बेटा अब जवान हो गया

HOT Free XXX Hindi Kahani
बसंती अपने झीनी गाउन को पहन कर बिस्तर पर आ गयी. चांग वहां तौलिया लपेटे लेटा हुआ था. चांग ने अपनी जेब से सिगरेट निकाला और माँ से माचिस लाने को कहा. बसंती ने चुप- चाप माचिस ला कर दे दिया. चांग ने माँ के सामने ही सिगरेट सुलगाई और पीने लगा. बसंती ने कुछ नही कहा क्यों कि उसके विचार से सिगरेट पीने वाले लोग आमिर लोग होते हैं.

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

चांग – माँ, तू सिगरेट पीयेगी?
बसंती – नहीं रे .
चांग – अरे पी ले, मांस भात खाने केबाद सिगरेट पीने से खाना जल्दी पचता है. कहते हुए अपनी सिगरेट माँ को दे दिया. और खुद दुसरा सिगरेट जला दिया. बसंती ने सिगरेटसे ज्यों ही कश लगाया वो खांसने लगी.
चांग ने कहा – आराम से माँ. धीरे धीर पी. पहले सिर्फ मुह में ले. धुंआ अन्दर मत ले. बसंती ने वैसा ही किया. 3 -4 कश के बाद वो सिगरेट पीने जान गयी. आज वो बहुत खुश थी. उसका गोरा बदन उसके काले झीने गाउन से साफ़ झलक रहा था.
चांग – कैसा लग रहा है माँ?
बसंती – कुछ पता नहीं चल रहा है. लेकिन धुआं छोड़ने में अच्छा लगता है.
चांग हंसने लगा. कुछ दिन यूँ ही औरगुजर गए. बसंती अपने बेटे से धीरे धीरे खुलने लगी थी. चांग भी अब रोज़ सुबह नंगा ही पाया जाता था. चांग ने अब शर्माना सचमुच छोड़ दिया था. चांग ने अपनी माँ को ब्यूटी पार्लर ले जा कर मेक अप और हेयर डाई भी करवा दिया था. उसने अपनी का के मेक-अप के लिए लिपस्टिक, पाउडर क्रीम आदि भी लेता आया था. बसंती दिन ब दिन और भी खुबसूरत होती जा रही थी.
एक रात चांग ने सिगरेट पीते हुए अपनी माँ को सिगरेट दिया. बसंती भी सिगरेट के काश ले रही थी. बसंतीकाला वाला झीने कपडे वाला पारदर्शी गाउन पहन रखा था. उसका गोरा बदन उसके काले झीने गाउन से साफ़ झलक रहा था.
चांग – माँ एक बात कहूँ.
बसंती – हाँ बोल.
चांग – तू रोज़ गाउन पहन के क्यों सोती है? क्या तेरे पास ब्रा और पेंटी नहीं हैं?
बसंती – हाँ हैं, लेकिन तेरे सामनेपहनने में शर्म आती है.
चांग – जब मै तेरे सामने नही शर्माता तो तू मेरे सामने क्यों शर्माती हो? इसमें शर्माने की क्या बात है? कभी कभी वो पहन कर भीसोना चाहिए. ताकि पुरे शरीर को हवा लग सके. दिल्ली में शरीर में हवा लगाना बहुत जरुरी है नहीं तो यहाँ के वातावरण में इतना अधिक प्रदुषण है कि बदन पर खुजली हो जायेंगे. देखती हो मै तो यूँ ही बिना कपडे के सो जाता हूँ.
बसंती – तो अभी पहन लूँ?
चांग – हाँ बिलकूल.
बसंती अन्दर गयी और अपना गाउन उतार कर एक पुरानी ब्रा पहन कर बाहर आ गयी. पुरानी पेंटी तो उसने पहले ही पहन रखी थी. बसंती को ब्राऔर पेंटी में देख चांग का माथा खराब हो गया. वो कभी सोच भी नहीं सकता था कि उसकी माँ इतनी जवान है.उसका लंड खड़ा हो गया. उसके तौलिया में उसका लंड खड़ा हो रहा था लेकिन उसने अपने लंड को छुपाने की जरुरतनहीं समझी.
