advertisement
advertisement
पड़ोस में रहने वाली लड़की को उसके गांव जाकर चोदा
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम रवि है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी बैंक में मैनेजर हैं और हम लोग गाजियाबाद में ही रहते हैं। मैंने अपनी पढ़ाई भी गाजियाबाद से ही की है और मेरी उम्र 26 वर्ष है। मैंने एक अच्छे कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। उसके बाद से मैं घर पर ही हूं। क्योंकि मेरे पिताजी चाहते हैं कि मैं बैंक में ही नौकरी करूं। इसलिए वह मुझे बैंक की तैयारी ही करवा रहे हैं और मैं उसी तैयारी में लगा हुआ हूं। एक दिन मेरे पिताजी ने कहा कि हम लोग एक नया घर लेने की सोच रहे हैं। फिर अगले दिन हम लोग वहां पर घर देखने के लिए चले गए। वहां पर बहुत ही अच्छे से कॉलोनी बनाई हुई थी। तो मेरे पिताजी ने कहा कि हम लोग यहां पर घर ले लेते हैं। अब हम लोगों ने वहां पर ही घर ले लिया और कुछ समय बाद हम लोग वहीं पर शिफ्ट हो गए। क्योंकि वह नई कॉलोनी बनी थी और वहां पर सारी फैसिलिटीज थी। इसलिए हम लोगों ने वहीं पर रहना उचित समझा। हमारे पड़ोस में भी नए-नए लोग आ रहे थे और सभी लोग नये थे। इसलिए किसी का एक दूसरे से परिचय नहीं था लेकिन धीरे-धीरे सब का परिचय होने लगा। अब हमारे सामने वाले घर में एक फैमिली रहने के लिए आई। उनका परिचय भी हमारे साथ हो चुका था और वह लोग भी बहुत ही अच्छे थे। अब मैं ऐसे ही अपनी तैयारी में लगा हुआ था अपने घर से जाता था लेकिन मेरे जीवन में कुछ नया नहीं हो रहा था। इसलिए मुझे सब कुछ बहुत ही बोरिंग लग रहा था। अब मेरे दोस्त भी सब मेरे घर से दूर रहते थे। इसलिए मैं उनसे मिलने भी नहीं जा पाता था। मैं काफी परेशान हो रहा था।

एक दिन मेरे पड़ोस में एक सुंदर सी लड़की दिखाई दी। जब मैंने उसे देखा तो मेरी आंखें उसे देखकर फटी की फटी रह गई। क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा सुंदर थी और हम लोग जहां पर रह रहे थे। वह वही पर आई हुई थी। मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि हमारे आस पास कोई लड़की रहने के लिए आने वाली है। जितनी भी फैमिली हमारे बगल में थी वहां पर सब लोग शादीशुदा थे और सबके छोटे-छोटे बच्चे थे। जब मैंने उसे देखा तो मुझे वह बहुत ही पसंद आई। मैं सोचने लगा कि मैं इससे कैसे बात करूं। मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती थी। मेरा उससे कोई परिचय भी नहीं था। एक दिन मैंने अपनी मां से पूछा कि हमारे पड़ोस में एक लड़की रहने आई है। वह कहां पर रहती है। वह कहने लगे हमारे बिल्कुल सामने वाले घर में ही। जो नई फैमिली अभी शिफ्ट हुई है उन्हीं की बहन है। मैंने उन्हें कहा क्या हम लोगों की बात उन लोगों से नहीं होती। वह कहने लगी, अभी हम लोग यहां पर नये है। इसलिए इतनी बात किसी से भी नहीं होती और तुम्हारे पिताजी तो वैसे भी काम में बिजी रहते हैं। अब मेरे अंदर उत्सुकता बढ़ने लगी है उसका नाम जानने के लिए। कि मैं उसका नाम कहां से पता करता। एक दिन कुरियर वाला आया और वह घर ढूंढ रहा था। तो मैंने उसे पूछा कि किसके नाम का कुरियर है। वह कहने लगा कि यहां पर कोई आयशा नाम की लड़की रहती है। मैंने उसे बताया कि यहां पर सब लोग नए हैं और कोई आयशा नाम की लड़की नहीं रहती है। फिर मैंने उससे वह कोरियर और लिया और उस पर जो पता लिखा था वह हमारे सामने वाले घर का पता था। अब मैं समझ गया कि हमारे सामने वाले घर में जो लड़की है उसका नाम आयशा है। मैं बहुत ही खुश हो रहा था कि मुझे उसका नाम पता चल गया लेकिन मैं अभी उससे बात नहीं कर सकता था। मैंने उस कोरियर वाले को कहा कि तुम चले जाओ। मैं यह कोरियर पहुंचा दूंगा। अब उसने मुझसे साइन करवाया और वह वहां से चला गया। जब वह वहां से चला गया तो मैं वह कुरियर लेकर उनके घर चला गया।

