बेटी आज मैं भी तुम्हारे गुलाबी चूत में अपना लौड़ा पेलूँगा

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कुछ दिन पहले की मेरी बस में धीरेन्द्र नामक एक बहुत ही हैंडसम लड़के से मुलाकात हो गयी. फिर हर रोज कॉलेज जाते वक़्त वो मुझे ४२१ नंबर की बस में मिलने लगा. धीरे धीरे हम लोगों की दोस्त्ती गहरी होने लगी. हम दोनों ने एक दुसरे के नंबर ले लिए और फोन पर रात रात बातें करने लगे. धीरेन्द्र मुझे बहुत ही अच्छा लगता था. वो मुझे फोन पर बार बार चुम्मा मांगता था. मैं उसे ‘मुआ! मुआ’ करके चुम्मा देती थी. धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती एक नये मुकाम पर जाने को तैयार था. उसने कहा की मैं आज शाम मैं उसके घर जाऊ तो वो मुझे कुछ दिखाने वाला है. बिलकुल नया, बिलकुल अद्बुत. इसलिए मैं गहरे गले वाली चुस्त टी शर्ट और जींस पहन ली.

इस ड्रेस में मैं कोई करिश्मा लग रही थी. जब मैं बस में बैठकर धीरेन्द्र के घर जा रही तो सब लड़के मुझे घूर घुर के देख रहे थे. ‘ऐ! देख देख!! क्या माल है. माँ कसम यार इसको जो पटाकर चोदेगा उसे तो मौज आ जाएगी! एक लड़का मुझे देखकर बोला. मुझे बहुत गुस्सा आया पर मैंने कुछ नही कहा. ‘यार ऐसा माल तो मैंने आज तक नही देखा!! देख देख उसकी टीशर्ट वाली के कड़े कड़े मम्मे तो देख!! मेरा बस चलता तो मैं हाथ में पकड़कर दबा देता!’ दूसरा लड़का बोला. इसी तरह कई लकड़े मुझे देखकर कमेन्ट करते रहे. सायद मेरी टी शर्ट कुछ जादा ही चुस्त थी जिसमे मेरा गोरा जिस्म साफ साफ़ दिख रहा था. कुछ देर बाद मैं अपने बॉयफ्रेंड धीरेन्द्र के घर पर पहुच गयी. उसने मुझे गले से लगा लिया.

ओह्ह जान!! कबसे तुम्हारा वेट कर रहा था. कहाँ थी तुम? इतनी देर कैसे लग गयी??’

क्या बताओ धीरेन्द्र!! बस में कुछ रोमियो मिल गए थे. साले कुत्ते मुझे देख देख के बार बार कमेन्ट पास कर रहे थे. बस उसी में वक़्त लग गया’ मैंने कहा

बड़ी देर तक मैं अपने आशिक से गले लगकर चिपकी रही. धीरेन्द्र ने मुझे गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गया. ‘जान मोनालिसा!! आज तुम इसे देखकर बिलकुल पागल हो जाओगी!’ धीरेन्द्र बोला. उसके टीवी को डीवीडी प्लेयर से जोड़ दिया. अपनी अलमारी से एक गुप्त सीडी निकाली और डीवीडी प्लेयर में लगा दी. फिर सामने के नज़ारे को देखकर मेरा होश उठ गया. ३ लड़के एक ही लडकी को बुरी तरह चोद रहे थे. वो एक इंग्लिश विडियो था. लड़कों के लंड बहुत बड़े बड़े और खीरे जैसे १२ १२ इंच लम्बे होंगे. लडकी बिचारी मरी जा रही थी. २ लडके उसकी चूत और गांड के छेद में लौड़ा दिए हुए थे. और उस लड़की को बुरी तरह चोद रहे थे. लग रहा था की उसकी जान ही निकल जाएगी. जबकि तीसरा लड़का लडकी के मुँह में लंड दिए था और लंड चुसवा रहा था. ये सब देखकर मैं शरमा गयी.

‘क्यूँ जान बताओ मजा आया की नहीं??’ मेरा आशिक धीरेन्द्र बोला

हाँ!! बहुत मजा आया’ मैंने कहा

क्या कभी तुमने इससे पहले इस तरह की चुदाई वाली पिक्चर देखी है??’

