिट पे बतेह गया और वो अलग बैठ गाई | थोड़े देर के बाद
सभी लोग आ गये और फिरसे सब अपनी अपनी साईट पे बैठ गये | बस फिर चल पड़ी और
कुछ देर के बड लाईट बंद हो गयी, तब आंटी ने कहा की तुमने मुझे शांत कर
दिया हें अब मेरी बारी और इतना कह के उन्होंने फिरसे मेरे लंड को निकाल के
चुसना शुरू कर दिया और जब खड़ा हो गया तो वो भी खडी हुई और मेरे लंड पे
अपने गांड का छेद सटा दी और बोली की धक्का मरो निचे से | मेने जोरसे धक्का
दिया और मेरे लंड का तोप अंदर चला गया उसके बाद वो खुद ही उछलने लगी और मैं
भी बिच बिच मै निचे से धक्के मार देता | करीब बीस मिनट बाद हम दोनों फिरसे
झड़ गये और वो फिरसे उठ के मेरे लंड को चूसने लगी | उन्होंने मेरे लंड को
अच्छे से चाट चाट के साफ़ कर दिया और फिर अपने आप को ठीक कर लिया और फिर
मुझसे कान मै पूछा की मज़ा आया क्या ? मेने कहा जी हाँ और फिर उन्होंने
मेरे माथे को चूमा और कहा की आज मै सात साल बाद चुदी हूँ, मेरे मैं और
तुम्हारे अंकल मै बारह साल का अंतर हें और वो बीमार हें, जेसा की तुमने
देखा | मुझे अपनी प्यास गाजर मुली से ही करनी पडती थी, और अज तुमने मुझे
सबसे बड़ा सुख दे दिया |बस इफ्र बंगलोर पहुच गया और मेने उनका सामन उठा के
उनको दे दिया और फिर आंटी ने अंकल को कहा की कुछ खाने को ले आती हूँ और फिर
मेरे साथ चल दी और फिर वह बस डेपो मै एक जगह काफी अँधेरा था सीडीओ के पास,
और वो मुझे वह ले गयी और फिर हमने खूब चूमा चाटी की और फिर उन्होंने मुझसे
कहा की वो मुझसे बार बार चुदना पसंद करेगी और फिर मेरा नो. भी लिया |
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