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चुदास भाभी की सेक्स शिक्षा -पार्ट2
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“चुदास भाभी की सेक्स शिक्षा -पार्ट१” से आगे की कहानी…

हैल्लो मित्रों.. आपने इस कहानी के पहले भाग को बहुत पसंद किया इसके लिए आपको.. धन्यवाद। तो मित्रों पिछली कहानी मैं बड़े भाई की शादी करिश्मा भाभी से हो चुकी थी। अब इन सब बातों को खत्म करते हुए मैं कहानी पर आता हूँ।

कुछ देर बाद भाभी ने नाश्ता बनाया और हम दोनों ने नाश्ता किया और अब मैं घूमने चला गया और भाभी आराम करने लगी। इसके बाद जब मैं बाज़ार मैं था तो हमे भाभी का फोन आया और उन्होंने कहा कि ढेर सारे फूल लेते आना जिसमे गुलाब, बेली और गेंदा का नाम बता दिया। तभी हमने पूछा कि क्यों तो उन्होंने कहा कि बस ऐसे ही। खैर मैं फूल ले आया और भाभी को दे दिये। इसके बाद जब मैं घर पहुंचा तो भाभी खाना बना चुकी थी। इसके बाद मैं दीवान पर बैठ गया और भाभी से पास आने को कहा.. तभी भाभी पास आई तो हमने उन्हे खींचकर अपने ऊपर गिरा लिया और अब उनके होंठो को चूसने लगा।

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भाभी भी हमारा साथ देने लगी थी। अब 10 मिनट चुम्बन के बाद हमने उन्हे लंड चूसने को कहा। तभी वो हमारे लंड को मुख मैं लेकर चूसने लगी और जब 20 मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो हमने कहा कि वीर्य आने वाला है। तभी उन्होंने तुरंत हमारे लंड को अपने मुख से निकाल दिया। अब हमने कहा कि बस गिरने ही वाला है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अभी गिराना नहीं है.. इसे जमा रहने दो रात को गिराना। लेकिन जब मैं ज़िद करने लगा और उनके बाल पकड़ कर उन्हे लंड पर झुकाने लगा। तभी भाभी उठी और हमे एक थप्पड़ मारा और कहने लगी कि जैसा मैं कहती हूँ वैसा ही करो.. तभी स्वर्ग के दर्शन होंगे.. नहीं तो केवल चाटते और चटवाते ही रह जाओगे। अब हमने कहा ठीक है और उन्हे अब अपनी और खींचा और चुम्बन करने लगा और वो साथ देने लगी। इसके बाद तभी हमने उन्हे दीवान पर पटक दिया और उनकी चूत को चाटने लगा लेकिन ठीक झड़ने के पहले वो उठ गयी। अब हमे तो कुछ समझ मैं ही नहीं आ रहा था। अब भाभी ने हमे कहा कि कल मेरी सुहागरात की सेज़ तो खराब हो चुकी है उसे इसके बाद से सजाना है। अब हम दोनों ने मिलकर पुराने फूलों को हटाया और ताज़े फूल और नयी बेडशीट से सेज़ सजाई। तभी हमने पूछा कि आप इसे इसके बाद से क्यों सज़ा रही है? तभी उन्होंने कहा कि अपनी सुहागरात के लिए। तभी हमने पूछा कि लेकिन बड़े भाई तो है ही नहीं? अब उन्होंने कहा कि तुम्हारे साथ। हमे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ और हमने जाकर उन्हे चूम लिया और उनसे पूछा कि सुहागरात मैं करते क्या है? तभी उन्होंने कहा कि सब रात मैं पता चलेगा। इसके बाद मैं रात का इंतजार करने लगा और अब उस रूम को कुछ इस तरह से सजाया कि कोई भी लड़का और लड़की उस कमरे मैं घुस जाए तो बिना सील तोड़े बाहर निकल ही नहीं सकते।