नही देखी’ मैंने जवाब दिया

फिर मैं अपने आशिक के साथ उसके बेड पर ही लेट गयी और गपचिक गपचिक वाली पिक्चर देखने लगी. कुछ देर में हम दोनों प्रेमी युगल बहुत ही गर्म और चुदासे हो गये. धीरेन्द्र का हाथ पहले मेरे हाथ पर था. पर धीरे धीरे खिसकता खिसकता मेरे मम्मे पर चला गया. वो मेरी मस्त मस्त नई नई उभरी छातियाँ सहलाने लगा. चुदास वाली उस खतरनाक पिक्चर को देखते देखते मैं भी चुदासी हो गयी और मन ही मन सोचने लगी की मेरा आशिक धीरेन्द्र मुझसे छेड़खानी करे. मुझे सहला सहलाकर मुझे चोदे. धीरे धीरे धीरेन्द्र भी खुद को रोक नही सका. उसने मेरा कसी टी शर्ट उतार दी. मेरी ब्रा खोल दी. मैं नंगी हो गयी. धीरेन्द्र मेरी मेरे सुंदर मम्मो की तरह वासना भरी नजरों से देख रहा था. कुछ देर तक हम दोनों दूर से ही एक दुसरे को ताड़ते रहे. वो भी हिचक रहा था. मैं भी संकोच कर रही थी.

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फिर अचानक से पता नही क्या हुआ. धीरेन्द्र मेरी ओर अचानक से लपका और मुझे बाहों में भर लिया. ये तो होना ही था. मेरी सासें भारी हो गयी और तेज तेज चलने लगी. धीरेन्द्र किसी सच्चे आशिक की तरह मुझे बाहों में भरके जगह जगह चूमने चाटने लगा. मेरे गाल, ओंठों, नाक, कान, गले पर वो कामुकता के साथ काटने लगा. मैं भी बहुत जादा चुदासी हो गयी. मेरा शरीर जलने लगा. उधर टीवी में जबरदस्त चुदाई चल रही थी. एक ही लडकी के ३ छेदों को ३ लड़के चोद खा रहे थे. वो बड़ी बुरी तरह से चुदाई और खुदाई कर रहे थे. मैं जानती थी सिर्फ और सिर्फ रंडियां की इस तरह से चोदी जाती है. ३ लडके फटर फटर करके उस लडकी की चूत, गांड और मुँह को चोद रहे थे. दिल में ख्याल जागा की काश आज मेरा आशिक धीरेन्द्र भी मुझे चोदे. अगर वो इतने जोर जोर से रसीले धक्के देगा तो मैं सह लुंगी, फिर चाहे जितना भी दर्द हो.

कुछ देर बाद मेरे आशिक ने मुझे अपने मुलायम बिस्तर पर पटख दिया. मेरे मम्मे हाथ में लेके जोर जोर से ऐठने लगा और मीन्जने लगा. फिर धीरेन्द्र मेरे दूध पीने लगा. आह!! सी सी सी आ हा हा हूँ हूँ आये आये !! करके मैं सीत्कारेलेने लगी. धीरेन्द्र को ये सीत्कारे बड़ी अच्छी लगी. वो निठल्ला अपने अंगूठे से मेरी निल्प्स को घुमाने लगा. इस हरकत से मेरे नंगे जिस्म में आग लग गयी और मन हुआ की २ ३ लडकों को और कमरे में बुलवा लूँ और कसके चुदवा लूँ. धीरेन्द्र जोर जोर से मेरे रसीले आम और निपल्स को घुमा घुमाकर सहला रहा था. इससे मेरी चूत फूल गयी, रसीली हो गयी. मेरे पुरे बदन में झुनझुनी होने लगी. मेरा आशिक धीरेन्द्र मुझे छेड़ने लगा और जोर जोर से मेरी निपल्स को ऐठने लगा. फिर उसने मेरी जींस उतार दी. मेरी पेंटी उतारके मुझे नंगा कर दिया. धीरेन्द्र मेरी चूत पीने लगा.

