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चोदकर मेडम की प्यास बुजाई
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HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम शुभम है, नोएडा यूपी का रहने वाला हूं. मैं एक एवरेज लुकिंग हाइट बॉडी वाला लड़का हूं. मैं 19 साल का हूं क्यूंकि मैंने एक साल ड्राप करा हुआ था तो मैं फिर भी स्कूल की टीचर से बात करता रहता था. एक बार की बात है मुझे फिजिक्स पढ़ते हुए एक चैप्टर समझ नहीं आ रहा था तो मैं स्कूल की टीचर अनुपमा मैडम को फोन किया, मैं बता दूं कि अनुपमा मैडम एक ३१ साल की एक ब्यूटीफुल डाइवोर्सड लेडी है, उनका फिगर ३४-२८-३४ है, तो उस दिन संडे था मेडम भी फ्री थी तो मेम ने मुझे अपने घर बुला लिया प्रॉब्लम्स लेने के लिए. मैं आधे घंटे में तैयार होकर मैं उनके घर पहुंचा. मेरी मैम के लिए कभी गलत इंटेंशन नहीं थी, लेकिन उस दिन कुछ अलग ही हुआ. जब मैं उनके घर पहुंचा तो मैडम बाहर ही खड़ी थी, मैडम ने मुझे अंदर बुलाया और बोला सोफे पर मेरा इंतजार करो बैठ कर, में बैठ गया वह दो मिनट में आई और मेरे सामने चेयर लेकर बैठ गई.

जब वह मुझे समझा रही थी तो उनके हाथ से पेन नीचे गिर गया और वह जब पेन लेने झुकी, तो उनका क्लीवेज पूरा एकदम दिख रहा था, यह शायद पहली बार था जब मैंने ऐसा कुछ देखा था. मैं चाहकर भी नजर नहीं हटा पाया. फिर मेरा ध्यान पेन की तरफ गया, मैंने देखा मैडम के हाथ में पेन है, मगर मैडम उपर नहीं उठा रही, वह आंखें तिरछी करके मेरी नजरें कहां पर है वह देख रही थी, इतने में मेरा लंड ७ इंच का हार्ड रोड बन गया, मैंने जींस पहनी हुई थी, मगर मैडम नजदीक बैठी थी तो शायद उसे दिख रहा था, मैडम मुझे फिर से समझाने लगी. फिर धीरे धीरे मैडम मेरे और नजदीक आने लगी और अपनी चेयर पास करने लगी, मुझे हल्का सा इशारा मिला और मैंने नजर घुमाई, उनकी एक बेटी है उसकी भी आवाज नहीं आ रही थी. और मैडम ने मेरे अंदर आने के बाद ही दरवाजा अच्छी तरह लॉक कर दिया था. मुझे कुछ अलग लगा, इतने में मैडम ने अपना हाथ मेरे घुटने पर रखा, मुझे समजाने के लिए, मैं अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था, मेरे लंड से हल्का हल्का पानी भी छूटने लगा अंदर ही अंदर.

मैडम ने जैसे इशारा करने के लिए अपनी चुनी उतार दी और थोड़ा सा झुक कर बैठ गई. जिससे मुझे काफी हद तक उनके बूब्स नजर आ रहे थे, और उन्होंने अपना कुर्ता भी थोड़ा ऊपर कर लिया, मेरे को उस टाइम पता लग गया आज कुछ होने ही वाला है, तो उनका हाथ मेरी नि पर था. मैंने अपने हाथ उस पर रख दिया धीरे धीरे खीसका के, मैडम भी अब मेरा इशारा समझ गई. मैडम पूछती कि मैं तुमसे कुछ कह सकती हूं? मैंने कहा हां मैडम क्यों नहीं मैडम जी.. मेडम ने कहा मैं बहुत अकेला फील करती हूं इस घर में, तुम बहुत अच्छे हो और स्मार्ट भी हो. आते रहा करो मिलकर अच्छा लगता है. मैंने कहा शोर मैडम डेली आऊंगा अब आप बताओ आप मुझे कुछ गिफ्ट दोगे? मैडम ने बोला जो मांगोगे वह दे दूंगी, मैंने कहा मुझे आप जैसी गर्लफ्रेंड चाहिए, अब तो बस इशारा समझ आ ही गया था मेरा, मैडम ने कहा पॉइंट पर आ बस. मैंने कहा ठीक है मैडम और क्लीवेज दिखने वाली सब बात मैडम को बता दी और मेरा लंड खड़ा होने वाली भी जिससे मैं कुछ ही देर में मैडम से इतना क्लोज हो गया था कि उनसे एकदम फ्री होकर बोल रहा था.