इसी तरह शाम के 7 बजे भाभी ने कहा कि जाओ नहा कर नये वस्त्र पहन लो और वो भी दूसरे बाथरूम मैं नहाने चली गयी। हमने कहा की साथ मैं नहाते है लेकिन उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था। तब मैं नहाने चला गया और इसके बाद जो वस्त्र भाभी ने हमारे लिए निकाले थे उसे पहनकर मैं तैयार हो गया.. जिसमे सूट का पूरा सेट था टाई और जूते सब कुछ। खैर हमने सब पहनकर तैयार होकर हॉल मैं दीवान पर बैठ गया और भाभी का इंतजार करने लगा। ठीक 8 बजे भाभी रूम से निकली तो मैं उन्हे ऊपर से नीचे तक देखता ही रह गया वो बिल्कुल करिश्मा लग रही थी और वो अपनी शादी जोड़ा और पूरे गहने पहनकर बाहर निकली।

अब हमने पूछा क्या हुआ.. तो उन्होंने कहा कि बस देखते जाओ। अब हॉल के बीच मैं पहले से रखी लोहे के बर्तन मैं उन्होंने आग जलाई और एक बड़ी सी परात मैं दो माला और एक सिंदूर की डिबिया रखी। तभी हमने पूछा कि क्या करना है? अब उन्होंने हमारे गाल खींचते हुए कहा कि हमारे भोले देवेर विकास सुहागरात के पहले शादी करनी पड़ती है। तभी हमने कहा कि वो तो आप बड़े भाई से कर चुकी है। इसके बाद उन्होंने कहा कि तुमसे भी करूँगी.. लेकिन इस शादी के बारे मैं केवल दो लोगों को पता होगा एक मैं और दूसरे आप। अब उन्होंने कहा कि बहस मत करो और जैसा मैं कहती हूँ वैसा करते जाओ।

अब हमने कहा ठीक है और इसके बाद उन्होंने कैमरा चालू करके एक जगह सेट कर दिया जिससे सब कुछ रीकॉर्ड हो सके। तभी उन्होंने माला उठाकर एक हमे दी और एक खुद ने ले ली। अब उन्होंने हमे माला पहनाई और हमे भी पहनाने को कहा और हमने माला उनके गले मैं डाल दी। तभी भाभी का मोबाईल बज उठा तो हमने देखा कि बड़े भाई का फोन था। भाभी ने फोन का लाउडस्पीकर ऑन किया और बड़े भाई से बात करने लगी और इसी बीच उन्होंने हमारे कंधे पर एक धोती रखकर उसके एक सिरे और अपनी साड़ी से गाठ बाँध दिया जैसे शादी मैं फेरे लेने के पहले बांधा जाता है और हमे फेरे लेने का इशारा किया और हम फेरे लेने लगे और वो बड़े भाई से बात करने लगी।

बड़े भाई : कैसी हो जान?

भाभी : जैसी आप छोड़ गये थे।

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बड़े भाई : क्यों?

भाभी : क्योंकि आप हमे दहकता हुआ छोड़ गये।

बड़े भाई : मैं क्या करूं.. छुट्टी ही नहीं मिल रही। लगता है कि अभी 6 महीने कोई छुट्टी नहीं मिलेगी।

भाभी : प्लीज ऐसा मत करो।

बड़े भाई : क्या करें.. नौकरी है। जैसे तुमने इतने साल इंतजार किया है वैसे 6 महीने और सही।

भाभी : और कर भी क्या सकती हूँ?

बड़े भाई : अभी क्या कर रही हो और विकास क्या कर रहा है?

