बॉस को टैटू दिखाकर मोहित कर दिया

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मेरा नाम रीता है और मैं मुंबई की रहने वाली एक 25 वर्ष की लड़किय हूं। मैंने मुंबई से ही अपनी पढ़ाई की और मैं एक अच्छे कॉलेज में पढ़ती थी उसके बाद कॉलेज कम्प्लीट हो जाने के बाद मैंने एक कंपनी में ज्वाइन कर लिया। जब मैंने वहां पर जॉइनिंग की तो मेरा यह पहला ही अनुभव था और मुझे लग रहा था कि क्या मैं इंटरव्यू दे पाऊंगी या नहीं लेकिन जब मैंने इंटरव्यू दिया तो मुझे अपने आप में बहुत ही कॉन्फिडेंस आ गया और उसके बाद मैं सेलेक्ट हो गई। जब मैं सेलेक्ट हुई तो मैंने वहां पर जॉइनिंग कर ली। हमारी कंपनी बहुत ही बड़ी कंपनी है और हमारे यहां पर बहुत सारे स्टाफ हैं और हमारे ऑफिस में बहुत सारे डिपार्टमेंट है, इस वजह से हम लोग सब को नहीं पहचानते हैं।

जब मुझे अपने ऑफिस में कुछ समय होने लगा तो मेरी मुलाकात सब से होने लगी और मेरे ऑफिस में कुछ अच्छे दोस्त भी बन चुके थे क्योंकि उनमें से अधिकांश लोग मुंबई के ही रहने वाले थे इसलिए उनके साथ मेरी दोस्ती हो गई और जब उनके साथ मेरी दोस्ती हो गई तो अब हम लोग खुलकर बात करने लगे। शुरुआत में तो सब लोग अपने काम पर ही लगे रहते थे परंतु बाद में सब लोग आपस में अच्छे से बात करने लगे। शुरू में तो मुझे भी बहुत ज्यादा डर लगता था और मैं सोचती थी कि कहीं कोई सीनियर मुझे कुछ कह ना दे लेकिन जब हमारी बात सब से होने लगी तो हमारे सीनियर भी हमारे साथ ही बैठकर सिगरेट पीते थे। मुझे सिगरेट पीने की बहुत ही गंदी लत थी और मैं लगातार ही सिगरेट पीना पसंद करती थी। मुझे कई बार ऐसा लगता है कि मुझे अब सिगरेट छोड़ देनी चाहिए लेकिन उसके बावजूद भी मेरी आदत छूट ही नहीं रही थी। मेरे गले में दर्द होने लगा था और मैंने सोचा कि क्यों ना किसी डॉक्टर को दिखाया जाए। उसके बाद मैंने बहुत ही ट्रीटमेंट करवाया लेकिन फिर भी मेरी आदत नहीं छूटी और मैंने सोच लिया कि अब मुझे सिगरेट किसी भी हाल में छोड़ ही देनी चाहिये।