मैंने उनके दरवाजे को खटखटाया तो वहां से आयशा आई और मैंने उसे कहा कि आपका नाम आयशा है। वह कहने लगी हां मेरा नाम ही ऐसा है। मैंने उसे कहा यह कोरियर आपका है। मैंने जब उसे वह कुरियर दिया तो उसने मुझे थैंक्यू कहा और पूछने लगी आप भी यहीं रहते हैं। मैंने उसे कहा कि हां मैं भी यही आपके बगल वाले घर में ही रहता हूं। अब हमारी बातें होने लगी और मैंने उससे पूछा कि आप क्या करती हैं। वह कहने लगी कि अभी मैं बैंक की तैयारी कर रही हूं। मैंने उसे कहा कि मैं भी बैंक की ही तैयारी कर रहा हूं। यह सुनकर वह खुशी हुई और कहने लगी कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है। अब हम लोगों की बातें होने लगी और वह जब भी मुझे मिलती तो मुस्कुरा देती और मैं उससे बातें करने लग गया था। बीच-बीच में मैं उससे कभी बैंक के बारे में कोई क्वेश्न पूछ लिया करता तो वह मुझे बता देती थी और कभी उसे कुछ समझ नहीं आता तो वह मुझसे पूछ लिया करती। ऐसे ही हम लोगों की बातें बढ़ती चली गई। एक दिन मुझे आयशा मिली और कहने लगी कि मैं गांव जा रही हूं। मैंने उससे पूछा कि तुम गांव क्यों जा रही हो। वो कहने लगी कि गांव में मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए मुझे जाना पड़ रहा है। मेरे भाई के पास समय नहीं है तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम ही गांव हो आओ। जब मैंने यह बात सुनी तो मुझे बहुत दुख हुआ और मुझे लगा कि शायद मैं कभी नहीं मिल पाऊंगा। मैंने उससे पूछा तुम्हारा गांव कहां पर है। तो उसने मुझे बताया कि हमारा गांव मध्य प्रदेश में है।

अब वह अपने गांव चली गई। जब वह अपने गांव गई तो मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं भी उसके गांव चला गया। अब मैं गांव पहुंच गया। फिर मुझे आयशा मिली उसने मुझसे पूछा कि तुम यहां क्या कर रहे हो। मैंने उसे बताया कि बस ऐसे ही घूमने आया था। अब हमारी बातें हो रही थी तो वह मुझसे पूछने लगी कि तुम कहां रुके हो। मैंने उसे बोला रुकने का तो देख लेंगे पर मैं ऐसे ही घूमते हुए आ गया था। वह मुझे कहने लगी कि तुम एक काम करो मेरे घर पर ही रुक जाना। मैं पहले उसे मना कर रहा था लेकिन उसने बहुत जिद की और मैं उसके घर पर ही रुक गया। उसने मुझे अपने पिताजी से मिलाया और अपनी मां से भी मिलाया। उसके पिताजी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी। मैंने उनसे पूछा आप की तबीयत कैसी है। वह कहने लगे कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है और दवाइयां चल रही है। आयशा की मां भी मुझसे बहुत बात कर रही थी और आयशा भी अपने माँ बाप के साथ बहुत खुश थी। हम लोग कुछ देर बाद उनकी छत पर चले गए और हम लोग वहीं बैठ कर काफी देर तक बातें करने लगे। बातों बातों में मैंने उससे अपने दिल की बात कह दी और वह कहने लगी कि क्या तुम मेरे लिए मेरे गांव आए हो। मैंने उसे कहा हां मैं सिर्फ तुम्हारे लिए ही तुम्हारे गांव आया हूं। मुझ से रहा नहीं जा रहा था इस वजह से मैं तुम्हारे गांव आ गया। वह यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई और मेरे गले मिल गई।

जब वह मेरे गले लगी तो मेरे अंदर की सेक्स भावना जाग गई और मैंने उसके होठों को किस कर लिया। मैने उसे वहीं जमीन में लेटाते हुए किस करना शुरू कर दिया मैं उसके स्तनों को भी अपने हाथ से दबाता जा रहा था और वह बहुत उत्तेजित होने लगी। अब मैंने उसे कहा कि मुझे तुम्हारी चूत मारनी है उसने खड़े होकर अपनी सलवार को नीचे कर दिया। मेरे सामने उसकी चूतडे थी जब मैंने उसके चूतड़ों को देखा तो मैं बहुत खुश हो गया और मैंने तुरंत ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया। जैसे ही मैंने उसकी चूत मे अपने लंड को डाला तो मेरा लंड अंदर ही नहीं जा रहा था। क्योंकि वह उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी लेकिन मैंने कोशिश करते हुए जैसे ही मैंने अंदर उसकी चूत मे डाला तो उसका खून निकलने लगा और मुझे बहुत मजा आने लगा। मैं ऐसे ही उसे धक्के दे रहा था और मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैंने उसे इतने अच्छे से चोदा की वह चिल्ला रही थी और अपने चूतडो को मेरी तरफ सरकाती जाती उसे दर्द भी बहुत हो रहा था जिस वजह से उसके गले से आवाज निकल रही थी। मुझे तो बहुत आनंद आ रहा था जब मैं उसे धक्के दे रहा था। उसकी चूतडे इतनी गोरी थी कि उस पर जैसे ही मेरा हाथ लगता तो वह लाल हो जाती। मैं उसे ऐसे ही चोदने पर लगा हुआ था। कुछ देर में उसका झड़ गया तो वह मेरे सामने ऐसे ही खड़ी थी और मैंने अब इतनी तेज गति से उसे चोदना शुरू किया कि मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गिर गया। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो मुझे उसे देख कर बहुत खुशी हुई और मैंने उसे गले लगा लिया। उसने अपने सलवार का नाड़ा बांधा और हम दोनों नीचे चले गए।

advertisement

advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement