सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड पर किस करते हुए और सभी
खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए सभी का मैं स्वागत करती
हूँ।
हूँ। ये मेरी पहली स्टोरी है। इसे पढकर आप लोगो को मजा जरुर आएगा, ये
गांरटी से कहूंगी।
मेरा नाम है शैली। मैं सुंदर और आकर्षक फिगर वाली लड़की हूँ। लड़को
को देखते ही मेरा चुदाने का मन करने लग जाता है। मेरे बदन में इतनी गर्मी
है की 3 3 लौड़े एक साथ खा लेती हूँ फिर भी मेरी चूत का पानी नही निकलता है।
मेरे अभी तक 7 से भी जादा बॉयफ्रेंड्स रह चुके है। सभी का मोटा लंड मैंने
अपनी रसीली चूत में खाया है। मेरी लम्बाई 5’ 2” की है। मेरा फिगर 34 30 36
का है। मेरे दूध काफी बड़े बड़े और रसीले है। मेरी गोल मटोल चूचियां सलवार
कमीज में भी दिखती है और जींस टी शर्ट में भी। मेरी गांड जींस में बहुत
सेक्सी दिखती है। सभी लड़के मेरी गांड में लंड डालकर चोदना चाहते है।
दोस्तों अलग अलग तरह के लड़के अलग अलग तरह का मजा देते है। ऐसा ही कुछ हुआ
मेरे साथ अभी कुछ दिन पहले।
मेरे ताऊ जी का लड़का दुर्गेश बहुत ही हैंडसम मर्द है। जब वो मेरे
घर छुट्टियाँ में आया तो मेरा उसके साथ सेक्स करने का मन करने लगा था।
दुर्गेश ने जिम जाकर अच्छी बोडी बना ली थी। बिलकुल शाहिद कपूर की तरह दिखता
था। जब मैंने उसे देखा तो मेरे दिल की घंटियाँ टनटनाने लगी। वो बहुत ही
क्यूट और सीधा लड़का था। अभी BSC कर रहा था। उसे देखते ही मैं उसे पटाने
लगी। दुर्गेश छत पर हवा खाने गया हुआ था। वहां पर कोई नही था। मैं एक हल्का
सा सलवार कमीज पहनकर उसके पास चली गयी। वो मुझे ही देखने लगा। फ्रेंड्स
मैंने कोई चुन्नी नही पहनी थी। मेरे बड़े बड़े 34” के दूध उसे साफ साफ दिख
रहे थे। मुझे देखकर वो थोड़ा अजीब महसूस करने लगा।
“ऐसे क्या देख रहे हो??” मैंने मुस्कुराकर कहा
“तुम्हारी बोडी तो बहुत खिल गयी है। अब तो तुम जवान दिखती हो शैली” वो कहने लगा
“हाँ अब जवान हो गयी हूँ। बस कोई बॉयफ्रेंड बन जाए” मैंने हाथ मसलते हुए कहा
मेरे ताऊ जी का लड़का मेरी ओर ही देखने लगा। पर कुछ कह नही पा रहा था। सिर्फ मेरे मस्त मस्त दूध की तरफ देखे जा रहा था।
“क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है??” मैंने उससे पूछा
“हा एक थी पर अब दूसरे लड़के से पट गयी। अब मैं बिलकुल अकेला हूँ” दुर्गेश बोला
“तुम्हारा कोई चूत चोदने का मन नही करता???” मैंने उससे कहा तो वो हंसने लगा
इस तरह से मैंने अपने ताऊ के लड़के को पटाना शुरू कर दिया था। जब भी
मुझे मौका मिल जाता मैं उसके पास चली जाती और बाते करने लग जाती थी। मैं
इस बात का वेट कर रही थी की वो पहले मुझे प्रपोज करे। पर दोस्तों दुर्गेश
काफी शर्मीले किस्म का लड़का था। इसलिए मुझे भी आगे बढ़ना पड़ा। एक दोपहर वो
अपने रूम में सो रहा था। मेरे घर के सभी लोग अपने अपने कमरे में दोपहर की
नींद ले रही थी। ये मौका दुर्गेश से चुदने के लिए सबसे अच्छा था। मैं उसके
रूम में चली गयी और गेट अंदर से बंद कर दिया था।
वो बिस्तर पर सीधा लेटा था और उसका लंड खड़ा था। उसके लोअर में उसका
लंड किसी तम्बू की तरह दिख रहा था। मैंने धीरे से उसके लोअर को नीचे किया
और अंडरवियर को नीचे खिसका दिया। माँ कसम उसका लौड़ा तो 10” का काफी तगड़ा और
ताकतवर दिख रहा था। मैं हाथ में ले ली और फेटने लगी। फिर चुसना चालू कर
दी। 10 मिनट तक मेरे ताऊ के लड़के को इसके बारे में कुछ पता नही चला। फिर
