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हम जम्मू के रहने वाले हैं। मेरी अभी नई-नई शादी हुई है। मेरे पति अपने ऑफिस के काम से लखनऊ जाते रहते हैं। इस कारण वह मुझे ज्यादा टाइम नहीं दे पाते थे। वह अधिकतर लखनऊ में ही रहा करते थे। लखनऊ में उनका ज्यादा काम होने के कारण हम लोग वही शिफ्ट हो गए। मैंने ही उनसे  लखनऊ में शिफ्ट होने की बात कही थी। ताकि हम दोनों साथ में समय बिता सके। मेरे पति का नाम प्रवीण है। मेरा नाम रोशनी है। हम लोग अब लखनऊ में ही रहने लगे थे। जिनके घर पर हम किराए पर रह रहे थे उनका नाम राजवीर था। वह वहां अकेले रहते थे। और धीरे-धीरे उनसे हमारे अच्छी बातचीत होने लगी थी। मेरे पति अधिकतर समय अपने काम में ही लगे रहते थे। वह मुझे टाइम ही नहीं दे पाते थे। मुझे भी अच्छा नहीं लगता था। मैं चाहती थी की हम दोनों कुछ टाइम साथ में बिताए और एक दूसरे को समझे। लेकिन उनके पास इन सब चीजों के लिए टाइम ही नहीं था। वह अपने काम में ही व्यस्त रहते थे। मुझे ऐसा लगता था। जैसे कि उन्हें मेरी बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी।

एक दिन हमारे मकान मालिक राजवीर हमारे घर पर आए। उनसे हमने खूब बात की और वह हमेशा ही हमारे घर पर आते रहते थे। जब मेरे पति घर पर नहीं होते थे। तो मैं कभी कभार राजवीर को खाने पर बुला लेती थी। हम दोनों साथ में खाना खाते थे। मेरे पति से ज्यादा समय तो मैं राजवीर के साथ ही बिताती थी। मैं सोचती की मैं और मेरे पति साथ में घूमने जाएं लेकिन ऐसा दिन कभी नहीं आया। और फिर जब भी मुझे कुछ सामान लेने जाना हो तो मैं राजवीर से कहती और वह मुझे लेकर जाते थे। हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी। जब भी हम मार्केट जाते तो दोनों साथ में बैठकर कॉफी पिया करते थे। कभी कभार तो हम दोनों मूवी देखने भी चले जाते थे। हम दोनों खूब घूमते-फिरते। लेकिन मैं जब राजवीर के साथ घूमती तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगता लेकिन मैं भी क्या करती जब मेरे पति मुझे टाइम ही नहीं दे पाते थे।

राजवीर और मैं अक्सर घूमने जाया करते थे। यह बात मेरे पति को पता नहीं थी। लेकिन जिस दिन उन्हें यह बात पता चलती। उस दिन पता नहीं वह क्या करते। वह सारा दिन ऑफिस में ही रहते। राजवीर ही मुझे मेरे हर काम के लिए लेकर जाते थे। राजवीर मुझे बहुत मदद करते थे। वह मुझे कभी किसी चीज के लिए ना नही कहते थे। लेकिन राजवीर शादीशुदा थे। उनकी शादी को 7 साल हो चुके थे। लेकिन वह यहां अकेले ही रहते थे। और उनकी पत्नी और बच्चे अपनी नानी के घर पर रहते थे। उन दोनों का डिवोर्स हो चुका था। इसलिए वह दोनों अलग-अलग रहते थे। मैंने उनसे उनके अलग होने का कारण भी पूछा लेकिन उन्होंने कुछ खास नहीं बताया।

मेरी और राजवीर की नजदीकियां बढ़ती जा रही थी। मैं अपने पति से दूर होती जा रही थी क्योंकि वह बिल्कुल भी मुझे समय नहीं दे पा रहे थे और ना ही मेरी कुछ बात पर बहुत ध्यान देते थे। उन्हें सिर्फ अपना काम ही नजर आता था। मैंने उन्हें कई बार घूमने के लिए भी रिक्वेस्ट की पर वह मानते नहीं थे और बोलने लग जाते थे। कि ठीक है समय निकालकर देखेंगे बाद में जब भी समय होगा तो चल पड़ेंगे लेकिन वह समय ना तो कभी आया और ना आने वाला था।

अब एक दिन मैंने राजवीर से भी पूछ लिया कि तुम्हारा डिवोर्स का कारण क्या है तो उसने भी मुझे बता ही दिया कि मेरी और मेरी पत्नी की बनती नहीं थी। वह काफी झगड़ती रहती थी। इस वजह से मैंने उसे छोड़ दिया। मुझे यह बात सुनकर बहुत अजीब लगा और मैंने राजवीर से कहा कि तुम तो इस तरीके के मुझे लगते नहीं हो कि तुम्हारा तुम्हारी बीवी से झगड़ा होता होगा। राजवीर कहने लगे कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है। कभी मैं भी उसे कुछ बोल देता था गुस्से में लेकिन  एडजस्ट तो करना पड़ता है। लेकिन वह बिल्कुल भी एडजस्ट करने को तैयार नहीं थी और मुझ पर ही हर बात को ब्लेम डाल देती। कि तुम ही मुझसे झगड़ा करते हो। मैंने भी उससे एक दिन मौका देखकर कह दिया कि अब तुम अकेले ही रह लो क्योंकि हमारे झगड़े का हमारे बच्चों पर असर पड़ेगा। अब राजवीर ने मुझसे भी पूछा कि तुम लोगों के बीच में भी अब एक कदम बात बढ़ने लगी है कहीं तुम्हारी नौबत डिवोर्स तक ना आ जाए।

