advertisement
advertisement
होली में चाची की चुदाई
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

हेलो दोस्तों, आज जो चाची की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हू वो मेरी चाची की चुदाई की हैं Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai आज मैं बाटूंगा कैसे चाची को चोदा होली में , कैसे चाची को नंगा करके चोदा,चाची की बूब्स चूसा,कैसे चाची की चूत चाटी, कैसे चाची को घोड़ी बना के चोदा, कैसे 8 इंच का लण्ड से चाची की चूत मारी, चाची की गांड मारी , कैसे चाची की चूचियों को चूसा और खड़े खड़े चाची को चोदा । कैसे मेरी चाची की चूत को ठोका । मेरे चाचा और चाची पटना में रहते हैं। चाचा एक दुकानदार हैं। काफी दिनों से उनलोगों से मुलाकात नहीं हुई थी। चाची ने मुझे एक दिन फोन किया और होली के समय पटना आने को कहा। चाची की बात मैं टाल नहीं सकता था।
चाची की चुदाई
होली में चाची की चुदाई
मैं बेसब्री से होली का इंतज़ार करने लगा। मुझे हर रात चाची का हुस्न याद आने लगा। चाची इस वक़्त 32 साल की होगी। चाची का हुस्न मैं जब भी देखता था मदमस्त हो जाता था। चाची भी मुझसे काफी घुल-मिल गयी थी। पिछली बार जब मैं पटना गया था तो चाची मेरे साथ कई बार सिनेमा देखने पटना के मोना थियेटर गयी थी। हम दोनों एक दोस्त की तरह रहते थे। मेरे चाचा की उम्र लगभग 40 साल की है। उन दोनों की उम्र में काफी फासला होने के कारण उन दोनों में हंसी मजाक नहीं होता था। मेरी उम्र लगभग 29 साल की है। इसलिए चाची और मेरी खूब जमती थी।खैर ! होली के 2 दिन पहले ही मैं पटना पहुँच गया। वहां चाचा और चाची मुझे देख कर अत्यंत ही खुश हुए। होली के एक दिन पहले चाची ने मुझे अपने साथ लिया और दिन भर मार्केटिंग करती रही। हम दोनों इतने घुले मिले थे कि कई दुकानदार मुझे और चाची को पति-पत्नी समझ रहे थे।होली के दिन चाचा को उनके मित्रों ने ढेर सारा भांग खिला दिया जिस से वो गहरी नींद में सो गए। जब चाची खाना बना कर आयी तो मैंने उन्हें भी 3 गिलास भांग का रस पिला दिया। इस से वो मदहोश सी होने लगी। वो मुझे अपने सीने से लगा कर हंस रही थी। आप ये कहानी आप रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने भी मौके का फायदा उठाया और होली में रंग लगाने के बहाने हाथ में अबीर ले कर उसके ब्लाउज के अन्दर हाथ डाला और चूची पर अबीर मलने लगा। वो और भी मदहोश हो गयी। वो अपने हाथ से अपना ब्लाउज तरह कर – बोली हाय , रंग लगाना ही है तो आराम से रंग लगाओं ना।

मैंने जी भर के चाची की चूची को मसल मसल कर रंग लगाया। फिर मैंने हाथ में और भी अबीर लिया और उसके साड़ी के अन्दर हाथ घुसा कर चाची की चूत में रंग लगाने लगा। चाची पर भांग का रस सवार था। वो अपनी साड़ी को खोल कर बोली – अब प्रेम से जहाँ मन हो आराम से रंग लगा। अब चाची मेरे सामने नंगी कड़ी थी। मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और सुर चाची की रंगीन चूत को चाटने लगा। चाची की हवा टाईट हो गयी। वो अपने स्तन को दबा रही थी। मैंने भी देर नहीं किया और अपने पुरे कपडे खोल कर अपने लंड को चाची के चूत में घुसा दिया। भांग के नशे के कारण चाची को मेरे लंड से कोई दर्द नहीं हुआ। वो आँखे बंद करके मस्ती के साथ कराह रही थी। मैंने भी देर नहीं किया और उसकी चुदाई चालू कर दी। चाची अब जोर जोर से कराह रही थी लेकिन उसकी कराह वहां सुनने वाला कौन था? चाचा तो भांग पी कर बेहोश पड़े हुए थे। खैर 10 मिनट तक मैं चाची को चोदता रहा। फिर मेरे लंड से माल निकल गया जिसे मैंने चाची के चूत में ही गिर जाने दिया।मैंने चाची को कस कर लपेटा और अपने और चाची के ऊपर एक चादर डाल कर सो गया। थोड़ी देर में चाची भांग के नशे से बाहर आई। आप ये कहानी आप रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। उसने मुझे और खुद को नंगे एक ही बिस्तर पर एक दुसरे को लपेटे हुए पायी। पहले तो वो हडबडा गयी। लेकिन फिर तुरंत ही संभल गयी और मुझे अपने सीने से लपेटते हुए मेरे चेहरे पर चुम्बन देते हुए मुझसे पूछा – क्यों? मेरे साथ होली खेलने में कैसा आनंद आया?

मैंने कहा – चाची , आपने तो सारी हदें पार कर दीं आज। आपने भांग के नशे में जबरदस्ती मुझे नंगा कर के खुद भी अपने सारे कपडे उतार कर मुझे अपनी चूत चाटने को बोलने लगी। मैं भी भांग के नशे के कारण सुध बुध खो बैठा और आपकी चूत चाटते चाटते इतना मदहोश हो गया की अपने आप पर कंट्रोल नहीं रख पाया और आपकी चूत की भी चुदाई कर डाली।चाची ने मुस्कुराते हुए कहा – तो क्या हो गया? तूने मेरी चूत की चुदाई कर डाली तो इस से मेरी चूत की साइज़ छोटी थोड़े ही न हो गयी? तू ये तो बता कि मेरी चूत चोदने में मज़ा आया कि नहीं?मैंने कहा – हाँ चाची, मज़ा तो बहुत आया।चाची – मज़ा आया तो , फिर से एक बार कर न . उस बार तो तूने अकेले मज़ा उठाया इस बार मैं भी मज़ा उठाऊंगी।मैंने और भी देर करना उचित नहीं समझा और 2 सेकेण्ड के अन्दर ही मैंने अपने तने हुए लंड को चाची के चूत में प्रवेश करवा दिया।उसके बाद 1 घंटे में 4 बार चाची ने मुझसे चुदावाया। शाम होने चली थी। अब मेहमान लोग भी आने वाले थे। इसलिए चाची ने मुझे मेरे कमरे में छोड़ बाहर निकल गयी और चाचा को जगा कर घर के कामों में ऐसे व्यस्त हो गयी मानों कुछ हुआ ही नहीं था।उस रात को चाचा अपने मित्र के यहाँ शराब की पार्टी में चले गये। सारी रात मैंने और चाची ने जम कर होली मनाई और एक दुसरे को चूम चाट कर लाल कर दिया। आप ये कहानी आप रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। होली के अगले दिन ही मैं वापस दिल्ली चला आया। अब मैं अगली होली का इंतज़ार कर रहा हूँ।कैसी लगी चाची की चुदाई स्टोरी , रिप्लाइ जररूर करना , अगर कोई मेरी

advertisement

advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement
>
advertisement
advertisement
advertisement