उसकी आँख खुली। मैं जल्दी जल्दी मुंह में लेकर उसके लौड़े से खेल रही थी। वो
मुझे देखने लगा।
“शैली!! कही कोई आ ना जाये” दुर्गेश डरकर कहने लगा
“कोई नही आएगा। सब लोग दोपहर की नींद ले रहे है” मैंने कहा
“तुम बड़ा मस्त लंड चूसती हो” वो बोला
“अपने पुराने बॉयफ्रेंड्स का मैं इसी तरह से चूसती थी। उसके बाद ही चुदाती थी” मैं बोली
उसके बाद हम दोनों का किस चालू हो गया। मैं उसके उपर लेट गयी और हम
दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बनकर किस करने लगे। वो भी अब पूरे जोश में आ
गया था। वो मेरे ओंठ को लेकर पीने लगा। मैं नाक से गर्म गर्म सांसे छोड़ रही
थी। फिर मेरे ताऊ के लड़के ने मेरा सलवार सूट उतार दिया। मेरी ब्रा और
पेंटी खोलकर मुझे अच्छे से नंगा कर दिया।
“शैली!! तुम्हारी जवानी के क्या कहने है” दुर्गेश बोला
“तो आज न जान!! इसे तुम पी लो” मैं बोली
उस वक्त दुर्गेश ने अपनी बनियान और अंडरवियर उतार दिया और पूरी तरह
से न्यूड हो गया। मेरे उपर लेटकर किस करने लगा। मुझे हर जगह किस कर रहा
था। मेरे गोरे गोरे गालो पर काट काटकर मजा ले रहा था। मेरे ओंठो को उसने 15
मिनट तक चबा चबा कर काटा और रस ही निचोड़ लिया। मेरी 34” की बड़ी बड़ी बूब्स
पर वो हाथ लगाकर सहला रहा था। मैं सिसक कर “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ
उ……अअअअअ आआआआ….” कर रही थी। मेरे ताऊ के लड़के पर वासना का भूत चढ़ गया और
मेरी दोनों रसीली छाती को वो जोर जोर से मसलने, दबाने लगा। मैं तड़पने लगी
क्यूंकि आज बड़े दिनों बाद कोई मेरे मम्मे से खेल रहा था।
“दुर्गेश!! मेरे स्वीटू!! क्या सिर्फ दबाओगे या मुंह में भी लोगे??” मैंने कहा
उसके बाद उसने मेरी बेताब 34” की चूची को मुंह में ले लिया और
चूसने लगा। मैं तड़पी जा रही थी। क्यूंकि मुझे बड़ा मजा मिल रहा था। ताऊ का
लड़का उसी तरह से मेरे आम पी रहा था जैसे मेरा पिछले बॉयफ्रेंड पी रहे थे।
मैं भी अच्छे से चुसवा रही थी।
“ओहह्ह्ह….मेरे आमो को दबा दबाकर रस निकाल लो। मेरे दोनों कबूतर तुम्हारे ही है दुर्गेश!!…..अह्हह्हह…अई..अई.” मैं कहने लगी
दुर्गेश से ऐसा ही किया। उसने मेरे दोनों बूब्स को मुंह में लेकर
इतना चूसा की मेरी चूत अपना रस छोड़ने लगी। चुदने और लंड खाने को मैं तरस
रही थी। उसने बड़े जोश से मुझे दोनों बाहों में भर लिया और इमरान हाशमी की
तरह मेरा यूस करने लगा। मुझे उसने सब जगह चुम्मा लिया। दोस्तों मैं बहुत
साफ़ रंग की गोरी लड़की थी। जब नंगी होकर दुर्गेश के सामने पड़ी हुई थी तो और
भी हॉट माल लग रही थी। मेरा गोरा संगमर्मर जैसा बदन उसे अच्छे से दिख रहा
था। वो भी पागल होकर मुझे पूरे बोडी पर टच कर रहा था। मेरे कंधे पर किस
करके दांत चुभा रहा था। मेरे पेट और पीठ पर हाथ लगाकर मजा ले रहा था। मेरे
पेट पर उसने कई बार चुम्मा ले लिया।
“दुर्गेश!! क्या तुम मेरी चूत नही पियोगे??” मैंने कहा
“पियूँगा मेरी जान!! तेरी चूत का दर्शन करूंगा और चाट जाऊँगा” वो बोला
फिर उसने मेरे पैर बड़े फुर्ती से खोल दिए और चूत का दीदार करने
लगा। दोस्तों मैं अपनी चूत को साफ़ कर उसके पास आई थी। क्यूंकि मैं जानती थी
की लड़को को लड़कियों की चिकनी चूत चाटना बहुत पसंद होता है। 5 6 मिनट तक
दुर्गेश मेरी चूत को देख देखकर आनन्द लेता रहा। क्यूंकि मेरी चुद्दी बड़ी
सुंदर थी। बिलकुल मोर के पंख की तरह दिखती थी। फिर वो पागल हो गया और जीभ
लगाकर जल्दी जल्दी चाटने लगा। मैं सिसक कर “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई…