मैंने बहुत कोशिश की उसके बाद जाकर मेरी सिगरेट की आदत छूट पाई। जब मेरी सिगरेट की आदत छूट गई तो मुझे ऐसा लगा कि अब मैं बहुत ही हल्का महसूस कर रही हूं क्योंकि जब मैं घर में होती तो मुझे सिगरेट पीने के लिए टेरिस पर जाना पड़ता था यदि यह बात मेरे पापा मम्मी को पता चलती तो वह तो मुझे घर से ही निकाल देते क्योंकि उन्होंने ना तो आज तक कभी सिगरेट को छुआ था और ना ही वह इस प्रकार से किसी भी नशे के आदी थे और मेरी मां भी एक बहुत ही सीधी सादी महिला है। वह भी इन सब चीजों के बहुत खिलाफ रहती हैं। जब मेरी वह आदत छूट गई तो मुझे बहुत अच्छा लगा। यह मैंने खुद अपने आप से ही महसूस किया है। मैंने कई ट्रीटमेंट करवाया लेकिन उसके बाद भी मेरी सिगरेट की आदत छूट नहीं रही थी। मेरे साथ ऑफिस में जितने भी लोग थे वह सब सिगरेट पीते थे। हमारे ऑफिस में सब लोग बड़े ही खुशमिजाज किस्म के थे और जो हमारा ग्रुप था उसमें तो सब एक से बढ़कर एक थे। वह लोग हमेशा ही कुछ ना कुछ नया करते रहते थे और कहते थे कि आज हम लोगों ने पार्टी का फैसला किया है तो आज सब लोग हमारे साथ चलेंगे। मैं भी उनके साथ जाया करती थी और कभी कबार थोड़ी बहुत ड्रिंक कर लेती थी लेकिन मैं ज्यादा ड्रिंक करना बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी। मुझे सिगरेट की आदत थी जो कि मेरी छूट चुकी थी इस वजह से मैं अपने आप को बहुत अच्छा महसूस कर रही थी। हमारे ऑफिस के जो बॉस हैं उन से मेरी मुलाकात बहुत ही कम बार हुई थी क्योंकि हमारे ऑफिस में बहुत ही ज्यादा लोग थे लेकिन एक दिन ना जाने क्यों उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुला लिया और कहा कि तुम यह प्रोजेक्ट को संभालोगी, मैंने उन्हें कहा कि सर मुझसे सीनियर तो कई लोग हैं लेकिन आप मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों कह रहे हैं। वह कहने लगे कि तुम्हारा अब तक का रिजल्ट बहुत ही अच्छा है इस वजह से मैंने तुम्हें यह प्रोजेक्ट सौंपा है यदि यह प्रोजेक्ट अच्छे से हो जाता है तो अब आगे तुम ही काम किया करोगी।

मैंने उस प्रोजेक्ट के लिए बहुत ज्यादा मेहनत किया और उस पर अपना पूरा सौ प्रतिशत लगा दिया। मुझे भी पता था कि यदि मैंने यह प्रोजेक्ट कंप्लीट कर दिया तो उसके बाद मेरा प्रमोशन होना संभव है और मेरी सैलरी भी बढ़ जाएगी इसी वजह से मैंने  उस प्रोजेक्ट के लिए अपनी पूरी जान लगा दी। जब वह प्रोजेक्ट कंप्लीट हो गया तो वह बहुत ही अच्छे से पूरा हो चुका था और कहीं ना कहीं मैं भी बहुत ज्यादा खुश थी। उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने मेरा प्रमोशन कर दिया और मैं आप एक अच्छे पद पर पहुंच चुकी थी। मेरी अब बॉस से बात हो जाए करती थी क्योंकि इससे पहले तो मेरा उनसे मिलने का कोई भी मतलब नहीं था। मैंने नया-नया ही जॉइनिंग किया था और वह सिर्फ सीनियरओं से ही मिला करते थे। अब हमारी मीटिंग अक्सर हो जाया करती है। हमारे बॉस का नाम गौरव है और वह बहुत ही ज्यादा काम के प्रति सीरियस रहते हैं, वह दिखने में भी बहुत अच्छे हैं और मुझे उन्हें देखकर बहुत ही अच्छा लगता है। मैं अपने दिल में सोचती हूं कि काश यह भी मेरे बारे में कुछ ऐसा ही सोचते लेकिन वह सिर्फ काम की ही बातें किया करते थे और जब वो काम की बात करते थे तो मुझे लगता था कि वह बहुत ही सीरियस किस्म के व्यक्ति हैं, उनके चेहरे पर मैंने कभी भी इस्माइल नहीं देखी थी। वह बहुत ही कम हंसा करते थे और अपने काम के प्रति ही उनका ध्यान रहता था। उनकी शादी भी नहीं हुई थी और वह एक बैचलर ही थे। उन्हें टैटू बनाने का बहुत ही शौक था, उन्होंने अपने गर्दन पर भी एक टैटू बना रखा था।

