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बेवफा मैं नहीं पति है क्यों की संतुष्ट
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HOT Free XXX Hindi Kahani
मैं उत्तर प्रदेश की हु, मेरी शादी हुए ३ साल हुए पापा मम्मी ने मेरी शादी दिल्ली में रहने बाले एक लड़के से कर दी, शादी के पहले सुनने में आया था की उसका अपना मोटर वर्कशॉप है पर जब शादी हो गयी और मैं दिल्ली आयी तो पता चल की मेरा हस्बैंड एक मेकेनिक है, मैं अच्छे घर से हु, मेरी पढाई लिखे भी अच्छी हुयी है, देखने में काफी अच्छी हु, बिलकुल मॉडर्न दिखती हु, बारह्वी तक की पढाई मैंने कानपूर से की, उसके आगे नहीं पढ़ पाई हु, मेरा गोरा बदन और टाइट और बड़ी बड़ी चूचियाँ किसी का भी मन मोह ले पर क्या करू किस्मत ने मेरे साथ खेल खेला की जिसके साथ जोड़ी बनाई उसी के साथ संतुष्ट नहीं हु, तब जाके मुझे कही और मुह मारना पड़ा उसके बाद ही मुझे ज़िंदगी जीने का मन करने लगा,

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मैं आपको अपनी कहानी सिलसिले बार तरीके से बताती हु, मेरी ये कहानी सच्ची है, लिखें के लिए प्रेरित किया नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम क्यों की मैंने कई बहनो की आपवीति मैंने यहाँ पढ़ी जो की अपने पति के साथ संतुष्ट नहीं थी और उसके घर के दहलीज से अपना पैर बाहर रखना पड़ा, पर मैं उसे गलत नहीं कहती, क्यों की भूखे को तो खाना की जरूरत पड़ेगी ही. मैंने अपने कहानी पे आती हु,

मैं शादी के बाद दिल्ली आ गयी, दिल्ली में मेरे पति रोहिणी एरिया में रहते थे मैं भी वही रहने लगी, कुछ दिन तक तो मुझे लगा की ये शरमाते है या नई नई शादी हुई है इसवजह से एडजस्ट नहीं कर पा रहे है, इस वजह से सेक्स में इतनी रूचि नहीं है और है भी तो हम दोनों का सेक्स उस मुकाम तक नहीं पहुंच पा रहा है, मेरा भ्रम तो उस दिन टूटा जब मैं रात को नींद नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी ओन कर लिया ये तो बड़ी ही जल्दी सो जाते थे क्यों की दिन भर काफी काम होता था, रात को जैसे ही मैं चैनल चेंज कर रही तो तो अचानक एक ब्लू फिल्म आ रहा था, आज तक मैंने कभी इस तरह की मूवी नहीं देखि तो मैं रूक गयी, हे भगवान मैं हैरान हो गयी अलग अलग पोज़ में चुदाई कर रहा था, लैंड बड़ा था, जोर जोर से धक्का दे रहा था, बूर भी चाट रहा था, मैं ये सब देख के काफी सेक्सी हो गयी, मुझे कभी भी सेक्स का चरम आनंद नहीं मिला था तो रात को ही मैंने अपने पति को जगाई,

मैंने अपनी चूचियाँ अपने पति के मुह पे रगड़ने लगी, और उनका हाथ पकड़ कर अपने बूर के पास ले गयी मैं वो मूवी देख के काफी सेक्स करने का मन करने लगा था, मैं सेक्सी कातिल हसीना की तरह पति को ऊपर से पकड़ रही थी चाट रही थी मानो मैं ही मर्द हु और वो औरत हो, फिर मैंने उनके लंड को पकड़ी और अपने बूर के रख के धक्का मारी बस दो तीन धक्के में ही वो झड़ गया, मुझे कुछ भी नहीं हुआ था, मैंने तीन चार दिन तक कोशिश की संतुष्ट होने के लिए पर मेरा पति तुरंत ही शांत हो जाता था मैं मन मसश कर रह जाती,