राजवीर बहुत ही सुलझे हुए इंसान थे। वह मुझे बहुत पसंद है। अब राजवीर कहने लगे कि तुम्हारे बीच में कभी सेक्स को लेकर भी झगड़े होते हैं। तो मैंने उसे कहा कि हमारे बीच में तो सेक्स होता ही नहीं है। पता नहीं कितने दिनों पहले हुआ था। मैंने फिर राजवीर को पूछ लिया तुमने भी सेक्स नहीं किया होगा काफी समय से वह भी कहने लगा बहुत समय हो चुका है। राजवीर ने भी मुझे पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे। मैंने भी उसे मना नहीं किया और उसे हां कर दी क्योंकि मैंने भी काफी समय से सेक्स नहीं किया था। मेरी चूत की प्यास बुझी  नहीं थी। इस वजह से मैंने यह फैसला कर लिया। मै राजवीर के साथ सेक्स करूगे।

मैं राजवीर के घर में चली गई और वहां पर सिर्फ राजवीर और में ही थे। राजवीर ने मुझे कहा कि तुम बहुत ही सेक्सी लगती हो मुझे लेकिन मैं इसी डर में था। तुम्हारे पति कहीं हमें देख ना ले। तुम्हारा भी मेरी वजह से डिवोर्स ना हो जाए। मैंने उसे कहा है ऐसी बात नहीं है सेक्स तो सिर्फ एक नीड है लाइफ की राजवीर ने मेरे कपड़े उतारने शुरु किया। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसके सामने सिर्फ पैंटी और ब्रा में ही खड़ी थी। मैंने भी राजवीर की शर्ट को अपने हाथों से खोला। उसकी पैंट को भी खोल दिया मैंने जैसे ही उसकी पैंट को खोला तो मैंने देखा कि उसके अंडरवेअर से उसका लंड बाहर दिखाई दे रहा है और वह खड़ा हो रखा है। राजवीर ने मेरी ब्रा से मेरे स्तनों को दबाना शुरु किया और मेरी पैंटी से मेरी चूत को बड़ी जोर से दबा दिया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जैसे-जैसे राजवीर मेरे स्तनों को दबा रहा था। उसने मेरे ब्रा को खोल दिया और मेरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा। उसने मेरे स्तनों का रसपान भी बड़ी ही अच्छे से किया। अब उसने मुझे अपने बिस्तर में लेटा दिया। बिस्तर में लेटाने के बाद उसने मेरे पैंटी को उतारकर किनारे कर दिया और मेरी मैं चूत मे उंगली डाल दी। जैसे ही उसने मेरे चूत मे उंगली डाली तो मेरा शरीर पूरा मचल गया। मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। वह अपनी उंगलियों को अंदर बाहर मेरी चूत मे कर रहा था। जिससे मेरा पानी रिसने लगा था।

उसने अपनी जीभ को मेरी चूत मे लगा लिया और धीरे से चाटने लगा। उसने बहुत देर तक मेरी चूत को अच्छे से चाटा और अब उसने अपने लंड को मेरी चूत मे डाल दिया। जैसे ही उसका लंड मेरी चूत मे जा रहा था।  मुझे साफ प्रतीत हो रहा था और जैसे ही वह पूरा अंदर गया। मेरे मुंह से बड़ी ही तेज आवाज निकल पडी। मुझे ऐसा लगा मानो कितने दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। राजवीर का भी लंड अंदर गया तो वह भी बहुत खुश हो गया। कहने लगा तुम्हारी चूत तो बड़ी ही टाइट है। मैंने उसे कहा मेरे पति मुझे चोदते ही नहीं है तो टाइट तो होगी। यह सुनकर राजवीर ने बड़ी तेजी से मुझे शॉर्ट मारना शुरू किया। बड़ी तेज तेज धक्के मार रहे थे। जैसे ही वह धक्के मारते तो मेरे स्तन हिलते जाते और मुझे ऐसा लगता कि मेरे अंदर से करंट निकल रहा हो। राजवीर ने बड़ी ही तेजी से मेरे अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैं भी राजवीर का पूरा साथ दे रही थी। मैंने भी अपने पैरों से राजवीर को जकड़ लिया और वह भी काफी मजे में चोद रहा था। जैसे ही वह धक्के मारता। उसका लंड मेरी चूत से टकराता और फिर एकदम से पीछे की तरफ जाता। ऐसा हम दोनों ने 10 मिनट तक किया और हम दोनों का ही झड़ चुका था। मुझे बहुत अच्छा लगा। राजवीर ने मेरे साथ सेक्स किया हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर थोड़ी देर में मैंने अपने कपड़े पहने।

अपने घर पर चली गई। मैंने देखा वहां मेरे पति आ चुके हैं और वह अपने काम में लगे हुए हैं। उन्हें अब भी मुझ से कुछ फर्क नहीं पड़ता था। मैं कहां जा रही हूं कहां से आ रही हूं। तो मैंने उनके लिए खाना बनाया और रात भर यही सोचा कि अब मैं राजवीर के साथ ही सेक्स करूगी। मुझे मेरे पति से कुछ सुख नहीं मिलने वाला है।

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