भाभी : अभी 7 फेरों के बारे मैं सोच रही हूँ जो आपने हमारे साथ लिए है और उन्ही फेरों के ख़यालों मैं खोई हुई अब से घूम रही हूँ और विकास बाज़ार गया है सब्जी लाने।

अब ये कहकर भाभी ने हमे इशारे से कहा कि मैं उन्हे गोद मैं उठाकर फेरे लेता रहूं। अब हमने भाभी को गोद मैं उठा लिया और फेरे लेने लगा। इसके बाद 7 फेरों तक वो बड़े भाई से रोमांटिक बाते करती रही और अब बड़े भाई ने फोन रख दिया और हमने कहा कि फेरे समाप्त हो गये। तभी उन्होंने कहा कि हम दोनों 8 फेरे लेंगे तो हमने कहा कि लेकिन शादी मैं 7 फेरे ही होते है 8 क्यों? तभी भाभी ने कहा कि इस फेरे मैं हम ये कसम खाएँगे कि इस शादी के बारे मैं हम कभी भी किसी को कुछ नहीं बताएँगे और जब भी मौका और समय मिला तो पति और पत्नी की तरह एक दूसरे को प्यार करेंगे।

तभी हमने कहा कि ठीक है और अब हमने आठवां फेरा भी लिया और अब हमने भाभी के कहने पर सिंदूर की डिबिया उठाई और उनकी माँग को भर दिया। तब उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और अब वो हमारे पैर छूने लगी तो हमने कहा की भाभी ये क्या कर रही हो? तभी उन्होंने कहा कि अब से आप हमे सिर्फ़ करिश्मा बोलोगे। अब हमने कहा कि ठीक है करिश्मा लेकिन ये तुम कर क्या रही हो? उन्होंने कहा कि अपने पति के पैर छू रही हूँ। इसके बाद भाभी ने कहा कि अब मैं जाकर कुछ तैयारी करती हूँ और आप जाकर बाज़ार से कुछ फल, मिठाई और कुछ सामान ले आइए। तभी मैं बाज़ार चला गया और भाभी हमारी सुहागरात की तैयारी करने लगी।

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अब हमे करिश्मा का फोन आया कि अलग-अलग तरह के 25-30 पैकेट कंडोम भी लेते आना। तो हमने सोचा कि करिश्मा इतने कंडोम क्यों लाने को बोल रही है? ख़ैर हमने 2-3 दवाई की दुकान से 40 पैकेट कंडोम ले लिए और सारे को कंडोम लेकर मैं घर पहुँचा। तभी करिश्मा ने सारा समान चेक किया और अब हम दोनों खाना खाने लगे। अब खाना खाने के बाद भाभी ने हमे कहा कि आप 30 मिनट के बाद कमरे मैं आना। अब मैं इंतजार करने लगा और भाभी किचन मैं चली गयी और अब 10 मिनट के बाद वो रूम मैं चली गयी। वो दूध लेकर गयी थी। अब मैं जब रूम मैं गया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी.. हमने देखा कि रूम मैं कंडोम गुब्बारे की तरह फूलकर इधर उधर घूम रहे थे और कुछ दीवारों पर चिपकाए हुए थे और कुछ बेड पर थे और कुछ कंडोम बिना फुलाए ही बेड पर सजाए हुए थे और सारे कंडोम के साथ गुलाब के फूल की पत्तियां रखी हुई थी जिससे बहुत ही रोमॅंटिक माहोल बना हुआ था।

अब मैं आगे बढ़ा और बेड पर बैठ गया और भाभी घूँघट मैं थी तो हमने उनका घूँघट उठा दिया उन्होंने आँखे बंद कर रखी थी तो हमने कहा करिश्मा आँखे खोलो तो उन्होंने धीरे धीरे अपनी आँखे खोली और शरमाते हुए बेड से उतर गयी और हमारे पैर छूने लगी। तभी हमने उन्हे उठाया और कहा कि आप बार बार हमारे पैर क्यों छूती हो? अब उन्होंने कहा कि मेरी माँ ने कहा था कि सुहागरात के पहले अपने पति के पैर छूने चाहिए। तब हमने उन्हे उठाया तो उन्होंने हमे दूध का ग्लास दिया और पीने को कहा तो हमने कहा कि दोनों साथ पियेंगे। अब वो मना करने लगी लेकिन हमने कहा कि पहले आप एक बार पीजिए। तभी वो बोली कि नहीं पहले आप.. तब हमने 1 घूँट दूध पिया और उन्हे मुख खोलने को कहा और अपने मुख से दूध उनके मुख मैं डाल दिया और कहा कि आप अब पीजिए और अब हमने उन्हे कहा कि इसी तरह आप भी हमे पिलाइए। अब उन्होंने 1 घूँट दूध पिया और हमारे मुख मैं डाल दिया.. इस तरह हमने अपना दूध समाप्त किया।

