यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
मैंने पोकेट मनी और अपनी स्कोलरशिप से पैसे जोड़े और एक महंगी चांदी की चेन खरीद ली. सुल्ताना रोज फुदक फुदक के घर का काम करती थी. मैं जानबूझ के उसके सामने बरमुडे में रहता था और उसके सामने अपने लंड को भी मसलता था. जब चेन आ गई तो जब वो मेरे कमरे में पोछा लगा रही थी तो मैंने पीछे से जा के चेन को उसके कंधे से निचे लटका दिया. चेन उसके बूब्स तक चली गई. उसने ऊपर देखा और बोली, ये क्या हे?
मैंने कहा, वही जो मेरे अब्बा तुम्हे देते हे!
वो बोली, नहीं नहीं साहब ने ऐसा कुछ कभी नहीं दिया हे आप की अम्मी को गलतफहमी हे.
मैंने कहा, अम्मी कहाँ से आ गई बिच में. और मैंने देखा हे अब्बा को देते हुए. बदले में तुम अब्बा को देती हो वो मुझे भी दे दिया करो.
सुल्ताना बोली: नहीं नहीं मैं ऐसी औरत नहीं हूँ!
मैंने कहा: तुम्हारी गांड से गू को निकल के अब्बा के लंड को गन्दा करने का सिन मैं देख चुका हूँ इसलिए मेरे सामने अपनी नाटक की दूकान बंद कर दो. ये कम हे तो और सो दो सो ले लेना लेकिन मुझे वो चाहिए जो अब्बा को देती हो!
अब तो नर्म पड़ी, और बोली: साहब को पता चला तो प्रॉब्लम होगा.
मैंने कहा: उन्हें कहा से पता चलेगा, वो घर पर न हो तब हम करेंगे.
सुल्ताना बोली: देख लो मैं किसी प्रॉब्लम में पड़ी तो तुम बाप बेटे दोनों की खेर नहीं!
मैंने कहा, तुम एक काम करो जब अब्बा घर पर नहीं होते हे उस वक्त आया करो. तब कोई प्प्रॉब्लम नहीं होगा.
वो बोली ठीक हे मैं थोडा काम बाकि रखूंगी कल और उसे करने के लिए दोपहर में आउंगी जब तुम्हारे अब्बा नहीं होते हे.
मैंने कहा ठीक हे.
दुसरे दिन सुल्ताना ने मुझे जैसे बोला था वैसे ही किया. वो दोपहर में आई. अम्मी निचे सोयी हुई थी. मैं जाग रहा था और उसकी ही वेट में था. वो आई मेरे कमरे में झाड़ू ले के. मैंने उसके हाथ से झाड़ू ले के निचे फेंक दिया और दरवाजे को बंद करने का इशारा कीया. वो दरवाजे को बंद कर के आ गई मेरे पास.
फिर वो मेरी बाहों में अपने दोनों हाथो को डाल के बोली, अब्बा का बेटा भी अब्बा के जैसा ही ठरकी हे!
मैंने कहा, आज तेरी गांड फाड़ दूंगा साली!
ओह ओह, तेवर तो देखो नवाब के, चलो देखती हूँ, बहुत लवडे लिए हे मैंने भी बेटा!
मैंने कहा, साली तू हे ही छिनाल मेरे बाप जैसे बूढ़े को नहीं छोडती!
वो बोली, तेरा बाप कुत्ते की तरह आता हे मेरे पीछे.
मैंने कहा, तू गांड और बोबे हिला के उसके सामने झाड़ू जो लगाती हे.
मैंने अपनी इस सेक्सी कामवाली के दोनों हेडलाईट पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा. वो सिसकिया उठी और मैंने जोर जोर से उन्हें प्रेस करने लगा. सुल्ताना ने अपने एक हाथ को निचे ले जा के मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया.. और बोली, बड़ा हे तुम्हारा तो.
मैंने कहा अब्बा से भी बड़ा हे कुतिया.
वो बोली, देखो चोदना हे तो सीधे सीधे चोदो, गाली गलोच करने की कोई जरूरत नहीं हे.
मैंने उसे एक थप्पड़ मारा और बोला, साली दो टके की छिनाल मुझे सिखाती हे.
उसके होंठो की साइड से खून निकल गया और वो रूठ के भागने को हुई. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बिस्तर के ऊपर फेंक दिया. और पीछे से उसकी सलवार का नाडा खोला. उसकी बड़ी गांड मेरे सामने थी जिसके ऊपर मैं प्यार से हाथ फेरने लगा.
वो बोली, सीधे सीधे करोगे ना?
मैंने कहा, हां मेरी रंडी भागती क्यूँ हे बेन्चोद.
वो बोली, फिर गाली?
मैंने कहा अरे ये तो मेरी आदत हे सेक्स करते समय गाली देता हूँ.
