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टाइट चूत में मोटा लंड : मस्त चूत की सत्यानाश मेरे लंड के द्वारा
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HOT Free XXX Hindi Kahani

दोस्तों जैसा हैडिंग है आज मैं आपको वैसी ही एक मजेदार कहानी से आपको अवगत करा रहा हु, कहानी पढ़कर तो आज आपका लंड ठनक उठेगा और आपको सलामी मारेगा और आपके जाँघिया के अंदर कुलबुलायेगा ये मेरी गारंटी है, आपको मजा आ जायेगा मेरे दोस्त. क्यों की जब जब मैं उस प्यारी सी चूत के बारे में सोचता हु मेरा लंड खड़ा हो जाता है और कहता है मूठ मारो मूठ मारो फिर शांत होता है, और जब मूठ मार के गिरा देता हु तो कहता है, यार किसी और के बारे में सोच ले पर उस लड़की के बारे में मत सोचना, मैं सो नहीं पाता हु और असमय ही मुझे खड़ा होना पड़ता है, ये तो कहानी हुई मेरे लंड की, अब मैं सीधे आपको कहानी पे ले जाता हु.

मेरा नाम विकास है मैं रायगढ़ का रहने बाला हु, मैं २१ साल का हु, और जो कहानी की हीरोइन है वो है गरिमा, बहुत ही सुन्दर बहुत ही कोमल पतली सी बूब्स साइज का जिसके छूते ही मजा आ जाता है, उसकी अदाएं गजब की, मस्त चाल, क्या स्लीक बॉडी है मेरे यार, देखो मेरा लंड फिर तन गया है, गजब की है, मुझे ये मौक़ा मिला उसकी नन्ही सी चूत को चोदने का तो मैंने सोचा क्यों ना नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों को भी पढ़ाया जाए, मुझे ये वेबसाइट बहुत ही अच्छा लगता है,

मैं अभी आई आई टी का तैयारी कर रहा हु और वो भी 12th में है, मेरी मम्मी और उसकी मम्मी दोनों दोस्त है, बहुत ही अच्छा रिश्ता है, तो आसपास कोई अच्छा इंस्टिट्यूट नहीं था इस वजह से गरिमा की मम्मी बोली की बेटा कभी कभी इसको मैथ्स में हेल्प कर दो, मै ये नहीं कह रही हु की रोज रोज करो पर जब भी तुम्हे थोड़ा फुर्सत मिले प्लीज हेल्प कर दो, मैंने सोचा चलो हेल्प कर देते है, और फिर मैंने कहा ठीक है जब भी मैं थोड़ा भी फुर्सत में रहूँगा मैं गरिमा को बुला लूंगा, मेरी तो गर्ल फ्रेंड है पर वो मुझे कभी चोदने नहीं दी है, मुझे अब चुदाई करने का मन करने लगा था तो मैंने सोचा चलो, गरिमा को ही पटाने की कोशिश करता हु, अगर मान गई तो बहुत ही अच्छा होगा क्यों की वो मुझसे आराम से चुदवा सकेगी क्यों की मैं तभी ऑफर करूँगा जब कोई घर में नहीं होगा और हो सकता है वो मान जाएगी.

मैंने उसको एक दो दिन में उसको बुलाना सुरु कर दिया, और मैं पहले उसके मम्मी का और अपने मम्मी का बिस्वास जितने के लिए उसको तब बुलाया जब उसकी मम्मी मेरे मम्मी से मिलने घर पे आई तभी मैंने उसको फ़ोन किया की आ जाओ गरिमा मैं फ्री हु, वो भी आ जाती थी फिर ये सिलसिला चलता रहा, मैंने धीरे धीरे उसको पटाने की कोशिश करने लगा, और वो भी अच्छे तरीके से मेरे हाथ में आ गई, मैंने उसको दोस्ती का ऑफर दिया और वो मान भी गई, अब हम दोनों एक दूसरे से काफी अच्छे तरीके से बात करने लगे. और दोस्त बन गए, वो अब मेरे से पर्सनल बात भी शेयर करने लगी, धीरे धीरे करीब आने लगे, उसका बर्थडे था मैंने उसको अपना बाह फैला कर कहा हैप्पी बर्थ डे गरिमा वो भी बाहों में आ गई, पहली बार उसके चूच सटने का एहसास हुआ, मेरी तो धड़कन बढ़ गई थी, फिर धीरे धीरे नार्मल हुआ, लग रहा था कास ऐसे ही बाहों में झूलते रहते पर ये कमबख्त समय जो है वो पता है जल्दी निकल जाता है बस ये एहसास सिर्फ 8 सेकंड के लिए ही हुआ था.