वो बोला – हाँ , अब थोड़ी हवा लगेगी. तेरे पास नयी ब्रा और पेंटी नहीं है?
बसंती – नहीं. यही है जो गाँव के हाट में मिलता था.
चांग – अच्छा कोई बात नहीं, मै कल ला दूंगा.
बसंती ने लाईट ऑफ कर दिया, लेकिन चांग की आँखों में नींद कहाँ? थोड़ी देर में जब उसे यकीं हो गया कि माँ सो गयी है तो उसने अपना तौलिया निकाला और अपने खड़े लंड कोमसलने लगा. माँ के चूत और चूची को याद कर कर के उसने बिस्तर पर ही मुठ मार दिया. सारा माल उसके बदन पर एवं बिस्तर पर जा गिरा. एक बार मुठ मारने से भी चांग का जी शांत नहीं हुआ. 10 मिनट के बाद उसने फिर से मुठ मारा. इस बार मुठ मारनेके बाद उसे गहरी नींद आ गयी. और वो बेसुध हो कर सो गया. सुबह होने पर बसंती ने देखा कि चांग रोज़ की तरह नंगा सोया है और आज उसके बदन एवं बिस्तर पर माल भी गिरा है. उसेये पहचानने में देर नहीं हुई कि ये चांग का वीर्य है. वो समझ गयी कि रात में उसने मुठ मारा होगा. लेकिन वो जरा भी बुरा नहीं मानी. वो समझती है कि लड़का जवान है, एवंसमझदार है इसलिए वो जो करता है वो सही है. वो कपडे पहन कर चांग के लिए चाय बनाने चली गयी. तभी चांग भी उठ गया. वो उठ कर बैठा ही था कि उसकी माँ चाय लेकर आ गयी. चांग अभीतक नंगा ही था.
बसंती ने कहा – देख तो, तुने तुने क्या किया? जा कर बाथरूम में अपनाबदन साफ़ कर ले. मै बिछावन साफ़ कर लुंगी.
चांग बिना कपडे पहने ही बाथरूम गया. और अपने बदन पर से अपना वीर्यधो पोछ कर वापस आया तब उसने तौलिया लपेटा. तब तक बसंती ने वीर्य लगे बिछवान को हटा कर नए बिछावन को बिछा दिया.
उस दिन रविवार था. चांग बाज़ार गया और अपनी माँ के लिए बिलकुल छोटी सी ब्रा और पेंटी खरीद कर लाया. ब्रा और पेंटी भी ऐसी कि सिर्फ नाम के कपडे थे उसपर. पूरी तरह जालीदार ब्रा और पेंटी लाया. शाम में उसने अपनी माँ को वो ब्रा और पेंटी दिए और रात में उसे पहनने को बोला. रात को खाना खाने के बाद चांग ने सिगरेट सुलगाई और उधर उसकी माँ ने नयी ब्रा और पेंटी पहनी. उसे पहनना और ना पहनना दोनों बराबर था. क्यों कि उसके चूत और चूची का पूरा दर्शन हो रहा था. लेकिन बसंती ने सोचा जब उसके बेटे ने ये पहनने को कहा है तो उसेतो पहनना ही पड़ेगा. उसे भी अब चांगसे कोई शर्म नही रह गयी थी. पेंटी तो इंतनी छोटी थी कि चूत के बाल बिलकुल बाहर थे. सिर्फ चूत एक जालीदार कपडे से किसी तरह ढकी हुईथी. ब्रा का भी वही हाल था. सिर्फ निपल को जालीदार कपडे ने कवर कियाहुआ था लेकिन जालीदार कपड़ा से सबकुछ दिख रहा था. उसे पहन कर वो चांग के सामने आयी. चांग को तो सिगरेट का धुंआ निगलना मुश्किल हो रहा था. सिर्फ बोला – अच्छी है.
