हेलो दोस्तो एक और कहानी आपके लिए वैसे तो आप जानते हैं कि कोई
कितना भी दावा करे कि उसकी कहानी सच्ची है पर आप भी जानते हैं कि जो सुनाया
जाय वो सब सच नही होता मैं नोयडा का रहने वाला हूँ, मेरी उमर २६ साल है,
मेरा लिंग आम लिंग की तरह है। मुझे शुरु से ही सेक्स के बारे में काफ़ी
रुचि रही है, मुझे लड़कियों की मोटी-2 चूचियों को चूसने का काफ़ी मन करता
था। लेकिन मैं बहुत सन्कोची स्वभाव का था इसलिये किसी से इस बारे में बात
नहीं करता था। मेरी एक चचेरी बहन थी जिसका नाम मैं यहाँ बदल कर आश्मा लिख
रहा हूँ। आश्मा और मेरी काफ़ी पटती थी। हम एक दूसरे से सभी बातें कर लिया
करते थे, अक्सर हम दोनों ही खेला करते थे। हमारा घर पुराने तरीके का बना
हुआ है, पुराने घरों में अक्सर तहखाने बने होते हैं। हमारे घर में भी एक
तहखाना था। इस तहखाने में हमेशा अन्धेरा रहता था। अन्धेरा रहने की वजह से
इस तरफ़ कोई नहीं जाता था लेकिन मैं और आश्मा हमेशा यहीं खेला करते थे और
जब मौका मिलता, एक दूसरे को चूम लिया करते थे। बात कई साल पुरानी है, जब
आश्मा के बड़े भाई की शादी थी। शादी से एक दिन पहले घर की छत पर टेंट लगा
हुआ था, सभी लोग खाना खा कर सो चुके थे। मैं दो कुर्सियाँ जोड़ कर सोया हुआ
था। रात को एक बजे के करीब आश्मा मेरे पास आई। आश्मा ने मुझे जगाया और
मुझे टेन्ट के पीछे आने के लिये कहा। मुझे समझ नहीं आया कि आश्मा इतनी रात
को मुझे टेन्ट के पीछे क्यूँ बुला रही है। खैर में उसके पीछे चल पड़ा।
टेन्ट के पीछे जाते ही आश्मा मुझसे लिपट पड़ी। अब मेरी समझ में सारा माजरा आ
चुका था इसलिये मैं भी उससे लिपट गया। हमने आज तक सेक्स नहीं किया था
इसलिये मुझे यह नहीं पता था कि लन्ड को चूत में भी घुसाया जाता है। कुछ देर
लिपटे रहने के बाद आश्मा ने मेरी पेन्ट का हुक खोला और लन्ड को हाथ से
सहलाने लगी। मेरे साथ एसा पहले कभी नहीं हुआ था इसलिये मुझे मजा आ रहा था।
थोड़ी देर सहलाने के बाद आश्मा ने मेरा लन्ड अपने मुँह में ले लिया, मुझे
और भी मज़ा आने लगा। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | करीब पन्द्रह
मिनट में मैं झड़ गया, आश्मा मेरा सारा वीर्य पी गई। अब आश्मा ने मेरा
लन्ड मुँह से निकाला और फिर से सहलाने लगी। पाँच मिनट में मेरा लन्ड फिर
से खड़ा हो गया, अब तक आश्मा इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसकी चूत पूरी तरह
गीली हो गई थी। मैंने आश्मा की सलवार का नाड़ा खोल दिया, आश्मा जमीन पर लेट
गई और मुझे अपने ऊपर आने को कहा। मैं आश्मा के ऊपर लेट गया। आश्मा ने मेरा
लन्ड पकड़ा और अपनी चूत के मुँह पर मेरा लिन्ग मुन्ड लगा कर बोली- अब
हल्का सा धक्का मारो। मैंने हल्का सा धक्का लगाया तो लिन्गमुन्ड आश्मा की
चूत में घुस गया। आश्मा की चूत इस कदर गीली हो चुकी थी कि मेरे तीन धक्कों
में ही पूरा लन्ड अन्दर घुस गया। आश्माइतने जोश में थी कि उसे लन्ड घुसाते
