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दीदी के पड़ोस में रहने वाली लड़की की सील तोड़ी
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मेरा नाम सोनू है मैं नासिक का रहने वाला हूं और मैं अभी कॉलेज की पढ़ाई ही कर रहा हूं। मेरे पापा स्कूल में अध्यापक है। मेरी एक बहन भी है उसका नाम राशि है और वह बहुत ही अच्छी है उसके और मेरे बीच में बहुत ही अच्छे संबंध है। हम दोनों ही बहुत बातें किया करते हैं वह मुझसे हर बात को शेयर करती हैं हम दोनों एक दोस्त के तरीके से रहते हैं क्योंकि वह मुझसे दो साल ही बड़ी है। मेरी मां हमेशा कहती है कि जब राशि की शादी हो जाएगी तो तुम किसके साथ मस्ती किया करोगे। मैंने उसे कहा कि कोई बात नहीं है उसकी शादी भी हो जाएगी तो मैं उसी के साथ उसके घर चला जाऊंगा। मुझे भी यह बात मालूम थी कि यह तो सिर्फ कहने वाली बात है। जब उसकी शादी हो जाएगी तो उसके साथ जाना मुश्किल है। मैं अपनी पढ़ाई में ही लगा हुआ था और मुझे स्पोर्ट्स का बहुत ही शौक था।

मैं हर स्पोर्ट्स में भाग लिया करता था और मुझे सबसे ज्यादा फुटबॉल खेलना पसंद था, मैं कॉलेज की टीम से भी फुटबॉल खेला करता था और हमारी टीम जहां भी मैच खेलने जाती थी वहां से हम लोग हमेशा ही जीत कर आते थे क्योंकि हमारी टीम में बहुत ही अच्छे लड़के थे और सब लोग कहीं ना कहीं से कोचिंग ले रहे थे। मैं भी कोचिंग के लिए जाता था और जहां मैं कोचिंग जाता था वहां पर मेरे कुछ दोस्त थे वह बहुत ही अच्छे थे वह मुझे फुटबॉल के बारे में बताएं करते थे और हम लोग बहुत ही ज्यादा प्रैक्टिस करते थे जिससे कि मेरा शरीर बहुत ही ज्यादा मजबूत हो गया क्योंकि वह हमसे बहुत ही ज्यादा पसीना निकलवाते थे और हमें बहुत ज्यादा दौड़ाते थे, जिस वजह से मेरी बहुत ही अच्छी प्रैक्टिस हो गई थी और हमारा कॉलेज जहां भी खेलने के लिए जाता वहां पर हम विजेता ही बनते थे। मेरे पापा भी अपने समय में बहुत ही अच्छा फुटबॉल खेला करते थे और वह भी अपने कॉलेज की टीम से ही खेलते थे। उनका बहुत सारी जगह पर सिलेक्शन हुआ था लेकिन उसके बाद उनकी नौकरी लग गई इसलिए उन्होंने फुटबॉल को छोड़ दिया और अब वह अपनी नौकरी में ही व्यस्त हो गए थे लेकिन जब भी उन्हें समय मिलता तो वह मुझे प्रैक्टिस करवा दिया करते थे और मुझे बताते थे कि हम लोग कॉलेज में किस प्रकार से फुटबॉल खेला करते थे।