बसंती ने कहा – कुछ छोटी है. फिर उसने अपनी चूत के बाल की तरफ इशारा किया और कहा – देख न बाल भी नहीं ढका रहें हैं.
चांग – ओह, तो क्या हो गया. यहाँ मेरे सिवा और कौन है? इसमें शर्म की क्या बात है. खैर ! मेरे शेविंग बॉक्स से रेजर ले कर नीचे वाले बाल बना लो.
बसंती – मुझे नही आते हैं शेविंग करना. मुझे डर लगता है.
चांग – इसमें डरने की क्या बात है?
बसंती – कहीं कट जाए तो?
चांग – देख माँ, इसमें कुछ भी नहीं है. अच्छा , ला मै ही बना देता हूँ.
बसंती – हाँ, ठीक है.संती ने उसका शेविग बॉक्स में सेरेजर निकाला और चांग को थमा दिया. चांग ने उसके चूत के बाल पर हाथ घसा और उसे धीरे धीरे रेज़र से साफ़ किया.
उसका लंड तौलिया के अन्दर तम्बू के तरह खड़ा था. किसी तरह उसने अपनेहाथ से चूत के बाल साफ़ किया. फिर उसने उसने अपनी माँ को सिगरेट दिया और खुद भी पीने लगा. वो लगातार अपनी माँ के चूची और चूत को ही देख रहा था और अपने तौलिये के ऊपर लंड को सहला रहा था.
चांग ने कहा – अब ठीक है. चूत के बाल साफ़ करने के बाद तू एकदम सेक्सी लगती है रे.
बसंती ने हँसते हुए कहा – चल हट बदमाश, सोने दे मुझे. खुद भी सो जा.कल तुझे कारखाना भी जाना है ना.
चांग ने अपना तौलिया खोला और खड़े लंड को सहलाते हुए कहा – देख ना माँ, तुझे देख कर मेरा लंड भी खडा हो गया है.
बसंती ने कहा – वो तो तेरा रोज ही खड़ा होता है. रोज की तरह आज भी मुठ मार ले.
चांग ने हँसते हुए कहा – ठीक है. लेकिन आज तेरे सामने मुठ मारने कामन कर रहा है.
बसंती ने कहा – ठीक है. आजा बिस्तर पर लेट जा और मेरे सामने मुठ मार ले. मै भी तो जरा देखूं कि मेरा जवान बेटा कैसे मुठ मारता है?
बसंती और चांग बिस्तर पर लेट गए. चांग ने बिस्तर पर अपनी माँ के बगल में लेटे लेटे ही मुठ मारना शुरू कर दिया. बसंती अपने बेटे को मुठ मारते हुए देख रही थी. पांच मिनट मुठ मारने के बाद चांग के लंड ने माल निकालने का सिग्नल दे दिया. वो जोर से आवाज़ करने लगा.उसने झट से अपनी माँ को एक हाथसे लपेटा और अपने लंड को उसके पेट पर दाब कर सारा माल बसंती के पेट पर निकाल दिया. ये सब इतना जल्दी में हुआ कि बसंती को संभलने का मौक़ा भी नही मिला. जब तक वो संभलतीऔर समझती तन तक चांग का माल उसके पेट पर निकलना शुरू हो गया था. बसंती भी अपने बेटे को मना नही करना चाहती थी. उसने आराम से अपने शरीर पर अपने बेटे को अपना माल निकालने दिया. थोड़ी देर में चांग का माल की खुशबु रूम में फ़ैल गयी. बसंती का पेंटी भी चांग के माल से गीला हो गया. थोड़ी देर में चांग शांत हो गया. और अपनी माँ के बदन पर से हट गया. लेकिन थोड़ी ही देर में उसने अपनी माँ के शरीर को अच्छी तरह दबा कर देख चुका था. बसंती भी गर्म हो चुकी थी. उसने भीअपने पुरे कपडे उतारे और बिस्तर पर ही मुठ मारने लगी. उसने भी अपनामाल निकाल कर शांत होने पर नींद मारी. सुबह होने पर बसंती ने आराम से बिछावन को हटाया और नया बिछावनबिछा दिया.