अब उसके बाद हमने करिश्मा को उठाकर बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चड़ बैठा। तभी भाभी ने कहा कि ये क्या कर रहे हो? अब हमने कहा कि आपने आज सुबह से हमे ना तो अपनी चूत चाटने दी है और ना ही हमारा लंड चूसा है। तभी उन्होंने कहा कि आओ उससे भी अच्छी चीज़ तुम्हे देने वाली हूँ थोड़ा सब्र तो करो हमारे राजा। अब हमने कहा कि क्या? तो उन्होंने कहा कि क्या तुम्हे नहीं पता? तो हमने कहा कि नहीं..हमे तो वही पता है जो कल रात आपके साथ किया था। तभी उन्होंने हमारे होंठो पर होंठ रख दिये और धीरे से बोली आज सब पता चल जाएगा और हमे चुम्बन करने लगी और मैं भी उनका पूरा साथ देने लगा। इसी बीच मैं एक-एक करके उनके सारे गहने उतारने लगा और उनकी चूची ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा मैं जोश मैं कुछ ज्यादा ही ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।

अब भाभी मचल उठी और मुझसे कहा कि थोड़ा धीरे लेकिन हमे कुछ सुनाई ही नहीं दिया और हमने और ज़ोर-ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया। अब भाभी के मुख से सिसकियां और चीख निकल रही थी। तभी हमने उनके ब्लाउज को बहुत ज़ोर से खींच दिया तो उनके ब्लाउज के सारे हुक टूट गये और उनकी ब्रा दिखने लगी। अब उन्होंने कहा कि तोड़ने की क्या ज़रूरत थी। लेकिन जोश मैं हमे कुछ याद नहीं था और अगले ही पल हमने भाभी की ब्रा को भी ज़ोर से खींच दिया और वो भी फट कर उनके शरीर से अलग हो गई और उनकी संतरे जैसे चूचियां हमारे सामने बिल्कुल आज़ाद थी और मैं चुम्बन करना छोड़कर एक चूची को मुख मैं लेकर चूसने लगा और दूसरे को ज़ोर से दबाने लगा।

पता नहीं कि हमे उस वक़्त क्या हो गया था कि हमने चूसते समय उनके निप्पल को दाँत से काट लिया तभी भाभी चीख पड़ी उईईईईईईईई माँ बचाओ मैं मरी। तभी हमने उस चूची को छोड़कर दूसरी चूची को भी काट लिया। तो भाभी चीख पड़ी क्या कर रहे हो? मार डालोगे क्या? छोड़ो.. पर मैं कुछ सुन ही नहीं रहा था। अब हमने चूची को छोड़ा और उनकी साड़ी और पेटीकोट को निकाल फेंका और झट से उनकी तंग चूत मैं मुख लगाकर चाटने लगा। अब भाभी पहले से ही गीली हो चुकी थी और मैं चूत को चाटे जा रहा था और वो भी आह्ह्ह और ज़ोर से चाटो पी जाओ पूरा पानी.. निचोड़ लो हमारे चूत का रस.. इस तरह से चिल्लाए जा रही थी। अब करीब 15 मिनट के बाद वो अचानक से उठ बैठी और हमारे वस्त्र उतारने लगी। सबसे पहले टाई को खोला, अब शर्ट के बटन को खोलने लगी तभी उन्हे क्या याद आया और शर्ट को ज़ोर से खींच दिया जिससे सारे बटन टूट गये और शर्ट एक ही बार मैं खुल गई। अब मेरी बेल्ट खोली और पेंट का बटन खोलकर मेरी पेंट को मुझसे अलग कर दिया और लास्ट मैं मेरी अंडरवियर खोल कर हमे नंगा कर दिया और अब लंड पर हाथ फैरकर उसे मुख मैं लेकर चूसने लगी और कहा कि वीर्य निकलने से पहले बता देना और अब हम 69 पोज़िशन मैं एक दूसरे का रस पीने लगे।