मेरी नर्म नर्म मलाईदार चूत को वो अपने ओंठो से पीने लगा. फिर धीरेन्द्र ने मेरी चूत पर अपने लंड का सुपाडा रखा और इतनी जोर से धक्का मारा की मेरी माँ चुद गयी. मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया. मेरी कुवारी मलाईदार चूत की सील टूट चुकी थी. मेरा आशिक धीरेन्द्र मुझे चोदने लगा. मेरी गुलाबी चूत के ओंठ खुल गये. अब मैं कुवारी न रही. धीरेन्द्र मुझे चोदने लगा और मेरी बुर फाड़ने लगा. सामने टीवी में वो ब्लू फिल्म चल रही थी. वो ३ लडके उस बेचारी लड़की के चूत, गांड और मुँह में लगातार लौड़ा दे रहे थे और उसे हचा हच चोद रहे थे. फिर धीरेन्द्र भी उसी तरह से टीवी वाले लडकों की तरह से मुझे चोदने लगा. मेरे दो टांगों के बीच वाले छेद में वो लौड़ा देने लगा. आज मैं जान गयी की चुदाई क्या चीज होती है. फिर कुछ देर मुझे लेने के बाद मेरा आशिक मेरी चूत में ही झड गया.

मैं चुदवाकर खड़ी हो गयी. मुझे बहुत देर भी हो रही थी. शाम के ५ बज चुके थे.

‘धीरेन्द्र बाय कल मिलते है!!’ मैंने कहा और उसके गाल पर पप्पी दी. मैंने अपना मोबाइल फोन जींस की कसी जेब में रख लिया और बाहर आने लगी. पता नही कहा से धीरेन्द्र के पापा श्री जयराम श्रीवास्तव आ धमके.

नमस्ते अंकल!! मैंने कहा. वो मुझसे बड़े ही अच्छे से पेश आए. हसंकर बात कर रहे थे. उनको नसते करके मैं २ कदम आगे चली ही अंकल ने मुझे पुकारा. ‘बेटी मोनालिसा!! एक मिनट सुनो!’ धीरेन्द्र के पापा बोले. मैं पलटी. उन्होंने मुझे अपना फोन पकड़ा दिया. कुछ देर बाद उसने एक विडियो चलने लगा. फिर मेरे पैर तले जमीन ही खिसक गयी. जो अभी अभी धीरेन्द्र से मैंने चुदवाया था, ये वही रिकॉर्डिंग थी. मेरी तो गांड ही फट गयी दोस्तों. मेरे चेहरे पर परेशानी के भाव साफ़ झलकने लगे.

‘अंकल! ये सब क्या है?? क्या रिकॉर्ड किया आपने?? आखिर क्यों??’ मैंने रोते बिलखते हुए पूछा. मेरे आंशू मेरे आँख का साथ छोड़ने लगे और टप टप नीचे टपकने लगे. धीरेन्द्र का वो कमीना बाप बाप नही पाप निकला. वो मुझे खा जाने वाली नजरों से देखने लगा. अपने ओंठों पर जीभ फेरने लगा.

‘बेटी! देखो ऐसा है की मेरा जवान बेटा तुम्हारी गुलाबी फुद्दी को मार ही चूका है. तुम जवान हो. खूबसूरत हो. इस उमर में तुम्हारे १ नही बल्कि कई आशिक होने चाहिए. इसलिए मोनालिसा बेटी!! मैंने फैसला किया है की तुम्हारे आशिकों में मैं भी अपना नंबर लगाऊंगा और तुम्हारी उस बेहद गुलाबी चूत को मैं भी मारूंगा!!’ धीरेन्द्र का वो बाप बोला.

‘छी!! अंकल!! आपको शर्म नही आती इस तरह की बात करते हुए. आपका बेटा धीरेन्द्र तो मेरा बॉयफ्रेंड है. इसलिए मैंने उससे चुदवाया. पर आप?? आप तो मेरे पिता समान है. आपको चुल्ल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए. लानत है आप जैसे घटिया आदमी पर!!’ मैंने किसी शेरनी की तरह दहाड़ते हुए कहा.