मुझे उनके साथ बहुत ही अच्छा लगता था और वह मुझे बहुत ही चीजें बताते रहते थे। इसी बीच में राशि के लिए अब रिश्ते आने शुरू हो गए थे। जब राशि के लिए रिश्ते आ रहे थे तो पापा ने पहले तो मना कर दिया। वह कहने लगे कि हम अभी राशि की शादी नहीं करना चाहते लेकिन धीरे-धीरे जब समय बिता जा रहा था तो पापा ने कहा कि लगता है अब राशि की शादी कर देनी चाहिए। इस बारे में उन्होंने राशि से भी पूछा और मेरी मां से भी बात की। मेरी मां कहने लगी अब राशि बड़ी हो चुकी है तो तुम्हें उसकी शादी करवा ही देनी चाहिए लेकिन राशि शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और वह पापा को मना कर रही थी लेकिन पापा ने उसे कन्वेंस कर ही लिया और कहने लगे कि अभी तुम्हें बहुत ही अच्छे रिश्ते आ रहे हैं, हो सकता है बाद में तुम्हे ऐसे रिश्ते ना मिले। मेरे पापा राशि से कहने लगे कि अगर तुम शादी के लिए लड़के देख लोगी और उनसे बात करोगी तो तुम उन्हें अच्छे से पहचान पाओगी फिर तुम्हें कुछ समय भी मिल जाएगा। अब राशि भी तैयार हो चुकी थी और वो कहने लगी ठीक है, जैसा आप लोगों को उचित लगता है आप उसी तरीके से कीजिए लेकिन मेरे पापा ने राशि से भी पूछ लिया कि तुम किसी लड़के को पसंद करते हो तो तुम हमें बता दो क्योंकि बाद में किसी भी प्रकार की कोई समस्या होगी तो उसके लिए हम लोग बिलकुल भी जिम्मेदार नहीं होंगे। राशि कहने लगी ऐसी कोई भी बात नहीं है, आपको जो भी लड़का पसंद है आप उसे देख लीजिए, मेरा कहीं भी कोई रिलेशन नहीं है। यह बात मेरे पापा को भी मालूम थी और मुझे भी मालूम था कि राशि एक बहुत ही अच्छी लड़की है। उसके लिए अब रिश्ते घर पर आ रहे थे क्योंकि राशि दिखने में बहुत ही सुंदर है और वह नेचर से बहुत ही शांत स्वभाव की है। राशि के लिए एक रिश्ता आया, जिसे मेरे पापा ने हां कर दिया क्योंकि मेरे पापा उन लोगों को अच्छे से जानते थे इसी वजह से उन्होंने रिश्ते के लिए हां कह दिया। जब उन्होंने लड़के की फोटो दिखाई तो मेरी बहन को भी लड़का बहुत पसंद आ गया और वह कहने लगी कि मुझे लड़का पंसद है। अब वह लोग हमारे घर पर आ गए और जब हम लोगों को पापा ने लड़के से इंट्रोड्यूस करवाया तो उसका नाम रंजन है। सब कुछ होने के बाद अब शादी का समय भी नजदीक आ गया था। अब शादी होने के बाद राशि अपने ससुराल चली गई और काफी समय तक वह हमारे घर भी नहीं आई लेकिन हमारी बीच-बीच में फोन पर बात हो जाया करती थी।

एक दिन मैंने सोचा मैं आज अपने जीजा जी से मिलकर आ ही जाता हूं। जब मैं उनके घर गया तो उस समय राशि घर पर ही थी और मैंने उसे पूछा कि तुम लोग कैसे हो। वह कहने लगी कि हम लोग तो अच्छे हैं। मैंने उसे कहा कि तुम तो घर भी नहीं आती हो, तब वह कहने लगी की समय ही नहीं मिल पाता है। और हम लोग बैठ कर बातें करने लगे तभी मेरे जीजा भी आ गए और वो कहने लगे कि तुम आज हमारे घर पर कैसे आ गए। मैंने उन्हें कहा कि आज मैं आपको सरप्राइस देना चाहता था इसलिए आपके घर पर आ गया। मेरे जीजा भी बहुत खुश हुए और वह कहने लगे कि आज तुम यहीं पर रुक जाना। मैंने कहा ठीक है आज मैं आपके घर पर ही रुक जाता हूं। उस दिन मैं उनके घर पर ही रुक गया। वो कहने लगे कि मैं अपने काम के सिलसिले में कहीं बाहर जा रहा हूं तो तुम अपनी बहन का ध्यान रखना।

