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ऑफिस वाली कविता को अपने फ्लेट पर चोदा
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दोस्तों ये बात तब की हैं जब मैं दिल्ली में नया था और गुडगाँव में जॉब करता था. तब फेसबुक इतनी ज्यादा चलती नहीं थी. और उसकी जगह गूगल का ऑरकुट सोशल नेटवर्क था जिसे बहुत सब लोग यूज करते थे. और मैं खुद भी दिनभर ऑरकुट पर लगा रहता था. और मैं उसके अन्दर अपनी ऑफिस की लड़कियों की प्रोफाइल को ही खोजता रहता था. और मैंने देखा की साला अपनी ऑफिस का तो कोई भी हैं ही नहीं ऑरकुट के ऊपर.


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फिर मुझे एक लड़की का प्रोफाइल मिला. वैसे वो थी तो मेरे ऑफिस की ही लेकिन वो ऊपर डिस्पेच और लोजिस्टिक ओपरेशन वाली एक लड़की थी. मैंने हिम्मत कर के उसको रिक्वेस्ट सेंड कर ही डाली. दो दिन तक उसने अक्सेप्ट नहीं किया तो मुझे लगा की शायद वो नहीं करेगी. लेकिन फिर तीसरे दिन एंड में उसने मेरी रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया. उस लड़की का नाम कविता था. फिर उसने मुझे मेरे बारे में पूछा और उसे बड़ा आश्चर्य हुआ जब मैंने कहा की हम एक ही कम्पनी में काम करते हैं. फिर उसने कहा हां तभी मुझे लगा की मैंने तुम्हे कही देखा हैं. मैंने कहा कैंटीन में ही देखा होगा!

फिर हम ऑफिस के ऊपर वाले फ्लोर पर केंटिन था वहां मिलने लगे. उसके साथ डेली बातें तो होती ही थी ऑरकुट के ऊपर. उस से बातें कर के पता चला की वो आलरेडी शादीसुदा थी. लेकिन दिखने में एकदम में एकदम हॉट माल थी वो.

फिर एक शनिवार को मैंने उसे मिलने के लिए कहा तो अगले दिन यानी की सन्डे को वो एक केफेटरिया में मिलने को राजी हो गई.

अगले दिन वो सेक्सी बन के आई थी पुरी. नॉर्मली वो साडी नहीं पहनती हैं ऑफिस में लेकिन उस दिन वो साडी में आई हुई थी. उसने मुझे हग किया तो मेरे तो दिल के तार तार हिल गए. फिर हम एक कौने में बैठे. उसने अपने लिए मौसंबी और मैंने अपने लिए कोको मंगवाई. फिर ज्यूस आ गया और हम सिप लेते हुए बातें करने लगे. वहां पर मस्त लाईट म्यूजिक भी चालू था उस वक्त. मैं उसकी तरफ आकर्षित हो रहा था उसके मस्त फिगर को देख के. वो करीब 36 30 36 की सेक्स बम थी. और उसका पूरा बदन एकदम शेप में था.

वो भी काफी इंटरेस्टेड लगी मेरे में, तभी तो उतने सारे सवाल पूछे थे उसने. और फिर हमारी मुलाकातें बढ़ने लगी थी. ऑफिस में तो लंच टाइम पर मिलते ही थे. और ऐसे अब बहार भी मिलने लगे थे हम दोनों.

कविता करीबन 35 साल की होगी. और उसने मुझे बोला की उसका पति 45 का हैं और काफी बूढा दीखता हैं. मैंने कहा इतने बड़ी उम्र वाले से शादी क्यूँ की. वो बोली बस कर ली अब तो यार. उसका कोई बच्चा नहीं था अभी. और उसकी बातों से लगता था की वो अपने हसबंड को शायद चोदने भी नहीं देती थी.

फिर हम दोनों के बिच में रिलेशन और ही स्वीट हुए. उसने मुझे बताया की उसके गन्दी मूवी देखना पसंद हैं. तो मैने उसको बोला मेरे फोन में तो कभी भी एकाद बीऍफ़ होती ही हैं. उसने कहा मुझे ब्ल्यूटूथ से भेज दो यार. मैंने उसे दे दिया वो बीऍफ़. और फिर वोअक्सर मेरे से पोर्न क्लिप्स लेती थी. और इस तरह से हम दोनों के बिच में सेक्स चेटिंग भी चालु हो गई.