‘देखो मोनालिसा बेटी!! भासन बहुत हुआ. तुम कल दोपहर १२ बजे आओगी और मेरी दोपहर को रंगीन करोगी. मैं तुम्हारी चूत मरूँगा. बेटी!! अगर ऐसा नही हुआ और कल तुम यहाँ नही आई तो ये विडियो एक सीडी में करके मैं तुम्हारे घर भेज दूंगा. तुम्हारे पापा और तुम्हारी मम्मी अच्छे से जान जाएंगी की पढाई का बहाना बनाकर तुम कैसे कैसे गुल खिला रही हो. लड़कों के लम्बे लंबे लौड़े से चुदवाती हो, और फुल ऐयाशी कर रही हो!’ धीरेन्द्र का बहनचोद बाप बोला. दोस्तों , मजबूरन मुझे उसके सामने झुकना पड़ा. अगले दिन मैं धीरेन्द्र के पापा से चुदवाने के लिए जाने लगी तो मम्मी बोली ‘बेटी कहाँ जा रही हो??? खाना तो खाती जाओ’ मम्मी बोली

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‘मम्मी!! मैं लौटकर खाऊँगी!’ मैंने कहा और चली गयी. जब धीरेन्द्र के घर पहुंची तो दोनों ने मुझे अंदर कमरे में बंद कर लिया. धीरेन्द्र और उसके पापा दोनों अपने अपने लौड़े में तेल लगाने लगे.

‘अंकल!! अंकल?? ये सब क्या है? कल आपकी और मेरी बात हुई थी की सीर्फ आप ही मुझे बिस्तर पर लिटाकर चोदेंगे. आज ये धीरेन्द्र क्यूँ अपने लौड़े में तेल लगा रहा है??” मैंने गुस्सा दिखाते हुए पूछा.

‘मोनालिसा बेटी! हम बाप बेटे सिर्फ देखने में ही सीधे शरीफ लगते है. पर हम दोनों निहायत ही कमीने किस्म के आदमी है. हर बार मेरा चुदक्कड़ बेटा किसी भोली लडकी को अपने प्रेम जाल में फसा लेता है. फिर वो लडकी को एकांत में चोदता है. जबकि मैं छिपकर रिकॉर्ड कर लेता हूँ. फिर मैं उस जवान चुदासी लडकी को ब्लैक मेल करता हूँ. फिर हम बाप बेटे एक साथ उसकी लडकी की चूत और गांड में लौड़ा दे देते है और उसे किसी बाजारू रंडी की तरह नोचते है!’ अंकल बोले.

‘क्या???” मैं शोक में आ गयी. ये सब जानकर मुझे दिमागी झटका लग गया था. वहीं वही पर बेहोश होकर गिर गयी. कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तो मैं नंगी थी. मेरी चूत भी उन दरिंदो के सामने थी. दोनों हरामी बाप बेटे मेरे एक एक मम्मे को मुँह में भरके पी रहे थे. मेरे आम को चूस रहे थे. वो दोनों कमीने मुझे जरा भी सम्मान नहीं दे रहे थे. किसी बाजारू वेश्या की तरह मुझे समझ रहे थे. मुझे खुद पर पछतावा आ रहा था की कैसे धीरेन्द्र जैसे मक्कार लडके के जाल में मैं फंस गयी. एक तो उसने मुझे चोदा और दुसरे उसके बाप ने मेरी विडियो भी बना ली. मैं रो भी रही थी. दोनों बहनचोद बाप बेटे मेरे दोनों रसीले आम को मुँह में भरके पी रहे थे.

बेटा धीरेन्द्र!! इस छिनाल को फंसाकर तूने बहुत मजेदार काम किया है. पर बेटा एक बात बता की इसके चुच्चे तो २ थे. इसलिए हम दोनों ने एक एक चुचा पी लिया. पर बेटा इस रंडी की चूत तो एक है. फिर कैसे फैसला होगा की कौन इस कुतिया को पहले चोदेगा??’ अंकल बोले. मेरी आँखों में आंशू आ गया. मुझे छिनाल, रंडी, कुतिया, वेश्या सब कुछ कहा गया. पर मेरे सामने कोई रास्ता नही था. मुझे दोनों बहनचोद से चुदवाना ही था. वरना वो विडिओ मेरे घर पर भेज देते.