इस बार करीब 40 मिनट चूसने के बाद भी वीर्य नहीं निकला तो हमने भाभी से पूछा कि करिश्मा आज तो निकलने का नाम ही नहीं ले रहा है। तभी भाभी ने कहा कि क्योंकि कल से आज सुबह तक तुमने बहुत बार निकाला है इसलिए थोड़ी देर से गिरेगा। अब भाभी ने कहा कि अब चूसना छोड़ो और सीधे हो जाओ तब मैं सीधा लेट गया और कहा कि क्या करना है बोल मेरी चूत की मल्लिका और लंड की रानी करिश्मा। तभी उन्होंने कहा कि अब तुम अपने लंड को मेरी चूत मैं डालकर धक्का मारो और उसे अंदर ही रखना.. चाहे कुछ भी हो जाए उसे चूत से निकलना नहीं। अब हमने उनसे कहा कि चूत मैं हमारा लंड कैसे जाएगा?  जिसमे मेरी उंगली भी नहीं जा रही थी। तभी उन्होंने कहा कि हमारे प्यारे पतिदेव तुम्हे इसकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है बस तुम वैसा ही करो जैसा मैं कहती हूँ और बस इतना याद रखना कि चाहे कुछ भी हो जाए जब लंड चूत मैं घुस जाए तो मैं कितना भी रोऊँ, गिड़गिड़ाऊ, चिल्लाऊ या कुछ भी करूँ.. तुम अपने लंड को बाहर मत निकलना।

तभी हमने कहा कि ठीक है और 6 इंच लंबे और 2 इंच मोटे लंड को चूत के मुख पर रखा। दोनों गीले तो पहले से ही थे और भाभी कुछ बोलती या समझा पाती उससे पहले हमने एक जोरदार धक्का मारा और भाभी के ऊपर गिर पड़ा और इसी के साथ हमारा पूरा 6 इंच लंड सरसरते हुए एक ही बार मैं उनकी चूत के आखरी छोर तक पहुँच गया और भाभी चिल्ला पड़ी मर गैिईईईईईईईईईईई, आआहह प्लीज़ विकास उसे बाहर निकाल लेकिन उन्होंने हमे ये पहले ही बता दिया था इसलिए हमने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। मर गैिईईईईईईईईईईई, आआहह कोई बचाओ हमे मेरी चूत फट गयी.. मैं मर जाऊंगी.. कोई बचाओ हमे.. मेरी चूत फट गयी.. विकास अपना लंड बाहर निकालो प्लीज.. प्लीज। लेकिन हमे बहुत मजा आ रहा था। हमे ऐसा लगा कि हमने अपने लोहे जैसे लंड को एक आग की भट्टी मैं डाल दिया है जिसकी दीवारे रुई जैसी मुलायम है और मैं अपने हाथों से उनकी चूचीयां ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था। तभी हमने उनकी चूत की और देखा तो हमे मालूम हुआ कि उनकी चूत से खून निकल रहा है लेकिन मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ा.. क्योंकि भाभी को तड़पता देखकर हमे एक अजीब सी खुशी मिल रही थी। ठीक उसी समय पता नहीं हमे क्या हुआ.. मैं अपना लंड बाहर निकालने लगा और जब केवल लंड का टोपा अंदर ही था और तभी हमने एक बार अब पूरी ताक़त से धक्का मार दिया। ये हमने इसलिए किया क्योंकि जब हमने पहला धक्का मारा था तो उस वक़्त हमे बड़ा मज़ा आया था और उसी मज़े के लिए हमने दोबारा धक्का मारा था। जबकि उस वक्त हमे सचमुच ये नहीं पता था कि यही चोदने की प्रक्रिया होती है और लंड अब चूत के आखरी छोर पर पहुंचकर मस्ती देने लगा। तभी भाभी अब चिल्ला पड़ी प्लीज़ छोड़ो हमे मैं मर जाऊंगी.. प्लीज़ छोड़ो मेरी चूत फट गयी है माँ बचा लो हमे इस दरिंदे से.. इस तरह ना जाने क्या क्या बोलकर चीख रही थी और उनकी आँखो से लगातार आंसू गिर रहे थे और हमे बड़ा मज़ा आ रहा था।