अगली रात को लाईट ऑफ कर दोनों बिस्तर पर लेट गए. बसंती ने चांग के पसंदीदा ब्रा और पेंटी पहन रखीथी. आज चांग अपनी माँ का इम्तहान लेना चाहता था. उसने अपनी टांग को पीछे से अपनी माँ की जांघ पर रखा. उसकी माँ उसकी तरफ पीठ कर के लेती थी. बसंती ने अपने नंगी जांघ पर चांग के टांग का कोई प्रतिरोध नहीं किया. चांग की हिम्मत और बढी.वो अपनी टांगो से अपनी माँ के चिकने जाँघों को घसने लगा. उसका लंड खडा हो रहा था. उसने एक हाथ को माँ के पेट पर रखा. बसंती ने कुछ नही कहा. चांग धीरे धीरे बसंती में पीछे से सट गया. उसने धीरे धीरे अपना हाथ अपनी माँ के पेंटी में डाला और उसके गांड को घसने लगा . धीरे धीरे उसने अपनी माँ के पेंटी को नीचे की तरफ सरकाने लगा.
पहले तो बसंती आसानी से अपनी पेंटी खोलना नही चाहती थी मगर चांग ने कहा – माँ ये पेंटी खोल ना.आज तू भी पूरी तरह से पूरी तरह से नंगी सोएगी. बसंती भी यही चाहती थी. उसने अपनी कमर को थोड़ा ऊपर किया जिस से कि चांग ने उसके पेंटी को उसके कमर से नीचे सरका दिया और पूरी तरह से खोल दिया. अब बसंती सिर्फ ब्रा पहने हुए थी. चांग ने उसके ब्रा के हुक को पीछे से खोल दिया और बसंती ने ब्रा को अपने शरीर से अलग कर दिया. अब वो दोनों बिलकूल ही नंगे थे. चांग ने अपनी माँ को पीछे से पकड़ कर अपने लंड को अपनी माँ के गांड में सटाने लगा. उसका तना हुआ लंड बसंती की गांड में चुभने लगा. बसंती को मज़ा आ रहा था. उसकी भी साँसे गरम होने लगी थी. जब बसंती ने कोई प्रतिरोध नही किया तो चांगने अपनी माँ के बदन पर हाथ फेरना चालु कर दिया. उसने अपना एक हाथ बसंती की चूची पर रख उसे दबाने लगा.
उसने माँ से कहा – माँ, मेरा मुठ मारने का मन कर रहा है.
बसंती – मार ना. मैंने मना किया है क्या?
चांग – आज तू मेरा मुठ मार दे ना माँ.
बसंती – ठीक है . कह कर वो चांग की तरफ पलटी और उसके लंड को पकड़ ली. खुद बसंती को अहसास नही था की चांग का लंड इतना जबरदस्त है. वो बड़े ही प्यार से चांग का लंड सहलाने लगी. चांग तो मानो अपने सुध बुध ही खो बैठा. वो अपने आप को जन्नत में पा रहा था. बसंती अँधेरे में ही चांग का मुठ मारने लगी. बसंती भी मस्त हो गयी.
वो बोली – रुक बेटा , आज मै तेरा अच्छी तरह से मुठ मारती हूँ. कह करवो नीचे झूकी और अपने बेटे चांग का लंड को मुह में ले ली. चाग को जबये अहसास हुआ कि उसकी माँ ने उसके लंड को मुह में ले लिया है तो वो उत्तेजना के मारे पागल होने लगा. उधर बसंती चांग के लंड को अपने कंठ तक भर कर चूस रही थी. थोड़ी ही देर में चांग का लंड माल मिन्कालने वाला था.
वो बोला – माँ – छोड़ दे लंड को माल निकलने वाला है.
बसन्ती ने उसके लंड को चुसना चालुरखा. अचानक चांग के लंड ने माल का फव्वारा छोड़ दिया. बसंती ने सारा माल अपने मुह में ही भर लिया और सबपी गयी. अपने बेटे का वीर्य पीना का आनंद ही कुछ और था. थोड़ी देर में बसन्ती ने चांग के लंड को मुह से निकाल दिया. और वो बाथरूम जा करकुल्ला कर के आई.
