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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कबीर है और में इंदौर का रहने वाला हूँ। मेरी
उम्र 26 साल है और अभी हाल ही में मेरी शादी हुई है। अब शादी के बाद में और
मेरी वाईफ हनिमून के लिए गोवा गये थे और वापस लौटे ही थे, मेरी छुट्टियाँ
अभी बची हुई थी तो में अपने ससुराल में रुक गया। फिर अगले दिन मेरी वाईफ ने
बताया कि उनके एक दूर के रिश्तेदार की तबीयत ठीक नहीं है और उसे जाना
होगा, साथ में मेरी सास ससुर भी निकल गये। अब हनिमून के तुरंत बाद बीवी से
बिछड़ने का गम में आपको नहीं बता सकता हूँ।
फिर उसने जाते हुये बोला कि तुम चाहो तो मौसी के यहाँ रुक जाओ, वो पास ही
में ही रहती है। उसकी मौसी वहीं पास में ही रहती थी और उनकी एक लड़की थी
गरिमा जो कि 12वीं क्लास में पढ़ती थी, उनके पति आउट ऑफ स्टेट में किसी
सरकारी जॉब में थे और वो 2-3 महीने में आते थे। उसने फिर मौसी को फोन कर
दिया तो उन्होंने तुरंत हाँ कर दी और बोला कि वो मुझे लेने गरिमा को भेज
देंगी।
फिर इतना कहकर मेरी वाईफ निकल गयी, अब में गरिमा का इंतजार कर रहा था कि
इतने में मुझे नींद आ गयी और में कपड़े चेंज करके सो गया। फिर शाम को करीब 5
बजे घर की घंटी बजी तो मुझे लगा कि कोई और होगा तो में ऐसे ही बॉक्सर्स
में चला गया और दरवाज़ा खोला तो मैंने देखा कि एक बहुत ही सेक्सी लड़की
शॉर्ट स्कर्ट और टाईट टी-शर्ट पहने बाहर खड़ी थी। उस वक़्त उसकी पीठ मेरी
तरफ थी और वो झुककर गमले में कुछ कर रही थी, उसकी स्कर्ट पीछे से ऊपर उठी
हुई थी और मुझे उसकी जांघे साफ़-साफ़ दिख रही थी और थोड़ी सी पिंक कलर की
पेंटी भी हल्की-हल्की दिख रही थी। अब मेरा 8 इंच का लंड तुरंत तन गया और
मेरे बॉक्सर में तंबू बन गया। फिर मैंने खुद को संभालते हुए पूछा जी बोलिए।
गरिमा : हाय जीजू, में गरिमा हूँ और आपको लेने आई हूँ। फिर उसकी नज़र जैसे
ही मेरे बॉक्सर पर पड़ी तो वो शरमा गयी और अपना मुँह छुपाकर हंस दी।
फिर मैंने तुरंत सकपका कर उसे अंदर बुलाया और बैठने को कहा और चेंज करने के लिए अंदर भागा और वापस आकर उससे बातें की।
गरिमा : क्या हुआ जीजू आप परेशान क्यों लग रहे हो?
में : अरे सॉरी गरिमा, मुझे लगा कि पता नहीं कौन होगा, इसलिए में ऐसे ही
बाहर आ गया और अगर पता होता तुम हो तो ऐसा नहीं होता, तुम्हें बुरा तो नहीं
लगा होगा।
गरिमा : अरे नहीं जीजू, कहाँ आप भी किस बात में उलझ रहे हो, अच्छा ही हुआ
मैंने आपको सर्प्राइज़ दिया, हमें भी पता चल गया कि दीदी के लिए आप कितना
बड़ा कुतुब मीनार बना रहे हो और फिर थोड़ा मुस्कुराई।
अब मुझे उसके डबल मीनिंग मजाक का मतलब समझ में आ गया था, लेकिन में अंजान बना रहा।
में : कुतुब मीनार? ये बात कहाँ से आई।
गरिमा : बड़े भोले बन रहे है आप जीजू, चलिए निकलते है देर हो रही है।
फिर हम गरिमा की एक्टिवा पर बैठे और उसके घर की और चल दिए। अब रास्ते में
रोड़ खराब था तो बार-बार ब्रेक लग रहे थे और बार-बार गरिमा की जवान
चूचियाँ मेरी पीठ पर लग रही थी। अब में भी मज़े ले रहा था और वो भी मजे ले
रही थी। अब में समझ गया कि ये साली मेरी घरवाली की कमी दूर करेगी। फिर 30
मिनट में हम उसके घर पहुँचे तो मौसी दरवाज़े पर पूजा की थाली लिए हमारा
इंतजार कर रही थी।