मैंने उन्हें कहा कि मैं तो कल अपने घर चला जाऊंगा। वह कहने लगे कि दो तीन दिन के लिए तुम यहां रुक जाओ। अब मैं उनकी बात को टालना नही चाहता था और मैं उनके घर पर ही रुक गया। जब जीजा चले गए तो मैं घर पर बोर हो रहा था तब मैं उनकी छत पर चला गया। जब मैं छत पर गया तो उन्हीं की छत पर एक लड़की खड़ी थी और वह फोन पर बात कर रही थी। जब मैंने उसे देखा तो वह मुझे बहुत ही अच्छी लगी। मैंने सोचा कि मैं उससे बात कर लेता हूं। जब उसने फोन रखा तो मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया और वह मुझसे पूछने लगी क्या तुम राशि तुम्हारी बहन है। मैंने उसे कहा कि हां राशि मेरी बहन है। मैंने उस लड़की का नाम पूछा उसका नाम कृतिका है और हम दोनों बातें करने लगे। हम दोनों काफी देर तक बात कर रहे थे। थोड़ी देर बाद कृतिका कहने लगी कि मैं अभी नीचे जा रही हूं और शाम को मैं छत में टहलने आऊंगी। उस वक्त तुम छत पर आ जाना। मैंने कहा ठीक है मैं भी नीचे चला जाता हूं। मैं जब नीचे गया तो राशि मुझसे पूछने लगी कि तुम कहां चले गए थे। मैंने उसे कहा कि मैं छत पर ही टहल रहा था। अब राशि ने मेरे लिए खाना बनाया और मैं खाना खाने के बाद कुछ देर आराम करने लगा और मेरी आंख लग गई, उसके बाद जब मैं उठा तो मैं छत पर चला गया। जब मैं छत पर गया तो काफी देर तक कृतिका छत पर नहीं आई लेकिन मैं छत पर ही टहल रहा था और अब मुझे लग रहा था कि मुझे भी नीचे चले जाना चाहिए लेकिन जब मैं ऐसा सोच रहा था उसी वक्त कीर्तिका छत पर आ गई और वह मुझसे बातें करने लगी। अब हम दोनों काफी देर तक बात कर रहे थे और मैं कृतिका से पूछने लगा कि तुम क्या करती हो। तो वो कहने लगी कि मैं अभी कॉलेज में हूं। हम दोनों के बीच अब काफी बातें हो रही थी।

मैं उसकी छत की दीवार को फांदते  हुए उसकी छत पर चला गया और जब मैं उसकी छत पर गया तो मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। अब वह मेरी बाहों में थी और बहुत खुश हो रही थी जब मैंने उसे कसकर पकड़ा तो वह मुझसे अपना आप को छुड़ा रही थी लेकिन मैंने उसके होठों को किस कर लिया। मैने बहुत देर तक उसके होठों को अपने होठों में ही रखा। मैने उसके स्तनों को भी दबाना शुरू कर दिया जिससे कि उसके अंदर की सेक्स भावना जाग गई। मैंने उसकी सलवार को नीचे करते हुए उसकी योनि को बहुत देर तक चाटा उसकी योनि से पानी निकल रहा था और मैंने जैसे ही अपने लंड को उसकी योनि पर लगाया तो उसकी योनि बहुत ही ज्यादा गिली हो रखी थी। मैंने उससे बड़ी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिया मैंने उसे इतनी तेजी से धक्के मारे की मेरा पूरा लंड उसकी योनि के अंदर तक चला गया मैं उसे काफी देर तक ऐसे ही चोदता जा रहा था। जब मैंने अपने लंड को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था तब मुझे प्रतीत हुआ कि कृतिका की सील टूट चुकी है और उसकी योनि से खून निकल रहा है।

मैंने उसके चूतड़ों को कसकर पकड़ रखा था और बड़ी ही तीव्र गति से मैं उसे चोद रहा था। उसकी चूत इतनी ज्यादा टाइट थी कि मुझे बहुत मजा आ रहा था उसकी उम्र भी बहुत कम थी इसलिए मुझे उसे चोदने में बड़ा आनंद आ रहा था। उसकी योनि बहुत ज्यादा टाइट होने की वजह से मुझे उसकी योनि में अपने लंड को डालने में बड़ी दिक्कत हो रही थी। मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था। अब उसे भी बहुत मजा आने लगा और वह भी अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाने लगी। मैं उसे बड़ी तेजी से आगे की तरफ झटके देता तो वह चिल्लाने लगती। मैं उसे ऐसे ही बड़ी तेजी से चोदे जा रहा था। मैंने उसे बहुत तेज तेज झटके मारे और उन्हें झटकों के बीच में मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर ही जा गिरा। जब मेरा वीर्य उसकी योनि में गिरा तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जितने दिन तक मैं अपनी दीदी के घर पर था मैं हमेशा ही कृतिका को छत पर चोदा करता था।

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