अब मैं भी चूत चुदाई का तरीका समझ चुका था अब ना जाने हमारे अंदर कोई दरिन्दा समा गया था और मैं बिना रुके लंड को ज़ोर-ज़ोर से धक्का देकर अंदर बाहर करने लगा और भाभी रोती रही और चीखती रही लेकिन मुझ पर कोई फ़र्क नहीं पड़ा। इसी बीच हमे लगा कि भाभी दो बार झड़ चुकी है और इस समय वो बेहोश हो चुकी थी लेकिन इन सब बातों से बेख़बर होकर मैं लगातार अपनी हवस पूरी कर रहा था और बेहोश भाभी को आधे घंटे तक चोदता रहा और तब जाकर उनकी चूत मैं ही झड़ गया और थककर भाभी के ऊपर ही सो गया।

अब जब सुबह मेरी आंख खुली तो 9 बज चुके थे और भाभी अभी भी हमारे पास मैं नंगी पड़ी थी और दर्द से करहा रही थी और वो होश मैं आ चुकी थी। तब मैं उठकर उन्हे चुम्बन करने लगा उनकी चूची चूसने और दबाने लगा। इस बीच हमारा लंड तैयार हो चुका था और अब हमने कहा कि मैं अब आपको अब चोदूंगा.. तभी उन्होंने कहा कि प्लीज़ अभी मत चोदो लेकिन मैं नहीं माना और लंड चूत पर रखने लगा। अब हमने देखा कि उनकी चूत सूज गयी है लेकिन अब भी हमने अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक धक्का दे दिया लंड पूरा अंदर और भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और मैं उन्हे चोदता रहा और वो अब बेहोश हो गयी। तब भी हमने पूरा चोदकर ही दम लिया और अपना वीर्य उनकी चूत मैं गिरा दिया और एक घंटे तक उनके साथ ही पड़ा रहा।

अब मैं उठा और फ्रेश होकर भाभी पर पानी के छींटे मारे तो उन्हे होश आया.. लेकिन वो उठने के काबिल नहीं थी। अब मैं बाहर से डोर लॉक करके बाज़ार गया और कुछ खाने की चीज़े और पेन किलर ले आया। अब घर आकर हमने पहले पानी गर्म करके हॉट वॉटर बेग मैं रखा और उससे उनकी चूत को सेकने लगा थोड़ी देर मैं उन्हे आराम हुआ और वो कुछ अच्छा महसूस करने लगी। अब हमने उन्हे खाना खिलाकर पेन किलर दिया और वो अब सो गयी और मैं टीवी देखने लगा। अब करीब 8 घंटे सोने के बाद वो शाम के 4 बजे उठकर लंगड़ाती हुई हॉल मैं आई तो मैं उनके पास गया और उन्हे सहारा देकर दीवान तक ले आया और अब हमने पूछा कि अब क्या हाल है भाभी? तभी वो बोलने लगी तुम ठीक रहने दोगे तब ना। तब हमने उन्हे दीवान पर लेटाया और उनकी चूत को देखने लगा। तभी वो बोली कि प्लीज़ अब मत चोदना। अब हमने कहा कि ठीक है केवल चाटूँगा.. तभी वो तैयार हो गई और मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी। अब 20 मिनट के बाद भाभी झड़ गयी और मैं उसे पी गया।