 बस इतना कहते ही मैडम बोली खड़ा हो जा.. मैं डर गया और खड़ा हो गया. इतने में मैडम ने मुझे कसकर हग कर लिया और मेरे को किस करने लगी पूरे फेस पर. मैं भी कुछ कम नहीं था, उस टाइम मैंने और कस कर पकड़ा मैडम को और दोनों फिर लिप किस करने लगे. क्या मजा आ रहा था? क्योंकि मेरा फर्स्ट टाइम था ना.. मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रखा और उनको दबाने लगा.. मैडम की मॉनिंग शुरू हो चुकी थी, मैंने मैडम को कहा बेडरूम में चलते हैं, क्योंकि ठंड का मौसम भी था. मैंने बोला आज मैं यहीं हूं आपके साथ, सारा दिन इंजॉय करेंगे आराम से.. आप बस बेडरूम में ब्लैंकेट वगेरा सब कुछ सजा दो, मैडम ने २ मिनट में सब सेटिंग कर दी, और हम ब्लैंकेट में घुस गए, दोनों फिर किस करने लगे. मैं उनके दूध दबाने लगा इतने में मैडम बोली पता नहीं मैं इतने सालों से कैसे शांत पड़ी हूं, मेरे हस्बेंड को चोदे हुए ३ साल हो चुके हैं, तब से मैं प्यासी हूं. आज बस मुझे खुश कर दे, प्लीज. मैंने कहा क्यों नहीं मैडम? आपका हुकुम सर आंखों पर, फिर धीरे धीरे मैं मैडम की कमीज उतार दी.

अब वह ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी उन्होंने फिर मेरी शर्ट और बनियान भी उतार दी. वह मेरे को पूरी चेस्ट पर किस करने लगी. क्या मजा आ रहा था यार.. बहुत चैंपियन थी उसमें.. उसके बाद मैं फिर से किस करने लगा उनके लिप्स पर. धीरे धीरे मैं पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोला और निकाल दिया. यार क्या खूब दिख रहे थे. और बूब्स एकदम टाइट और सोफ्ट स्पोंजी, क्या निपल्स बस कंट्रोल नहीं कर पाया और देखते ही मुंह में ले लिया, बहुत मजा आ रहा था. १० मिनट तक मैं उनके बूब्स चूसता रहा, फिर उसके बाद मैंने उनकी सलवार उतार दी, अब वह सिर्फ अपनी ब्लैक पैंटी में थी. इतने में मैडम ने मेरी जींस उतार दी और मैं भी सिर्फ अंडरवीयर में रह गया था. अब मेरा लंड एकदम रोड की तरह खड़ा हो चुका था, इतने में मैडम ने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे लंड को देखते ही बोली.. वाह मेरे पति का तो इससे कितना छोटा था, और फिर उन्होंने मुंह में ले लिया, क्या चूस रही थी यार मेरा फर्स्ट टाइम था और क्या मजा आ रहा था.. वह मेरे को इतने मस्ती से चूस  रही थी कि १० मिनट चाटते ही मैंने अपना माल उसके मुंह में निकाल दिया, और उसने सारा माल निकल लिया. फिर मैंने उसकी ब्लैक पैंटी उतार दी और उनकी क्लीन चूत  को देखा.. क्या चूत थी यार? आज तक ऐसी किसी पोर्न साइट पर नहीं देखी थी. एकदम क्लीन शेव. उसे क्या पता कब कोई लंड मिल जाये चुदाई के लिए इसीलिए उसने क्लीन की थी. मैं देखते ही उन पर टूट पड़ा उनकी चूत तो पहले से काफी गीली हो चुकी थी, मैं उसे चाटने लगा और वह मोन करने लगी.

मैं ऊपर की तरफ अपनी जीभ से चाट रहा था और होल में अपनी दो उंगली अंदर बाहर कर रहा था, उनकी मॉनिंग और तेज होने लगी, इतने में मेरा फिर से एक बार खड़ा हो चुका था. मैंने दोबारा मैम के मुंह में डाल दिया. और मैडम के गले तक पहुंच गया. अब में उनके गले को चोद रहा था फिर मैंने अपना गरम लंड उनकी चूत पर रगड़ा और अंदर डाल दिया, क्योंकि वह वर्जिन नहीं थी तो बड़ी आसानी से घुस गया और अंदर बाहर करने लगा.. क्या मजा आ रहा था यार.. पहले मैं उनके ऊपर था फिर थोड़ी देर में वह मेरे ऊपर आ गई. हम चुदाई करते रहे, मैडम की कैपेसिटी थी और कंट्रोल था, वह अभी तक एक बार भी नहीं जडी थी और हमें ४५ मिनट हो चुके थे. फिर मैंने मैडम को डॉगी स्टाइल में १० मिनट तक चोदा, इतने में मेरा निकलने लगा कि अचानक मुझसे पहले वह जड़ गई, फटाफट से अपना मुंह उनकी चूत पर लगाकर मैं उनका सारा जूस पी गया, मैंने अपना लंड मैडम के मुंह में दिया और वह अंदर बाहर करने लगी, १ मिनट में मैंने अपना सारा माल मैडम के मुंह में एक बार फिर डाल दिया. मैडम ने फिर से पूरा माल पी लिया और उसके बाद हम दोनों नंगे ही लेट गए १ घंटे हमने ब्लैंकेट में नंगे एक दूसरे को हग करके बैठ कर टीवी  देखा. मेरा धीरे धीरे फिर खड़ा हो गया और मैं मैडम को फिर से चोदने लगा. उस दिन क्या मजा आया था यार.. मैं बता नहीं सकता. मेरा फर्स्ट टाइम में ही एक दिन में मैंने १० से ज्यादा बार चुदाई की थी, उस दिन के बाद मैं हर महीने में एक या दो बार मैडम के घर चला जाता हूं और उनकी प्यास बुझा के आता हूं. मैडम को भी एक कंपेनियन मिल गया था.

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