तब चांग ने कहा – माँ , तुने तो कमाल कर दिया.
बसन्ती ने बेड पर लेटते हुए कहा – तेरा लंड का माल काफी अच्छा है रे.
कह कर वो चांग कि तरफ पीठ कर के सोने लगी. मगर चांग का जवान लंड अभी हार नहीं मानने वाला था. उसने अपनी माँ को फिर से पीछे से पकड़ करलपेटा और उसके बदन पर हाथ फेरने लगा. उसका लंड फिर खड़ा हो गया. इस बार उसका लंड बसंती की चिकनी गांडके दरार में घुसा हुआ था. ये सब उसके लिए पहला अनुभव था. वो अपनी माँ के गांड के दरार में लंड घुसा कर लंड को उसी दरार में घसने लगा. वो इतना गर्म हो गया की दो मिनट में ही उसके लंड ने माल निकालना चालु कर दिया और सारा माल बसंती के गांड के दरारों में ही गिरा दिया. उत्तेजना के मारे फिर से उसका बहुत माल निकल गया था.बसंती का गांड पीछे से पूरी तरह भींग गया. धीरे धीरे जब चांग का लंड शांत हुआ तो तो बसंती के बदन को छोड़ कर बगल लेट गया और थक के सो गया. इधर बसंती उठ कर बाथरूम गयी और अपने गांड को धोया और वो वापस बिना पेंटी के ही सो गयी. वो जानतीथी कि चांग उससे पहले नहीं उठेगा और सुबह होने पर वो नए कपडे पहन लेगी. लेकिन वो भी गर्म हो गयी थी. काफी अरसे बाद उसके शरीर से किसी लंड का मिलन हुआ था. वो सोचने लगी कि उसके बेटे का लंड उसके पति से थोड़ा ज्यादा ही बड़ा और मोटा है. उसे भी अपने पति के साथ मस्ती की बातें याद आने लगी. ये सब सोचते हुए वो सो गयी. सुबह वो पहले ही उठी और कपडे पहन लिए. चांग ज्यों ही उठा उसकी माँ बसंती उसके लिए गरमा गरम कॉफी लायी और मुस्कुरा कर उसे दिया. चांग समझ गया कि आज की रात कहानी और आगे बढ़ेगी.
अगले दो दिन तक कारखाना बंद है. इसलिए उसने अपनी माँ को दिल्ली केपार्कों की सैर कराई. और नए कपडे भी खरीदवाया. शाम को उसने ब्लू फिल्म की सीडी लाया. आज उसकी माँ ने बड़े ही चाव से मुर्ग मस्सल्लमबनाया. दोनों ने नौ बजे तक खाना पीना खा पी कर बिस्तर पर चले आये. आज जिस तरह से चांग खुश को कर अपनेमाँ से छेड़-छाड़ कर रहा था उसे देख कर बसंती को अहसास हो रहा था कि आज फाइनल हो के ही रहेगा. अब वो भी अपने चूत में लंड का प्रवेश चाहती थी.
रात को बिस्तर पर आते ही चांग ने अपने सभी कपडे खोले और कहा – आज मै तुम्हे फिल्म दिखाऊंगा.
बसंती ने ब्रा और पेंटी पहनते हुएकहा – हिंदी तो मुझे समझ में आती नहीं. मै क्या समझूँगी फिल्म.
चांग – अरे, ये नंगी फिल्म है. इसमें समझने वाली कोई बात नही है.
चांग ने ब्लू फिल्म की सीडी चला दी. बसंती ब्रा और पेंटी पहन कर अपने बेटे के बगल में ही लेट गयी और फिल्म देखने लगी. फिल्म ज्यों ही अपने रंग में आने लगी चांग का लंड खडा होने लगा. बसंती भी फिल्म देख कर अकड़ने लगी. जब चांग ने देखा कि उसकी माँ भी मज़े ले कर ब्लू फिल्म देख रही है तो उसने कहा – ये क्या माँ, नंगी फिल्म कपडे पहन कर देखने की चीज थोड़े ही है? अपने ब्रा और पेंटी उतार दो और तब फिल्म देखो तब ज्यादा मज़ा आएगा.