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अब उस रात को भी हम केवल 69 की पोज़िशन मैं ही एक दूसरे के मुख मैं झड़ गये और नंगे ही दीवान पर सो गये और अब हमने दो दिन तक भाभी की चूत को हॉट वॉटर बेग से सेकता रहा और दूसरे दिन हमने पानी हल्का गर्म करके टब मैं रख दिया और भाभी से कहा कि आप इसमे बैठो तो आपको आराम मिलेगा। तो भाभी उसमे बैठी और इस तरह से वो दो दिन तक करती रही तब जाकर उनकी चूत पहले वाली स्थिति मैं आई और उनका दर्द बिल्कुल ठीक हो गया था।

अब उसी रात जब मैं सोने गया तो हमने उनसे कहा कि तुम्हे चोदे हुए पूरे दो दिन हो चुके है.. लेकिन आज हर हाल मैं तुम्हे चोदूंगा। लेकिन वो मना करती रही.. उन्होंने कहा कि एक दिन और रुक जाओ लेकिन आज मुझ पर अब से चूत का भूत सवार हो चुका था और ये बात भाभी समझ गयी। अब उस दिन हमने उन्हे नंगा किया और हॉल मैं दीवान पर ले आया और वहीं पर चोदने लगा और लंड चूत पर रखकर एक ही धक्के मैं पूरा लंड अंदर कर दिया भाभी चीखी लेकिन मैं रुका नहीं और चोदता रहा और इस बार हमे लगा कि करिश्मा भाभी भी मज़ा ले रही है और उन्हे दर्द कम हो रहा है। अब उनकी सिसकियों मैं भी मज़ा जैसा फील हो रहा था और वो भी अपनी कमर को हिला रही थी। जिससे हम दोनों के धक्को से जब एक साथ लंड और चूत का मिलन होता था तब जन्नत जैसा मज़ा आ रहा था। अब करीब एक घंटे के बाद मैं भाभी की चूत मैं ही झड़ गया और भाभी भी हमारे साथ ही झड़ गयी और हम दोनों सो गये।

अब हम दोनों रोज़ रात सुहागरात मानने लगे। लेकिन इस बार हमने कुछ सावधानी रखी जिससे करिश्मा माँ ना बने और इस तरह से पूरे 5 महीने बीत गये। अब एक दिन बड़े भाई का फोन आया कि उन्हे 15 दिन की छुट्टी मिल गयी है और वो दो दिन बाद घर आएँगे। तब हमने कहा कि भाभी असली सुहागरात के लिए तैयार हो जाओ लेकिन भाभी उदास हो गई और मुझसे बोली तुम्हारे लंड के बिना कैसे रहूंगी? तभी हमने कहा कि करिश्मा जान बस 15 दिन की ही तो बात है और ये कहकर मैं उन्हे चुम्बन करने लगा। उस रात हमने रात भर चुदाई की और ये फ़ैसला किया कि.. भाभी का पहला बच्चा हमारे लंड से ही होगा। उन्होंने ही इस बात का प्रस्ताव रखा था जिसे हमने खुशी से मान लिया लेकिन एक समस्या और थी कि जब बड़े भाई भाभी को चोदेंगे तब उनकी चूत से खून नहीं गिरने पर उन्हे शक हो जाएगा।