और हम सेक्स चेत करने लगे. मैंने उसे स्काइप के ऊपर न्यूड वीडियो चेटिंग के लिए भी राजी कर लिया. और वो अपने कपडे खोल के अपनी चूत मुझे दिखाती थी डेली ही! फिर एक दिन मैंने केंटिन में कविता को हिम्मत कर के कहा की मैं रियल में तुम्हारे साथ वो सब कुछ करना चाहता हु.

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पहले तो वो थोड़ी झिझक के बोली नहीं नहीं यार किसी को पता चल जाएगा तो प्रॉब्लम होगी मुझे. लेकिन मैंने जब भरोसा दिया की मेरी तरफ से बात कही नहीं जायेगी तो वो मान गई. हमने एक दिन साथ में ही ऑफिस से छुट्टी ले ली. और मैंने उसको अपने फ्लेट पर बुला लिया.

उस दिन भी कविता एक यलो साड़ी पहन के आई थी. और उस साडी के अन्दर वो क़यामत लग रही थी एकदम. उसके अन्दर आते ही मैंने उसको हग किया और उसके होंठो से अपने होंठो को लगा दिए और चूसने लगा. कविता ने भी मेरे हग का जवाब हग से और मेरी स्मूच का जवाब और गहरी स्मूच से दिया. करीब 10 मिनिट तक हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे के होंठो को चूस रहे थे. फिर हमने किस ब्रेक की और मैंने उसको पानी का ग्लास दिया. पानी पिने के बाद मैंने कहा, और? वो बोली सादा पानी पी लिया अब तुम्हारा पानी पीउंगी मैं!

हम दोनों ही हंस पड़े. लेकिन उसकी हिम्मत देख के मैं जोश में आ गया. और उसको खिचं के बेड पर ले गया और मेरी इस सेक्स की देवी के बूब्स को मसलने लगा. वो आहे सी भरने लगी थी. और मैं और जोर जोर से उसके मम्मे दबा रहा था. वो भी गरम होने लगी थी. और फिर मैंने उसकी साडी को निकाल फेंका. साथ ही में ब्लाउज को भी. अब वो मेरे सामने ब्लेक कलर की पतली ब्रा और नील रंग की पेंटी में थी. मैं खुद के ऊपर कंट्रोल नहीं कर सका और उसकी ब्रा को खोल के उसके बूब्स को चूसने लगा. एक चूची को मैं मुहं में ले के चूसता था और दूसरी को अपने हाथ से जोर जोर से मसलता था.

फिर मैंने निचे हाथ कर के कविता की पेंटी को भी निकाल फेंका. और कुछ देर बूब्स सक करता रहा उसके. फिर मैं नीचे हुआ और उसकी नाभि में जबान डाल के चाटा. और फिर मैं सेक्स के असली प्लेग्राउंड के ऊपर आ पहुँचा. मैं कविता की चूत के दाने को ही सीधे मुहं में लिया और उसे लिक कर के अपने दांतों के बिच में दबा दिया. उसने मुझे धक्का दिया और बोली, अह्ह्ह्हह!

मैंने अब खड़े हो के अपनी पेंट और शर्ट निकाल दी. मैं अब कविता की पानी वाली चिकनी चूत को ऊँगली से हिला रहा था. और फिर मैंने अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत में घुसा दी, और मैं फिंगर करने लगा. वो भी आह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह कर रही थी. और फिर मैंने ऊँगली के साथ साथ अपने मुहं को भी उसकी चूत पर लगा दिया. और चाटते हुए फिंगरिंग करने लगा. वो जोर जोर से सिस्कारियां भर रही थी.