उ उ उ उ उ…” करने लगी। मेरे ताऊ का लड़का अब अच्छे से मेरी बुर चाटने लगा
था। मेरे चूत से निकलते रस को वो बड़े मजे लेकर पी रहा था। जैसे उसे कोई
मीठी मिठाई मिल रही हो। वो तो बस पागल होकर चाट रहा था। इधर मेरा हाल बिगड़
रहा था।
“…..सी सी सी सी…तुम्हारी जीभ तो पागल कर रही है….और चाटो मेरी बुर को ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ” मैं कहने लगी
मेरे ताऊ के लड़के ने मेरी चूत के दाने से छेड़छाड़ शुरू कर दी और उसे
भी काटने लगा। मुझे लगा की मैं मर जाउंगी। मेरे पूरे बदन में गर्मी छिटकने
लगी। मैं पसीना पसीना होने लगी। दुर्गेश मेरी नर्म चूत को अपनी गर्म जुबान
से खोदने लगा। उसने तो तहलका ही मचा दिया था। मैं अपनी कमर उठाने लगी।
मेरी चूत में जैसे ज्वालामुखी फट रहा था।
“बहनचोद!! मजा आ रहा है की नही!!” दुर्गेश पूछने लगा
मैं कुछ नही बोल सकी। क्यूंकि मैं सी सी आई आई कर रही थी। फिर उसने
अपनी लम्बी वाली ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी और जल्दी जल्दी अंदर बाहर
करने लगा। मैं अब झड़ने वाली हो गयी थी।
“तेरी माँ की चूत!! पैर खोल अच्छे से!!” दुर्गेश बोला
मैंने और खोल दिया। उसने बाद बड़ी जल्दी जल्दी उसने चूत में ऊँगली
दौड़ाकर मुझे करेंट का झटका दिया। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा
हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मैं कामुक होकर अपना पेट
और सीना भी उपर उठाने लगी। मेरी चूत में आग की ज्वाला जल रही थी। मेरा बदन
अब बहुत गर्म हो गया था। मैं खुद ही चुदासी होकर अपनी चूत को जल्दी जल्दी
हाथ लगाकर सहलाने लगी।
“दुर्गेश!! “ohh!! fuck me hard!! मुझे जल्दी से चोद डालो!! ” मैं कहने लगी
फिर उसने मेरे पैर खोल दिए और अपने 10” के मोटे क्रीम रोल जैसे
लौड़े को हाथ में लेकर जल्दी जल्दी फेटने लगा। फिर मेरी चूत में डालने लगा।
पर दोस्तों अंदर गया ही नही। क्यूंकि मेरी चूत बहुत दिनों से चुदी नही थी।
“शैली!! लंड अंदर नही जा रहा है” दुर्गेश बोला “तो तेल की मालिश कर लो” मैंने कहा
उसी समय दुर्गेश ने अलमारी से तेल की शीशी निकाली और खूब सारा तेल
हाथ में लेकर लंड की मालिश करने लगा। 10 मिनट उसने मालिश की। अब उसका लंड
और भी डरावना दिख रहा था। अब उसका लंड 10” लम्बा और 3” मोटा खीरे जैसा दिख
रहा था। अब उसका लंड बहुत ही चिकना दिख रहा था। फिर दुर्गेश मेरी चूत में
लंड डालने लगा तो बड़ी आराम से अंदर घुस गया। जल्दी जल्दी झटके मारकर मुझे
वो पेलने लगा। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ
हो हो….” करने लगी। वो जोर जोर के झटके देने लगा। मेरी चूत और गांड उसके
फटके पर झुमने लगी। मेरा बदन उसके धक्को पर डांस करने लगा। मेरे ताऊ के
लड़के की आँखों में सिर्फ हवस भरी हुई थी। वो आज पूरा किसी नॉनवेज खाने की
तरह खा जाना चाहता था। वो मुझे जल्दी जल्दी चोदकर मजा दे रहा था। मैं अपनी
गांड उछाल उछालकर चुदवा रही थी।
“ohh!! yes yes मजा आ रहा है!!…ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी…अंदर तक लंड घुसाकर चोदो” मैं कामवासना में बोली
उसने लंड मेरी चूत से निकाल लिया और ऊँगली डालकर फेटने लगा। कुछ देर ऊँगली से मुझे चोदा।
“ले अपनी चूत के रस को पी रंडी!!” दुर्गेश बोला और मेरे मुंह में ऊँगली घुसा दी xxx story मैं
जल्दी जल्दी चूसने लगी। मेरी चूत का रस नमकीन स्वाद वाला था। फिर से
दुर्गेश ने अपना 10” लंड घुसाकर जल्दी जल्दी मुझे चोदा और बहुत मजा दिया।