तभी मैं लेब स्टोर पर गया और कहा कि कुछ ऐसा प्रॉडक्ट है जिसे पानी मैं घोलने पर बिल्कुल खून जैसा लगे। तभी दुकानदार ने हमे एक पाउडर दिया और कहा कि इसे पानी मैं घोलकर 4 घंटे छोड़ देना अब किसी को भी खून और इसमे अंतर नहीं पता चलेगा। अब मैं उसे लेकर घर आ गया और उसे पानी मैं घोलकर 4 घंटे छोड़ दिया। अब शाम के सात बजे जब वो तैयार हो गया तो हमने उसे रुई मैं डुबाया और भाभी को लेटने को कहा और उनकी चूत को चौड़ा करके रुई से वो लाल घोल उनकी चूत मैं डाल दिया ऐसा करते हुए जब हमे लगा कि घोल काफ़ी अंदर चला गया तब हमने भाभी को कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने को कहा और कुछ देर मैं वो घोल अंदर जम गया और हमने भाभी से साफ कहा कि अब जब तक बड़े भाई तुम्हे चोदे नहीं तब तक तुम पेशाब मत करना। अब करिश्मा ने कहा कि ठीक है और हमने कहा 10-15 मिनट मैं बड़े भाई आने वाले है और मैं चाहता हूँ कि बड़े भाई आते ही तुम्हे चोद लें इसलिए मैं बाहर जा रहा हूँ और 10 बजे तक आऊंगा और आप जितना हो सके लेटी ही रहना.. करिश्मा ने कहा कि ठीक है।

अब हमने उन्हे चुम्बन किया और कहा कि आज रात तो आप व्यस्त रहोगी इसलिए हमारा लंड चूसकर इसे ढीला कर दो। तो अब करिश्मा ने वैसा ही किया और मैं उनके मुख मैं झड़ गया और घर से बाहर निकल गया। अब हमने देखा कि करीब 10 मिनट के बाद बड़े भाई की गाड़ी आकर रुकी और वो घर के अंदर चले गये। मैं जानता था कि बड़े भाई को जैसे ही ये पता चलेगा कि मैं घर पर नहीं हूँ वो भूखे शेर की तरह भाभी पर टूट पड़ेंगे और मैं भी यही चाहता था। अब हुआ भी यही.. जब मैं घर पहुंचा तो बड़े भाई ने हाल चाल पूछा और अब मैं किचन मैं भाभी के पास गया तो वो मुस्कुरा रही थी उन्होंने धीरे से कहा कि हमारा प्लान कामयाब रहा तुम्हारे बड़े भाई ने जब हमे चोदा और उनके लंड पर खून लगा तो वो तभी से अपने आपको तीरन्दाज़ समझ रहे है, गर्व से उनकी छाती चौड़ी हो गयी है।

हमने कहा कि हम भी तो यही चाहते थे और हमने भाभी को 15 गोली दी और कहा कि रोज़ एक खा लेना तुम माँ नहीं बनोगी। अब उन्होंने कहा कि ठीक है तभी बड़े भाई ने कहा कि मैं ज़रा बाहर से घूम कर आता हूँ और वो बाहर चले गये और तभी हमने भाभी को चुम्बन करना शुरू कर दिया। उस दिन से लेकर 15 दिनों तक बड़े भाई ने भाभी को कई चोदा और हमने भाभी से कह दिया था कि थोड़ा लंगड़ाकर चलना। इससे बड़े भाई खुश हो जाएँगे और हुआ भी वही। मैं इन दिनों ज्यादा बाहर ही समय बिताता था क्योंकि मैं बड़े भाई को पूरा समय देना चाहता था। अब वो दिन आ गया जब बड़े भाई को जाना था.. अंतिम चुदाई के बाद भाभी को कहा कि हमारा पूरा ध्यान रखे और बड़े भाई जल्दी आने का वादा करके चले गये।

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मित्रों ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई है आगे की कहानी मैं बताऊंगा कि कैसे हमने भाभी को माँ बनाया ।।

मित्रों आगे की कहानी अगले भाग मैं …

 

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