फिर मैं और भी जोर जोर से उसकी आलरेडी गीली चूत को चूसने लगा. और 10 मिनिट के ओरल सेक्स में ही वो झड़ गई. अब वो बोली चलो अब मुझे लंड दो अपना. मैंने उसे किस करते हुए अपने अंडरवियर को खोला और वो मेरे लंड की लम्बाई और चौड़ाई देख के बड़ी खुश हुई.

कविता ने कहा अरे ये तो बहुत ही मस्त हैं चिकना और गोरा. और एकदम से वो घुटनों के ऊपर बैठी और मेरे लंड को अपने मुहं में भर के चाटने लग. और एक मिनिट से भी कम समय में वो लंड को डीपथ्रोट कर रही थी. मैं तो जैसे की स्वर्ग में था किसी सेक्स की अप्सरा के साथ में. कविता ने अब एकदम तेजी से लंड को चूसा और बोली, देखो पानी मेरे मुहं में ही निकालना मुझे पीना हैं. मैंने कहा ठीक हैं, चुसो और जोर जोर से मेरी रानी.

कविता ने एकदम कस कस के लौड़ा चूसा और पांच मिनिट के बाद मेरे वीर्य के गठ्ठे उसके मुहं में निकल पड़े. वो सब स्पर्म पी गई और फिर भी सकिंग उसने चालु ही रखा था. और एक मिनिट के अंदर उसने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया. और वो बोली, चलो अब मैं रुकना नहीं चाहती हूँ जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो.

मैंने अपने लंड के ऊपर कंडोम चढ़ाया आर उसको कविता की चूत पर सेट कर दिया. धीरे धीरे मैं उसे अन्दर डालने लगा और उसकी सांस जैसे रुकी हुई थी. मैंने पूरा लंड एकदम इत्मीनान से अंदर कर दिया. और फिर मैंने धीरे धीरे से अपने धक्के लगाने चालू कर दिया. वो भी काफी एन्जॉय कर रही थी लंड को अपनी चूत के अन्दर. कुछ देर सामान्य पोज में चोदने के बाद मैंने कहा चलो इंग्लिश दाव करते हैं वो बोली चलो.

और फिर मैंने उसको कुतिया बना दिया और मैं पीछे से उसके मम्मे मसलते हुए अपने लंड को गांड पर मार रहा था. उसने हाथ पीछे ला के लौड़े को पकड़ा और चूत में डाला थोडा. मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर किया तो वो अह्ह्ह्ह य्स्सस्स्स्स कर गई. और कविता की मस्त फिगर वाली गांड को देख के मेरे मुहं में एनाल सेक्स के लिए भी पानी आ गया.

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मैं जानता था की सीधे पुछुगा तो मना करेगी. इसलिए मैं चूत चोदते हुए गांड को सहलाने लगा. एक ऊँगली पर कंडोम के ऊपर की चिकनाहट लगाईं और उसे गांड पर दबाई. वो पीछे मूड के बोली, नोटी!

मैंने गांड और चिकनी की और फिर ऊँगली डाली अन्दर. वो और लम्बी और गहरी साँसे ले रही थी. मैंने लंड को बहार निकाला और गांड पर रखा. उसने अपने कूल्हों को फाड़ दिया दोनों हाथ से और लंड को गांड में घुसाने के लिए जगह बनाई.

कविता की गांड में लंड घुसा तो वो आह कर गई और मुझे जैसे शक्तिमान वाली फिलिंग हुई. मैंने एक पुश में पूरा लंड गांड में दे दिया. वो कूल्हों को फाड़ के एकदम स्थिर हो गई. मेरा पूरा वजन उसके ऊपर था और पूरा लंड उसकी गांड की गुफा में. गांड का होल काफी गर्म था और सख्त भी.

एक ही मिनिट में लंड वीर्य छोड़ गया. और कविता ने कहा, वाऊ मजा आ गया!


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फिर हम दोनों ने खाना बहार से मंगवाया और खाया. खाने के बाद हम दोनों ने एक राउंड सेक्स फिर से किया.

जाते हुए कविता ने बोला की आज उसे बहुत समय के बाद सेक्स का मज़ा आया. उसने कहा की अब जब भी टाइम मिलेगा तो मैं आउंगी यहाँ पर!

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