वो बोली, बहुत गन्दी आदत हे.
तब तक मैंने उसकी सलवार को पूरी खोल दी थी और साइड में फेंक दी थी. उसकी काली गांड का छेद देख के मैंने अपनी एक ऊँगली के ऊपर थूंक लगाया. और गांड के अन्दर ऊँगली डाल दी. वो उईईइ माँ कर के उछल सी गई. मैंने उसके हाथ छोड़ दिए और दूसरी भी एक ऊँगली को उसकी चूत में पेल दी. उसकी गांड और चूत के अन्दर अब मेरी एक एक ऊँगली पड़ी हुई थी. वो सिहर रही थी और मैं धीरे धीरे से उसके दोनों छेद को ऊँगली से हिला रहा था. सुल्ताना की चूत से पानी निकलने लगा था. मैंने उसकी गांड में अब धीरे से दो ऊँगली डाली और वो तडप उठी. मैंने कहा, डार्लिंग गांड हिलाओ न अपनी!
वो अपनी गांड को मेरे लिए मटकाने लगी थी. और मैं कस के ऊँगली से उसे चोदन दे रहा था. फिर मैंने अपने पेंट की ज़िप खोली और उसे कहा, अब चल इसे अपने मुहं में ले ले मेरी बाप की रंडी!
वो मुहं बना के मेरे लंड को मुहं में ले के चूसने लगी. सुल्ताना ब्लोवजोब की तो पक्की खिलाडी थी और वो मैंने जब वो अब्बा का लंड चूस रही थी तभी देख लिया था. वो सिसकिया ले रही थी और अपने बाल की लटों को कान के पीछे कर के चुस्ती गई. पांच मिनिट लंड चूसने के बाद वो खड़ी हुई. मैंने उसकी कमीज को खोला और फिर से उसके बूब्स को दबाने लगा.
मैंने इतनी जोर से उसके दबा रहा था की उसे दर्द सा होने लगा था. वो जोर जोर से सिसकियाँ रही थी. अब मैंने अपने एक घुटने को उसकी चूत के ऊपर रख के दबा दिया. उसके बूब्स मसलते हुए मैं घुटने से उसकी चूत को छेड़ने लगा. वो एकदम गरम हो गइ थी और मैं भी. वो बोली, चलो ना करते हे. मैंने कहा अभी रुको ना.
फिर मैंने बिस्तर के निचे से रोटी बनाने वाला बेलन निकाला और कहा मेरे लंड से पहले तो इसे अपनी बुर में लेगी जान. बेलन पुरे डेढ़ फिट जितना था पतला लेकिन लंबा.
सुल्ताना को बिस्तर में दोनों खोल के लिटा दिया मैंने. और बेलन के एक सिरे को मैंने उसकी बुर में घुसेड दिया. वो सिहर उठी और बोली, अह्ह्ह धीरे से दर्द हो रहा हे.
मैंने कहा चूप छिनाल ज्यादा बोली तो मुहं में पूरा डाल दूंगा ये.
वो चूप रह गई. मैंने आधे बेलन से उसकी चूत को भर दिया. वो दर्द से कराह रही थी और छटपटा रही थी. चद्दर को उसने मरोड़ के एकदम बिगाड़ सा दिया था. फिर मैंने बेलन को और धक्का दिया तो उसकी बस हो गई.
वो बोली, अब आगे मत डालना इसे.
मैंने कहा, तूने तो बहुत लवडे लिए हे साली रंडी एक बेलन से क्यूँ घबरा रही हे फिर.
वो बोली, साले हरामी ये डेढ़ फिट का हे और डेढ़ फिट के लंड नहीं होते हे.
मैंने कहा, मादरचोद अभी तो आधा ही अन्दर डाला हे रंडी.
वो बोली, नहीं नहीं अब इसे और मत डालना अन्दर वरना मैं जाती हूँ निचे.
मैंने बेलन को निकाल लिया और उसे कहा, चल अब तुम घोड़ी बनो मैं चूत मारूंगा.
वो मेरे सामने घोड़ी बन गई. मैंने पीछे से उसकी चूत में अपने लंड को डाला. उसकी चूत लवडे खाने की मशीन थी और पच की आवाज से लंड घुस गया अन्दर.
मैंने आगे हाथ कर के उसके बोबे पकड लिए और दबाने लगा. फिर मैंने बेलन को हाथ में लिया और उस से सुल्ताना की गांड सहलाने लगा. वो सिहर रही थी और अपनी गांड हिला हिला के चुदवा रही थी अपने बुर को. मैंने धीरे से उसकी में बेलन का मुहं डाला. वो दर्द से सीत्कार उठी. और रुक गई, मैंने गांड में थोड़ा और डाल दिया बेलन को. वो दर्द से कराह रही थी. और वो बोली, तुम मुझे चोदने के लिए आये हो या फिर मुझे चोट पहुंचाने के लिए.