हुए जरा भी तकलीफ़ नहीं हुई। जब मुझे चूत में गर्म गर्म लगा तो मैंने आश्मा
से पूछा कि क्या उसे बुखार है। आश्मा ने कहा- नहीं तो? तुम ये क्यों पूछ
रहे हो? मैंने कहा- तुम्हारी चूत अन्दर से गर्म हो रही है। इस पर आश्मा
मुस्कुराते हुए बोली- मेरे राजा, यह बुखार नहीं, मेरी चूत की गर्मी है। अब
मुझे मज़ा आने लगा था, मेरे लन्ड की गति अपने आप बढ़ने लगी। कुछ देर तक
धक्के लगाने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया। अब मेरा
वीर्य छूटने वाला था इसलिये मैंने आश्मा से पूछा तो आश्मा ने चूत में वीर्य
छोड़ने को कहा। मैंने आश्मा की चूत में ही पिचकारी छोड़ दी। कुछ देर इसी
तरह लेटे रहने के बाद लन्ड अपने आप सिकुड़ कर बाहर आ गया। अब हम बातें करने
लगे, कुछ देर बातें करने के बाद हमारा फिर सेक्स का मन करने लगा। आप यह
कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मैंने आश्मा से पूछा तो उसने हाँ कर दी।
अब मैं एक कुर्सी पर बैठ गया और आश्मा को अपने लन्ड पर बैठने का इशारा
किया। आश्मा ने अपनी टांगें चौड़ी की और अपनी चूत मेरे लन्ड पर दबाने लगी।
चूत गीली होने की वजह से लन्ड एकदम से पूरा घप्प से अन्दर घुस गया। अब
सवारी करने की बारी आश्मा की थी इसलिये आश्मा ऊपर-नीचे होने लगी। इस तरह अब
मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा। हम दोनों दो बार झड़ चुके थे इसलिये अबकी
बार हमें झड़ने में ज्यादा वक्त लगना था। आश्मा को भी बहुत मजा आ रहा था।
कोई पच्चीस मिनट के बाद आश्मा ने धक्के तेज़ कर दिये और मुझसे बोली- मैं
झड़ने वाली हूँ, तुम भी तेज़-तेज़ करो ताकि हम दोनों साथ-साथ वीर्य छोड़
सकें। अब मैं भी नीचे से गान्ड उठा-उठा कर धक्के लगाने लगा। पाँच मिनट हम
दोनों ने मिलकर तेज़-तेज़ धक्के लगाये और एक साथ झड़ गये। आश्मा की चूत से
गर्म गर्म पानी मेरे ऊपर गिरने लगा। हम कुछ देर एसे ही पड़े रहे। अब तक चार
बज चुके थे और अब कोई भी उठ सकता था इसलिये हम दोनों ने अपने अपने कपड़े
ठीक किये और जोया अपने बिस्तर पर, मैं अपनी कुर्सियों पर सोने चले गया। अब
हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम एक दूसरे की सेक्स की प्यास बुझाते रहते
है | अभी आश्मा की चूत थोड़ी ज्यादा खुल गयी तो उतना मज़ा नही आता पर मेरा
सेक्स पॉवर बढ़ गया है मैंने जिम भी ज्वाइन कर लिया है ना इसीलिए | खैर
दोस्तों अभी कोई नये माल के तलाश में हूँ जैसे ही कोई मिलेगी आप लोगो को
जरुर बताऊंगा बस आप लोग मस्ताराम.नेट पर बने रहिये
हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम योगी है
और में 30 साल का हूँ और मेरे साथ जो लड़की इस कहानी में है उसका नाम स्मिता
है और उसकी ...
Hi dosto mera naam roshni(me ye naam badal kar likh rahi hu)
me madhya pradesh ke indore ki rhne wali hu aaj me duniya ke samne apni
jindigi ki sacc...
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