क्या करती मेरा मन इधर उधर डोलने लगा मैं किसी भी मर्द को देखती तो मुझे उसके साथ चुदवाने का मन करने लगता पर ऐसे कैसे किसी राह चलते हुए चुदवा ले, मैंने ऊपर के फ्लोर पे किराये पे रहती थी निचे के फ्लोर पे एक लड़का रहता था जो कंप्यूटर की पढाई करता था दिन में वो दो बजे के करीब आ जाता था और दो बजे मेरे पति घर में नहीं होते थे वो तो सुबह दस बजे जाते और रात को आठ बजे आते, इस विच मैं बोर हो जाती, धीरे धीरे कर के मैं उस लड़के से बात चित करने लगी, वो लड़का भी काफी घुल मिल गया था,

वो कभी कभी भाभी होने के नाते मजाक भी कर लेता था, मैं तो चाहती थी की वो मुझसे मजाक करे और बात थोड़ा हद से आगे बढे और मैं कामयाब भी रही, एक दिन उसने मुझे किश कर लिया और मैंने भी उसे बाँहों में भर लिया जब मेरा चूच उसके बदन पे चिपका वो तो बस मेरा ही हो गया, उस दिन शाम को छे बजे के करीब ये सब हुआ था, मैं डर रही थी की कहीं मेरे हस्बैंड ना आ जाए इस्सवजह से मैंने अमित (उस लड़के का नाम) को बोल दिया की अमित कल क्या कर रहे हो तो उसने बोला कुछ भी नहीं भाभी तो मैंने कहा कल तुम दोपहर को आना मेरे कमरे पे, उसने बोला थी है.

उस रात को मैंने फिर से टीवी में ब्लू फिल्म देखि पर मैंने अपने हस्बैंड को कुछ भी नहीं किया बस पोज़ याद रख रही थी, दूसरे दिन अमित करीब एक बजे आ गया आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया और उसे बाहों में भर ली, वो मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही चूची को अपने दाँतो से काटने लगा, वो काफी मूड में आ गया, और निचे बैठ के साया के अंदर उसने हाथ फेरना सुरु कर दिया, मैंने नाड़ा खोल दी पेंटी नहीं पहनी थी उसने मेरे बूर को चाटने लगा, मैंने भी उसके बाल पकड़ के चटवाने लगी, फिर मैंने ब्लाउज खोल दी और ब्रा भी, मैं हमेशा सेक्सी ब्रा पहनती हु, ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है , वो मेरे चूच के बारी बारी से पिने लगा, मैंने भी उसके लंड को पकड़ को चाटने लगी, मुह में जब लेती थी तो लंड लम्बा होने की वजह से कंठ तक जाता था मेरी तो सांसे भी रूक रही थी,

मैं काफी खुश थी लम्बा और मोटा लंड, मैं आइस क्रीम की तरह चाभ रही थी, पर अब बर्दास्त के बहार था मेरी बूर काफी गीली हो चुकी थी, फिर क्या मैं लेट गयी और उसे अपने ऊपर खीच ली, वो भी लंड को मेरे बूर पे रख के ठोकने लगा, वाह मज़ा आ गया था, पहली बार मुझे लगा की कोई मेरे जोड़ी का मिला है, मैंने उस दिन जो भी रात को ब्लू फिल्म देख कर सीखी थी मैंने सारे पोज़ से चुदवाई, करीब १५ दिन तो वो लड़का मुझे चोदा, ज़िंदगी जीने की वजह बता दी थी उसने, पर क्या करें वो अब दिल्ली में नहीं है, वो अब पूना चला गया है उसकी जॉब लग गयी है, मेरा पति उस काबिल नहीं है की मुझे चोद सके मैं फिर से परेशान हु,

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मैं चाहती हु की कोई ऐसा दोस्त मिले जो मुझे मेरी वासना को शांत कर सके, अगर आपको लगता है की आप मुझे संतुष्ट कर सकते है तो मुझे कमेंट भेजे, मैं आपके लिए तैयार रहूंगी अगर आपको पैसे भी चाहिए तो मैं दूंगी पर ये सारे राज राज ही रहेंगे ऐसे ही मुझे एक साथी की तलाश है,

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