अल्पी की चुदासु कहानी

HOT Free XXX Hindi Kahani

मैं आज आपको दोस्तों अल्पी की चुदाई की दीवाना बना देने वाली कामुकता की कहानी सुनाने जा रहा हूँ और उम्मीद करूँगा यह आपको खूब पसंद भी आएगी |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं दोस्तों वो मेरी पड़ोसन थी और उसकी मम्मी और मेरी माँ में अच्छी खासी जान पहचान भी हो गयी थी | बहुत बार ऐसा हो जाता था की मेरी माँ या उसकी माँ एक दूसरे के घर पर बैठे बैठे बतियाते अपना पूरा दिन बिता दिया करते थे | इसी बीच मेरी और अल्पी की अच्छी खासी दोस्ती भी बढ़ गयी थी | जब वो घर पर अकेली बोर हो रही होती थी तो मेरे घर पर आ जाया करती थी नहीं तो मैं उसके घर पर चले जाया करता था और इस बात से हमारे घर वालों को कतई भी दिक्कत नहीं थी |

एक दिन ऐसा ही कुछ माहोल था की मेरी माँ अल्पी की माँ के घर पर बैठी हुई थी और इतने में अल्पी मेरे घर में आ गयी और मैं तो अकेला ही आराम कर रहा था घर में | उसने एक हल्का सा पाजामा और उप्पर एक कसा हुआ टॉप पहना था जिसकी वजह से उसके चुचों से मेरी नज़र हट ही नहीं रही थी | मुझे मस्ती सूझी और मैंने उसके हाथों और जाँघों को एक साथ अपनी उँगलियों से लहराने से सहलाने लगा जिसपर उसने मुझे नहीं रोका | मेरी मस्ती अब एक नया हवसी रूप लेती हुई आगे बदती गयी जो उसके अंदर भी बढती जा रही थी | वो बिलकुल शांत मैं उसके चुचों को मुड में आकार उसके चुचों को उसके टॉप के उप्पर से ही दबा रहा था |

अल्पी पूरी तरह से मदहोश होने लगी और मैं उसके टॉप को उतारकर उसके चुचों को मुंह में भरकर चूसने लगा | वो अब बस चिलमिलाती हुई अपने बदन के साथ मस्ती चल रही का आनंद ले रही थी और जो मुझे करना था वो मैं करता जा रहा था | मैं उसके सभी कपड़ों को अपने सामने कुछ ही देर में पूरा उतार दिया, जिसपर वो मेरे सामने पैंटी में आ गयी और मैंने तभी उसकी पैंटी को नीचे सरका डाला | मैं उसकी चुत में अपनी ऊँगली डालने लगा जिसपर अल्पी गहरी सिसकियाँ लेने लगी | मैंने अब असली पारी का एलान करते हुए अपना खड़ा लंड अल्पी की चुत में दे मारा और उसकी चुत में हलके धक्कों के अंदर बढाता ही चला गया | अल्पी की तो कुछ देर के लिए जान ही निकल गयी थी |

अल्पी लंबी सांसें लेती हुई तडप उठी और मैं उसके कन्धों को थाम कभी चुचों को मसलता तो कभी उसके होंठों को अपने होंठों में भर लेता | इस चुदाई की रफ़्तार पकडती कहानी में अल्पी बस कुछ देर के लिए मानो बेहोश ही चली गयी थी | मुझे में जितना भी दम था वो मैं अब अपने लंड के धक्कों को तेज करने में लगा रहा था | मेरे लंड की खुजली दर पे दर बढती ही जा रही थी और मैं मुस्काता हुआ वीर्य स्खलित की हालत में आ गया |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं उसकी सीत्कारें मुझे अब भी मुड में ला रही थी और मैं जल्द ही वहाँ अपने मूत को झड पड़ा | उस दिन अल्पी की चुत क्या मार ली वो तो चुदासी सी ही हो चलाई थी और जब भी मौका मिलता तो मुझे अपनी नंगी चुत मरवाने के हाज़िर कर देती |