बसंती ने बिना किसी हिचक के अपने बेटे के आदेश पर अपनी ब्रा को खोल दिया. यूँ तो चांग ने कई बार अपनी माँ की चुचियों झीनी ब्रा के पीछीसे देखा था लेकिन इस प्रकार से खुले में कभी नही देखा था. इतने गोरे और बड़े मस्त चूची थी कि चांग का मन किया कि लपक कर चूची कोचूसने लगूं . बसंती थोड़ा रुक गयी.
चांग ने कहा- पेंटी भी खोल दे ना.
बसंती ने कहा – तू जो है यहाँ.
चांग ने अब थोडा साहस एवं मर्दानगी दिखाते हुए अपने माँ की पेंटी को पकड़ा और नीचे की तरफ खींचते हुए कहा- अरे माँ, अब मुझसेकैसी शर्म?
बसंती ने भी कमर उठा कर पेंटी को खुल जाने दिया. बसंती की चूत गीली हो गयी थी. जिस चूत को चांग ने पारदर्शी पेंटी से देखा था आज वो उसके सामने बिलकूल खुली हुई थी. नंगी चूत को देख कर चांग की आवाज़ निकालनी ही बंद हो गयी. अब वो दोनों एक दूजे से सट कर बैठ गए और ब्लू फिल्म का आनंद उठाने लगे. चांग तो पहले भी कई बार ब्लू फिल्म देख चुका था. लेकिन बसंती पहली बार ब्लू फिल्म देख रही थी. चुदाई के सीन आते ही उसकी चूत इतनी गीली हो गयी कि उस से पानी टपकने लगा. इधर चांग भी अपने लंड को सहला रहा था. अपने माँ के नंगे बदन को देख कर उसका लंड भी काफी गीला हो रहा था.
उसने बसंती के हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रखा और कहा – इसे पकड़ कर फिल्म देख, कितना मज़ा आएगा.
उसकी माँ ने बड़े ही प्यार से चांग का लंड सहलाने लगी. अचानक चांग की नजर अपनी माँ की गीली चूत पर पड़ी. उसने बड़े ही आराम से अपनीमाँ की चूत पर हाथ रखा और सहलाते हुए कहा – ये इतनी गीली क्यों है माँ?
बसंती ने कहा – चुदाई वाली फिल्म देख कर गीली हो रही है.
चांग ने अपनी माँ के बुर को सहलाना जारी रखा. उसके छूने से बसंती की हालत और भी खराब हो गयी. अपने दुसरे हाथ से उसने अपनी माँ की चूची को मसलना चालु किया. उधर टीवी पर लड़का एक लडकी की चूत को चूसने लगा. ये देख कर बसंती बोली – हाय देख तो , कैसे चूत चूस रहा है वो.
चांग – लड़की को चूत चुस्वाने में बहुत मज़ा आता है. बापू भी तो तेरी चूत चूसता होगा.
बसंती – नहीं रे, उसने कभी मेरी चूत नही चुसी.
चांग – आज मै तेरी चूत चूस कर बताता हूँ कि लड़की को कितना मज़ा आता है.
उसने अपनी माँ की दोनों चुचियों को चुसना चालु किया. बसंती को काफी मज़ा आ रहा था. चांग ने अपनी माँ के चुचियों को जबरदस्त तरीके से चूसा. फिर वो धीरे धीरे नीचे कीतरफ गया. कुछ ही सेकेंड में उसने अपनी माँ के बुर के सामने अपनी नजर गड़ाई. क्या मस्त चूत थी उसकी माँ की. मादक सी खुशबू आ रही थी. उसने धीरे से अपने ओठ को माँ की चूत पर लगाया. उसकी माँ की तो सिसकारी निकलने लगी. पहले चांग नेबसंती के चूत को जम के चूसा. फिर उसने अपनी जीभ को बसंती की चूत में अन्दर डालने लगा. ऐसा देख कर बसंती की आँख मादकता के मारे बंद हो गयी. चांग ने अपनी पूरी जीभ बसंती के चूत में घुसा दी. बसंती की चूत से पानी निकल रहा था. अब वो दोनों ब्लू फिल्म क्या देखेंगे जब खुद ही वैसा मज़ा ले रहे हों. थोड़ी देर तक चांग बसंती की चूत को जीभ से चोदता रहा. बसंती को लग रहाथा कि अब उसका माल निकल जाएगा. वो कराहते हुए बोली – बेटा , अब मेरा माल निकलने वाला है.