‘पापा!! टॉस कर लेटे है. जो जीता वही इस छिनाल को पहले चोदेगा!’ धीरेन्द्र बोला. ‘धीरेन्द्र ! तेरी माँ की चूत! गांडू जा जाकर अपनी सगी माँ को चोद ले गांडू!’मैंने उसे जोर से गाली दी. पर उसपर कोई फर्क नही पड़ा. फिर टॉस हुआ और अंकल जीत गये.

‘ओह पापा!! तुम्हारी किस्मत बहुत तेज है. चलो चोद लो मेरी माल को!’ धीरेन्द्र बोला. मुझे विस्वास नही हुआ उस बहनचोद पर. अपना तो उसने मुझे चोदा ही अब अपने बाप से भी मुझे चुदवा रहा था. अंकल ने सब कपड़े निकाल दिए. ये मोटा लौड़ा था उनका. मेरी चूत में डाल दिया. ‘आआअह्हह्हह!!’ मेरे मुँह से निकल गया. अंकल मेरी कमर पकड़ के गचा गच चोदने लगा. उनका लौड़ा बहुत ही काला, और धीरेन्द्र से ३ गुना लम्बा और मोटा था. मेरी चूत में उनका लौड़ा मुस्किल से जा पा रहा था. पर उन्होंने जोर जबरदस्ती करके लौड़ा मेरे लाल लाल भोसड़े में पेल दिया था और मुझे खाने लगे थे.

मुझे वो जोर जोर से हौंक हौंक कर चोद रहे थे. मेरे मुँह से सिर्फ हा हा हा की गर्म गर्म आहें निकल रही थी. मैं १५ साल की फूल सी लौंडिया एक ५५ साल के अधेड़ से मर्द से चुद रही थी. मेरी फूल सी चूत को वो जालिम बेटीचोद बेदर्दी से कूट रहा था. धीरेन्द्र का बेटीचोद बाप मेरे बाप की उम्र का था, पर फिर भी वो हरामी मेरी फुद्दी मार रहा था. उसका मोटा सांप जैसा लौड़ा बड़ी जल्दी जल्दी मेरी चूत ले रहा था. फिर कुछ देर बाद अंकल मेरी चूत में झड गए. हांफने लगे.

‘ओ पापा!! बड़ी मस्त चुदाई करते हो तुम!! मजा आ गया पापा!!’ गांडू धीरेन्द्र बोला

‘अब बेटा तुम भी इस छिनाल को चोद खा लो. तुम भी भूखे होगे!’ अंकल बोले.

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धीरेन्द्र मेरी चूत पर आ गया. उसने भी अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दिया. मुझे बेतहाशा चोदने लगा. मेरी चूत में गचा गच लंड देने लगा. फिर उसने पेलते पेलते मुझे गोद में उठा लिया. और खड़े खड़े चोदने लगा. मैंने उसके दोनों मजबूर कन्धों को कसके पकड़ लिया की कहीं गिर ना जाऊं. मैंने अपनी दोनों नंगी गोरी और बेहद चिकनी टांगें धीरेन्द्र की कमर पर गोल गोल लपेट दी. इससे बेहतर कसावट मिलने लगी. मेरा आशिक मुझे हचक हचक के चोदने खाने लगा. फिर उसने भी मेरी रसीली चूत में माल चोद दिया. फिर अंकल ने मेरी गांड में लौड़ा दे दिया और धीरेन्द्र ने मेरे भोसड़े में. दोनों बाप बेटे एक साथ मेरे २ २ छेद चोदने लगे. मुझे तो यही लग रहा था की कहीं चुदवाते चुदवाते कहीं मेरी जान ना निकल जाए. महीन चुदवाते चुदवाते कहीं मैं मर ना जाऊ. पर ऐसा ऐसा नही हुआ. मैं नही मरी. दोनों बाप बेटे ने इसी तरह मुझे डेढ़ घंटे मेरी चूत और गांड में एक साथ लौड़ा देकर चोदा और झड गए. आप ४ साल हो गये है. आज भी धीरेन्द्र और अंकल मुहे ब्लैकमेल करते है और महीने में ४ बार चोदते खाते है.