मैं जब भी उस टैटू को देखती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। एक दिन मैंने उनसे पूछ ही लिया कि सर यह टैटू अपने कहां से बनाया है, तो कहने लगे कि क्यों तुम इस बारे में क्यों पूछ रही हो, मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वह मुझे डांट ना दे लेकिन उन्होंने मुझे मुस्कुराते हुए जवाब दिया की तुम्हें भी यह टैटू बनवाना है। मैंने उन्हें कहा कि हां सर मुझे भी यह टैटू बनवाना है इसी वजह से मैं आपसे पूछ रही थी। उन्होंने मुझे उस सॉप का नंबर दे दिया जहां से उन्होंने टैटू बनवाया था। अब मैंने भी वह टैटू उसी शॉप से बनवा लिया। जब उन्होंने मेरा टैटू देखा तो वो कहने लगे की यह तुम्हारे हाथों पर बहुत ही अच्छा लग रहा है। अब उनकी और मेरी बात होने लगी थी और वह भी मुझसे एक दोस्त की तरीके से बात किया करते थे। मुझे भी उनका यह व्यवहार बहुत ही अच्छा लग रहा था क्योंकि मैंने कभी भी उन्हें इस तरीके से बात करते हुए किसी के साथ नहीं देखा था लेकिन वह मुझसे इस प्रकार से बात कर रहे थे तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। गौरव सर अक्सर मुझे मैसेज भेज दिया करते थे और मैं भी उनके मैसेज का रिप्लाई कर देती थी लेकिन अब मैं भी उन्हें अपने मोबाइल से मैसेजेस भेजने लगी थी और एक दिन मैंने उन्हें फोन भी कर दिया, वह मुझसे फोन पर भी काफी बातें किया करते थे और मुझे कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था कि उनके दिल में भी मेरे लिए कुछ चल रहा होगा। हम दोनों की बातें बहुत होने लगी थी लेकिन मैं उनसे सीधे ही इस प्रकार से नहीं पूछ सकती थी। अब गौरव सर जब भी कहीं ऑफिस की मीटिंग से बाहर जाते है तो वह मुझे भी अपने साथ ले जाते थे और अब उनका मेरे प्रति लगाओ भी बहुत हो चुका था।

एक बार मैंने अपने पेट पर टैटू बना दिया जब मैं अपना शॉर्ट टॉप पहनकर ऑफिस में गई तो मेरा टैटू साफ दिखाई दे रहा था। जब मैं गौरव सर के पास गई तो वह कहने लगे कि तुमने यह टैटू कब बनाया। मैंने उन्हें कहा कि बस कुछ ही दिन हुए हैं जैसे ही उन्होंने मेरे पेट को छुआ तो मेरी उत्तेजना बढ़ गई। मैंने तुरंत अपने टॉप को ऊपर कर लिया जैसे ही उन्होंने मेरे स्तनों को देखा तो उन्होंने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया और मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे। काफी देर तक उन्होंने ऐसा किया उसके बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए मेरे मुंह में डाल दिया और मैंने उसे बहुत ही अच्छे से चूसना शुरू कर दिया। मैं उनके लंड को अपने गले तक लेती उसके बाद अपने मुंह से लंड को बाहर निकाल देती मैंने बहुत देर तक ऐसे ही उनके लंड को चूसना जारी रखा।

मेरे अंदर की उत्तेजना बढ़ चुकी थी और मैंने भी अपनी जींस को नीचे करते हुए उनके सामने अपने चूतड़ों को कर दिया और वह बड़े अच्छे से मेरे चूतड़ों को चाट रहे थे। उन्होंने जैसे ही मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरे मुंह से आवाज निकल रही थी मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी उन्होंने मेरे चूतड़ों को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेजी से मुझे धक्के मारने लगे। वह मुझे इतनी तेज झटके मार रहे थे कि मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मेरी चूत मे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वह बड़ी तीव्र गति से मेरे चूतड़ों पर प्रहार कर रहे हैं लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। जब उनका लंड मेरी योनि के अंदर जा रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। उसके बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर लेटा दिया और जब मेरी योनि में उनका लंड गया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। मैं अपने चूतड़ों के ऊपर नीचे कर रही थी और वह भी मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहे थे। वह मुझे अच्छे से चोदे जा रहे थे मेरा शरीर पूरा दुखने लगा और वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान कर रहे थे। वह मेरे स्तनों को बहुत ही अच्छे से चूस रहे थे और मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहे थे उन्हीं झटको के बीच में ना जाने कब उनका वीर्य पतन हो गया है और मेरी योनि के अंदर ही उनका माल चला गया।