चांग – निकलने दे ना. आज इसे पियूँगा. जैसे कल तुने मेरा पिया था.
इसके पहले कि बसंती कुछ और बोल पाती उसके चूत के उसके माल का फव्वारा निकल पड़ा. चांग ने अपना मुह बसंती के चूत पर इस तरह से सटादिया ताकि माल का एक भी बूंद बाहर नहीं गिर पाए. वो अपनी माँ के चूत का सारा माल पीने लगा. कम से कम 200 ग्राम माल निकला होगा बसंती के चूत से. चांग ने सारा माल पी कर चूत को अच्छी तरह से चाट कर साफ़ किया. उसकी माँ तो सातवें आसमान में उड़ रही थी. उसकी आँखे बंद थी. चांग उसके छुट पर से अपना मुह हटाया और उसके चूची को अपने मुह में भर कर चूसने लगा. बसंती मस्ती के मारे मस्त हुए जा रही थी.
थोड़ी देर चूची चूसने के बाद चांग ने बसंती को कहा – बसंती , तू कितनीमस्त है है रे.
बसंती – तू भी कम मस्त नहीं है रे. आज तक इतनी मस्ती कभी नहीं आई.
चांग ने कहा – बसंती, अभी असली मस्ती तो बांकी है.
बसंती ने कहा – हाँ बेटा, आजा और अबडाल दे अपने प्यारे लंड को मेरी प्यासी चूत में.
अब समय आ गया था कि शर्मो हया को पीछे छोड़ पुरुष और औरत के बीच वास्तविक रिश्ते को कायम करने की.चांग ने अपनी माँ के टांगो को फैलाया. अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और अपनी माँ की चूत में डाल दिया. उसकी माँ बिना किसी प्रतिरोध के अपने बेटे को सीने सेलगाया और आँखों आखों में ही अपनी चूत चोदने का स्वीकृती प्रदान कर दी. चांग के लंड ने बसंती की चूत की जम के चुदाई की. कई साल पहले इसी चूत से चांग निकला था. आज उसी चूत में चांग का लंड समाया हुआ था.लेकिन बसंती की हालत चांग के लंड ने खराब कर दी. बसंती को यकीन नहींहो रहा था कि जिस चूत में से उसने चांग को कभी निकाला था आज उसी चूत में उसी चांग ला लंड वो नही झेल पारही थी. वो इस तरह से तड़प रही थी मानो आज उसकी पहली चुदाई थी. दस मिनट में उसने तीन बार पानी छोड़ा. दस मिनट तक दमदार शॉट मारने के बाद चांग का लंड माल निकाल दिया. उसने सारा माल अपनी माँ के चूत में ही डाल दिया. वो अपने माँ के बदन पर ही गहरी सांस ले कर सुस्ताने लगा. उसने अपना लंड माँ के चूत में ही पड़े रहने दिया. लगभग10 मिनट के बाद चांग ला लंड फिर से अपनी माँ के ही चूत में खड़ा हो गया. इस बार बसंती का चूत भी कुछ फैल गया था. वो दोनों दुबारा चालु हो गए. इस बार लगभग 20 मिनट तक बसंती कि चूत की चुदाई चली. इस बारउसके चूत से 6 -7 बार पानी निकला मगर अब उसके चूत में पहले इतना दर्द नही हो रहा था. अब वो अपने बेटे से अपनी चूत की चुदाई का आनंद उठा रही थी. उसे अपने बेटे कीमर्दानगी पर गर्व हो रहा था.बीस मिनट के बाद चांग का लंड जवाब दे दिया और पहले से भी अधिक माल अपनी माँ के चूत में छोड़ दिया.