कुछ देर बाद वो झड़ गया। मेरी चूत उसके सफ़ेद गाढे माल से सराबोर हो गयी। उपर
तक भर गयी। मैंने अपनी पेंटी को लेकर अपनी चूत पोछी। मेरे ताऊ का लड़का बेड
पर खड़ा हो गया।
“बहनचोद!! मेरा लंड क्या तेरी माँ चूसेगी??” वो बोला chudai ki kahani मैं
समझ गयी। मैं बैठकर उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। Bhai Bahan Sex
Story हाथ से मूठ देने लगी। दुर्गेश मजे काटने लगा। वो खड़े होकर चुसवा रहा
था। उसे भी अब काफी अच्छा लग रहा था। दोस्तों जब वो मुझे इतना मजा दे सकता
है तो मैं उसकी सेवा सत्कार क्यों नही करती। मैंने भी उसकी खुशामत में कोई
कमी नही की। उसके 10” मोटे लंड को गले में अंदर तक लेकर चूसी अच्छे से और
उसे खूब मजा दे दी। अब उसकी गोलियों को लेकर मुंह में टॉफी के जैसे चूसने
लगी।
“ओह्ह शैली!! तेरी जैसी माल नही देखी मैंने!! तू बहुत अच्छी लंड चुसाई करती है…” दुर्गेश बोला
कुछ देर मैंने उसका लंड और चूसा और उसे खुश कर दिया।
“अब तुम कुतिया बन जाओ” वो कहने लगा
मैं उसकी बात को मानकर बन गयी। वो मेरी गांड जल्दी जल्दी चाटने
लगा। किसी डौगी की तरह चाट रहा था। मैं तड़प कर “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी
सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। फिर दुर्गेश ने मुझे बड़ा दर्द दे दिया।
चुदासा होकर उसने अपना अंगूठा मेरी गांड के कसे छेद में जबरन डाल दिया। मैं
दर्द से तडप गयी थी। क्यूंकि उसका अंगूठा बहुत मोटा था और लग रहा था की
मेरी गांड को फाड़ ही डालेगा। मैं परेशान होने लगी।
“दुर्गेश!! लग रही है!! प्लीस अंगूठा बाहर निकाल लो!! मैं तुम्हारे हाथ जोडती हूँ” मैं आसू बहाकर कहने लगी
उस बहनचोद को मुझे दर्द में रोते हुए देखकर बड़ा आनन्द मिल रहा था।
जल्दी जल्दी उसने अंगूठे से मेरी गांड चोद डाली। फिर जीभ लगाकर चाटने लगा।
मेरे दोनों चुतड पर चटाक चटाक उसने मारना चालू कर दिया। मेरे चूतड़ किसी
तरबूज की तरह लाल लाल हो गये थे।
“भाई!! अगर मेरी गांड चोदना है तो प्लीस लंड पर तेल की मालिश कर लेना!” मैं बोली
फिर वो मेरी बात मान गया। उसने फिर से अपने 10” लम्बे लंड पर तेल
की मालिश कर ली। कुछ देर मुठ दे देकर खड़ा करने लगा। फिर मेरी गांड में
घुसाने लगा। उसने अपना सुपाडा मेरे छेद में डालना चालू किया। जब उसने अंदर
को ठेलना शुरू किया तो लंड भीतर जाने लगा। मैं दर्द से “….उंह उंह उंह
हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”करने लगी। फिर मेरे ताऊ का
लड़का लंड अंदर डालकर ही चैन लिया। Bhai Bahan मैं सिर को नीचे बिस्तर पर
रखकर शरीफ कुतिया बनी हुई थी। अब दुर्गेश ने मेरी गांड मारना शुरू किया।
धीरे धीरे मारने लगा। मैं कामुक होकर अपने ओंठ चबाने लगी।
“fuck!! my ass!!” मैं कहने लगी
दुर्गेश जल्दी जल्दी मेरी गांड मारने लगा था। मेरे बदन में बिजली
के झटके लग रहे थे। सारे बदन में चीटी जैसी काट रही थी। उसका लौड़ा बहुत
मोटा था। मेरी तो जान ही निकाल रहा था। कुछ देर बाद उसने मेरी गांड के छेद
में थूक दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगा। अब छेद काफी फिसलनभरा हो गया। मेरे
ताऊ के लड़के ने 15 मिनट मेरी गांड चोदी और मुंह पर अपना माल झार दिया।
उसके बाद कई बार हम दोनों से सेक्स किया। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को
जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के ।
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