मैंने कहा, दोनों मेरी छिनाल!
वो बोली, फिर आज के बाद कभी चुदवाउंगी नहीं तुमसे.
मैंने कहा छिनाल तेरे घरवालो को अपने दोनों की सेक्स क्लिप दिखा दूंगा. वो देख अलमारी के ऊपर जो हे उसमे हम दोनों की इंग्लिश फिल्म बन रही हे. और अगर चु चा की ज्यादा तो इज्जत से हाथ धो बैठेगी. तू कुछ कर भी नहीं सकती हे क्यूंकि इस मूवी में साफ़ दिखेगा की तूने अपनी मर्जी से ही मेरा लंड लिया हे.
वो चूप हो गई. और फिर मैंने बेलन को आधा उसकी गांड में घुसेड दिया. वो दर्द से एकदम कराह रही थी. मैंने पुरे लंड को चूत से बहार निकाल के वापस उसके अन्दर धकेल देता था. वो एकदम कराहते हुए अपनी गांड को हिला रही थी मेरे से चुदने के लिए. मैंने कस कस के पुरे बीस मिनिट तक उसको चोदा. वो थक गई थी लेकिन मेरा अभी हुआ नहीं था.
मैंने अब उसकी चूत से लंड को और गांड से बेलन को बहार निकाल दिया. वो समझी की मेरा हो चूका हे. लेकिन मैं अब बिस्तर के ऊपर चढ़ गया. उसकी गांड को दोनों हाथो से खोल के मैंने सुल्ताना से कहा, ऐसे पकड़ो गांड को.
वो अपनी मटके के जैसी गांड को दोनों हाथ से खोल के बैठ गई. मैंने पीछे से अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया. वो दर्द से सिहर रही थी. देखते ही देखते मैंने लंड को पूरा उसकी गांड में पेल दिया. और फिर मैंने उसकी गांड मारनी चालू कर दी. वी दर्द में कराह रही थी पर मैंने उसकी एक नहीं सुनी और गांड को एकदम तेज गति से चोदता चला गया.
फिर मैंने अपने पाँव के एक अंगूठे को उसके मुहं में दे दिया. वो उसे चूस रही थी और मैं उसकी गांड को ठोक रहा था.
वो थक चुकी थी और मेरे बदन पर भी पसीने की पूरी दूकान सी खुली हुई थी. अब मेरा होने को था तो मैंने लंड को उसकी गांड से निकाला और उसके मुहं के पास ले जा के कहा, देख रंडी एक बूंद भी बहार नहीं आनी चाहिए समझी ना.
और फिर उसके बाल पकड़ के लंड को गले तक उसके मुहं में ठूंस दिया. उस से सांस भी नहीं ली जा रही थी वैसे मैंने उसके मुहं को अपने लंड से भर दिया था. सुल्ताना मेरे लवडे को प्यार दे रही थी और मैं उसे किसी छिनाल के जैसे मुहं में लंड पेल के चोद रहा था. मैं जानता था की उसके मुहं में दर्द हो रहा था पर अब्बा को खराब करने की सजा थी ये तो.
सुल्ताना का मुहं दुखने लगा था और उसकी आँखों से आंसू निकल पड़े थे. पर मैंने फिर भी जरा दया नहीं खाई उसकी. मैंने और भी जोर जोर से उसके मुहं को चोदे रखा. और पांच मिनिट के मस्त माउथ फकिंग के बाद मेरा वीर्य उसके मुहं में ही निकल पड़ा. जैसे मैंने उसे कहा था वैसे वो सब वीर्य को चाट खा गई. फिर अपने दुपट्टे से उसने मुहं साफ़ किया. मैंने कहा, आरे ओ रंडी मेरे लंड को कौन चाट के साफ़ करेंगा भोसड़ी की?
वो निचे हुई और मेरे लंड को चाटने लगी. उसने वीर्य से सने हुए लंड को साफ़ किया तब मैंने उसकी गांड पर बहुत चांटे मारे. उसकी गांड एकदम लाल कर दी मैंने.
वो जा रही थी तो मैंने कहा अब रोज दोपहर को आया करो मेरे लिए, इस वक्त अम्मी भी सोयी रहती हे.
वो बोली, दोपहर को मुश्किल होती हे.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
मैंने उसे रिकोर्डर दिखाते हुए कहा, अगर मुझे मुश्किल पड़ी तो वो सब तुम्हारे घरवालो को बिना किसी मुश्किल के दिखा दूंगा मैं.
वो पाँव को जमीन पर मारते हुए वहां से निकल गई. मेरी कामवाली मेरी चुंगल में एकदम बुरी तरह से फंस चुकी थी!