एक दिन की बात है, मेरी मम्मी मां जी के यहाँ गई थी, गरिमा के पापा और उसके भाई कही उसके भाई को एग्जाम दिलवाने ले गए थे शहर से बाहर, गरिमा की मम्मी किसी रिस्तेदार के यहाँ गई थी, जैसे मुझे पता चला की गरिमा अपने घर में अकेली है, तो मैंने उसको व्हाट्स अप्प किया की गरिमा कहा हो आ जाओ आज मैं फ्री हु आज तुम्हारी मैथ्स की दो चैप्टर कोम्प्लेटेर करा देता हु, उसने कहा ठीक है और आ गई, क्या बताऊँ दोस्तों आज वो स्लीव लेस्स टी शर्ट वो भी काफी टाइट पहनी थी, और निचे स्कर्ट वो भी शार्ट. गजब की लग रही थी, मैं उसको देखकर हैरान रह गया की इतनी हॉट है, मैंने पूछा गरमा आज तो बड़ी हॉट लग रही है, तो बोली ये हॉट बस पांच बजे तक ही रहूंगी क्यों माँ ये सब कपडा पहनने नहीं देती है, इस वजह से मैं नहीं पहनती हु, माँ आज घर पे नहीं है इस वजह से मैं ये ड्रेस पहनी हु.

मैंने अंदर बुलाया वो बैठ गई हम दोनों पलंग पे बैठ गए, मैंने कहा चैप्टर निकालो, पर मैं उसका ये रूप देखकर चैप्टर के बारे में सोचना ही बंद कर दिया और बस उसकी टाइट चूचियों को और उसकी गोल गोल जांघो को ही निहार रहा था, मेरा तो लंड काफी मोटा हो गया और मेरी धड़कन तेज हो गई थी, फिर मैंने किसी तरह अपने आप को संभाला और फिर इधर उधर की बात करने लगा पर मेरे मन उसको चोदने को करने लगा, मैंने धीरे धीरे उसके जांघ पर हाथ रखा वो कुछ भी नहीं बोली, सिर्फ मुस्कुराई, फिर मैंने कहा गरिमा मैं आज तुमसे कुछ मांगना चाहता हु, अगर तुम मना नहीं करो तो, तो वो बोली अगर मेरे पास होगा तो जरूर दूंगी, ऐसे भी तुम मुझे फ्री पढ़ा रहे हो, तो मैंने उसको प्रोमिस करवाया की किसी से नहीं कहना है, उसको फिर अपना कसम दिया वो मान गई, बोली नहीं बोलूंगी.

मैंने कहा मुझे एक किश चाहिए वो पहले ना ना की फिर मैंने उसको थोड़ा अपने करीब बैठा लिया और पीठ सहलाने लगा, और उसका मुह अपने सामने कर के उसके होठ को चूम लिया, फिर दुबारा किश नहीं बल्कि चूस लिया आप नहीं मानोगे यारो इमरान हासमी भी फ़ैल था मेरे चूमने के स्टाइल में पर उसका असर ये हुआ की वो मेरे से लिपट गई और मैंने उसके टी शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसके चूचियों को दबाने लगा फिर क्या था वो तो धीरे धीरे मुझे सौंप दी अपने आप को फिर मैंने उसके स्कर्ट को ऊपर कर दिया और पेंटी में हाथ डाल के चूत को सहलाने लगा, वो तो लेट गई फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी, मेरा लंड खड़ा हो गया था मैंने अपना लंड निकला लिया, और गरिमा के हाथ में दे दिया

वो हिलाने लगी मैंने कहा मुह में ले ले पर वो मना कर दी, मैंने भी कुछ नहीं कहा मैंने उसके टांगो को फैलाकर उसके चूत को देखा, क्या बताऊँ दोस्तों टाइट सी चूत थी उसकी, देख कर मैं गरम हो गया, और अपना लंड उसके चूत पे रख दिया वो बोली प्लीज धीरे धीरे करना, मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और अंदर घुसाने लगा, पर छेद इतना छोटा था की लंड जा ही नहीं रहा था, मेरा लंड मोटा और काफी लम्बा है, मैंने धीरे धीरे कोशिश किया और थोड़ा थोड़ा जाने लगा और करीब दस मिनट के बाद अंदर गया पर उस समय तो उसके चूत का मैंने सत्यानाश कर चूका था फट चुकी थी उसकी चूत, फिर चुदाई शुरू हुआ, जोर जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा, गरिमा के मुह से एक भी आवाज निकल रही थी, प्लीज धीरे करो दर्द हो रहा है, प्लीज धीरे प्लीज धीरे, पर मैं कहा रुकने वाला था मैं करीब उसको आधे घंटे तक चोदा फिर मेरे झड़ गया,

थोड़े देर तक गरिमा के ऊपर ही पड़े रहे फिर अलग अलग हो गए, गरिमा बाथरूम गई और साफ़ की, वो लंगड़ा के चल रही थी, मैंने कहा दर्द हो रहा है क्या तो बोली कोई बात नहीं थोड़े देर में ठीक हो जायेगा, और फिर हम दोनों एक दूसरे को रोज रोज खुश करने लगे,

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