रात भर में ही चांग ने अपनी माँ केसाथ 5 बार चुदाई की जिसमे दो बार उसकी गांड की चुदाई भी शामिल थी.
उसी रात से चांग ने अपनी माँ को माँ नहीं कह कर बसंती कह कर बुलाना चालु कर दिया. बसंती ने अभी तक परिवार नियोजन का आपरेशन नहीं करवाया था. 20 -22 दिन के लगातार जम के चुदाई के बाद बसंती को अहसास हुआ कि वो पेट से हो गयी है. उसने चांग को ये बात बतायी. चांग उसे ले कर डाक्टर के पास गया.वहां उसने अपना परिचय बसंती के पति के रूप में दिया.
डाक्टर ने कहा – बसंती माँ बनने वाली है.
घर वापस आते ही बसंती ने फैसला किया कि वो इस बच्चे को जन्म नहीं देगी. लेकिन चांग ने मना किया.
बसंती बोली – कौन होगा इस बच्चे काबाप?
चांग ने कहा – यूँ तो ये मेरा खून है, लेकिन इस बच्चे का बाप मेरा बाप बनेगा.
बसंती – मै कुछ समझी नहीं.
चांग – देख बसंती, हम लोग किसी और जगह किराया पर मकान ले लेंगे. और लोगों को कहेंगे कि मेरा बाप आज से 20 -22 दिन पहले ही मरा है. बस मै यही कहूँगा कि उसने मरने से पहले तुझे पेट से कर दिया था. फिर इस दिल्ली में किसे किसकी परवाह है ? और हम दोनों अगले कई साल तक पति – पत्नी के रूप में रहेंगे. और ये बच्चा मेरे भाई या बहन के रूप में रहेगा. इस बच्चे के जन्म के बाद तू परिवार नियोजन करवा लेना ताकि हमारे बीच कोई और ना आ सके.
इतना सुनने के बाद बसंती ने चांग को अपनी चूची से सटा लिया. उस दिन 7 घंटे तक चांग अपनी माँ , मेरा मतलब है अपनी नयी पत्नी को चोदता रहा.
दो दिन बाद ही चांग ने अपने लिए दुसरे मोहल्ले में किराया पर मकान खोज लिया और बसंती को ले कर वहां चला गया. थोड़े ही दिन में उसे बगल के ही फैक्ट्री में पहले से भी अच्छी जॉब लग गयी.

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

आस पास के लोगों को उसने बताया कि ज्यों ही उसके बापू का निधन हुआ त्यों ही पता चला कि उसकी माँ पेट से है. थोड़े ही दिन में लोग यही समझने लगे कि चांग की माँ को उसके पति नेपेट से कर के दुनिया से चल बसा. और सारी जिम्मेदारी चांग पर छोड़ दी. ठीक समय पर बसंती ने अपने बेटे चांग की बेटी को अपनी कोख से जन्म दिया. इस प्रकार वो बच्ची हकीकत में चांग की बेटी थी लेकिन दुनियाकी नजर में वो चांग कि बहन थी. अगले 5 – 6 सालों तक चांग और बसंतीजमाने से छुप छुप कर पति पत्नी के समबन्धों को कायम रखते हुए जिस्मानी सम्बन्ध बनाए रखा. उसके बाद चांग ने लोक- लाज की भय तथा बड़ी होती बेटी के सवालों से बचनेके लिए अपनी माँ को ले कर मुंबई चला गया और वहां अपनी माँ को अपनी पत्नी बता कर सामान्य तरीके से जीवन यापन गुजारने लगा. बसंती भी अपने बेटे को अपना पति मान कर आराम सी जीवन गुजारने लगी. अब बसंती का पति खुद उसका बेटा चांग ही था जो उस से 15 साल का छोटा था.